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Incest मेरी प्यारी दीदी मुझसे चुद गई
फिर उसने अपने हाथ से शिप्रा दीदी के हाथ को टच किया ऐसा उसने दो तीन बार किया फिर उसने अपने हाथ से हलके से शिप्रा दीदी के कंधे को टच किया शिप्रा दीदी की तरफ से कुछ रिएक्शन नहीं आ रहा था फिर उस आदमी ने अपना हाथ शिप्रा दीदी के कंधे पर रख दिया और धीरे धीरे उनका कंधा सहलाने लगा मुझे उसकी हिम्मत देख के बहुत अजीब लग रहा था और ये भी अजीब लग रहा था की शिप्रा दीदी ने उसे एक बार भी टोका क्यों नहीं वो थोड़ी देर तक शिप्रा दीदी का कंधा सहलाता रहा फिर उसने वो किया जो मैंने कभी नहीं सोचा था उसने शिप्रा दीदी के कंधे पे से उनका कुर्ता थोडा सा नीचे कर दिया जिस से शिप्रा दीदी की ब्लैक ब्रा की स्ट्रेप बाहर आ गयी अब वो शिप्रा दीदी की ब्रा की स्ट्रेप के ऊपर से उनके कंधे को सहलाने लगा मुझे ये सब देख के बहुत ही अजीब फील हो रहा था लेकिन मजा भी आ रहा था मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा था तभी शिप्रा दीदी के पास वाली बूढी औरत खड़ी हुई शायद उनका स्टॉप आ गया था शिप्रा दीदी अब अंदर खिड़की के पास खिसक गयी और वो आदमी शिप्रा दीदी के पास बैठ गया


अब मुझे सब कुछ देखना था की वो आदमी क्या कर रहा है लेकिन मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था तभी उस ही स्टॉप से एक बूढा आदमी भी बस में चढ़ा मेरे दिमाग में एक आईडिया आया मैंने अपनी सीट उस बूढ़े आदमी को दे दी और खुद जाके शिप्रा दीदी की सीट के पास खड़ा हो गया बस में मेरे आलावा कोई भी खड़ा हुआ नहीं था शिप्रा दीदी की सीट के साथ वाली सीट वालों को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था क्योंकी बीच में मैं खड़ा था मुझे पास में खड़ा देख के वो आदमी मुझे देखने लगा लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया मैंने ऐसा जताया की मेरा ध्यान मोबाइल में गाने सुनने में है और मैं दूसरी तरफ देखने लगा शिप्रा दीदी को भी नहीं पता था की उनकी सीट के पास मैं खड़ा हुआ हूँ क्योंकि वो तो लगातार बाहर देख रही थी वो आदमी थोड़ी देर तक ऐसे ही बैठा रहा फिर धीरे धीरे वो बस के हिलने का बहाना लेके अपना घुटना शिप्रा दीदी के घुटने से टच करने लगा फिर उसने अपना हाथ अपने घुटने पे रखा और बार बार अपना घुटना शिप्रा दीदी के घुटने से टच करने लगा फिर उसने अपना हाथ शिप्रा दीदी की पतली सलवार पे से उनके घुटने पे रख दिया और शिप्रा दीदी का घुटना सहलाने लगा वो थोड़ी देर तक शिप्रा दीदी का घुटना सहलाता रहा फिर उसने अपना हाथ उनके घुटने के ऊपर किया और उनकी झांग को सहलाने लगा वो शिप्रा दीदी की पतली सलवार पे से उनकी झांग को सहला रहा था


थोड़ी देर तक उसने शिप्रा दीदी की दोनों झांगों को सहलाया फिर उसने अपना हाथ शिप्रा दीदी के दोनों घुटनों के बीच किया और शिप्रा दीदी की टांगों को थोडा सा चौड़ा किया अपने हाथ से फिर वो अपना हाथ शिप्रा दीदी के दोनों टांगों क बीच उनके घुटने से ऊपर लेके जाने लगा शिप्रा दीदी की सांसें तेज चल रही थी और वो बस बाहर देखे जा रही थी अब उस आदमी का हाथ शिप्रा दीदी की अंदरूनी झांग पे था वो उनकी दोनों झांगों को अंदर से अपने हाथ से सहला रहा वो अपनी उँगलियों से शिप्रा दीदी की झांगों को सहला रहा था मुझे ये सब देख के बहुत मजा आ रहा था मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था फिर वो आदमी अपना हाथ और ऊपर लेके गया और अब उसका हाथ शिप्रा दीदी की दोनों झांगों के बीच उनकी चूत पे था जैसे ही उसका हाथ शिप्रा दीदी की चूत पे टच हुआ शिप्रा दीदी सिहर उठी अब वो आदमी शिप्रा दीदी की पतली सलवार पे उनकी चूत को सहलाने लगा शिप्रा दीदी की साँसें बहुत तेज चल रही थी उनके बोबे उनके कुर्ते पे से ऊपर नीचे हो रहे थे वो आदमी शिप्रा दीदी की चूत सहला रहा था और शिप्रा दीदी को कितना मजा आ रहा था ये उनकी तेज साँसों को देख के पता चल रहा था वो आदमी शिप्रा दीदी की चूत सहला रहा था और उसे भी पता चल चुका था की शिप्रा दीदी को मजा आने लग गया है


