13-05-2024, 02:50 PM
अम्मी छत के दरवाजे में खड़ी होकर मेरे और रज़िया के साथ समीना आपा को भी देख पा रही थी।
अम्मी की बात सुनकर रज़िया एकदम से नीचे चली गई।
और अम्मी मुझसे बोली- "सग़ीर! तू अपनी आपा को लेकर ज़ल्दी आ कर खाना खा ले"
आपा का नाम सुनकर मुझे फिर से बीती रात का वाकिया याद आ गया।
मैं बोला- "अम्मी, मैं बाद में खा लूंगा। तुम आपा और रज़िया को बुलाकर खा लो"
अम्मी गुस्से में- "जब तक तू नहीं खायेगा तब तक रज़िया भी तो नहीं खाएगी। चल मेरे साथ, समीना तू भी चल"
समीना का नाम सुनकर मैं एकदम चौंक गया। मैंने इधर उधर नजर घुमाई तो पानी की टंकी की बगल से समीना आपा मेरे सामने आईं, मैं एकदम डर गया।
फिर अम्मी के साथ मैं और आपा नीचे चले गए।
मैं आकर खाने की मेज पर बैठ गया। मेरे बगल में रज़िया और रज़िया की बगल में अम्मी ने आपा को बैठने को कहा तो उन्होंने कहा कि उन्हें भूख नहीं है।
आपा ने अम्मी को खाने के लिए बैठने को कहा और सब को खाना परोसने लगी।
अम्मी हंस कर बोली- "समीना, आज तुझे भूख क्यों नहीं है? चल उस तरफ सग़ीर के बाज़ू में बैठ जा"
समीना आपा सिर झुकाकर मेरी दूसरी तरफ बैठ गई।
तब मेरी बीवी रज़िया समीना आपा से बोली- "आपा! अभी कुछ देर पहले तो आप बहुत खुश थी पर अचानक आपके चेहरे पर उदासी दिख रही है? फोन पर क्या जीजू से झगड़ा हो गया?"
इस पर समीना बनावटी हंसी से बोली- "रज़िया तू हमेशा मेरी मज़ाक उड़ाती है, एक दिन तुझे मुझसे बहुत मार पड़ेगी"
समीना नहीं चाहती थी कि कल रात के हादसे के बारे में रज़िया को कुछ पता चले।
रज़िया हंस कर बोली- "आपा, आप रात को ठीक से सो नहीं पाती होंगी, आज से आप ऊपर वाले कमरे में अकेली सो जाना और फिर फोन पर जीजू से बात करके मजा लेना"
ठीक उसी वक़्त रज़िया के फोन की घंटी बजी, वो हंस कर अपनी अम्मी से फ़ोन पर बात करती करती बाहर चली गई।
तब अम्मी ने आपा को कहा- "समीना, तू आज से अकेली और अलग कमरे में सोएगी"
इतना सुनकर समीना अचानक से मुझे देखने लगी।
मैं समझा कि शायद समीना आपा अपनी अम्मी और रज़िया के सुझाव से खुश नहीं है। मुझे लगा कि शायद आपा मेरे साथ चुदाई करवा कर खुश हैं।
लेकिन अम्मी मेरी मौजूदगी में ही समीना को घुमा फिरा कर सुझाव देने लगी- "तू चिंता मत कर समीना, मुझे पूरी उम्मीद है कि कल रात की तरह आज रात भी फ़रिश्ते तुझे सुकून और खुशी देने ज़रूर आएंगे। यह मेरी दुआ है तेरे लिए"
समीना आपा फिर से मेरी ओर देखने लगी। मैं समझ गया कि शायद आपा मुझसे जवाब मांग रही हैं।
अचानक मेरी ज़ुबान से निकला- "अम्मी सही बोल रही हैं आपा, आप देखना बहुत जल्दी ही आप की गोद ज़रूर भर जाएगी"
मेरी ज़ुबान से इतनी बात सुनते ही आपा की आँखे हैरानी से फ़ैल गई।
मैं खाना खाकर हाथ धोने ही वाला था कि अम्मी ने मुझे कहा- "सग़ीर! आज शाम को तू एक बार फिर समीना को मजार पर दुआ के लिए ले जाना, वहां से आज तक कोई खाली हाथ नहीं लौटा है"
आपा के कुछ बोलने से पहले ही अम्मी ने कहा- "तुम दोनों भाई बहन के बच्चे को देखने के लिए मेरी आँखें तरस रही हैं"
अम्मी की बात सीधी थी पर आपा और मैंने इस बात का उल्टा मतलब निकाला।
तो मैं हंस कर बात का रुख बदलते हुए बोला- "अम्मी, तुझे नानी और दादी बनने की बड़ी जल्दी है?"
