18-05-2024, 11:45 AM
तभी मैंने शिप्रा दीदी को रोका और ऊपर उठाया उन्होंने पूछा "क्या हुआ " मैंने कहा "दीदी अगर मेरा मुट निकल गया तो आप प्यासी रह जोगी इसलिए पहले मैं आपकी प्यास भुजा दू क्योंकि बहुत रिस्क है" वो मुस्कुराने लगी और मैं उन्हें किस करने लगा फिर मैं घुटनों के बल नीचे बैठा और मैंने अपना मुह उनकी चूत पे रखा उनकी चूत बहुत ही ज्यादा गरम थी फिर मैंने उनकी चूत पे बहुत बार किस किया अपने होंठो से उनकी चूत पे स्मूच किया मैं शिप्रा दीदी चूत पे अपने होंठ फेर रहा था शिप्रा दीदी आँखें बंद करके लम्बी लम्बी सांसें ले रही थी और मेरे बालों में अपना हाथ फेर रही थी फिर मैंने उनकी चूत की दोनों स्किन को अलग किया और उसके अंदर अपनी जीभ डाल दी और अपनी जीभ को गोल घुमाने लगा मैं ऐसे ही थोड़ी देर तक उनकी चूत चाटता रहा मेरे दोनों हाथ शिप्रा दीदी की कमर पे थे तभी शिप्रा दीदी ने मेरा एक हाथ पकड़ा और उसे अपने कुर्ते के अंदर से अपने बोबे पे रख दिया मैं उनके बोबे दबाने लगा फिर मैं अपना दूसरा हाथ भी उनके कुर्ते में ले गया मैं दोनों हाथों से शिप्रा दीदी के बोबे दबा रहा था और अपनी जीभ से उनकी चूत चाट रहा था
फिर मैं अपनी जीभ को उनकी चूत के और अंदर लेके गया और जल्दी जल्दी ऊपर नीचे करने लगा शिप्रा दीदी बहुत ही जोर जोर से सिसकियाँ लेने लगी वो बहुत तेजी से मेरे बालों में अपनी उँगलियाँ घुमाने लगी मैं समझ गया था की वो झरने वाली है इसलिए मैं भी शिप्रा दीदी की चूत में अपनी जीभ जल्दी जल्दी ऊपर नीचे करने लगा और उनकी पूरी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा और जल्दी जल्दी उनके बोबे दबाने लगा उन्हें मसलने लगा तभी उन्होंने मेरे बालों को जोर से खींचा और उनकी एक लम्बी सिसकी निकली " आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्ह..............." शिप्रा दीदी की चूत से बहुत सारा पानी निकला जो उनकी झांगों पे से बेहने लगा मैंने अपनी जीभ से उनका सारा पानी चाट के साफ कर दिया और उनकी झांग और चूत भी चाट के साफ़ कर दी उन्होंने मुझे ऊपर किया एक किस किया और बोली "मजा आ गया यार " और फिर वो घुटनों के बल बैठी और मेरा नंगा खड़ा हुआ लंड अपने मुह में ले लिया और उसे चूसने लगी वो उसे पूरा अपने मुह में लेके चूसने लगी कभी वो अपनी जीभ मेरे पूरे लंड पे फेरती उसे चाटती कभी मेरे लंड के टोपे को जल्दी जल्दी अपने होंठो से अंदर बाहर करती कभी अपने मुह से मेरा लंड निकाल के अपने हाथों से उसे जल्दी जल्दी ऊपर नीचे करती मुझे बहुत मजा आ रहा था
