Thread Rating:
  • 4 Vote(s) - 2 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Incest मेरी प्यारी दीदी मुझसे चुद गई
मैं और मेरी प्यारी दीदी

Sleepy





पड़ेगा 





आज मैं बहुत ज्यादा मूड में था थोड़ी देर बाद दीदी नहा के कपडे चेंज कर के आई बड़ी ही सेक्सी लग रही थी दीदी ने नहा के सलवार सूट पहना था उन्होंने डार्क बेंगनी कलर का सूट पेहेन रखा था उनके गोरे कलर पे वो डार्क सूट बहुत ही सेक्सी लग रहा था उनका कुरता बहुत ही पतला था और उनके बदन से चिपका हुआ था जिसकी वजह से उनका फिगर बहुत ही सेक्सी लग रहा था उनके टाइट बोबे उस चिपके हुए कुर्ते में से बाहर आ रहे थे और नीचे उनके पतले पेट पर कुरता चिपका हुआ था उनके पतले कुर्ते में से मुझे उनकी पूरी ब्रा का शेप उनकी ब्रा की स्ट्रैप्स साफ़ दिख रही थी उनकी पटियाला सलवार भी उतनी ही पतली थी और दीदी की गोरी गोरी झान्गें नजर आ रही थी उनके बालो की लटे बार बार उनके चेहरे पे आ रही थी और वो अपनी उंगलियों से उन्हें अपने कान के पीछे करती उनका ये रूप देख के मैं पागल हो गया मैं उनके बाथरूम में गया और उनकी उतारी हुई ब्रा पेंटी को पागलो की तरह सूंघने लगा उनकी ब्रा पेंटी में से उनके बदन की बहुत ही कमसिन और कामुख खुशबु आ रही थी मैं यही सब कर रहा था इतने में दीदी की आवाज आई "कहाँ है सोनू खाना खा ले " 





मैंने दीदी की ब्रा पेंटी रखी और बाहर आ गया हम दोनों ने खाना खाया आज तो दीदी के चेहरे पे अजीब सी ख़ुशी और चमक थी हम दोनों खाना खाने लगे थोड़ी देर में दीदी ने खाना खा लिया और वो बोतल से पानी पीने लगी थोडा सा पानी उनके मुह से गिर के उनके गले से होता हुआ उनके कुर्ते के गले के अंदर चला गया मैं सोचने लगा की काश मैं भी एसे ही अंदर जा पता वो सीन बहुत ही सेक्सी था तभी थोडा सा पानी दीदी के कुर्ते के बाहर गिर गया उनके बोबे पे और गीला होने के कारण मुझे दीदी का निप्पल का शेप दिखा आज इन सब से मैं पागल हो चुका था अब मैंने सोच लिया था की आज रात को दीदी के जिस्म को छुउंगा वापस शाम को मैं खेलने चला गया खेल के वापस आया तो देखा की दीदी नेल पोलिश लगा रही थी मैंने सोचा दीदी आज तो वेसे ही इतनी कातिल लग रही हो और जुल्म क्यों ढा रही हो मैं जाके दीदी के सामने बैठ गया फिर दीदी ने अपने पैरो के नेल्स पे नेल पोलिश लगाना शुरू की जेसी ही दीदी बार बार झुकती मुझे उनकी ब्रा में क़ैद उनके बोबो का थोडा थोडा ऊपर का हिस्सा दिखाई देता मैं आज सुबह से ही बहुत उत्तेजित था मैं रात होने का इन्तेजार करने लगा 





