15-05-2024, 02:32 PM
सलोनी- रुक तो, कुछ चेंज तो कर लूँ…
रिया- अरे नहीं भाभी, वहाँ हम दोनों ही हैं, ऐसे ही आ जाओ…
और वो सलोनी को वैसे ही गाउन में ही अपने साथ ले गई।
मैं फिर से पीछे से उसी कमरे में पहुँच गया। रिया तो सलोनी को कमरे में छोड़कर वापस चली गई।
बहुत समझदार थी वो, शायद सलोनी को खुलकर मजा लेने के लिए ही उसने ऐसा किया था।
सलोनी- क्या हुआ अंकल? कहाँ है ऋतु?
मेहता अंकल ने सलोनी को चुप रहने का इशारा किया और उसको सोती हुई ऋतु को दिखाया।
फिर उन्होंने कसकर सलोनी का हाथ पकड़ा और उसको अपने बिस्तर की ओर ले गए।
सलोनी बहुत डरी हुई सी बार बार ऋतु की ओर देख रही थी, वो केवल अपना सर हिलाकर मना कर रही थी।
मेहता अंकल- अरे यार, बहुत परेशान हूँ, बहुत मुश्किल से तुमको बहाने से बुलाया है, बस जरा देर की बात है, अंकुर तो अभी सो ही रहा होगा?
सलोनी- उफ़्फ़्फ़ क्या करते हो अंकल… वो उठ गए हैं, बाथरूम गए हैं।
मेहता अंकल ने सलोनी की हाफ नाइटी को नीचे से पकड़ का उसके सर से निकाल दिया, सलोनी के हाथ अपने आप ही ऊपर को हो गए थे।
अब केवल एक छोटी सी धानी रंग की ब्रा में वो वहाँ खड़ी थी। कच्छी तो वो वैसे भी नहीं पहनती थी।
सलोनी- ओह क्या कर रहे हो अंकल? ऋतु भी यही है और ये भी आ सकते हैं!
मेहता अंकल ने उसकी एक नहीं सुनी, उन्होंने अपनी हथेली से सलोनी की चूत को सहलाया और पीछे से ही अपना लण्ड वहाँ फिट कर दिया।
सलोनी ने अपना एक पैर बिस्तर के ऊपर रख दिया, शायद वो समझ गई थी कि अंकल मानेंगे तो है नहीं… तो जल्दी से ही उनको निबटा दिया जाये।
मेहता अंकल- अरे कोई नहीं आएगा, तू बस जरा देर रुक जा… बहुत देर से परेशान हूँ।
‘आअह्ह्हा…आआ…आआआ…’
और उन्होंने अपना लण्ड सलोनी की चूत में प्रवेश करा दिया।
‘अह्ह्ह अह्ह्हाआआ अह्ह्हाआआ आह्ह्हा…’
कमरे में दोनों की सिसकारियाँ गूंज रही थी।
अंकल ने अपना एक हाथ सलोनी की ब्रा में डाल उसकी चूची को भी बाहर निकाल लिया था।
मेरा यहाँ बुरा हाल था, अब मेरा लण्ड भी चूत चाहने लगा था।
सलोनी की यह जल्दी जल्दी की चुदाई देखने में ज्यादा मजा नहीं आ रहा था।
मैं यह सोचने लगा कि रिया कहाँ है, कहीं वो मुझे ही तो नहीं खोज रही? चलो उसी से कुछ मस्ती कर ली जाये।
मेहता अंकल भले ही उसको ना चोद पाये हों पर मैंने तो मेंसिस में भी गाण्ड मारी है।
सोचा, चलो आज रिया की गांड ही मारी जाये।
मैं जल्दी से अपने बाथरूम में आकर अपने कमरे में आया…
अरे रिया तो यहाँ भी नहीं थी!
अरविन्द अंकल- ओह ..बड़ी देर लगा दी बेटा… लगता है मेरी तरह तुमको भी देर लगती है?
