28-05-2024, 02:56 PM
मैंने देखा मम्मी के होंठों पर रहस्यमयी मुस्कराहट थी / वो मुझे चाय पकड़ा कर चली गई / मेरी नज़र मम्मी की थिरकती हुई गांड पर ही ठहरी हुई थी / जब तक मम्मी दरवाज़ा पार कर के मेरी नजरो से ओझल नहीं हो गई मेरी नज़र मम्मी की उठती-गिरती गांड पर ही ठहरी रही / मैं चाय पी कर बाथरूम चला गया और नाहा कर तैयार हो कर बहार निकला / सारा दिन प्रोग्राम अटेंड करने के बाद शाम को हम लोग अपने घर जाने की तैय्यारी करने लगे / तो चौधरी साहब ने हमें बस स्टैंड छोड़ने के लिए कार भेज कर हमें बस स्टैंड तक पहुंचा दिया / आसमान में काले काले बादल छाने लगे थे किसी भी समय बारिश होने के असार थे /
जब हम कार से बस स्टैंड पहुंचे तो रास्ते में ही बारिश हो चुकी थी / कार पार्किंग से बस स्टैंड तक पहुचते हुए हम दोनों भीग चुके थे / बस जाने के लिए तैयार थी / मम्मी और मैं दोनों जल्दी से बस में चढ़ गए / बस में बहुत ही ज्यादा रश था जिस कारण हमें बैठने के लिए भी सीट नहीं मिल सकी/ हम भीड़ में ही खड़े हो गए थे / मम्मी ने सफेद रंग की साड़ी पहनी थी और सफ़ेद ही ब्लाउज था/ बारिश के पानी से साड़ी और ब्लाउज भीग गए थे और मम्मी की सफ़ेद ही रंग की ब्रा भी अब दिखाई देने लगी थी / मैंने पीछे से देखा की ब्रा की पट्टी काफी चौड़ी थी और मम्मी की ब्रा के कप भी काफी बड़े बड़े थे क्योंकि मम्मी के मुम्मे बहुत बड़े बड़े थे / मम्मी के ब्लाउज का गला भी काफी डीप था जिसमें से मम्मी के मुम्मों के क्लीवेज बड़े बड़े दिखाई दे रहे थे / मम्मी मेरे आगे खड़ी थी/ मम्मी की गांड पीछे की तरफ उभरी हुई थी और जब मैं और मम्मी भीड़ की वजह से एक दुसरे से चिपक कर खड़े थे तो मम्मी की गांड मरे लौड़े को पीछे की तरफ दबा रही थी /
(हाय मम्मी, क्या कर रही हो, जोर से करो ना // )
जब हम कार से बस स्टैंड पहुंचे तो रास्ते में ही बारिश हो चुकी थी / कार पार्किंग से बस स्टैंड तक पहुचते हुए हम दोनों भीग चुके थे / बस जाने के लिए तैयार थी / मम्मी और मैं दोनों जल्दी से बस में चढ़ गए / बस में बहुत ही ज्यादा रश था जिस कारण हमें बैठने के लिए भी सीट नहीं मिल सकी/ हम भीड़ में ही खड़े हो गए थे / मम्मी ने सफेद रंग की साड़ी पहनी थी और सफ़ेद ही ब्लाउज था/ बारिश के पानी से साड़ी और ब्लाउज भीग गए थे और मम्मी की सफ़ेद ही रंग की ब्रा भी अब दिखाई देने लगी थी / मैंने पीछे से देखा की ब्रा की पट्टी काफी चौड़ी थी और मम्मी की ब्रा के कप भी काफी बड़े बड़े थे क्योंकि मम्मी के मुम्मे बहुत बड़े बड़े थे / मम्मी के ब्लाउज का गला भी काफी डीप था जिसमें से मम्मी के मुम्मों के क्लीवेज बड़े बड़े दिखाई दे रहे थे / मम्मी मेरे आगे खड़ी थी/ मम्मी की गांड पीछे की तरफ उभरी हुई थी और जब मैं और मम्मी भीड़ की वजह से एक दुसरे से चिपक कर खड़े थे तो मम्मी की गांड मरे लौड़े को पीछे की तरफ दबा रही थी /
(हाय मम्मी, क्या कर रही हो, जोर से करो ना // )
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!