28-05-2024, 02:58 PM
गर्मी के मौसम में मेरे लौड़े पर मम्मी की गांड की रगड़ मुझे अच्छी लग रही थी / गांड की रगड़ से मेरे लौड़े ने धीरे से अपना सर उठाना शुरू कर दिया था और मम्मी की गांड में साड़ी के ऊपर से ही अंदर की तरफ घुसने लगा था / अचानक मैंने देखा की मम्मी जहाँ पैर खड़ी थी उसके कोने वाली सीट पैर वाही ,., अंकल बैठे थे जो पहले मम्मी और मुझे मिले थे / उन्होंने धीरे से मम्मी की साड़ी के अंदर अपना एक हाथ डाला और मम्मी की चूत पर अपना हाथ फिरने लगे / मुझे अंकल का हाथ मम्मी की साड़ी के अंदर आगे पीछे होते हुए महसूस हो रहा था / मम्मी के मूह पैर लाली छाने लगी थी और वो धीरे धीरे से अपने मूंह के अंदर ही सिसकियाँ ले रही थी / फिर अचानक ही मम्मी के मूंह से एक आह सी निकल गई जिस से मैं समझ गया की मम्मी की चूत में अंकल की मोटी ऊँगली चली गई है / मम्मी के मूंह से धीरे धीरे लगातार सिसकियाँ निकलने लगी, क्योंकि अंकल की ऊँगली धीरे धीरे अब स्पीड पकड़ने लगी थी / कुछ देर तक ऐसे ही सिसकने के बाद मम्मी ने एक लम्बी आह भरी और फिर शांत हो गई / मैं समझ गया की मम्मी की चूत ने पानी छोड़ दिया है / अंकल ने भी अपना हाथ बहार निकल लिया था / मैंने छुपी आँखों से देख की अंकल का हाथ भीगा हुई था जिसपर मम्मी की चूत का पानी भरा हुआ था / अंकल ने सही से छुपा कर अपनी भीगी हुई उंगलियो को चाट चाट के साफ़ कर दिया और मुस्कराने लगे थे / वो अगले स्टॉप पर उतर गए /
(हाय मम्मी चलो घर चल कर मजे करते हैं // )
(हाय मम्मी चलो घर चल कर मजे करते हैं // )
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!