उसने उनकी चूत को सहलाते सहलाते अपने दूसरे हाथ से शिप्रा दीदी का हाथ पकड़ा और उनका हाथ लेजा के अपने लंड पे रख दिया शिप्रा दीदी ने अपना हाथ थोड़ी देर तक उसके लंड पे ऐसे ही रखे रखा मुझे बहुत ही ज्यादा आश्चर्य हुआ की शिप्रा दीदी आराम से उसे अपनी चूत सहलाने दे रही है और अब तो उसके लंड पे भी अपना हाथ रख रखा है लेकिन मैं ये सब बस में प्रीती दीदी के साथ पहले कर चुका था और उन्होंने बताया भी था की वो डर गई थी तो मैंने सोचा की हो सकता है की शायद शिप्रा दीदी भी डर गयी हो लेकिन जो भी हो रहा था उसमे मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था फिर उस आदमी ने वापस शिप्रा दीदी का हाथ पकड़ा और उनके हाथ से अपना लंड दबाने लगा अब वो अपने एक हाथ से शिप्रा दीदी की चूत सहला रहा था और अपने दूसरे हाथ से शिप्रा के हाथ से अपना लंड दबवा रहा था शिप्रा दीदी बाहर देख रही थी फिर उस आदमी ने अपनी उँगलियों से जल्दी जल्दी शिप्रा दीदी की चूत को सहलाने शुरू कर दिया शिप्रा दीदी को बहुत मजा आने लग गया था फिर उस आदमी ने अपना हाथ शिप्रा दीदी के हाथ से हटा लिया और मैंने देखा की शिप्रा दीदी अब खुद अपने हाथ से उसकी पेंट पे से उसके लंड को सहला रही है मुझे पता चल चुका था की शिप्रा दीदी अब पूरी तरह से गरम हो चुकी है फिर उस आदमी ने अपना हाथ शिप्रा दीदी की दोनों झांगों के बीच में से निकाला और उनके कुर्ते पे से उनके पेट पे हाथ फेरने लगा और हाथ फेरते फेरते अपना हाथ ऊपर लेके जाने लगा


अब उसका हाथ शिप्रा दीदी की चुन्नी के नीचे से उनके बोबो पे था वो कुर्ते के ऊपर से शिप्रा दीदी के बोबे दबा रहा था वो बहुत तेज तेज शिप्रा दीदी के दोनों बोबे मसल रहा था उन्हें दबा रहा था मुझे शिप्रा दीदी की चुन्नी के नीचे से उसके हिलते हुए हाथों को देख के साफ़ पता चल रहा था की उसका हाथ कहाँ पे है और वो क्या कर रहा है फिर उसने शिप्रा दीदी की चुन्नी उनके कुर्ते के गले तक ऊपर कर दी और उनके कुर्ते के ऊपर से उनके दोनों बोबे दबाने लगा अब मुझे साफ़ साफ़ दिख रहा था की वो शिप्रा दीदी के बोबे दबा रहा है शिप्रा दीदी भी अपने हाथ से उसका लंड सहला रही थी और वो उनके बोबे दबा रहा था फिर उस आदमी ने शिप्रा दीदी का हाथ अपने लंड पे से हटाया अपनी पेंट की चेन खोली और अपना खड़ा हुआ लंड बाहर निकाल लिया और फिर वापस शिप्रा दीदी का हाथ पकड़ा और उनका हाथ लेजा के अपने नंगे लंड पे रख दिया अब वो शिप्रा दीदी के बोबे दबा रहा था और शिप्रा दीदी उसका नंगा लंड सहला रही थी उसे हिला रही थी अपने हाथ से फिर उस आदमी ने अपना हाथ शिप्रा दीदी के बोबो पे से हटाया और वापस से उनकी झांगों के बीच डाल दिया और उनकी सलवार पे से उनकी चूत को सहलाने लगा शिप्रा दीदी बाहर देखते हुए उसका लंड अपने हाथ से हिला रही थी और वो अपने हाथ से शिप्रा दीदी की चूत सहला रहा था वो जल्दी जल्दी शिप्रा दीदी की चूत रगड़ने लगा