थोड़ी देर बाद रात हो गयी हम लोग खाना खाने लगे खाना खाके दीदी और मम्मी टीवी देखने लगे लेकिन मैंने आज टीवी नहीं देखा मैं रूम मैं आके लाइट बंद करके लेट गया करीब आधे घंटे बाद दीदी अंदर आयी उन्होंने लाइट जलाई मैं सोया नहीं था सोने का नाटक करने लगा दीदी ने लाइट जला के बोला "ओये भंगी सो गया क्या " मैंने कोई जवाब नहीं दिया इतने में मम्मी आई और बोली "अरे प्रीती क्या हुआ सोनू आज इतनी जल्दी कैसे सो गया " दीदी ने कहा " थक गया हो मम्मी खेल खेल के " फिर दीदी ने कहा "अच्छा मम्मी सुनो ना यार मुझे थोड़ी खांसी हो रही है और चेस्ट में भी पेन हो रहा है थोडा थोडा " मम्मी ने कहा "और नहा ले गर्मी में आके इसलिए मना करती हू रुक दवाई लाती हु और हाँ अगर चेस्ट में पेन हो रहा है तो रात को ब्रा का हुक खोल के सो जाना या फिर ब्रा उतार देना और खाली शमीज और टॉप पेहेन लेना " दीदी ने कहा " हाँ मम्मी ब्रा उतार ही देती हूँ और खाली शमीज पेहेन लेती हूँ और ऊपर से टॉप डाल लूंगी " मम्मी ने कहा "ठीक है " मैं ये सब सुन रहा था और मैं मन ही मन बहुत ख़ुश था की चलो आज तो दीदी ब्रा उतार की सोयेंगी तो मैं उनके बोबे आराम से छू पाऊँगा 





थोड़ी देर बाद दीदी ने लाइट ऑफ की और वो भी सो गयी मैं थोडा टाइम निकलने का इन्तेजार करने लगा थोड़ी देर बाद मैंने दीदी को आवाज दी दीदी ने कुछ जवाब नहीं दिया मैंने और तेज आवाज दी दीदी कुछ नहीं बोली फिर मैं उठा दीदी मेरी तरफ पीठ करके सो रही थी मैंने दीदी की गांड पे हाथ रखा और उन्हें जगाने की कोशिश की लेकिन दीदी नहीं उठी मैंने सोचा आज दीदी इतनी गहरी नींद में कैसे सो रही है फिर मुझे लगा की शायद कल विवेक सर वाली टेंशन में दीदी रात भर नहीं सो पाई होंगी इसलिए आज सो रही है ढंग से मैंने सोचा आज बहुत ही अच्छा मौका है मैं दीदी के मुह की तरफ गया और दीदी के कंधे पे हाथ रख उन्हें उठाने लगा दीदी ने अद्खुली पलकों से मुझे देख के कहा "क्या हुआ सोनू " मैंने कहा "दीदी मुझे डर लग रहा है " दीदी ने कहा " आजा यहाँ पे आजा मेरे बेड पे यहाँ सोजा मेरे पास और अब डिस्टर्ब मत करना " मैंने कहा " ठीक है दीदी " अब मैं दीदी के बेड पे उनके बिलकुल पास लेटा हुआ था दीदी मेरी तरफ मुंह करके सो रही थी मेरा लंड खड़ा था 





मैंने धीरे धीरे अपना हाथ दीदी की झांघ पे रखा और धीरे धीरे अपना हाथ उनकी कोमल और नरम झांघ पे फेरने लगा फिर मैं अपना हाथ धीरे धीरे ऊपर की तरफ लेके जाने लगा मुझे दीदी की पेंटी की लाइन महसूस हुई मैंने अपना हाथ फेरना जारी रखा और अब मेरा हाथ दीदी की गांड तक पहुँच गया था मैं अपना हाथ दीदी की गांड पे फेरने लगा उनकी गांड को सहलाने लगा फिर मैंने अपना हाथ दीदी की गांड पे से और ऊपर उनके टॉप और उनकी शमीज के अंदर दीदी की पीठ की तरफ किया आज उनकी पीठ पूरी नंगी थी आज दीदी ने ब्रा नहीं पहनी थी मैंने थोड़ी देर दीदी की नंगी पीठ पे हाथ फेरा फिर अपना हाथ निकाला और दीदी के हाथ पर अपना हाथ रखा और धीरे से उनका हाथ अपने लोअर पे से अपने खड़े हुए लंड पर टच करवाया मुझे 1 करंट सा लगा फिर मैं अपने होंठ दीदी के होंठो की तरफ लेके गया और उन्हें धीरे से किस किया आज मैंने पहली बार अपनी दीदी को किस किया था दीदी को किस करना मेरा बहुत ही अलग अनुभव था दीदी को किस करने के बाद मैं और ज्यादा मदहोश हो गया था बहुत नरम और कोमल होंठ थे मेरी प्यारी दीदी के मैं फिर धीरे से अपना हाथ दीदी के टॉप पर लेके गया और उनके टॉप पे से उनके नरम बोबे दबाये कितने मुलायम बोबे थे दीदी के मैं थोड़ी देर तक उनके बोबे दबाता रहा फिर





