14-05-2024, 01:13 PM
आज भी मैं नूर की गहरी ,गोल,रसीली नाभि में खोया हुआ था और उसके मुलायम गोल पहाड़ो जैसे ऊँची गांड के बारे में सो चा करता था I
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.