18-05-2024, 11:49 AM
लगा
फिर मैंने उनकी टांगें चौड़ी की और उनकी चूत के होल को सहलाने लगा उन्हें बहुत मजा आ रहा था फिर मैंने अपनी एक ऊँगली उनके चूत के होल में डाल दी और उसे अंदर बाहर करने लगा उन्हें बहुत मजा आ रहा था मैं सामने की तरफ देख रहा था और नीचे शिप्रा दीदी की चूत में ऊँगली कर रहा था मैं जल्दी जल्दी उनकी चूत में ऊँगली करने लगा और अपने अंघूठे से उनकी क्लिट को सहलाने लगा शिप्रा दीदी को बहुत मजा आ रहा था उनकी आँखें बंद थी मैं जल्दी जल्दी उनकी चूत में ऊँगली करने लगा और थोड़ी देर में शिप्रा दीदी झर गयी उनकी चूत से बहुत सारा डिस्चार्ज निकला मैंने अपना रुमाल उन्हें दिया उन्होंने अपनी चूत साफ़ की और पेंटी और सलवार ऊपर कर ली अब मैंने अपनी जींस की चेन खोली और अपना खड़ा हुआ लंड बाहर निकाला शिप्रा दीदी ने अपने हाथ से मेरा लंड सहलाया मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर वो थोडा सा पीछे हुई झुकी और मेरा लंड अपने मुह में ले लिया और चूसने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था वो उसे पूरा अपने मुह में लेके चूसने लगी वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उनके सर में हाथ फेर रहा था फिर वो मेरे लंड के टोपे को चूसने लगी मैं एक हाथ से उनके कुर्ते पे से उनके बोबे दबाने लगा मैंने कहा "दीदी जल्दी करो आखरी स्टॉप आने वाला है " वो जल्दी जल्दी मेरे लंड को चूसने लगी उसे चाटने लगी थोड़ी देर में मेरा मुट निकल गया मेरा मुट थोडा उनके मुह में गया बाकी नीचे गिर गया जिसे उन्होंने रुमाल से साफ़ कर दिया हम दोनों ने एक दूसरे को देखा और मुस्कुराने लगे मैंने अपना लंड अंदर किया हम दोनों ने अपने कपडे ठीक किये इतने में आखरी स्टॉप आ गया बस रुक गयी हम दोनों बस से उतरे और मार्किट में गए और शिप्रा दीदी की बुक लेने लगे बुक स्टाल से ......
हम मार्किट में गए और शिप्रा दीदी ने अपनी बुक ली और कुछ सामान लिया फिर हमने सोचा की थोड़ी देर मार्किट में घूम लेते है हम हाथ में हाथ डाले मार्किट में घूम रहे थे थोड़ी थोड़ी बारिश शुरू हो गई थी तभी शिप्रा दीदी के सेल पे मम्मी का फोन आया शिप्रा दीदी ने फोन उठाया "हेलो हाँ मौसी हाँ सब ले लिया बस घर आने की तैयारी कर रहे है हाँ देती हूँ " शिप्रा दीदी ने सेल मुझे दिया मैंने कहा "हाँ मम्मी" मम्मी बोली "अरे सोनू तेरा नंबर ऑफ कैसे आ रहा है" मैंने कहा "पता नहीं मम्मी मैंने तो चेक नहीं किया क्यों क्या हुआ" मम्मी बोली "अरे बेटा मौसम बहुत ख़राब हो गया है न्यूज़ में बहुत ज्यादा और तेज बारिश होने को कह रहे है तुम लोग कहा पे हो " मैंने कहा " मम्मी हम तो मार्किट में ही है अभी बस के आने का वेट कर रहे है " तो मम्मी बोली "नहीं नहीं तुम बस के चक्कर में मत रुको तेरे पापा कार से वहां से क्रॉस होंगे तो तुम उन्ही के साथ आ जाना " मैंने कहा "ठीक है मम्मी"
थोड़ी देर में पापा कार लेके आ गये मैं आगे बैठ गया और शिप्रा दीदी पीछे हम दोनों बहुत उदास थे क्योंकी हम लोगो ने साथ घूमने का प्लान बनाया था लेकिन अब वो कैंसिल हो गया था हम दोनों यही सोच रहे थे की अब पता नहीं कब मिलना होगा हमारा बारिश तेज हो चुकी थी थोड़ी देर में हम लोग घर पहुँच गए हम कार से उतरे और अंदर गए हमें देख के मम्मी बोली "आ गए बेटा बस मुझे यही चिंता हो रही थी क्योंकि मौसम बहुत ख़राब हो गया है मुझे यही था की कहीं अटक ना जाओ बारिश में , चल शिप्रा बेटा पाँच बज गए है तेरी ट्रेन है सात बजे की तू अपनी पैकिंग खत्म कर " शिप्रा दीदी बोली "जी मौसी " मैंने कहा "अरे मम्मी प्रीती दीदी कहाँ है अभी तक आई नहीं " मम्मी बोली "हाँ मैंने उसे भी फोन कर दिया है वो भी आने वाली है बस थोड़ी देर में " फिर मम्मी सब के लिए चाय बनाने लग गई और शिप्रा दीदी पैकिंग करने लग गई मैं शिप्रा दीदी के पास जाके बैठ गया हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे शिप्रा दीदी बोली "क्या यार सारा प्लान ख़राब हो गया " मैंने कहा "हाँ दीदी इस मौसम को भी आज ही ख़राब होना था क्या , अब कब आओगे वापस " शिप्रा दीदी बोली " पता नहीं यार मम्मी कब भेंजे वापस जब कोई काम पड़ेगा तभी आ पाऊँगी " तभी मम्मी ने मुझे बुलाया "सोनू ये चाय ले जा के सब को दे "
मैं गया और सबको चाय देने लगा फिर मम्मी शिप्रा दीदी के पास जाके बैठ गई और उनसे बात करने लगी और उन्हें कुछ सामान देने लगी थोड़ी देर बाद पापा ने बोला "शिप्रा बेटा छ: बज गए है तू तैयार हो गयी क्या चल स्टेशन के लिए निकलते है थोड़ी देर में अभी बारिश कम हुई है " शिप्रा दीदी ने कहा " हाँ मौसाजी पैकिंग तो हो गयी बस पांच मिनट में तैयार होके आती हूँ " थोड़ी देर में शिप्रा दीदी तैयार होके आई ब्लैक वी नेक का टॉप ब्लू जींस उनके बोबे उस ब्लैक टॉप में से बाहर निकल के बहुत अच्छा शेप बना रहे थे उन्होंने बालों को क्लचर से बांधा हुआ था वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी हम दोनों ने एक दूसरे को देखा हम दोनों ही उदास थे पापा मम्मी ड्राइंग रूम में बैठे हुए थे मैं पापा मम्मी की नजर से बच के शिप्रा दीदी के पास गया और उन्हें टाइट हग कर लिया उन्होंने भी मुझे कस के पकड़ लिया मैं उनसे चिपके हुए उनके टॉप पे से उनकी पूरी पीठ पे हाथ फेरने लगा फिर मैंने उनके टॉप के नीचे से हाथ अंदर डाला और उनकी नंगी पीठ पे हाथ फेरने लगा और उनकी ब्रा स्ट्रैप्स से खेलने लगा मेरा लंड खड़ा हो चुका था इतने में पापा की आवाज आई "शिप्रा बेटा थोड़ी देर में निकलते है तू चेक करले एक बार कुछ रहा तो नहीं" हमने फटाफट एक दूसरे को छोड़ा दिया शिप्रा दीदी ने कहा "हाँ मौसा जी" और शिप्रा दीदी हमारे रूम में चेक करने लगी मैं भी उनके पीछे पीछे हमारे रूम में आ गया वो भी मुझे इस तरह से देख रही थी की बस मौका मिले और हम चिपक जाएँ
तभी लाइट चली गयी मैंने जल्दी से शिप्रा दीदी का हाथ पकड़ा और उन्हें बाथरूम में ले गया और उन्हें बाथरूम के दीवार से सटाकर उन्हें किस करने लगा वो भी मुझे किस करने लगी हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे हो चूम रहे थे चाट रहे थे मैं शिप्रा दीदी के होंठ चूसने लगा वो भी मेरे होंठ चूसने लगी उनके होंठ चूसते चूसते मैं एक हाथ से उनके टॉप पे से उनके बोबे दबाने लगा वो मेरे बालों में अपना हाथ फेरने लगी फिर मैंने उनके होंठ छोड़े और उनके गले पे स्मूच करने लगा फिर मैंने उनका टॉप ऊपर किया और उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाने लगा उन्हें सहलाने लगा वो तेज तेज सांसें लेने लगी फिर मैं वापस ऊपर गया और उन्हें किस करने लगा और उन्हें किस करते हुए उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाने लगा शिप्रा दीदी भी मेरे होंठ चूस रही थी और मुझे किस करते करते वो अपने हाथ से मेरी जींस पे से मेरा लंड सहलाने लगी थोड़ी देर बाद मैंने उनके होंठ छोड़े और उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाते हुए पूछा " शिप्रा दीदी कौन सी वाली ब्रा पेहेन रखी है आज अँधेरे में दिख नहीं रहा" उन्होंने कहा "वाइट वाली जॉकी की जो नेट के मटेरियल में है वो " मैंने कहा "और पेंटी" वो मेरा लंड सहलाते हुए बोली "तू खुद देख लेना भाई "
