22-05-2024, 08:47 AM
सलोनी उसको अपनी मुट्ठी में पकड़ अपनी गर्दन मामाजी के चेहरे की ओर घुमा उनको देख रही थी। मामाजी तो अपनी आँखें कसकर बंद किये और दांतों को भींचे बिल्कुल शांत पड़े थे, सलोनी लण्ड को पकड़कर हिलाया और फिर उसकी टिप पर अपने होंठ रख दिए।
लगता है अब सलोनी भी उस लण्ड से मजा लेना चाह रही थी। पर शायद मेरे कारण वो दोनों ही बिल्कुल नहीं खुलेंगे। मैंने सलोनी को पूरा गर्म तो कर ही दिया था, मैं तुरंत उठकर खड़ा हुआ और पंजों पर गिरी अपनी पैंट उठाकर बाँधी। सलोनी ने अचानक मुझे देखा, वो मामाजी के ऊपर से उठकर खड़ी हो गई।
मैं- कुछ देर रुको जानू… बहुत तेज आ रही है, कुछ देर में आता हूँ।
जैसे सलोनी सब कुछ समझ गई हो, वो मामाजी के पास ऐसे ही लेट गई। मैं कमरे से बाहर आ गया, चाहता तो वहीं से भी उन दोनों की चुदाई देख सकता था। परन्तु वहाँ कोई भी आ सकता था। मैंने कमरे को ठीक से बंद किया और उसके बराबर वाले कमरे की ओर गया। मैंने पहले से ही यह सब सोच लिया था।
उस कमरे और मेरे कमरे के बीच एक दरवाजा था, वो मामाजी के पीछे ही था, वहाँ से आसानी से दोनों को देखा जा सकता था।
मैं दुआ कर रहा था कि वहाँ कोई भी ना हो और अगर हो भी तो सो रहा हो। वैसे भी मैं वहाँ किसी को जानता तो नहीं था, यह भाग लड़के वालों के रिश्तेदारों के लिए ही था। मैं उस कमरे में गया, वहाँ भी हल्की ही रोशनी थी। एक नजर में मुझे वहाँ कोई नहीं दिखा, मैं खुश होकर जैसे ही उस दरवाजे की ओर गया जो मेरे कमरे के बीच था, अचानक मुझे रुक जाना पड़ा।
ओह… यह क्या हो रहा है यहाँ? वहाँ तो एक जोड़ा पहले से ही था।
माय गॉड… इन्होंने तो पहले से ही दरवाजा खोल कर जगह बना ली है, ना जाने कब से ये दोनों हमको देख रहे होंगे? मैं कमरे में आ गया था मगर उनको कुछ पता नहीं चला था। दोनों ही जवान लग रहे थे पर पता नहीं दोनों में क्या रिश्ता था, पति पत्नी या फिर कुछ और?
मैंने दोनों की बातें सुनने की कोशिश की।
लड़का- यार रानी… यह तो इस छम्मकछल्लो को नंगी ही छोड़ कर कहीं चला गया?
ओह! इस लड़की का नाम रानी था। वो पीछे से बहुत ही सेक्सी लग रही थी। जरा सी देर में ही पता चल गया कि ये दोनों भी पति पत्नी हैं और मामाजी के बेटे और बहू हैं। बेटा अपने बाप को ही मस्ती करते हुए अपनी बीवी के साथ देख रहा था।
मैंने देखा दोनों केवल देख ही नहीं रहे थे बल्कि आपस में मस्ती भी कर रहे थे।
मामाजी की बहू भी बहुत सेक्सी लग रही थी, 30-31 साल की बहुत सुन्दर थी, उसके बदन पर भी इस समय एक ब्रा और पेटीकोट था। मैंने सोचा सही मौका है इसके साथ मस्ती करने का!
