18-05-2024, 11:42 AM
प्रीती दीदी ने कहा " ठीक है दीदी " और वो तैयार होने चली गई थोड़ी देर में प्रीती दीदी स्कूटी लेके अपनी फ्रेंड के चली गयी मम्मी किचन में पापा ऑफिस जाने की तैयारी करने लगे और शिप्रा दीदी हमारे रूम में जाके अपना सामान ज़माने लगी शिप्रा दीदी ने आज ब्लू कलर का स्लीव लेस टॉप और ब्लैक केप्री पेहेन रखी थी वो स्लीव लेस टॉप में बड़ी सेक्सी लग रही थी उनके गोरे चिकने हाथ चमक रहे थे और उनके बोबे उस चिपके हुए स्लीव लेस टॉप में से बाहर आ रहे थे मैं भी उनके पास बैठ गया और उनके बेग में से उनकी एक ब्रा निकाल के उसके कप पे हाथ फेरने लगा वो मुझे देख के मुस्कुराने लगी और बोली "क्या हुआ मूड हो रहा है क्या मेरी ब्रा चाहिए क्या , ले ले और चला जा बाथरूम में " और हसने लगी फिर जैसे ही वो कपडे ज़माने के लिए झुकी मैंने उनके टॉप के गले में से उनकी वाइट ब्रा की स्ट्रेप पकड़ ली और कहा " ये वाली चाहिए मुझे तो अपना मूड बनाने के लिए और उनकी ब्रा की स्ट्रेप खींचने लगा " वो मेरा हाथ पकड़ते हुए बोली "ओये जंगली छोड़ टूट जाएगी " लेकिन मैंने नहीं छोड़ा और मैंने उनकी ब्रा की स्ट्रेप उनके टॉप सहीत ही उनके कंधे के थोडा नीचे कर दी शिप्रा दीदी के आधा कन्धा नंगा हो गया था मैंने उनके चिकने नंगे कंधे पर किस किया और उसपे स्मूच करने लगा वो बोली "ओए मरवाएगा क्या कोई देख लेगा छोड़ और उन्होंने मुझे धक्का दिया "
मैं उनसे अलग हुआ और हँसते हुए बोला "बन गया मूड " वो बोली "जंगली है तू तो पूरा का पूरा देखता भी नहीं है कहा पे है क्या कंडीशन है " तो मैंने कहा "शिप्रा दीदी मूड हो रहा है चले क्या बाथरूम में प्रीती दीदी भी नहीं है " तो उन्होंने कहा "पागल है क्या मौसी तो है ना याद नहीं क्या उस दिन क्या बाल बाल बचे थे " तभी शिप्रा दीदी का फोन बजा उन्होंने उठाया बात की तो उनकी मम्मी का फोन था शिप्रा दीदी फोन पे बात करने लगी और मैं उनके गाल पे हाथ फेरने लगा फिर उनके गाल पे हाथ फेरते फेरते मैं अपना हाथ नीचे लेके गया और उनकी गर्दन पे लेके गया ओर वहां फेरने लगा फिर मैं अपना नीचे ले गया और उनके टॉप से उनके दोनों बोबे दबाने लगा थोड़ी देर उनके बोबे दबाने के बाद मैं उठा और अपने रूम के बाहर झाँक के देखा तो पापा नहाने गए हुए थे और मम्मी बाहर सब्जी वाले से सब्जी ले रही थी
मैं फटाफट अंदर आया और शिप्रा दीदी पीछे बैठ गया और पीछे से सामने की तरफ हाथ डाल के उनके बोबे दबाने लगा उन्हें सहलाने लगा फिर मैंने उनके टॉप के गले में से अपना हाथ अंदर डाल दिया और उनकी वाइट ब्रा के ऊपर से उनके दोनों बोबे सहलाने लगा उन्हें दबाने लगा फिर मैं खड़ा हुए और मैंने वापस चेक किया मम्मी अभी भी बाहर ही थी मैं जल्दी से वापस अंदर आया और शिप्रा दीदी के सामने बैठ गया और उनके टॉप नीचे से पकड़ा और उसे ऊपर करने लगा उन्होंने फोन पे बात करते करते मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझसे इशारे में पूछा मैंने धीरे से कहा "सब बाहर है हाथ छोड़ो " उन्होंने मेरा हाथ छोड़ दिया और मैंने उनका टॉप ऊपर कर दिया और उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाने लगा फिर मैं झुका और उनकी ब्रा पे से उनके बोबो पे किस किया फिर मैंने उनकी ब्रा के दोनों कप ऊपर कर दिए और शिप्रा दीदी के नंगे बोबे दबाने लगा शिप्रा दीदी के निप्पल टाइट खड़े हुए थे मैं उनके बोबे चूसने लगा मैंने थोड़ी देर तक उनके दोनों नंगे बोबे चूसे
फिर मैं खड़ा हुआ और वापस चेक करके आया मम्मी अभी भी बाहर ही थी मैं जल्दी से वापस अंदर आया और शिप्रा दीदी के सामने जाके खड़ा हो गया और अपना लोअर और अंडरवियर नीचे कर दिया मेरा खड़ा लंड शिप्रा दीदी के सामने था वो मेरी इस हरकत से सकपका गयी और मुझसे इशारे में पूछा क्या कर रहा है मैंने धीरे से कहा सब बाहर है चूसो ना उन्होंने वापस इशारे में कहा फोन पे हूँ मैं अपना लंड उनके मुह के पास ले गया और उनके होंठो पे टच कर दिया शिप्रा दीदी ने फोन दूसरे हाथ में लिया और अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपने मुह में लिया और चूसने लगी और फोन पे ' ह्म्म्म ह्म्म्म्म " करने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था जब शिप्रा दीदी फोन पे बात सुनती तब मेरा लंड अपने मुह में लेके चूसती और फोन पे ह्म्म्म ह्म्म्म्म करती और जब उन्हें जवाब देना होता तब वो मेरा लंड अपने मुह से बाहर निकालती और उसे अपने हाथ से ऊपर नीचे करती रहती और जवाब देती मुझे बहुत मजा आ रहा था शिप्रा दीदी ऐसा करते जा रही थी और मैं उनके दोनों नंगे बोबे अपने हाथों से दबा रहा था थोड़ी देर तक हम यही करते रहे
मैं उनसे अलग हुआ और हँसते हुए बोला "बन गया मूड " वो बोली "जंगली है तू तो पूरा का पूरा देखता भी नहीं है कहा पे है क्या कंडीशन है " तो मैंने कहा "शिप्रा दीदी मूड हो रहा है चले क्या बाथरूम में प्रीती दीदी भी नहीं है " तो उन्होंने कहा "पागल है क्या मौसी तो है ना याद नहीं क्या उस दिन क्या बाल बाल बचे थे " तभी शिप्रा दीदी का फोन बजा उन्होंने उठाया बात की तो उनकी मम्मी का फोन था शिप्रा दीदी फोन पे बात करने लगी और मैं उनके गाल पे हाथ फेरने लगा फिर उनके गाल पे हाथ फेरते फेरते मैं अपना हाथ नीचे लेके गया और उनकी गर्दन पे लेके गया ओर वहां फेरने लगा फिर मैं अपना नीचे ले गया और उनके टॉप से उनके दोनों बोबे दबाने लगा थोड़ी देर उनके बोबे दबाने के बाद मैं उठा और अपने रूम के बाहर झाँक के देखा तो पापा नहाने गए हुए थे और मम्मी बाहर सब्जी वाले से सब्जी ले रही थी
मैं फटाफट अंदर आया और शिप्रा दीदी पीछे बैठ गया और पीछे से सामने की तरफ हाथ डाल के उनके बोबे दबाने लगा उन्हें सहलाने लगा फिर मैंने उनके टॉप के गले में से अपना हाथ अंदर डाल दिया और उनकी वाइट ब्रा के ऊपर से उनके दोनों बोबे सहलाने लगा उन्हें दबाने लगा फिर मैं खड़ा हुए और मैंने वापस चेक किया मम्मी अभी भी बाहर ही थी मैं जल्दी से वापस अंदर आया और शिप्रा दीदी के सामने बैठ गया और उनके टॉप नीचे से पकड़ा और उसे ऊपर करने लगा उन्होंने फोन पे बात करते करते मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझसे इशारे में पूछा मैंने धीरे से कहा "सब बाहर है हाथ छोड़ो " उन्होंने मेरा हाथ छोड़ दिया और मैंने उनका टॉप ऊपर कर दिया और उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाने लगा फिर मैं झुका और उनकी ब्रा पे से उनके बोबो पे किस किया फिर मैंने उनकी ब्रा के दोनों कप ऊपर कर दिए और शिप्रा दीदी के नंगे बोबे दबाने लगा शिप्रा दीदी के निप्पल टाइट खड़े हुए थे मैं उनके बोबे चूसने लगा मैंने थोड़ी देर तक उनके दोनों नंगे बोबे चूसे
फिर मैं खड़ा हुआ और वापस चेक करके आया मम्मी अभी भी बाहर ही थी मैं जल्दी से वापस अंदर आया और शिप्रा दीदी के सामने जाके खड़ा हो गया और अपना लोअर और अंडरवियर नीचे कर दिया मेरा खड़ा लंड शिप्रा दीदी के सामने था वो मेरी इस हरकत से सकपका गयी और मुझसे इशारे में पूछा क्या कर रहा है मैंने धीरे से कहा सब बाहर है चूसो ना उन्होंने वापस इशारे में कहा फोन पे हूँ मैं अपना लंड उनके मुह के पास ले गया और उनके होंठो पे टच कर दिया शिप्रा दीदी ने फोन दूसरे हाथ में लिया और अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपने मुह में लिया और चूसने लगी और फोन पे ' ह्म्म्म ह्म्म्म्म " करने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था जब शिप्रा दीदी फोन पे बात सुनती तब मेरा लंड अपने मुह में लेके चूसती और फोन पे ह्म्म्म ह्म्म्म्म करती और जब उन्हें जवाब देना होता तब वो मेरा लंड अपने मुह से बाहर निकालती और उसे अपने हाथ से ऊपर नीचे करती रहती और जवाब देती मुझे बहुत मजा आ रहा था शिप्रा दीदी ऐसा करते जा रही थी और मैं उनके दोनों नंगे बोबे अपने हाथों से दबा रहा था थोड़ी देर तक हम यही करते रहे
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.