फिर मैंने उनकी टांगें चौड़ी की और उनकी चूत के होल को सहलाने लगा उन्हें बहुत मजा आ रहा था फिर मैंने अपनी एक ऊँगली उनके चूत के होल में डाल दी और उसे अंदर बाहर करने लगा उन्हें बहुत मजा आ रहा था मैं सामने की तरफ देख रहा था और नीचे शिप्रा दीदी की चूत में ऊँगली कर रहा था मैं जल्दी जल्दी उनकी चूत में ऊँगली करने लगा और अपने अंघूठे से उनकी क्लिट को सहलाने लगा शिप्रा दीदी को बहुत मजा आ रहा था उनकी आँखें बंद थी मैं जल्दी जल्दी उनकी चूत में ऊँगली करने लगा और थोड़ी देर में शिप्रा दीदी झर गयी उनकी चूत से बहुत सारा डिस्चार्ज निकला मैंने अपना रुमाल उन्हें दिया उन्होंने अपनी चूत साफ़ की और पेंटी और सलवार ऊपर कर ली अब मैंने अपनी जींस की चेन खोली और अपना खड़ा हुआ लंड बाहर निकाला शिप्रा दीदी ने अपने हाथ से मेरा लंड सहलाया मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर वो थोडा सा पीछे हुई झुकी और मेरा लंड अपने मुह में ले लिया और चूसने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था वो उसे पूरा अपने मुह में लेके चूसने लगी वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उनके सर में हाथ फेर रहा था फिर वो मेरे लंड के टोपे को चूसने लगी मैं एक हाथ से उनके कुर्ते पे से उनके बोबे दबाने लगा मैंने कहा "दीदी जल्दी करो आखरी स्टॉप आने वाला है " वो जल्दी जल्दी मेरे लंड को चूसने लगी उसे चाटने लगी थोड़ी देर में मेरा मुट निकल गया मेरा मुट थोडा उनके मुह में गया बाकी नीचे गिर गया जिसे उन्होंने रुमाल से साफ़ कर दिया हम दोनों ने एक दूसरे को देखा और मुस्कुराने लगे मैंने अपना लंड अंदर किया हम दोनों ने अपने कपडे ठीक किये इतने में आखरी स्टॉप आ गया बस रुक गयी हम दोनों बस से उतरे और मार्किट में गए और शिप्रा दीदी की बुक लेने लगे बुक स्टाल से ......
हम मार्किट में गए और शिप्रा दीदी ने अपनी बुक ली और कुछ सामान लिया फिर हमने सोचा की थोड़ी देर मार्किट में घूम लेते है हम हाथ में हाथ डाले मार्किट में घूम रहे थे थोड़ी थोड़ी बारिश शुरू हो गई थी तभी शिप्रा दीदी के सेल पे मम्मी का फोन आया शिप्रा दीदी ने फोन उठाया "हेलो हाँ मौसी हाँ सब ले लिया बस घर आने की तैयारी कर रहे है हाँ देती हूँ " शिप्रा दीदी ने सेल मुझे दिया मैंने कहा "हाँ मम्मी" मम्मी बोली "अरे सोनू तेरा नंबर ऑफ कैसे आ रहा है" मैंने कहा "पता नहीं मम्मी मैंने तो चेक नहीं किया क्यों क्या हुआ" मम्मी बोली "अरे बेटा मौसम बहुत ख़राब हो गया है न्यूज़ में बहुत ज्यादा और तेज बारिश होने को कह रहे है तुम लोग कहा पे हो " मैंने कहा " मम्मी हम तो मार्किट में ही है अभी बस के आने का वेट कर रहे है " तो मम्मी बोली "नहीं नहीं तुम बस के चक्कर में मत रुको तेरे पापा कार से वहां से क्रॉस होंगे तो तुम उन्ही के साथ आ जाना " मैंने कहा "ठीक है मम्मी"
थोड़ी देर में पापा कार लेके आ गये मैं आगे बैठ गया और शिप्रा दीदी पीछे हम दोनों बहुत उदास थे क्योंकी हम लोगो ने साथ घूमने का प्लान बनाया था लेकिन अब वो कैंसिल हो गया था हम दोनों यही सोच रहे थे की अब पता नहीं कब मिलना होगा हमारा बारिश तेज हो चुकी थी थोड़ी देर में हम लोग घर पहुँच गए हम कार से उतरे और अंदर गए हमें देख के मम्मी बोली "आ गए बेटा बस मुझे यही चिंता हो रही थी क्योंकि मौसम बहुत ख़राब हो गया है मुझे यही था की कहीं अटक ना जाओ बारिश में , चल शिप्रा बेटा पाँच बज गए है तेरी ट्रेन है सात बजे की तू अपनी पैकिंग खत्म कर " शिप्रा दीदी बोली "जी मौसी " मैंने कहा "अरे मम्मी प्रीती दीदी कहाँ है अभी तक आई नहीं " मम्मी बोली "हाँ मैंने