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Adultery मौके पर चौका
#29
Heart 
मैं तकलीफ भरी आवाज़ में बोला- "लेकिन अंदर तो आपा सोई हैं, अगर आपा जाग गयी गई तो? तू तो चुपचाप चुदवा लेती है पर मुझे मुंह बंद करके चोदने में मज़ा नहीं आता"

रज़िया बोली- "कमरे में बिल्कुल अंधेरा है। तो हम बिना शोर के अपना काम कर लेंगे, चोदते वक़्त आप मेरी चूची अपने मुंह में रख लेना तो आपकी आवाज़ भी बाहर नहीं आएगी । वैसे भी हम कुछ नाजायज तो कर नहीं रहे अगर आपा जाग भी गयी तो हमें चुदाई करते देख खुद शर्मा कर बाहर चली जायेंगी और इसका एक और फ़ायदा यह होगा कि वो कल से हमारे कमरे में नहीं सोयेंगी"

लेकिन मैं बोला- "मैं थोड़ी देर के बाद आऊंगा। फिर देखेंगे"

कुछ देर के बाद मैं अपने कमरे में गया यह सोच कर कि मेरी सेक्सी बीवी अंदर सोफे पर लेटी मेरा और मेरे बड़े मोटे लण्ड का इन्तजार कर रही होगी।

कमरे में एकदम अंधेरा था। मैं बिना सोचे समझे सीधा सोफे पर जाकर रज़िया की बगल में बैठ गया।

रज़िया रात को बिना चड्डी के सोती है। मैंने सीधे अपना हाथ उसकी चूत पर रखा तो मैं चौंक गया और थोड़ा गुस्सा भी आया कि जब इसे पता था कि ये आज रात चुदने वाली है फिर भी इसने अपनी झांटें नहीं साफ़ की। फिर मैंने दिमाग को झटका दिया और सोचा कि जैसी भी हो आज तो चोद कर ही रहूँगा, सुबह इसको बोलता हूँ झांटे साफ़ करने को।

वो गहरी नींद में सोई थी और मैं उसकी चूत को सहला रहा था। थोड़ी देर बाद मैं अपने चेहरे को उसकी चूत के पास ले गया।

रज़िया की चूत की खुशबू मुझे कुछ अलग सी लगी पर मैंने सोचा कि बिना चुदाई के इसकी चूत की खुशबू बदल गई है।

चूत की खुशबू से मेरा पहले से ही खड़ा लंड अब विकराल रूप धारण करने लगा। मैंने वासना के जोश में एक उंगली अपनी बीवी की चूत में घुसा दी।

जैसे ही उंगली चूत के अंदर गयी, वैसे ही रज़िया की नींद खुल गई।

अब सुनें कि असल में उस रात अब तक क्या हुआ था। ये सब बाद में मेरी रज़िया ने मुझे बताया था।

हॉल में मेरे से बात करके रज़िया थोड़ा दुखी सी होकर चली गई कि उसे मेरी इच्छा पूरी करने में दिक्कत हो रही है। वो सोफे पर ना लेट कर जाकर बिस्तर पर समीना आपा की बगल में लेट गई। वो सोच रही थी कि आपा के सो जाने के बाद वह सोफे पर आकर मेरे लिए लेट जाएगी पर पूरे दिन की भाग दौड़ से थकी हुई उसकी लेटते ही आँख लग गई।

उधर सोते सोते समीना आपा को पेशाब की हाजत हुई तो वो उठ कर टॉयलेट जाकर नींद में वहीं सोफे के ऊपर सो गई। पता नहीं वो सोफे पर क्यों सोयी? शायद आपा ने सोचा होगा कि बेड पर उनका भाई यानि मैं सो जाऊँगा।

तो अब आप लोग समझ गए होंगे कि जिस लड़की की चूत में मैंने उंगली घुसाई वो मेरी बीवी रज़िया नहीं बल्कि मेरी बड़ी बहन समीना थी लेकिन मैं इस बात से एकदम अनजान अपनी आपा की चूत में अपनी बीवी की चूत समझ कर उंगली कर रहा था।

पर उधर समीना आपा कुछ समझ नहीं पाई। शायद वह तब सुबह मजार वाली घटना को सपने में देख रही थी। मजार का वो सेवादार उनके लिए गर्भवती होने की दुआ कर रहा था।

तभी अचानक चूत में मेरी उंगली जाने से उनकी नींद खुल गई।

आपा ने कुछ नींद और कुछ होश में सोचा कि शायद यह मजार पर दुआ माँगने के कारण हो रहा है। शायद ऊपर वाले मुझे औलाद देने के लिए आधी रात में मेरे पास फ़रिश्ते भेजे हैं।

इधर मैं अपनी उंगली से ज़ोहरा आपा की कसी चूत महसूस करके अपने मन में सोचने लगा कि पांच सात दिन रज़िया की चुदाई नहीं हुई तो मेरी बीवी की चूत तो कुंवारी लड़की की चूत की तरह से टाइट हो गई।

'वाह रे खुदा, इतने दिन चूत से महरूम रखा और जब दी तो बिलकुल फिर से कुंवारी कच्ची कली बना कर, तेरी रहमत के सदके मेरे मौला'