मैंने दीदी के होठो पे वापस किया और उन्हें किस करते करते मैं उनके बोबे दबाने लगा अब मैंने अपना लोअर उतार दिया मेरा लंड बाहर आ गया था अब मैं नंगा दीदी के साथ उन्ही के बेड पे था मैंने दीदी का हाथ लिया और उनके हाथ मैं अपना नंगा लंड पकडाया और धीरे धीरे ऊपर नीचे करने लगा और उनके बोबे दबाना लगा फिर उन्हें किस करने लगा फिर मैंने उनके पेट पर अपना हाथ रखा और धीरे धीरे उनका टॉप और उनकी शमीज ऊपर करने लगा और दीदी के नंगे बोबे मेरे सामने थे आज मैंने बड़े ध्यान से और आराम से अपनी दीदी के प्यारे बोबो को देखा उनके बोबे गोरे गोरे और मोटे मोटे थे और उनके निप्पल ब्राउन कलर के बहुत छोटे छोटे थे मैंने पहले दीदी के नंगे बोबो पे अपना हाथ फेरा उन्हें दबाया उन्हें सहलाया फिर उन्हें किस किया और फिर उनका 1 निप्पल अपना मुह मैं ले लिया आज मैंने पहली बार अपनी दीदी का निप्पल मुह मैं लिया था मैं उनके निप्पल को चूसने लगा दीदी का निप्पल खड़ा हो चूका था मैंने दीदी के पूरे बोबे को अपने मुह में लिया और चूसने लगा दीदी के बोबे को चूसते चूसते अपने आप ही मेरा हाथ दीदी के दोनों जाँघों के बीच उनकी चूत पे चला गया मैं दीदी की कैप्री के ऊपर से उनकी पूरी चूत पे अपना हाथ फेरने लगा फिर मैंने दीदी का दूसरा बोबा चूसना चालू किया और अपना हाथ दीदी की केप्री के अंदर डाल दिया और उनकी पेंटी के ऊपर से उनकी चूत पे सामने की तरफ से ऊपर से लेके नीचे तक पूरी चूत में अपना हाथ फेरने लगा मैं तो बिलकुल ही ये भूल चूका था की मैं ये सब तब कर रहा था जब दीदी सो रही थी 





फिर मैंने दीदी की केप्री उतारने की सोची लेकिन उनकी कैप्री का इलास्टिक बहुत टाइट था वो नीचे नहीं हुई अब मैंने दीदी की केप्री और चड्डी उतारने का विचार त्याग दिया और मैं वापस दीदी के बोबे चूसने लगा और उनकी केप्री के अंदर से उनकी पेंटी पे से उनकी चूत पे हाथ फेरने लगा मैं बहुत ज्यादा गरम हो चूका था मैंने अपना लोअर थोडा सा दीदी के पेरो पे डाला और थोडा सा चादर पे ताकि मुट यहाँ वहां ना गिर जाए फिर मैंने दीदी के बोबो को उनके निप्पल को चुसना चालू किया और अपने हाथ से दीदी का हाथ पकड़ा और उनके हाथ से अपना नंगा लंड पकड़वाया और उसे ऊपर नीचे करने लगा मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था दीदी के हाथों में तो जादू था मैं जल्दी जल्दी दीदी के बोबे चूसने लगा और जल्दी जल्दी उनके हाथ से अपना लंड हिलाने लगा थोड़ी देर में मेरा मुट निकल गया आज मेरा बहुत सारा मुट निकला था आज मैं बहुत संतुष्ट था थोड़ी देर बाद मैं सही हुआ मैंने अपने पास देखा मेरी आधी नंगी दीदी मेरे साथ बेड पे थी मैंने दीदी के होठो पे वापस बहुत ही गहरा और लंबा किस किया फिर उनके कपडे ठीक किये अपना लोअर हटाया उसे छुपा के नया लोअर पेहेन के दीदी के पास आके लेट गया मुझे पता नहीं कब नींद आ गयी सुबह हुई तो दीदी ने मुझे उठाया "सोनू उठ जा स्कूल जाना है " मैं उठा फिर दीदी मेरे पास आई और बोली "क्यों डर गया था कल तू क्या हुआ ".......





