14-05-2024, 04:29 PM
सभी ने सामने देखा… गाड़ी से कुछ आगे सामने ही जॉन अंकल मूतने के बाद तेजी से अपने लण्ड को हिला रहे थे, लण्ड अभी भी खड़ा था… इसलिए वहाँ से भी दिख रहा था।
तभी बाइक से एक लड़का वहाँ से गुजरा, उसके पीछे एक लड़की बैठी थी, वो मुस्कुराते हुए जॉन अंकल को देख रही थी।
अरविन्द अंकल- लो देख लो… हम मर्दों का नाम वैसे ही ख़राब कर रखा है। अब ये कैसे मस्ती ले रही है… हा हा हा…
सभी हंस पड़े।
सलोनी- चलो भाभी उतरो नीचे… हम भी देखें कोई जगह…!
नलिनी भाभी- अरे पगला गई है क्या… यहाँ खुले में कैसे?
सलोनी- अरे आप उतरो तो… वो पीछे शायद जगह है… वहाँ झाड़ियों में देखते हैं। पहले आप कर लेना, मैं बाहर देखती रहूंगी, फिर मैं कर लूंगी… चलो तो!
और दोनों नीचे उतर कर गाड़ी के पीछे की ओर चले गए।
अरविन्द अंकल- चल अंकुर, हम भी कर लेते हैं।
फिर हम दोनों भी बाहर आ गए।
तब तक जॉन अंकल हमारी ओर ही आ रहे थे, बोले- अच्छा हुआ… तुम दोनों भी कर लो, जाओ।
हम दोनों भी एक ओर मूतने लगे…
मैंने देखा जॉन अंकल गाड़ी से पानी की बोतल निकाल, पानी पीते हुए उधर ही देख रहे हैं जिधर वो दोनों शू शू करने गई थी।
तभी मुझे उस ओर नलिनी भाभी दिखाई दी, वो पेशाब करने के बाद उठ रही थी, मुझे दूर से साफ़ साफ़ तो नहीं… पर इतना पक्का था कि जॉन अंकल ने उनके मस्त गदराये चूतड़ जरूर देख लिए होंगे।
नलिनी भाभी ने भी अपने चूतड़ों को कई बार इधर उधर मटकाकर ही अपनी कैप्री को ऊपर किया।
फिर मैंने देखा कि सलोनी भी उधर ही चली गई और अपने शॉर्ट्स को नीचे करते हुए बैठ गई।
तभी जॉन अंकल पानी की बोतल लिए उधर ही चले गए, नलिनी भाभी हाथ से उनको मना कर रही थी, मगर वो उनके पास ही चले गए, मेरा भी हो गया था तो मैं भी जल्दी से उनके पास पहुँच गया।
मुझे उनकी बात सुननी थी।
जॉन अंकल- अरे बेटा.. मैं ये पानी लाया हूँ… लो अपनी उस जगह को अच्छी तरह साफ़ कर लो।
जब भी ऐसे बाहर टॉयलेट करते हैं तो जर्म्स लग जाते हैं, उसको धोना बहुत जरूरी होता है।
और नलिनी भाभी ने बोतल ले ली- ठीक है, अब आप तो जाइये, हम कर लेंगे।
जॉन अंकल भी ढीठता से हँसते हुए वहीं खड़े रहे।
मैंने देखा तभी सलोनी भी उन झाड़ियों से उठ खड़ी हुई, उसके तो चूतड़ बिल्कुल ही साफ दिख रहे थे।
उसने अपने हाथ में किसी कपड़े से ही अपनी चूत को साफ किया और फिर झुककर अपने शॉर्ट्स को ऊपर किया।
मैंने देखा जॉन अंकल घूर कर वहीं देख रहे थे। हो सकता है कि उनको सलोनी की चूतड़ों से झांकती चूत भी दिख गई हो क्योंकि वापस आते हुए उनका नेकर उनके लण्ड के उभार को अच्छी तरह दिखा रहा था और उनका चेहरा भी पूरा लाल था।
फिर ऐसे ही मस्ती करते हुए हम शादी वाली जगह पहुँच गए।
यहाँ तो चारों ओर मस्ती ही मस्ती नजर आ रही थी, बहुत ही शानदार होटल था, सभी कमरे ए सी थे और 3-4 लोगों के लिये एक कमरा सेट था।
हम चारों ने अपना सामान एक कमरे में सेट कर लिया था, अरविन्द अंकल और हम..!!