शिप्रा दीदी से अब कण्ट्रोल नहीं हो रहा था उन्होंने उसका लंड छोड़ा और अपने दोनों हाथों को अपने आगे वाली सीट पर रखा और अपने हाथों पर अपना सर रख के सर झुका के बैठ गयी उस आदमी ने अपना हाथ उनकी झांगों से निकाला और उनके बोबे दबाने लगा शिप्रा दीदी अपने आगे वाली सीट पे सर रख के बैठी थी जिस से उनके बोबे थोड़े आगे की तरफ लटक गए थे उस आदमी ने उनके लटके हुए बोबो को दबाया फिर शिप्रा दीदी के लटके हुए कुर्ते के गले में से अपना हाथ अंदर डालने लगा अब शिप्रा दीदी कसमसाने लगी क्योंकि ये बहुत रिस्की था मुझे भी लगा की अब ये ठीक नहीं हो रहा अब प्रॉब्लम हो सकती है मैंने अपना मोबाइल निकाला और शिप्रा दीदी को कॉल किया उनके पर्स में उनका मोबाइल बजने लगा वो आदमी एक दम से सकपका गया उसने अपना हाथ हटाया और फटाफट अपना लंड अंदर किया मैंने उनसे थोड़ी सी बात की और कॉल काट दिया तभी पीछे की एक सीट खाली हो गई मैं थोडा पीछे गया और आगे आया ताकि शिप्रा दीदी को ये लगे की मैं पीछे से आया हूँ मैं उनकी सीट के पास आया और उस आदमी से कहा "अंकल आप मेरी सीट पे बैठ जाओ मुझे यहाँ बैठना है " उसने कहा "क्यों " मैंने कहा "ये मेरे साथ है मेरी बेहेन इसीलिए "


उसकी शक्ल देखने लायक थी क्योंकि उसे नहीं पता था की शिप्रा दीदी के साथ कोई होगा और उसे ये भी डर था की फोन पे शिप्रा दीदी ने कुछ बोल तो नहीं दिया मुझे जो मैं एक दम से आ गया वो उठ के पीछे वाली सीट पे चला गया मैं शिप्रा दीदी के पास बैठ गया जैसे है मैं उनके पास बैठा शिप्रा दीदी ने मेरे कंधे पे अपना सर रख दिया और मुझसे चिपक के बैठ गयी मैंने कहा "क्या हुआ दीदी " उन्होंने कहा "कुछ नहीं " मुझे पता था की वो पूरी तरह से गरम है अभी हमें आखरी स्टॉप पे उतरना था वो अभी दो स्टॉप बाद था अगला स्टॉप आया तो इस स्टॉप पे ज्यादा लोग उतर गए वो आदमी भी इसी स्टॉप पे उतर गया बस ऑलमोस्ट खाली हो गयी थी बस 6-7 लोग आगे बैठे हुए थे बाकी कोई नहीं था हमारी आस पास की सीटें खाली हो गई थी मैं एक हाथ से शिप्रा दीदी की झांग सहलाने लगा उनकी सलवार पे से तभी शिप्रा दीदी ने एक दम से मुझे पकड़ा और मुझे किस करने लगी हम दोनों ही बहुत गरम थे मैं भी उनके होंठ चूसने लगा वो पागलों की तरह मेरे होंठ चूस रही थी उन्हें किस करते हुए मैं उनके कुर्ते पे से उनके बोबे दबाने लगा


थोड़ी देर किस करने के बाद हम अलग हुए मैंने आगे देखा किसी ने हमें नहीं देखा था मैंने शिप्रा दीदी से कहा "दीदी अपनी सलवार का नाडा खोलो " उन्होंने कहा "यहाँ पे सोनू यहाँ कैसे सलवार उतारूंगी " मैंने कहा "पूरी मत उतारो बस नाडा खोल के सलवार घुटनों तक उतार दो अभी कोई है भी नहीं जल्दी करो " वो पूरी तरह से गरम थी उन्होंने अपनी सलवार का नाडा खोला और अपनी सलवार और पेंटी घुटनों तक उतार दी अब मैं शिप्रा दीदी की नंगी चूत को सहलाने लगा उनकी चूत पूरी तरह से गीली थी मैंने कहा "दीदी आप इतनी कैसे गरम हो " उन्होंने कहा "बस ऐसे ही तूने कर दिया ना अभी " मैं मुस्कुराने लगा उन्हें नहीं पता था की मैंने सब देखा है ना मैंने उन्हें बताया मैं उनकी चूत सहलाने लगा उन्हें मजा आने लगा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: अरे दीदी - by neerathemall - 19-11-2019, 03:25 PM
RE: मेरी प्यारी दीदी मुझसे चुद गई - by neerathemall - 18-05-2024, 11:48 AM



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