इतना सोचकर मैं फटाक से समीना आपा की चूत को अपनी बीवी रज़िया की चूत समझ कर चूमने लगा। मैं अपनी आपा की चूत ऐसे चाटने लगा जैसे प्यासा कुत्ता अपनी जीभ से लपर लपर पानी पीता है।

उधर समीना आपा  ने कभी भी अपनी चूत अपने शौहर रफ़ीक़ से नहीं चुसवाई थी। लण्ड चूसना या चूत चाटना रफ़ीक़ को नापसंद था। समीना को भी ये सब ओरल सेक्स गन्दा ही लगता था क्योंकि उसने कभी इसका मजा लिया ही नहीं था।

पर अभी मैं रात में आपा की चूत की चुसाई कर रहा था तो इससे उन्हें इतना मजा मिल रहा था कि वो मजे से पागल हो रही थी। वो बार बार अपने चूतड़ ऊपर उठा कर मेरी मुंह पर अपनी चूत का दवाब बना रहीं थीं परन्तु वो सोच रही थी कि इंसान तो इस गन्दी जगह मुंह मारता नहीं है शायद ऊपर वाले के भेजे हुए फ़रिश्ते ही यह काम कर रहे हैं तभी उसे इतना मजा आ रहा है।

आपा तो जैसे ज़न्नत में थीं। समीना अपने मन में अपने सगे छोटे भाई सगीर को ही फ़रिश्ता समझ रही थी।

मेरी बड़ी बहन ने सेक्स के मजे में पागल होकर एकदम से टटोल कर मेरा मोटा और लम्बा लण्ड अपनी मुट्ठी में ले लिया।

अब समीना को और यकीन हो गया कि इतना बड़ा और मोटा लण्ड इस दुनिया में किसी इंसान का तो हो ही नहीं सकता। इस लंड के सामने मेरे शौहर रफ़ीक़ का लंड तो छोटा चूहा है। यह ज़रूर ऊपर वाले का भेजा फ़रिश्ता ही है जो मेरी चूत चोद कर मुझे औलाद देने आया है। इसका एक कारण यह भी था कि उस बेचारी ने अपने शौहर रफ़ीक के अलावा अपनी ज़िन्दगी में किसी और के लण्ड से चुदना तो दूर कभी देखा तक नहीं था। यह सोच कर मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।

इधर मैं सोच रहा था कि मेरी बीवी तो बहुत अच्छे से मेरा लंड चूसती है पर आज रज़िया ऐसे अनाड़ी जैसे लंड क्यों चूस रही है?

मुझे लण्ड चुसवाने में मजा नहीं आया तो मैंने अपनी आपा के मुँह से अपना लण्ड निकाला और लण्ड को सीधा समीना आपा की चूत की दरार के बीच में टिका दिया।

समीना जब तक कुछ समझ पाती, उससे पहले मेरा लण्ड समीना आपा की चूत को फाड़ता हुआ  3 इंच तक अंदर घुस चुका था। आपा को तेज दर्द हुआ। समीना की चूत ने कभी इतना मोटा लंड नहीं लिया था, उसे तो रफ़ीक मियां के मरे चूहे से चुदने की आदत थी जो हद से ज्यादा चूत में दो इंच अंदर तक जाकर चार छह धक्के मार कर पानी छोड़ देता था। उसे पक्का यकीन हो चुका था कि यह किसी फ़रिश्ते का लण्ड है। इसी सोच के साथ वह पूरी ताक़त लगा कर हर दर्द को पिए जा रही थी।

मैं तो यही समझ रहा था कि कुछ दिन चुदाई ना होने से मेरी बीवी की चूत कस गयी है, इसी ख़ुशी से मेरा लण्ड और फुंफकारने लगा था। कसम से रज़िया की पहली बार सील तोड़ने वाली फीलिंग मेरे लण्ड को आ रही थी।

उसी जोश में मैंने बिना वक्त खोये दूसरा धक्का आपा की चूत में लगा दिया। आपा की चीख निकलने को थी पर उन्होंने खुद को रोका कि चीखने से फ़रिश्ते के काम में खलल होगा।

इधर मैंने सोचा कि मेरी बीवी की चूत को तो मेरे लंड की आदत है, ये मेरा लंड आसानी से सह जाएगी।

फिर मैंने तीसरा धक्का आपा की चूत में मारा और इस करारे झटके से मेरा लंड पूरा जड़ तक आपा की न के बराबर चुदी चूत में घुस गया।

जैसे ही मेरे लंड का मोटा सुपारा आपा की बच्चेदानी में घुसा, वैसे ही मेरी बड़ी बहन की आंखें दर्द के मारे फटने का हो गयी। समीना आपा की सांसें जैसे कुछ देर के लिए थम सी गयी थी।

इधर आपा के बेइंतेहा दर्द से अनजान मैं रज़िया समझ कर आपा की चूची के निप्पल को अपने मुँह में लेकर उनकी जवान चिकनी नर्म चूची से रस निचोड़ने की कोशिश करने लगा।

contd....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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Messages In This Thread
मौके पर चौका - by KHANSAGEER - 27-04-2024, 12:09 PM
RE: मौके पर चौका - by sri7869 - 27-04-2024, 02:22 PM
RE: मौके पर चौका - by Chandan - 05-05-2024, 10:14 AM
RE: मौके पर चौका - by KHANSAGEER - 10-05-2024, 02:23 PM
RE: मौके पर चौका - by Eswar P - 27-05-2024, 12:50 PM



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