मैं शिप्रा दीदी के गीले बालों में हाथ फेर रहा था अब दीदी मेरे लंड के टोपे को अपने होंठो से चूसने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था मैंने अपना हाथ शिप्रा दीदी के कुर्ते के गले के अंदर डाल दिया और उनके बोबे दबाने शिप्रा दीदी अपने हाथ से मेरा लंड हिलाने लगी फिर शिप्रा दीदी ने वापस पूरा लंड अपने मुह में लिया और जल्दी जल्दी चूसने लगी अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा था मैंने अपने दोनों हाथ शिप्रा दीदी के कुर्ते के गले में डाल दिए और उनके दोनों बोबे जोर जोर से दबाने लगा शिप्रा दीदी मेरा लंड लगातार जल्दी जल्दी चूस रही थी और तभी मेरा मुट निकल गया मेरा सारा मुट शिप्रा दीदी के मुह में था और वो अभी भी मेरे लंड को चूस रही थी और मेरी तरफ ऊपर देख रही थी मैंने उनके कुर्ते में से अपने हाथ निकाले और उन्हें ऊपर उठाया फिर हम दोनों ने एक लम्बा किस किया और हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देखने लगे शिप्रा दीदी बोली "यार सोनू तू भी ना कभी भी कहीं भी मूड बना लेता अब ले बस मिल गयी शांति तुझे कर दिया मेरा लिप ग्लोस और मेकअप गायब उतार दिया मेरा सूट मेरी ब्रा पेंटी सब कुछ " मैंने कहा "नहीं दीदी कुर्ता और ब्रा कहाँ उतारी उतारो ना " शिप्रा दीदी बोली "चुप कर तेरा तो कभी मन ही नहीं भरेगा चल अब तैयार होने दे मुझे " ये कह के शिप्रा दीदी अपने बाल बाँधने लगी जिस से उनके दोनों बोबे बाहर की तरफ आ गए और मैं उनके बोबे दबाने लगा उन्होंने मेरा हाथ झिड़क दिया मैंने फिर उन्हें पकड़ के दीवार से सटा दिया और उन्हें किस करने लगा और उन्हें किस करते हुए उनकी नंगी चूत को अपने हाथों से सहलाने लगा उन्हें वापस गरम करने के लिए तभी उन्होंने मुझसे अपने होंठ छुडाये और जोर से चिल्लाई " मौसी............" मैं एक दम से डर गया और मैंने उन्हें छोड़ दिया वो हँसने लगी और बोली "देखा बहुत आईडिया है मेरे पास " तभी मम्मी गेट पे आ गयी और गेट खटखटाते हुए बोली "क्या हुआ शिप्रा तूने बुलाया "हम दोनों की हालत ख़राब हो गयी शिप्रा दीदी ने कहा "नहीं मौसी " तो मम्मी ने कहा "अच्छा गेट खोल मुझे कुछ लेना है अंदर से " शिप्रा दीदी बोली "वो मौसी मैं चेंज कर रही हूँ " तो मम्मी बोली "हाँ तो क्या हुआ बस मैं ही हूँ यहाँ पे तू गेट खोल मुझे कुछ लेना है अंदर से" अब हम दोनों की हालत ख़राब हो चुकी थी आज तो लगा की हम फंस गए बुरी तरह से ......
