18-05-2024, 11:46 AM
अब हम दोनों की हालत ख़राब हो चुकी थी क्योंकि मम्मी गेट के बाहर ही खड़ी थी हम दोनों ने जल्दी जल्दी अपने कपडे ठीक किये मम्मी ने फिर कहा "अरे खोल ना शिप्रा " शिप्रा दीदी ने डरते डरते कहा "हाँ मौसी खोल रही हूँ " और उन्होंने मेरी तरफ देख के आँखों से इशारा करके पूछा की क्या करे अब मेरा भी दिमाग काम नहीं कर रहा था तभी मैंने फटाफट अपना मोबाइल निकाला और घर के लैंडलाइन नंबर पे कॉल कर दिया दूसरे रूम में से फोन की घंटी बजने लगी मम्मी फोन उठाने उस रूम में गयी तो शिप्रा दीदी ने फटाफट गेट खोला इधर उधर देखा और मुझे बाहर निकाल दिया मैं जल्दी से रूम में से निकल के बाहर की तरफ चला गया और शिप्रा दीदी ने वापस गेट बंद कर लिया थोड़ी देर में मम्मी फोन रख के रूम से बाहर आई और शिप्रा दीदी ने मम्मी के सामने गेट खोला गेट खुलते ही मम्मी बोली "क्या शिप्रा बेटा कितनी देर लगा दी " तो शिप्रा दीदी बोली "अरे मौसी वो चेंज कर रही हाँ क्या हुआ कुछ चाहिए था क्या आपको"
मम्मी बोली "हाँ बेटा वो डायरी लेनी थी और तुम लोग निकले नहीं अभी तक मार्किट के लिए जल्दी निकल जाओ फिर आज तुझे शाम को ट्रेन भी पकड़नी है " शिप्रा दीदी बोली "हाँ मौसी बस निकल ही रहे है" इतने में मैं बाहर से अंदर आया और बोला "क्या हुआ शिप्रा दीदी अभी तक तैयार नहीं हुए क्या आप चलो ना" उन्होंने कहा "बस हो गयी तैयार" फिर शिप्रा दीदी कांच के सामने बाल बनाने लगी और मैं उन्हें देखने लगा अभी थोड़ी देर पहले वो मेरे साथ में नंगी थी लेकिन अब वापस उनके कोमल बदन को उस ग्रीन और मेहरून सूट में ढका हुआ देख के वो वापस मुझे बहुत सेक्सी लग रही थी शिप्रा दीदी भी अपने बाल बनाते बनाते मुझे देख रही थी और मुस्कुरा रही थी थोड़ी देर में मम्मी डायरी लेके रूम से चली गयी मैं शिप्रा दीदी के पास गया और कहा "यार दीदी बड़ी कातिल और सेक्सी लग रही हो आप " तो शिप्रा दीदी मुस्कुराते हुए बोली "हाँ हाँ सीधा ही बोल दे ना की कपडे उतार दू वापस " मैंने कहा "उतार दो ना" तो वो बोली "यार सोनू आज दूसरा इंसिडेंट हुआ है की हम बाल बाल बचे है अब मौसी आस पास हो तो ध्यान रखना तू अगर किसी को थोडा सा भी शक हो गया न तो बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो जाएगी " मैंने कहा "हाँ दीदी अब चलो ना " तो शिप्रा दीदी बोली रुक और बाथरूम की तरफ जाने लगी मैंने पूछा "क्या हुआ कहाँ जा रही हो " तो वो बोली "जो तूने किया उसे साफ़ करने पेंटी चेंज करने जा रही हूँ " मैंने कहा "क्या जरुरत है ऐसे ही चल चलो ना और पेंटी उतार के चल चलो " तो वो बोली "चुप कर कपडे भी उतार के चलूँ तेरे साथ " हम दोनों हँसने लगे फिर वो बाथरूम में चली गयी और मैं रूम से बाहर आ गया
मम्मी बोली "हाँ बेटा वो डायरी लेनी थी और तुम लोग निकले नहीं अभी तक मार्किट के लिए जल्दी निकल जाओ फिर आज तुझे शाम को ट्रेन भी पकड़नी है " शिप्रा दीदी बोली "हाँ मौसी बस निकल ही रहे है" इतने में मैं बाहर से अंदर आया और बोला "क्या हुआ शिप्रा दीदी अभी तक तैयार नहीं हुए क्या आप चलो ना" उन्होंने कहा "बस हो गयी तैयार" फिर शिप्रा दीदी कांच के सामने बाल बनाने लगी और मैं उन्हें देखने लगा अभी थोड़ी देर पहले वो मेरे साथ में नंगी थी लेकिन अब वापस उनके कोमल बदन को उस ग्रीन और मेहरून सूट में ढका हुआ देख के वो वापस मुझे बहुत सेक्सी लग रही थी शिप्रा दीदी भी अपने बाल बनाते बनाते मुझे देख रही थी और मुस्कुरा रही थी थोड़ी देर में मम्मी डायरी लेके रूम से चली गयी मैं शिप्रा दीदी के पास गया और कहा "यार दीदी बड़ी कातिल और सेक्सी लग रही हो आप " तो शिप्रा दीदी मुस्कुराते हुए बोली "हाँ हाँ सीधा ही बोल दे ना की कपडे उतार दू वापस " मैंने कहा "उतार दो ना" तो वो बोली "यार सोनू आज दूसरा इंसिडेंट हुआ है की हम बाल बाल बचे है अब मौसी आस पास हो तो ध्यान रखना तू अगर किसी को थोडा सा भी शक हो गया न तो बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो जाएगी " मैंने कहा "हाँ दीदी अब चलो ना " तो शिप्रा दीदी बोली रुक और बाथरूम की तरफ जाने लगी मैंने पूछा "क्या हुआ कहाँ जा रही हो " तो वो बोली "जो तूने किया उसे साफ़ करने पेंटी चेंज करने जा रही हूँ " मैंने कहा "क्या जरुरत है ऐसे ही चल चलो ना और पेंटी उतार के चल चलो " तो वो बोली "चुप कर कपडे भी उतार के चलूँ तेरे साथ " हम दोनों हँसने लगे फिर वो बाथरूम में चली गयी और मैं रूम से बाहर आ गया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.