फिर मैंने दीदी की केप्री उतारने की सोची लेकिन उनकी कैप्री का इलास्टिक बहुत टाइट था वो नीचे नहीं हुई अब मैंने दीदी की केप्री और चड्डी उतारने का विचार त्याग दिया और मैं वापस दीदी के बोबे चूसने लगा और उनकी केप्री के अंदर से उनकी पेंटी पे से उनकी चूत पे हाथ फेरने लगा मैं बहुत ज्यादा गरम हो चूका था मैंने अपना लोअर थोडा सा दीदी के पेरो पे डाला और थोडा सा चादर पे ताकि मुट यहाँ वहां ना गिर जाए फिर मैंने दीदी के बोबो को उनके निप्पल को चुसना चालू किया और अपने हाथ से दीदी का हाथ पकड़ा और उनके हाथ से अपना नंगा लंड पकड़वाया और उसे ऊपर नीचे करने लगा मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था दीदी के हाथों में तो जादू था मैं जल्दी जल्दी दीदी के बोबे चूसने लगा और जल्दी जल्दी उनके हाथ से अपना लंड हिलाने लगा थोड़ी देर में मेरा मुट निकल गया आज मेरा बहुत सारा मुट निकला था आज मैं बहुत संतुष्ट था थोड़ी देर बाद मैं सही हुआ मैंने अपने पास देखा मेरी आधी नंगी दीदी मेरे साथ बेड पे थी मैंने दीदी के होठो पे वापस बहुत ही गहरा और लंबा किस किया फिर उनके कपडे ठीक किये अपना लोअर हटाया उसे छुपा के नया लोअर पेहेन के दीदी के पास आके लेट गया मुझे पता नहीं कब नींद आ गयी सुबह हुई तो दीदी ने मुझे उठाया "सोनू उठ जा स्कूल जाना है " मैं उठा फिर दीदी मेरे पास आई और बोली "क्यों डर गया था कल तू क्या हुआ "....

मैंने दीदी के होठो पे वापस बहुत ही गहरा और लंबा किस किया फिर उनके कपडे ठीक किये अपना लोअर हटाया उसे छुपा के नया लोअर पेहेन के दीदी के पास आके लेट गया मुझे पता नहीं कब नींद आ गयी सुबह हुई तो दीदी ने मुझे उठाया "सोनू उठ जा स्कूल जाना है " मैं उठा फिर दीदी मेरे पास आई और बोली "क्यों डर गया था कल तू क्या हुआ "......... 

अब आगे - मैंने दीदी से कहा "वो दीदी मुझे बाहर से कुछ आवाजें आ रही थी इसलिए मुझे डर लग रहा था लेकिन आप कल रात को इतनी ज्यादा गहरी नींद में कैसे सो रही थी " दीदी ने बोला " अरे सोनू वो विवेक सर की टेंशन के कारण परसों नींद ही नहीं आई और कल मम्मी ने खांसी की दवाई भी दे दी थी तो उससे और ज्यादा नींद आ गयी चल अब तैयार हो जा फटाफट स्कूल के लिए " फिर हम दोनों स्कूल के लिए हमारी स्कूल बस का वेट करने लगे बस आयी तो मैंने देखा की बस का कंडेक्टर मेरी दीदी को घूर घूर के देख रहा था फिर जेसे ही दीदी बस म चडी तो कंडेक्टर ने धीरे से अपना हाथ दीदी की गांड पे फेरा उसने ऐसा इतने ध्यान से किया की किसी ने नोटिस नहीं किया लेकिन वो मैंने देख लिया था थोड़ी देर बाद हम स्कूल पहुंचे स्कूल मे कुछ ख़ास नहीं हुआ 1 बजे हम स्कूल से घर पहुंचे घर पहुँच के देखा तो डाइनिंग टेबल पे 1 लड़की बैठी हुई थी और खाना खा रही थी मैंने दीदी से पूछा " ये कौन है दीदी " दीदी ने कहा "स्टुपिड मुझे क्या पता मैं भी तो स्कूल से आई हु अभी अभी तेरे साथ " इतने में मम्मी ने बोल "अरे बच्चो आ गए तुम देखो तो कौन आया है " 