फिर मैं अपनी जीभ को उनकी चूत के और अंदर लेके गया और जल्दी जल्दी ऊपर नीचे करने लगा शिप्रा दीदी बहुत ही जोर जोर से सिसकियाँ लेने लगी वो बहुत तेजी से मेरे बालों में अपनी उँगलियाँ घुमाने लगी मैं समझ गया था की वो झरने वाली है इसलिए मैं भी शिप्रा दीदी की चूत में अपनी जीभ जल्दी जल्दी ऊपर नीचे करने लगा और उनकी पूरी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा और जल्दी जल्दी उनके बोबे दबाने लगा उन्हें मसलने लगा तभी उन्होंने मेरे बालों को जोर से खींचा और उनकी एक लम्बी सिसकी निकली " आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्ह..............." शिप्रा दीदी की चूत से बहुत सारा पानी निकला जो उनकी झांगों पे से बेहने लगा मैंने अपनी जीभ से उनका सारा पानी चाट के साफ कर दिया और उनकी झांग और चूत भी चाट के साफ़ कर दी उन्होंने मुझे ऊपर किया एक किस किया और बोली "मजा आ गया यार " और फिर वो घुटनों के बल बैठी और मेरा नंगा खड़ा हुआ लंड अपने मुह में ले लिया और उसे चूसने लगी वो उसे पूरा अपने मुह में लेके चूसने लगी कभी वो अपनी जीभ मेरे पूरे लंड पे फेरती उसे चाटती कभी मेरे लंड के टोपे को जल्दी जल्दी अपने होंठो से अंदर बाहर करती कभी अपने मुह से मेरा लंड निकाल के अपने हाथों से उसे जल्दी जल्दी ऊपर नीचे करती मुझे बहुत मजा आ रहा था
मैं शिप्रा दीदी के गीले बालों में हाथ फेर रहा था अब दीदी मेरे लंड के टोपे को अपने होंठो से चूसने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था मैंने अपना हाथ शिप्रा दीदी के कुर्ते के गले के अंदर डाल दिया और उनके बोबे दबाने शिप्रा दीदी अपने हाथ से मेरा लंड हिलाने लगी फिर शिप्रा दीदी ने वापस पूरा लंड अपने मुह में लिया और जल्दी जल्दी चूसने लगी अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा था मैंने अपने दोनों हाथ शिप्रा दीदी के कुर्ते के गले में डाल दिए और उनके दोनों बोबे जोर जोर से दबाने लगा शिप्रा दीदी मेरा लंड लगातार जल्दी जल्दी चूस रही थी और तभी मेरा मुट निकल गया मेरा सारा मुट शिप्रा दीदी के मुह में था और वो अभी भी मेरे लंड को चूस रही थी और मेरी तरफ ऊपर देख रही थी मैंने उनके कुर्ते में से अपने हाथ निकाले और उन्हें ऊपर उठाया फिर हम दोनों ने एक लम्बा किस किया और हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देखने लगे शिप्रा दीदी बोली "यार सोनू तू भी ना कभी भी कहीं भी मूड बना लेता अब ले बस मिल गयी शांति तुझे कर दिया मेरा लिप ग्लोस और मेकअप गायब उतार दिया मेरा सूट मेरी ब्रा पेंटी सब कुछ " मैंने कहा "नहीं दीदी कुर्ता और ब्रा कहाँ उतारी उतारो ना " शिप्रा दीदी बोली "चुप कर तेरा तो कभी मन ही नहीं भरेगा चल अब तैयार होने दे मुझे " ये कह के शिप्रा दीदी अपने बाल बाँधने लगी जिस से उनके दोनों बोबे बाहर की तरफ आ गए और मैं उनके बोबे दबाने लगा उन्होंने मेरा हाथ झिड़क दिया मैंने फिर उन्हें पकड़ के दीवार से सटा दिया और उन्हें किस करने लगा और उन्हें किस करते हुए उनकी नंगी चूत को अपने हाथों से सहलाने लगा उन्हें वापस गरम करने के लिए तभी उन्होंने मुझसे अपने होंठ छुडाये और जोर से चिल्लाई " मौसी............" मैं एक दम से डर गया और मैंने उन्हें छोड़ दिया वो हँसने लगी और बोली "देखा बहुत आईडिया है मेरे पास " तभी मम्मी गेट पे आ गयी और गेट खटखटाते हुए बोली "क्या हुआ शिप्रा तूने बुलाया "हम दोनों की हालत ख़राब हो गयी शिप्रा दीदी ने कहा "नहीं मौसी " तो मम्मी ने कहा "अच्छा गेट खोल मुझे कुछ लेना है अंदर से " शिप्रा दीदी बोली "वो मौसी मैं चेंज कर रही हूँ " तो मम्मी बोली "हाँ तो क्या हुआ बस मैं ही हूँ यहाँ पे तू गेट खोल मुझे कुछ लेना है अंदर से" अब हम दोनों की हालत ख़राब हो चुकी थी आज तो लगा की हम फंस गए बुरी तरह से ......
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.