वहाँ पहुँचते हुए रात तो हो ही गई थी और थकान भी हो रही थी, खाना हम सबने वहीं मंगवाया और जल्दी ही खा लिया। फ़िर सभी ने कपड़े बदले और सो गए।
एक बेड पर हम दोनों और दूसरे पर अरविन्द अंकल, भाभी जी सो गए।
सलोनी और भाभी दोनों ने ही सेक्सी नाइटी ही पहनी थी, मगर सही ही लग रही थी।
नलिनी भाभी के तो अंडरगार्मेंट्स दिख रहे थे पर सलोनी ने यकीनन अंदर कुछ नहीं पहना था पर गहरी रंग की नाइटी होने से कुछ ज्यादा पता नहीं चल रहा था।
हम शरीफ जोड़े की तरह दोनों सो गए, शायद सभी बहुत थक गए थे।
लम्बी ड्राइव ने मुझे कुछ ज्यादा ही थका दिया था इसलिए नींद भी सही से नहीं आ रही थी।
मैंने उठकर देखा, हल्की रोशनी में दिखा कि सभी सो रहे थे।
सलोनी के ऊपर तो चादर थी पर नलिनी भाभी की पैर नंगे दिख रहे थे, शायद उनकी नाइटी ऊपर तक चढ़ गई थी।
मुझे पेशाब की हाजत महसूस हुई इसलिए बाथरूम में आ गया, फ्रेश होने के बाद देखा कि बाथरूम में पीछे की ओर एक दरवाजा था, मैंने सोचा कि देखूँ क्या है इसके पीछे !
वो पीछे की एक पतली गैलरी थी, सारे पाइप और ए सी वहाँ ही लगे थे।
वापस आने की सोच ही रहा था कि आगे एक कमरे से रोशनी बाहर आती नजर आई।
बस मन में शैतानी आ गई कि देखूँ कौन है उसमें…
वैसे भी इस फ्लोर के तो सभी कमरे हमारे लिए ही बुक थे।
चुपके से वहाँ जाकर देखा तो एक खिड़की खुली हुई थी।
अरे यह तो मेहता अंकल का कमरा था। अंकल तो रिया के साथ थे, दोनों पूरे नंगे थे, शायद रिया की कमर पर कच्छी थी, वो घुटनों के बल झुकी हुई अंकल के लण्ड से खेल रही थी।
कभी हाथ से पकड़कर हिलाती तो कभी अपने होंठों से रगड़ती !
मैं कुछ और पास को आया जिससे उनकी आवाज सुन सकूँ…
तभी मुझे ऋतु भी दिख गई, वो दूसरे बिस्तर पर सो रही थी।
मैंने अपने दिल में सोचा काश इसको भी नंगी देख पाता।
उधर वो दोनों मस्ती में लीन थे!
रिया- ओह डैड… मान जाओ ना ..लाओ हाथ से ही कर देती हूँ। मुझे क्या पता था कि इतनी जल्दी हो जायेगा, मुझे तो आपसे भी ज्यादा बुरा लग रहा है।
अरे इसका क्या हो गया यार? क्यों मना कर रही है चुदवाने से?
मेहता अंकल- अरे तू भी ना… खुद तो डेट से हो गई और ऋतु को चोदने को मना कर रही है? करने दे ना, बहुत जल्दी हो जायेगा!
रिया- नहीं, बिलकुल नहीं… मुझे पता है कि कितनी देर लगती है आपको! वैसे भी बड़ी मुश्किल से उसकी फ़ुद्दी को कुछ टाइट किया है!
आपने तो उसके दोनों छेदों का कबाड़ा ही कर दिया था। कितनी फैल गई थी उसकी चूत… वो तो मैंने कैसे-कैसे करके उसको टाइट किया है। और चूतड़ का छेद तो अभी भी सही नहीं हुआ है।
मेहता अंकल- अरे यार कुछ नहीं होता, वो बहुत समझदार है, सब संभाल लेगी। चल गांड में ही हल्का सा डाल कर फ्री हो जाता हूँ वरना परेशान हो जाऊँगा।
रिया- ओह आप समझते क्यों नहीं? उसको तो अभी आप भूल ही जाओ। जब शादी के बाद वो पहली बार आये तभी उसको चोद पाओगे! अभी के लिए सलोनी भाभी को बुला लो।
मेहता अंकल- अरे यार अंकुर उसके साथ है… ऐसे में कैसे होगा? मुझे क्या पता था कि वो इतनी छुट्टी निकल लेगा? मैंने तो सोचा था कि सलोनी अकेली आएगी, खूब मस्ती करूँगा। अह्हाआ… आहआ अब तो सब गड़बड़ हो गई..
तभी रिया उठकर अपना गाउन पहनते हुए बोली- रुको मैं देखती हूँ, शायद कुछ हो जाये।
और वो कमरे से बाहर को चली गई, मैं भी जल्दी से बाथरूम में आ गया, हल्का सा दरवाजा खोलकर देखा, रिया हमारे कमरे में आ गई थी और वो सलोनी को उठा रही थी।
अरविन्द अंकल भी वहीं खड़े थे, शायद उन्होंने ही दरवाजा खोला होगा।
रिया- सलोनी भाभी, प्लीज बहुत जरूरी काम है… आप आओ ना!
सलोनी ने जैसे ही चादर हटाई तो उसका गाउन कमर से भी ऊपर था जो उसने बिस्तर से नीचे आकर ही सही किया।
contd....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
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