उसे भी फोन कर दिया है वो भी आने वाली है बस थोड़ी देर में " फिर मम्मी सब के लिए चाय बनाने लग गई और शिप्रा दीदी पैकिंग करने लग गई मैं शिप्रा दीदी के पास जाके बैठ गया हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे शिप्रा दीदी बोली "क्या यार सारा प्लान ख़राब हो गया " मैंने कहा "हाँ दीदी इस मौसम को भी आज ही ख़राब होना था क्या , अब कब आओगे वापस " शिप्रा दीदी बोली " पता नहीं यार मम्मी कब भेंजे वापस जब कोई काम पड़ेगा तभी आ पाऊँगी " तभी मम्मी ने मुझे बुलाया "सोनू ये चाय ले जा के सब को दे "
मैं गया और सबको चाय देने लगा फिर मम्मी शिप्रा दीदी के पास जाके बैठ गई और उनसे बात करने लगी और उन्हें कुछ सामान देने लगी थोड़ी देर बाद पापा ने बोला "शिप्रा बेटा छ: बज गए है तू तैयार हो गयी क्या चल स्टेशन के लिए निकलते है थोड़ी देर में अभी बारिश कम हुई है " शिप्रा दीदी ने कहा " हाँ मौसाजी पैकिंग तो हो गयी बस पांच मिनट में तैयार होके आती हूँ " थोड़ी देर में शिप्रा दीदी तैयार होके आई ब्लैक वी नेक का टॉप ब्लू जींस उनके बोबे उस ब्लैक टॉप में से बाहर निकल के बहुत अच्छा शेप बना रहे थे उन्होंने बालों को क्लचर से बांधा हुआ था वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी हम दोनों ने एक दूसरे को देखा हम दोनों ही उदास थे पापा मम्मी ड्राइंग रूम में बैठे हुए थे मैं पापा मम्मी की नजर से बच के शिप्रा दीदी के पास गया और उन्हें टाइट हग कर लिया उन्होंने भी मुझे कस के पकड़ लिया मैं उनसे चिपके हुए उनके टॉप पे से उनकी पूरी पीठ पे हाथ फेरने लगा फिर मैंने उनके टॉप के नीचे से हाथ अंदर डाला और उनकी नंगी पीठ पे हाथ फेरने लगा और उनकी ब्रा स्ट्रैप्स से खेलने लगा मेरा लंड खड़ा हो चुका था इतने में पापा की आवाज आई "शिप्रा बेटा थोड़ी देर में निकलते है तू चेक करले एक बार कुछ रहा तो नहीं" हमने फटाफट एक दूसरे को छोड़ा दिया शिप्रा दीदी ने कहा "हाँ मौसा जी" और शिप्रा दीदी हमारे रूम में चेक करने लगी मैं भी उनके पीछे पीछे हमारे रूम में आ गया वो भी मुझे इस तरह से देख रही थी की बस मौका मिले और हम चिपक जाएँ
तभी लाइट चली गयी मैंने जल्दी से शिप्रा दीदी का हाथ पकड़ा और उन्हें बाथरूम में ले गया और उन्हें बाथरूम के दीवार से सटाकर उन्हें किस करने लगा वो भी मुझे किस करने लगी हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे हो चूम रहे थे चाट रहे थे मैं शिप्रा दीदी के होंठ चूसने लगा वो भी मेरे होंठ चूसने लगी उनके होंठ चूसते चूसते मैं एक हाथ से उनके टॉप पे से उनके बोबे दबाने लगा वो मेरे बालों में अपना हाथ फेरने लगी फिर मैंने उनके होंठ छोड़े और उनके गले पे स्मूच करने लगा फिर मैंने उनका टॉप ऊपर किया और उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाने लगा उन्हें सहलाने लगा वो तेज तेज सांसें लेने लगी फिर मैं वापस ऊपर गया और उन्हें किस करने लगा और उन्हें किस करते हुए उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाने लगा शिप्रा दीदी भी मेरे होंठ चूस रही थी और मुझे किस करते करते वो अपने हाथ से मेरी जींस पे से मेरा लंड सहलाने लगी थोड़ी देर बाद मैंने उनके होंठ छोड़े और उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाते हुए पूछा " शिप्रा दीदी कौन सी वाली ब्रा पेहेन रखी है आज अँधेरे में दिख नहीं रहा" उन्होंने कहा "वाइट वाली जॉकी की जो नेट के मटेरियल में है वो " मैंने कहा "और पेंटी" वो मेरा लंड सहलाते हुए बोली "तू खुद देख लेना भाई "
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.