23-05-2024, 04:18 PM
मैं सलोनी की चूत की मसलाई देखते हुए ही रानी के चूतड़ को मसल रहा था।रानी का पति भी केवल सलोनी को देखने में ही लगा था, उसने मेरे हाथों से रानी को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया।
जबसे पिंकी से मेरे सम्बन्ध बने थे, तभी से मेरे दिल में उसको उसके ही पति के सामने चोदने की तमन्ना थी मगर वो इतनी आसानी से नहीं हो सकता था। मैं यह देखना चाहता था कि क्या मेरे में ही ऐसी इच्छा होती है या फिर दूसरे पति भी अपनी बीवी को दूसरे से चुदवाकर मजा लेते हैं? और यह सब कितनी आसानी से हो गया था, आज बिना कुछ सोचे एक जवान जोड़ा मेरे साथ था।
वो भी ऐसा संजोग कि रानी के पति का अपना सगा बाप उन्हीं के सामने मेरी बीवी संग मस्ती कर रहा था। मैं रानी के चूतड़ों को मसलते हुए उसके पेटीकोट को ऊपर को खींचने लगा। रानी ने अब कुछ विरोध किया, वो जरा सा तिरछी होकर अपने हाथ पर टिक गई। इससे उसका एक मम्मा तो अभी भी मेरी जांघ पर थ मगर वो आधी लेटी अवस्था में करवट से हो गई थी।
मैंने ध्यान से ऊपर से नीचे तक उसको देखा। कमरे में इतनी रोशनी तो थी कि मैं सब कुछ अच्छी तरह देख सकता था। उसके मम्मे वाकयी ब्रा से बाहर को थे जो हाथ रखा होने के बाद भी दिख रहे थे। जबकि उसका पेटीकोट घुटनों तक था। रानी की गोरी गोरी पिंडली और पाँव में पड़े पाजेब बहुत ही सेक्सी लग रहे थे।
तभी मुझे उसका मस्ताना रूप दिखा, उसके पेटीकोट को बांधने वाला हिस्सा उस ओर ही था और वहाँ इतना गैप था कि आसानी से मेरा हाथ अंदर जा सकता था। अँधेरा होने से उसके अंदर तो नहीं दिख रहा था, पर मैं हाथ से उसकी चूत को छू सकता था, वो भी उसके पति की मौजूदगी में…!
मैं यह सोचकर ही रोमांचित था कि उसकी चूत बिना किसी परदे के होगी क्योंकि यह तो मैंने देख ही लिया था कि उसने पेटीकोट के अंदर कच्छी या कुछ और नहीं पहना है। मैं रानी की चिकनी कमर पर हाथ रख फिसलाता हुआ वहाँ तक ले गया। वो तो सलोनी की मस्ती देख खुश हो रही थी, मैंने अपना हाथ उस गैप में घुसा दिया और सीधे उँगलियों को जांघों के जोड़ तक ले गया।
रानी- ओह प्लीज… मत करो ना… अह्ह्हाआ!
उसने बहुत हल्की सी ही आवाज निकाली और घूमकर अपने पति की ओर देखा। पर उसको कुछ पता नहीं चला, उसने एक बार तिरछी नजर से तो देखा, फिर वापस उसी कमरे में देखने लगा। रानी भी ज्यादा शोर तो कर नहीं सकती थी, अपने पति की ओर से संतुष्ट होकर उसने भी विरोध करना बंद कर दिया। मैंने आसानी से ही अपनी उँगलियाँ उसकी चिकनी चूत तक पहुँचा दी।
उसने भी अपनी चूत के बाल पूरी तरह साफ़ कर रखे थे, उसकी चूत के होंठ बाहर को उठे ही बहुत ही कोमल महसूस हो रहे थे। मैंने उसकी पूरी चूत को सहलाते हुए उसके चूत के दाने को रगड़ना शुरू कर दिया। रानी ने खुद ब खुद अपने पैरों के गैप को बढ़ा दिया जिससे मैं सरलता के साथ उसकी पूरी चूत को सहला पा रहा था।
रानी की चूत को सहलाते और एक उंगली से उसकी चूत के अंदर तक करते हुए मैंने दूसरे कमरे में देखा, मामाजी भी सलोनी से कुछ ज्यादा ही मजा ले रहे थे, वो उससे पूरी तरह सट गए थे।
अरे यह क्या… उन्होंने सलोनी का पेटीकोट पूरा ऊपर तक उठा दिया था और वो उसकी नंगी चूत को चूम रहे थे। हम जहाँ थे, वहाँ से पूरा दृश्य साफ़ साफ़ दिख रहा था।
तभी रानी अपने पति को बोली- ओह, यह पापा को क्या हो गया? देखो, मैं आपसे नहीं कहती थी कि इनकी हरकतें ठीक नहीं है… पर आपको मेरी बात पर भरोसा ही नहीं था? उस बेचारी को सोते हुए भी परेशान कर रहे हैं।
उसका पति केवल ‘ह्म्म्म्म्म’ बोल कर रह गया। मैंने दोनों को चुप रहने को बोला और रानी की चूत में ऊँगली करता रहा। उसकी चूत से भरभरा कर रस बाहर आ रहा था। रानी इतना अधिक मदहोश हो गई थी कि उसने मेरे लण्ड तक को टटोलना शुरू कर दिया था।