उस लड़की ने पीछे मुड के देखा तो दीदी चिल्ला पड़ी " माय गॉड शिप्रा दीदी आप कब आये " और दीदी भाग के उनके गले लग गयी शिप्रा दीदी को मैं नहीं पहचान पाया क्योंकि मैं उनसे बचपन में मिला था वो मेरी मौसी की लड़की थी जो बी कॉम फाइनल इयर में थी बहुत ही सेक्सी लग रही थी वो दीदी से खूब गले मिली और बोली " ओहो मेरी प्रीती बहुत बड़ी हो गयी तू तो कौनसी क्लास में है तू " दीदी ने कहा " दीदी 12 th में हू और आप क्या कर रहे हो आजकल " तो शिप्रा दीदी ने बोला " मेरा बी कॉम का फाइनल इयर चल रहा है " फिर शिप्रा दीदी ने मेरी दीदी को साइड मे किया और मुझे देख के बोली "ओ हेल्लो मिस्टर कौनसी दुनिया में हो , तूने तो मुझे पहचाना ही नहीं होगा छोटा सा था जब मैं मिली थी तुझसे " मुझे तो शिप्रा दीदी की कोई बात सुनाई ही नहीं दीक्योंकि मैंने उन्हें देखा तो देखता ही रह गया 







ब्लैक कलर का टॉप ब्लू कलर की जींस लम्बे बाल सर पे गोगल लगा हुआ होंठो पे लाइट ब्राउन कलर का लिप ग्लॉस 1 हाथ में घडी और 1 हाथ मे बेन्गल्स वो बहुत ही हॉट और सेक्सी लग रही थी वो मेरे पास आई और चुटकी बजा के बोली "ओये दीन दुनिया से बेखबर कौनसी दुनिया में है पहचाना या नहीं " मैंने ना में सर हिला दिया उन्होंने कहा "भोंदूमल मैं शिप्रा हु तेरी मौसी की लड़की अब कुछ याद आया " इतने में मम्मी बोल पड़ी " अरे शिप्रा इसे कहाँ से याद होगा ये तो बहुत ही छोटा था तब फिर तुम मिले भी तो नहीं उसके बाद " तो शिप्रा दीदी ने कहा "अरे तो अब मिल लेंगे मौसी , कौनसी क्लास मे है तू भोंदूमल " मैंने कहा "10th में " तभी दीदी ने बोल " शिप्रा दीदी आज इतने सालो बाद 1 दम से कैसे आना हुआ " तो शिप्रा दीदी ने कहा "अरे यार मेरे फाइनल इयर के एग्जाम आने वाले है तो 2 - 3 बुक्स है जो मिल नहीं रही है बस वही लेने आई थी यहाँ से परसों निकलने का प्लान है " 



इसपे दीदी बोली "क्या दीदी इतने सालो बाद आये हो और बस 2 दिन में चले जाओगे थोडा तो रुको " तो शिप्रा दीदी ने कहा "अरे प्रीती अभी एग्जाम है बाद में आउंगी फिर छुट्टियों में " मैं तो छुप छुप के बस शिप्रा दीदी को ही देख रहा था वो बहुत सेक्सी थी मैं उनका दीवाना हो चूका था उन्होंने v नैक का टॉप पेहेन रखा था जिसमे से उनके कंधो पर से उनकी ब्रा की 1 स्ट्रेप दिख रही थी शिप्रा दीदी ने वाइट कलर की ब्रा पेहेन रखी थी मेरी नजरे उनके पूरे बदन पे थी उनके टॉप में से उनके बोबे बाहर आ रहे थे फिर नीचे टॉप उनके पेट से चिपका हुआ था और जीन्स में से उनकी प्यारी कोमल गांड बाहर आ रही थी मैं उनके टॉप के गले में से उनके बोबे देखने की कोशिश कर रहा था इतने में मम्मी ने कहा "अरे शिप्रा तू नहा के फ्रेश हो जा और रेस्ट कर ले थोड़ी देर " शिप्रा दीदी ने कहा "जी मौसी " और कुर्सी पे से उठते हुए अपने सेंडल उठाने लगी जैसे ही वो झुकी उनके टॉप के गले में से मुझे अंदर का नजारा देखने का मौका मिला मुझे शिप्रा दीदी की ब्रा की थोड़ी सी झलक मिली 