अम्मी हंस कर बोली- "तुम दोनों तो मेरे दिल की धड़कन हो। मैं चाहती हूँ कि तुम दोनों के बच्चे तुम्हारी ही शक्ल लेकर इस दुनिया में आयें"
मुझे तो पूरी पूरी गलतफहमी हो चुकी थी कि आपा अपने भाई से चुदवा कर गर्भवती होना चाहती हैं। नहीं तो कल रात को जब मैं एक बार आपा को चोदकर वापिस आ रहा था तो आपा ने मुझे रोक कर फिर से दो बार चुदाई और क्यों करवायी?
मैं हंस कर अपनी अम्मी को बोला- "अगर हम दोनों भाई बहन के बच्चे हमारी शक्ल लेकर पैदा होंगे तो रफ़ीक़ जीजू और रज़िया का मन छोटा हो जाएगा"
अम्मी हंस कर बोली- "रज़िया और समीना की शक्ल तो मिलती जुलती है पर जमाई बाबू की शक्ल मुझे पसंद नहीं है"
इतना सुनकर आपा शर्म से पानी पानी हो दूसरे कमरे में चली गई।
इधर समीना सोचने लगी कि उसके भाई को सब पता चल चुका है। जब अम्मी ने घुमा फिरा कर उनको पिछली रात जैसी चुदाई दुबारा से मिलने को बोली तो सग़ीर ने हाँ क्यों बोल दिया?
इसका मतलब मेरी दुबारा चुदाई करने में सग़ीर को कोई एतराज नहीं था और फिर उसका क्या मस्त लण्ड था, सारी नसें कल रात में ढीली कर दीं मेरे भाई ने। और वो रफीक, वो तो बस ज़रा सी चुहिया लेकर ऊपर ऊपर ही घुमा कर तुरंत पानी छोड़ देता है इधर मेरे भाई ने तो एक रात में ही मेरी चूत का भोसड़ा बनादिया और क्या लण्ड था माल सीधा बच्चेदानी में गिराया जाकर। आह या ख़ुदा! पहली बार तूने मुझे चुदाई का सुख दिया है अब इससे मरहूम मत करना।
फिर समीना सोचने लगी कि रज़िया की पीरियड हर महीने रुक जाती थी तब वह गर्भपात वाली गोलियां खा कर अपना पीरियड शुरु करती है। इसका मतलब मुझे भी वह माँ ज़रूर बना देगा। या मेरे मौला, तेरी रहमत का कोई ठिकाना नहीं, बस जब तुझे मेरी कोख से मेरे सगे भाई के बच्चे को ही पैदा करवाना था तो पहले ही करा देता। कम से कम इतनी ज़िल्लत तो न उठानी पड़ती।
इधर मैंने दिन में ही मौक़ा निकाल कर अपनी बीवी की घमासान चुदाई करके उसे पूरा मजा देकर चोद दिया और अपना सारा माल अपनी बीवी की बच्चेदानी में भर कर वहीँ अपनी रात की नींद को पूरा करने लगा क्योंकि रात में मुझे आपा की चुदाई भी तो करनी थी।
शाम को मैं आपा को लेकर मजार पर चला गया। उस वक्त वहां काफी भीड़ थी।फिर भी सेवादार ने हम दोनों को देख लिया था और हमें भीड़ से बाहर निकाल कर मजार के अंदर ले आया। आज सुबह समीना सेवादार को बता चुकी थी कि पिछली रात को ऊपर वाला उसके सपने में आया और समीना की गोद भरने की बात कही थी।
मजार पर दुआ करने के बाद सेवादार ने समीना को कहा- “बेटी, तेरी मुराद बहुत जल्द पूरी हो जाएगी। कल रात की तरह आज भी तुझे ऐसा ही बेहतरीन अहसास होगा"
यह सुनकर समीना शर्म से लाल हो गई। मैं भी समझ गया कि समीना आपा अम्मी बनने के लिए किसी भी हद तक गिर सकती हैं। अगर मैंने अपनी बहन को गर्भवती नहीं बनाया तो वो किसी बाहर के आदमी से चुदवा कर गर्भवती हो जाएगी। जिसमे बदनामी का भी पूरा डर था तो उससे अच्छा मैंने सोचा की ये नेक काम मेरे से हो रहा है इसमें भी शायद ऊपर वाले की ही रज़ा शामिल है।
contd....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
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