यह भगवान भी एकदम से भलाई का बदला भलाई से दे देता है, उधर मैंने मामाजी का ख्याल रखा और अपनी बीवी को उनके लिए छोड़कर आया, इधर उन्हीं की बहू इस रूप में मिल गई। देखता हूँ साली अपने पति के सामने हाथ रखने देती है या नहीं?
मैं वहीं रानी की कमर के पास बैठ गया, मैंने उसकी नंगी कमर पर अपना हाथ रखा, उसने कुछ नहीं कहा, शायद वो अपने पति का हाथ ही समझ रही थी। मैं हाथ को खिसकाते हुए सीधे उसके मोटे मोटे चूतड़ों तक ले गया, उसके चूतड़ थे कुछ छोटे और बाहर को भी निकले हुए थे।
क्या बात है! यह भी सलोनी की तरह ही बहुत हॉट निकली। रानी ने भी पेटीकोट के अंदर कच्छी नहीं पहनी थी। मेरे हाथों को बहुत ही मुलायम और गद्दे जैसा एहसास हुआ, मैंने पेटीकोट के ऊपर से ही उसके एक चूतड़ को अपनी मुट्ठी में लेकर दबाते हुए मसला और बहुत ही हल्की सी आवाज में बल्कि फुसफुसाते हुए ही कहा- यह क्या हो रहा है?
दोनों ने एक साथ चौंककर मुझे देखा, उनकी साँसें रुक सी गई। मैं समझ गया कि दोनों बेइंतहा डर गए हैं, उनको शायद यह चिंता थी कि उनके पिता क्या सोचेंगे। बस मैंने उनकी इसी मज़बूरी का फायदा उठाने की सोची, मैं वहीं दोनों के बीच दरवाजे के पास बैठ गया। उन्होंने दरवाजा इतना तो खोल ही रखा था कि अंदर क्या हो रहा है, उसका पूरा नजारा मिल रहा था।
इस कमरे में आने के बाद मैंने पहली बार ही देखा कि सलोनी और मामाजी क्या कर रहे हैं! सलोनी पेटीकोट और ब्लाउज में सीधी लेटी थी, जबकि मामाजी ने उसकी ओर करवट ले ली थी। सलोनी का पेटीकोट भी उसके घुटनों तक था, सब कुछ सामान्य ही लग रहा था। सलोनी शायद खुद पहल करना नहीं चाह रही थी।
तभी मामाजी ने अपना हाथ सीधे ही सलोनी की चूत के ऊपर रखा। मैंने साफ़ साफ़ देखा कि मामाजी ने पेटीकोट के ऊपर से ही चूत को अपनी मुट्ठी में लेकर मसला है। सलोनी अपनी आँखें बंद किये चुपचाप लेटी थी। मुझे यकीन था कि वो जाग रही है और उसको पता है कि मैं कमरे में नहीं हूँ। फिर भी वो मामाजी को नहीं रोक रही, उसको भी दिल मजा लेने का कर रहा है।
इधर मैंने रानी को ध्यान से देखा, 28-30 साल की जवानी से लबालब, भरपूर माल दिख रही थी, रंग गोरा, लम्बे बाल, 5 फ़ीट 4 इंच कद और करीब 34 के मम्मे, चूतड़ जरूर सलोनी से कुछ छोटे थे 32 के आस पास होंगे पर उनकी गोलाई और कसावट मस्त थी।
मैं उस कमरे में देखते हुए रानी के चूतड़ मसल रहा था, रानी को भी अपने ससुर की रासलीला देख़ने में मजा आ रहा था। वो मेरी गोद में आकर झुककर उधर देख रही थी, उसके मस्त मम्मे मेरी जांघों पर दबे थे। हालांकि उसने ब्रा पहनी हुई थी पर नंगे मम्मों का एहसास होते हुए मैं जान गया कि वो ब्रा से बाहर निकले होंगे। जांघों पर उसके नुकीले निप्पल बहुत ही सुखद मजा दे रहे थे।
CONTD....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
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