18-05-2024, 11:34 AM
प्रीती दीदी ऐसे ही थोड़ी देर तक खुद को नंगी कांच में निहारती रही फिर उन्होंने शमीज पहनी और उसके ऊपर स्लीवलेस टॉप पेहेन लिया और केप्री पेहेन ली मैंने जल्दी से पेपर का टुकड़ा छेद में वापस डाला और रूम से बाहर आ गया लेकिन मेरी हालत बहुत ख़राब थी पहले शिप्रा दीदी को पूरी नंगी देखा थोड़ी देर अपना लंड चुस्वाया फिर प्रीती दीदी को आधी नंगी देख लिया मेरी हालत ख़राब हो गयी थी एक बार तो मैंने सोचा की मुट मार लू क्या लेकिन फिर मन मैं ख्याल आया नहीं खुद के हाथ से वो मजा कहा जो मजा शिप्रा दीदी के मुह में है यही सोच के मैंने सोचा की रात को ही चुस्वाऊंगा शिप्रा दीदी को फिर मैं किचन में गया शिप्रा दीदी बर्तन साफ़ कर रही थी खड़ी खड़ी और मम्मी खाना बना रही थी तभी प्रीती दीदी की आवाज आई " मम्मी पास वाली आंटी आपको बुला रही है " मम्मी उठ के किचन से बाहर चली गयी
मैंने इधर उधर देखा बाहर कोई नहीं था मैंने झट से शिप्रा दीदी को पीछे से पकड़ लिया और उनके बोबे उनके टॉप पे से दबाते हुए उनके गले को चूमते हुए कहा "यार दीदी कुछ रास्ता निकालो बहुत मूड हो रहा है आप तो आधे में से ही चली गयी " शिप्रा दीदी बोली "अभी तो छोड़ मुझे रात को देखते है " मैं उनकी पीठ पर किस करने लगा फिर मैंने थोडा सा पानी लिया और शिप्रा दीदी के टॉप के गले में से अंदर डाल दिया शिप्रा दीदी मचल गयी और कहा "शैतान क्या कर रहा है मैं फिर वापस शिप्रा दीदी के बोबे दबाने लगा उनके बोबे दबाते दबाते मैंने पीछे मुड के देखा तो मुझे इसे लगा की वहां से अभी अभी कोई गया हो मैं उन्हें छोड़ के किचन के गेट के पास गया तो वहां कोई नहीं था मैं फिर शिप्रा दीदी को छेड़ने लगा इस बार वापस मुझे ऐसा लगा जेसे की हमें कोई देख रहा हो
मैंने सामने पड़ी कांच की प्लेट में से ध्यान से देखा तो मुझे हरे कलर का कुछ नजर आया मैंने फिर शिप्रा दीदी को छोड़ा और किचन से बाहर आ गया बेडरूम में प्रीती दीदी टीवी देख रही थी और उन्होंने हरे कलर का टॉप पेहेन रखा था मैंने सोचा कहीं प्रीती दीदी ने तो हमें नहीं देख लिया मैं प्रीती दीदी के पास जाके बैठा तो प्रीती दीदी मुझे देखने लगी मैंने उन्हें देखते हुए कहा की "क्या हुआ दीदी " उन्होंने ना में सर हिलाया लेकिन आज वो मुझे बहुत अजीब तरह से देख रही थी थोड़ी देर में मम्मी ने बोला "चलो बच्चे लोग सब खाना खाओ आ जाओ " हम सब टेबल पे बैठ गए शिप्रा दीदी और प्रीती दीदी मेरे सामने बैठी थी थोड़ी देर में हम खाना खाने लगे खाना खाते खाते मैंने अपना पैर शिप्रा दीदी के पैर पे फेरा वो मुझे देख के मुस्कुराई मैं भी उन्हें देख के मुस्कुराया फिर मैंने प्रीती दीदी की तरफ देखा तो वो मुझे ही देख रही थी मेरी फट गयी की कहीं उन्होंने मुझे देख तो नहीं लिया शिप्रा दीदी को इशारे करते हुए फिर मैं चुप चाप खाना खाने लगा खाना खाके हम लोग टीवी देखने लगे तभी प्रीती दीदी को मम्मी ने बुला लिया
मैंने इधर उधर देखा बाहर कोई नहीं था मैंने झट से शिप्रा दीदी को पीछे से पकड़ लिया और उनके बोबे उनके टॉप पे से दबाते हुए उनके गले को चूमते हुए कहा "यार दीदी कुछ रास्ता निकालो बहुत मूड हो रहा है आप तो आधे में से ही चली गयी " शिप्रा दीदी बोली "अभी तो छोड़ मुझे रात को देखते है " मैं उनकी पीठ पर किस करने लगा फिर मैंने थोडा सा पानी लिया और शिप्रा दीदी के टॉप के गले में से अंदर डाल दिया शिप्रा दीदी मचल गयी और कहा "शैतान क्या कर रहा है मैं फिर वापस शिप्रा दीदी के बोबे दबाने लगा उनके बोबे दबाते दबाते मैंने पीछे मुड के देखा तो मुझे इसे लगा की वहां से अभी अभी कोई गया हो मैं उन्हें छोड़ के किचन के गेट के पास गया तो वहां कोई नहीं था मैं फिर शिप्रा दीदी को छेड़ने लगा इस बार वापस मुझे ऐसा लगा जेसे की हमें कोई देख रहा हो
मैंने सामने पड़ी कांच की प्लेट में से ध्यान से देखा तो मुझे हरे कलर का कुछ नजर आया मैंने फिर शिप्रा दीदी को छोड़ा और किचन से बाहर आ गया बेडरूम में प्रीती दीदी टीवी देख रही थी और उन्होंने हरे कलर का टॉप पेहेन रखा था मैंने सोचा कहीं प्रीती दीदी ने तो हमें नहीं देख लिया मैं प्रीती दीदी के पास जाके बैठा तो प्रीती दीदी मुझे देखने लगी मैंने उन्हें देखते हुए कहा की "क्या हुआ दीदी " उन्होंने ना में सर हिलाया लेकिन आज वो मुझे बहुत अजीब तरह से देख रही थी थोड़ी देर में मम्मी ने बोला "चलो बच्चे लोग सब खाना खाओ आ जाओ " हम सब टेबल पे बैठ गए शिप्रा दीदी और प्रीती दीदी मेरे सामने बैठी थी थोड़ी देर में हम खाना खाने लगे खाना खाते खाते मैंने अपना पैर शिप्रा दीदी के पैर पे फेरा वो मुझे देख के मुस्कुराई मैं भी उन्हें देख के मुस्कुराया फिर मैंने प्रीती दीदी की तरफ देखा तो वो मुझे ही देख रही थी मेरी फट गयी की कहीं उन्होंने मुझे देख तो नहीं लिया शिप्रा दीदी को इशारे करते हुए फिर मैं चुप चाप खाना खाने लगा खाना खाके हम लोग टीवी देखने लगे तभी प्रीती दीदी को मम्मी ने बुला लिया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.