लेकिन तभी शिप्रा दीदी ने अपना मुह ऊपर करके बोला " अरे सोनू सुन तो " और उन्होंने मुझे उनके टॉप के गले में झांकते हुए पकड़ लिया मैंने जल्दी से अपनी नजरे हटा ली लेकिन मैं जनता था की शिप्रा दीदी मुझे देख चुकी है उनके टॉप के अंदर झांकते हुए वो थोडा सा मुस्कुराई शायद वो समझ गयी थी की मैं क्या देख रहा था उन्होंने मुझसे कहा "अरे सोनू सुन मुझे 2 शेम्पू का पाउच ला के दे " मैंने कहा " हाँ दीदी " मैंने सोचा की बाल बाल बच गए आज तो फिर मैंने सोचा की शिप्रा दीदी नहाने जाने वाली है तो क्यों ना उन्हें नंगी देखा जाये मैं जल्दी से शेम्पू के पाउच लेके आया उन्हें दिए और अपने रूम में जाके बैठ गया थोड़ी देर में शिप्रा दीदी नहाने गयी उन्होंने दरवाजा बंद किया और इतने मैं मेरी दीदी रूम में आगयी और बोली "ओये तुझे मम्मी बुला रही है जा " मुझे इतना गुस्सा आया अपनी दीदी पर की यार इसे भी अभी ही आना था क्या खैर मैंने सोचा चलो रहने दो बाद में देखेंगे कभी और बहार चला गया थोड़ी देर बाद शिप्रा दीदी नहा के बाहर आयी बहुत ही सेक्सी लग रही थी


गीले गीले बाल गोरा चेहरा डार्क ब्लू कलर का स्लीवलेस टॉप चेक्स वाला पजामा चिकने चमकते हाथ वो बहुत सेक्सी लग रही थी थोड़ी देर बाद शिप्रा दीदी और मेरी दीदी दोनों बैठ कर टीवी देखने लगे मैं चुपके से बाथरूम में गया और वहा पे शिप्रा दीदी की ब्रा और पेंटी ढूँढने लगा फिर मैंने देखा की उन्होंने अपने टॉवल के नीचे अपनी ब्रा और पेंटी धोके सुखा रखी थी मैंने उनकी पेंटी उठाई और उसे सूंघने लगा और शिप्रा दीदी की ब्रा को अपने मुह पे रगड़ने लगा उनकी पेंटी में से बहुत ही कातिल और कमसिन खुशबु आ रही थी मेरा लंड खड़ा हो चुका था मैंने शिप्रा दीदी की पेंटी अपने पूरे नंगे लंड पे फेरी मैं उनकी पेंटी अपने लंड पर लपेट ही रहा था रहा था की तभी मम्मी ने मुझे आवाज लगायी मैंने जल्दी से शिप्रा दीदी की ब्रा पेंटी वापस उसी जगह रखी खुद को नार्मल किया और बाहर आया मुझे देख " मम्मी ने बोला कहाँ घूम रहा है शिप्रा दीदी बुला रही है ना कम से कम ढंग से मिल तो ले उनसे
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
RE: अरे दीदी - by neerathemall - 19-11-2019, 03:25 PM
RE: मेरी प्यारी दीदी मुझसे चुद गई - by neerathemall - 18-05-2024, 11:09 AM



Users browsing this thread: 20 Guest(s)