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Adultery रंगीली बीबी
Heart 
मैंने भी मामा जी की ओर देखा, वो गहरी नींद में ही दिखे।

मैंने सलोनी को अपनी चादर के अंदर ले लिया तो सलोनी ने खुद अपने रसीले होंठ मेरे होंठों से चिपका दिए, मैं भी उनके रस को चूसने लगा।

सलोनी ने अपनी एक टांग मेरे ऊपर रख दी।

मुझे नहीं पता कि सलोनी का मूड क्या था? केवल हल्का फुल्का प्यार का या फिर पूरी चुदाई के मूड में थी?

पर इतना पक्का था कि अगर मैं हाँ करता तो वो किसी भी बात के लिए मना नहीं करती।

कुछ देर सलोनी के होंठो का रस पीते हुए ही मैंने देखा कि मामाजी अब सोने का नाटक कर रहे हैं और चादर की ओट से वो हमको ही देख रहे थे।

सलोनी के होंठ चूसने का मजा कई गुना बढ़ गया, मैंने कुछ और मजा लेने की सोची, मुझे मामाजी की बातें याद आ गई, वो मुझसे कुछ ज्यादा ही खुल गए थे।

उनकी बीवी का देहांत हुए तीन साल हो गए थे, वो वहाँ औरतों को देखकर मेरे से उनके बारे में तरह तरह की सेक्सी बात कर रहे थे।

उन्होंने यह भी कहा था कि उनको चुदाई किये तीन साल से भी ज्यादा समय हो गया क्योंकि कोठे पर जाना उनको पसंद नहीं और कॉल गर्ल भी बीमारी के डर से वो नहीं बुलाते।

उन्होंने कहा था कि यार अंकुर, यहाँ तो नंगी लड़की देखे अरसा गुजर गया।उनकी ये बातें मेरे दिमाग में थी, मैंने सोचा क्यों ना मामाजी को आज कुछ दर्शन करा दिए जाएँ।

बस यह ख्याल आते ही शैतानी मेरे दिमाग पर हावी हो गई। मैंने सलोनी के होंठ चूसते हुए ही साड़ी के ऊपर से उसके मखमली चूतड़ों को सहलाना शुरू कर दिया।

पर सलोनी की साड़ी बहुत भारी थी और चुभ रही थी, मैंने फुसफुसाते हुए ही उससे कहा- यार, यह इतनी भारी साड़ी कैसे पहने हो? तुमको चुभ नहीं रही?

वो मेरा इशारा एक दम से ही समझ गई, सलोनी मुस्कुराते हुए उठी, उसने एक बार मामाजी की ओर देखा, पता नहीं उसको उनकी आँखें दिखी या नहीं पर वो संतुष्ट हो गई, वो अपने कपड़े उतारने के लिए वहीं एक ओर हो गई।

अब पता नहीं मामाजी को क्या क्या दर्शन होने वाले थे??

वैसे भी सलोनी तो बहुत ही बोल्ड किस्म की लड़की है, उसको किसी के होने या ना होने से कुछ फर्क नहीं पड़ता..

मैं सलोनी की ओर ना देखकर मामाजी की ओर ही देख रहा था। मैंने अपने चेहरे पर एक तकिया रख लिया जिससे उनको कुछ पता नहीं लगे… और मैं तकिये के बीच से ही उनको देख रहा था।

मामाजी को वैसे भी मेरी कोई फ़िक्र नहीं थी, वो तो लगातार सलोनी को ही देख रहे थे। शायद वो एक भी ऐसा पल खोना नहीं चाहते थे। मैंने धीरे से सलोनी की ओर देखा, उसने अपनी साड़ी निकाल दी थी और उसको सही से तह करके एक ओर रख रही थी। उसकी पीठ हमारी ओर थी।

वैसे तो उसने कमरे की लाइट बंद कर दी थी परन्तु कमरे के ऊपर के रोशनदान और दरवाजे से बाहर की रोशनी अंदर आ रही थी। वो जिस जगह खड़ी थी, वहाँ लाइट सीधे पड़ रही थी जिससे उसके झीने और बहुत ही पतले पेटीकोट से अंदर का पूरा नजारा मिल रहा था।

सच कह रहा हूँ, उसकी साँचे में ढली हुई केले के तने जैसी दोनों चिकनी टाँगें ऊपर तक पेटीकोट के अंदर साफ दिख रही थी फिर उसके चूतड़ों पर कसे हुए पेटीकोट से उसके इन मखमली चूतड़ों का आकार भी साफ़ दिख रहा था और फिर ऊपर बैकलेस ब्लाउज, उसकी साफ़ सफ्फाक और चिकनी पीठ पर केवल एक ही तनी थी, उसकी पूरी नंगी पीठ और चूतड़ के कटाव पर बंधा पेटीकोट सलोनी की पतली कमर को अच्छी तरह से दिखा रहा था।

यह दृश्य सलोनी के पूर्णतया नंगे खड़े होने से भी कहीं ज्यादा सेक्सी लग रहा था।
मुझे लगा अभी सलोनी ये कपड़े भी उतारकर अभी मामाजी की हर इच्छा पूरी कर देगी।

मगर ऐसा नहीं हुआ…

साड़ी को तह करके सही से रखने के बाद वो फिर मेरे पास आकर लेट गई। हाँ, उसने एक बार हल्का सा अपना पेटीकोट का नाड़ा जरूर सही किया था जिससे चूतड़ों का कटाव कुछ अधिक नुमाया हो गया था।