मैंने भी उसकी मर्जी को समझा और ज़िप खोलकर अपना पहले से ही तनतनाया लण्ड बाहर निकाल लिया। मैंने रानी की आँखों में प्रशंसा देखी, उसने मेरे लण्ड को पकड़ लिया। इतना कुछ तो हो गया था, अब यह देखना था कि क्या रानी का पति अपने सामने ही मुझे रानी की इस रस भरी चूत में लण्ड डालने देगा या नहीं? मैं तो मान भी जाऊँ पर मुझे नहीं लगता कि अब मेरा लण्ड मानेगा।
और उधर मामाजी सलोनी की चूत को चाटने में लगे थे। सलोनी की आँखे बंद थी… इसलिए नहीं कि वो सो रही थी या फिर सोने का नाटक कर रही थी, बल्कि उसके चेहरे से ही उसकी मस्ती झलक रही थी, उसको बहुत ही मजा आ रहा था, सलोनी के होंठ कभी बंद तो कभी खुल रहे थे, कभी कभी वो उनको गोल सीटी बजाने जैसा कर ले रही थी।
उसके दोनों हाथ अपने आप ही उसकी ऊपर उठी हुई चूचियों पर आ गए थे जिनको वो मसल भी रही थी। इस सेक्सी दृश्य को देखते हुए रानी जैसी सुकोमल नारी के मक्खन जैसे जिस्म से खेलने का मजा दुगना हो गया था। और ऊपर से उसका पति भी साथ था, उसके सामने तो रानी को चोदने में मजा ही आ जाता।
रानी डरते हुए बार बार अपने पति की ओर देख रही थी मगर उसने एक बार भी हमारी ओर नहीं देखा, वो अपने बाप की रासलीला देखने में मशगूल था। मैंने रानी की चूत सहलाते हुए ही उसके पेटीकोट का नाड़ा ढीला कर दिया, उसने कोई प्रतिरोध नहीं किया बल्कि वो भी कमरे में देखने का प्रयास करती रही।
अब मैंने पेटीकोट के ऊपर से हाथ अंदर डालकर उसकी चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया। मैं चूत को मसलते हुए पेटीकोट को नीचे करने लगा। रानी अपने पति को देखते हुए पलट गई, अब वो मेरे नीचे दबी थी। उसकी मदमस्त चूतड़ मेरी कमर के नीचे थे, उसका पेटीकोट घुटनों से नीचे तक सरक गया था। मैंने नीचे हाथ कर उसको पूरा निकाल दिया तो अब रानी केवल एक छोटी सी ब्रा में मेरे नीचे दबी हुई लेटी थी।
हम तीनों के मुँह उस दरवाजे के बनाये गैप में थे और सलोनी-मामाजी की मस्ती देख रहे थे। रानी का पति कोने में सिकुड़ा सा बैठा हुआ था, रानी और मैं दूसरी तरफ उलटे लेटे थे, मैं रानी के ठीक ऊपर था, मेरा लण्ड पैंट से बाहर था, मैंने पैंट को अपने चूतड़ से नीचे को सरका दिया पर पूरी उतारी नहीं।
मेरा लण्ड अब पूरी तरह से स्वतंत्र होकर रानी के चूतड़ों की दरार में घुसा हुआ था। उसने जरा से ऊपर को होकर लण्ड को चूत के ऊपर कर लिया, रानी ने अपने दोनों पैरों के बीच इतना गैप कर लिया था कि लण्ड आसानी से चूत में प्रवेश कर सकता था।
मैंने लण्ड के टॉप को रानी की पानी छोड़ रही चूत के द्वार पर रखा और हल्के से धक्का दिया तो बिना कोई आवाज निकले मेरे लण्ड का टोपा रानी की चूत में चला गया। उसकी चूत इतनी गर्म लग रही थी जैसे आग निकल रही हो, बहुत ही गरम थी रानी की चूत! मैं बहुत धीरे धीरे लण्ड को अंदर सरकाने लगा, रस में डूबी, भीगी हुई चूत में मेरा लण्ड फिसलता हुआ अंदर सरक रहा था।
उधर मैंने देखा कि मामाजी ने सलोनी के ब्लाउज को खोल दिया था और उसकी ब्रा ऊपर कर वो सलोनी के चूची को चूसने लगे। वाह, यह क्या, मामाजी ने भी अपना पजामा पूरा ही निकाल दिया था, उनके बदन पर केवल एक बनियान ही था जो ऊपर तक सरका हुआ था।
सलोनी के बाएं हाथ में उनका लण्ड था जिसे वो हिला रही थी। इधर रानी का पति उसको ऐसा करते देख सिसकारी लेते हुए अपने हाथ से ही अपने लण्ड को हिला रहा था। और तभी मामाजी ने सलोनी के दोनों पैरों को अपने हाथ से पकड़ घुटनों से मोड़ ऊपर को कर दिया।
ऊपर को खिलकर निकल आई सलोनी की चूत पर मामा ही ने थूका और अपना लण्ड वहाँ लगा दिया। सलोनी बिलकुल भी मना नहीं कर रही थी, इसका मतलब वो उनका लण्ड लेने को तैयार थी।
और तभी मामाजी ने एक जोरदार धक्क्का लगाकर अपना लण्ड सलोनी की चूत में डाल दिया।
आज मैं एक और लण्ड को अपनी बीवी की चूत में जाते हुए देख रहा था।
CONTD....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All