मुझे पता था अरविन्द अंकल को टॉयलेट में बहुत देर लगती है।
मैं- हाँ कुछ कांस्टीपेशन हो गया है।
अरविन्द अंकल जल्दी से बाथरूम में घुस गए और बोले- सलोनी अभी आ रही है, वो रिया के साथ किसी काम से गई है।
मुझे हंसी आ गई, मुझे तो पता था कि वो किस काम से गई है।
मैंने दरवाजा खोलकर गैलरी में झाँका, रिया कहीं नजर नहीं आई।
अब अपने लण्ड का इलाज केवल नलिनी भाभी ही दिखी, अरविन्द अंकल को तो अंदर देर लगने वाली ही थी।
मैंने भाभी के ऊपर पड़ी चादर हटा दी…
वाह… क्या नजारा था!
भाभी अपनी बाईं करवट से लेटी थी, उनकी नाइटी पेट से भी ऊपर थी, एक पैर मुड़ा हुआ आगे की ओर रखा था, कमर में आसमानी रंग की कच्छी थी पर वो चूतड़ एक ओर को सरक गई थी।
उनके विशाल चूतड़ और बीच की गुलाबी लाइन… सुरमई द्वार.. सब कुछ साफ साफ़ दिख रहा था।
मेरे पास भी ज्यादा समय तो था नहीं, सलोनी या रिया और अरविन्द अंकल कोई भी आ सकता था।
मैंने जल्दी से ही जरा सा अपना ही थूक हाथ में लिया, उसको उँगलियों की सहायता से भाभी की बीच से झांकती चूत पर लगाया, फिर अपना शॉर्ट्स उतार कर अपने लण्ड के टॉप पर लगाया।
मुझे ऑफिस से ही ऐसे थूक लगाकर चोदने में बहुत मजा आता है।
फिर मैंने अपना खड़े खड़े ही अपना लण्ड भाभी की चूत में खिसका दिया।
‘अह्ह्हा…आआआ…’
इस पोजीशन में चूत काफी टाइट लग रही थी।
मैंने पहले हल्के हल्के धक्के लगाये और जैसे ही चूत ने पानी छोड़ना शुरू किया, मेरे धक्कों की स्पीड बढ़ने लगी।
नलिनी भाभी वैसे ही लेटी थी, जरा भी नहीं हिल रही थी पर उनके मुख से निकलने वाली सिसकारियाँ बता रही थीं कि वो जाग चुकी हैं और पूरा मजा ले रही हैं।
क्या मजेदार चुदाई मैं आज कर रहा था, नलिनी भाभी का पति वहीं उसी कमरे के बाथरूम में था और यहाँ मैं उनकी सोती हुई बीवी को चोद रहा था।
यह सोचकर ही मेरा लण्ड और भी ज्यादा टाइट हो रहा था।
करीब 15 मिनट तक मैंने उनको जमकर चोदा.. फिर अपना गीला लण्ड उनकी चूत से बाहर निकाल कर उनके चूतड़ को हाथ से फैलाकर उनकी गांड में डाल दिया।
और तभी मेरे लण्ड ने ढेर सारा पानी उनके गांड के छेद में भर दिया।
यही वो क्षण था जब कमरे का दरवाजा खुला…
और…??
मैंने तुरंत लण्ड भाभी की गांड से बाहर निकाल लिया और चादर को उनके नंगे चूतड़ों पर डाल दिया।
लेकिन अपना लण्ड को अंदर नहीं कर पाया… मेरे शॉर्ट्स नीचे पड़े थे।
ओह! यह तो सलोनी है!
अंदर आते ही उसने सीधे मुझे ही देखा, कोई भी देखकर एक नजर में समझ जाता कि मैं क्या कर रहा था मगर सलोनी के चेहरे पर एक सेक्सी सी मुस्कुराहट ही थी।
सलोनी- क्या हुआ जानू? मेरे बिना परेशान हो गए क्या?
मैं- हाँ जानेमन… मैं भी और मेरा लण्ड भी!
CONTD....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All