अब मैं भी उससे कुछ नहीं कह सकता था पर सलोनी थी तो मेरे पास ही, मैं वैसे भी कुछ ना कुछ तो मामाजी को दिखा ही सकता था। मैंने उसको बाहों में भरकर फिर से प्यार करना शुरू कर दिया। चादर उसके ऊपर कम मेरे ऊपर ही ज्यादा थी।

मैंने सलोनी को चूमते हुए पीछे से उसके पेटीकोट को ऊपर करना शुरू कर दिया, पेटीकोट वैसे भी काफी पतले और सिल्की कपड़े का था, सलोनी के चूतड़ मसले जाने से ही वो ऊपर को सिमटा जा रहा था।

मैंने आँख खोलकर सलोनी के साइड से देखा, मामाजी पूरी आँख खोले हमको ही घूर रहे थे। सलोनी के पीछे के भाग पर केवल कंधे और पैरों पर ही चादर थी, बाकी चादर काफी हटी हुई थी। सलोनी की नंगी पीठ और मेरे द्वारा मसले जा रहे चूतड़ उनको दिख रहे होंगे।

कुछ ही देर में वो समय भी आ गया जिसका इन्तजार हम दोनों से ज्यादा मामाजी ज्यादा बेसब्री से कर रहे थे। सलोनी के पेटीकोट का निचला सिर मेरे हाथ तक पहुँच गया, मैंने तुरंत उसके पेटीकोट को कमर तक उठा दिया और सलोनी के सफेद, चिकने गद्देदार नंगे चूतड़ मेरे हाथों के नीचे थे।

मामाजी भी आँखें फाड़े उनको घूर रहे थे। मैं भी बड़ी ही तन्मयता से उनको सहला और मसल रहा था। जब भी मैं सलोनी के चूतड़ के एक भाग को मुट्ठी में लेकर भींचता तो मेरी उंगलियाँ उसकी रस से भरी हुई चूत में भी चली जाती। सलोनी की चूत से बराबर रस टपक रहा था।

इतनी देर में सलोनी ने भी अपने मुलायम हाथों से मेरी पैंट को खोलकर लण्ड अपने हाथों में ले लिया था। वो बहुत ही सेक्सी अंदाज़ से अपनी गर्म हथेली में लिए लण्ड की खाल को ऊपर नीचे कर रही थी।

मैंने बहुत हल्के से मगर इतनी आवाज में कहा जिससे मामाजी भी सुन सकें- जानू तुम्हारी चूत तो पानी छोड़ने लगी… क्या यहीं एक बार हो जाए?

सलोनी- अह्ह्हाआ नहीं प्लीज.. अभी नहीं… यहाँ कोई भी आ सकता है। फिर ये भी तो सो रहे हैं, अभी ऐसे ही कर लेते हैं, बाद में होटल में जाकर आराम से ..प्लीज…!!

मैं- जैसी तुम्हारी मर्जी मेरी जान!

तभी मैंने ध्यान दिया कि सलोनी और मामाजी के बीच की दूरी कम हो गई है। इसका मतलब मामाजी सलोनी के पास को खिसक कर आ रहे थे। मैंने भी इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया, मैं नहीं समझता कि मेरे रहते मामाजी इतनी हिम्मत होगी कि वो सलोनी को कुछ करने का प्रयास करेंगे।

मैं बदस्तूर सलोनी के होंठों को चूसता हुआ उसके चूतड़ सहला रहा था, कभी कभी अपनी उँगलियाँ चूतड़ के बीच से उसकी चूत में भी डाल देता था। सलोनी लगातार मेरे लण्ड को सहला रही थी।

फिर मैं सीधा हो गया परन्तु अपनी गर्दन सलोनी के साइड में ही रखी जिससे मामाजी की हर हरकत पर नजर रख सकूँ। अब सलोनी अपने हाथ को तेजी से मेरे लण्ड पर चला रही थी। तभी मैंने महसूस किया कि मामाजी अपने हाथ को सलोनी के पास को ला रहे हैं।

CONTD...
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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रंगीली बीबी - by KHANSAGEER - 18-02-2024, 02:17 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 19-02-2024, 10:11 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 20-02-2024, 12:42 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 20-02-2024, 06:09 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 22-02-2024, 08:58 PM
RE: रंगीली बीबी - by sri7869 - 23-02-2024, 12:54 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 25-02-2024, 05:12 PM
RE: रंगीली बीबी - by Vamp - 26-02-2024, 04:53 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 01-03-2024, 04:19 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 02-03-2024, 11:12 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 06-03-2024, 06:58 AM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 06-03-2024, 08:05 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 10-03-2024, 02:08 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 11-03-2024, 10:33 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 12-03-2024, 02:53 AM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 12-03-2024, 05:54 PM
RE: रंगीली बीबी - by Vnice - 18-03-2024, 09:06 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 18-03-2024, 09:29 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 19-03-2024, 07:07 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 26-03-2024, 09:25 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 28-03-2024, 07:28 AM
RE: रंगीली बीबी - by Vnice - 28-03-2024, 08:26 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 31-03-2024, 10:13 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 01-04-2024, 04:26 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 24-04-2024, 02:04 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 24-04-2024, 10:52 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 28-04-2024, 10:14 PM
RE: रंगीली बीबी - by Samar78 - 29-04-2024, 04:18 PM
RE: रंगीली बीबी - by Apkeliya - 20-05-2024, 10:08 AM
RE: रंगीली बीबी - by KHANSAGEER - 21-05-2024, 02:34 PM
RE: रंगीली बीबी - by urb0nd - 23-05-2024, 02:00 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 03-06-2024, 09:09 PM
RE: रंगीली बीबी - by zerob3 - 05-06-2024, 09:56 PM
RE: रंगीली बीबी - by koolme98 - 22-06-2024, 04:38 PM



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