06-05-2024, 01:13 PM
मैंने वहाँ चारों ओर देखा, बहुत ही हाई क्लास पार्टी थी क्योंकि मेहता अंकल भी शहर के जाने माने अमीर व्यक्तियों में आते थे्। वहाँ सभी अमीर घरों की तितलियाँ बहुत ही सेक्सी अंदाज में मंडरा रही थी।
तभी उन बुड्ढों में से एक बोला- “यार वो देखो उधर, वो गुलाबी घाघरे में, यह तो जान है यार मेहता। क्या मस्त चूतड़ हैं इसके यार… मेरा तो बिना गोली खाए ही तन गया”
मेहता अंकल- “रुक यार मैं अभी आया”
और वो उठकर चले गए, अरविन्द अंकल भी कुछ देर पहले चले गए थे।
अब वहाँ वो तीनो बूढ़े और मैं ही था और जैसे ही मैंने उनकी बताई हुई जगह देखा तो एकदम से समझ गया कि मेहता अंकल क्यों उठकर गए।
ये तो मेरी सलोनी को देख रहे थे। और हो भी क्यों नहीं, सलोनी इतनी सारी लेडीज़ में भी अलग ही नजर आ रही थी, उसने गुलाबी लहंगा और चोली पहनी थी, हालाँकि उसने चुनरी बाँध रखी थी पर उसकी एक चूची, नंगा पेट उसकी नाभि तक और एक कन्धा पूरा नंगा ही दिख रहा था, चोली भी काफी कसी हुई और छोटी थी जो केवल डोरी से ही उसके कंधों और शायद कमर से बंधी थी, उसके गोरे सुडौल कंधे और बाहें सब नंगे नजर आ रहे थे। उसका लहंगा भी नाभि से काफी नीचे बंधा था और उसके घुटनों से जरा सा ही नीचे होगा। कुल मिलाकर उसका सुन्दर बदन ढका बहुत ही कम था और दिख ज्यादा रहा था।
मुझे खुद पर गर्व महसूस हुआ कि मुझे इतनी सुन्दर बीवी मिली है जो यहाँ सबसे ज्यादा सेक्सी लग रही है।
वो एक कुर्सी पर बैठी थी, एक पैर दूसरे के ऊपर रखा था जिससे उसकी एक जांघ भी थोड़ी दिख रही थी।
तभी सलोनी ने अपने पैरों को बदला और अपना लहंगा दोनों हाथों से आगे से उठाकर ठीक किया जैसे साधारणतया लड़कियाँ करती हैं।
हम कुछ दूर थे तो साफ साफ़ तो कुछ नहीं दिखा, अगर पास होते तो दावे के साथ कह सकता हूँ कि उसकी चूत तक साफ़ साफ दिख जाती।
मगर सोच कर ही उन बुड्ढों को मजा आ गया था, वे बहुत ही गन्दी बातें करने लगे थे जो शायद वो हमेशा आपस में करते ही होंगे।
जो शर्त में हारा था, उसने तेज आह भरी- “आःह्हाआआ हाय यार, काश मैं वहाँ होता। क्या चिकनी जांघें हैं”
सलोनी बराबर में बैठी नलिनी भाभी से झुककर कुछ बात कर रही थी तो उनके चूतड़ एक ओर से बाहर को निकले हुए थे।
दूसरा बूढ़ा- “अरे यार, इस जैसी मलाई कोफ्ता को तो तीनो छेदों में एक साथ लण्ड डालकर चोदना चाहिए तभी इसको मजा आएगा”
तीसरा जीभ निकाले बस घूरे जा रहा था- “यार, यह कब नाचेगी?”
पहला बूढ़ा- “तू चाहे कहीं भी डालना पर मैं तो इसके मोटे मोटे चूतड़ों के बीच ही डालूँगा, जब से देखें हैं साले मस्त मस्त, तभी से सपने में आते हैं”
बाकी दोनों बुड्ढों ने एक साथ ही पूछा- “क्या कह रहा है बे, तूने कब देखे?”
पहला बूढ़ा- “अरे बताया नहीं था उस दिन, वो यही थी। यहीं पर ही तो देखे थे, यार क्या मस्त लग रही थी उस दिन। मैंने तो तभी सोच लिया था कि इसकी तो जरूर मारूँगा यार”
तीसरा बूढ़ा- “अरे मुझे नहीं पता यार, बता न, कैसे देखे थे?”
पहला बूढ़ा- “हाय.. क्या याद दिला रहा है तू यार… अरे ये सामने से कुछ उठा रही थी या पता नहीं क्या कर रही थी, मैं इसके पीछे ही था, इसने छोटी वाली मिनी स्कर्ट पहन रखी थी, तभी पूरे गोल गोल चूतड़ नजर आ गए थे”
तीसरा बूढ़ा- “अरे तो कच्छी में ही देखे होंगे ना? मैं समझा कि नंगे देख लिए”
पहला बूढ़ा- “अरे नहीं यार, मुझे तो पूरे नंगे से ही दिखे… अगर कच्छी होगी भी तो वो पतली वाली होगी जिसकी डोरी चूतड़ों की दरार में घुस जाती है… और इसके तो इतने गद्देदार हैं कि डोरी भी नहीं दिखी, सच बहुत मजा आया था उस दिन…”
उनकी बातें सुन कर मुझे ना जाने क्यों बहुत मजा आ रहा था। मेरे ही सामने वो सलोनी के बारे में, जो मेरी प्यारी सेक्सी बीवी है, ऐसी गन्दी गन्दी बातें कर रहे थे।
उसकी बातें सुनकर मुझे साफ़ लग गया कि इसने सलोनी ने नंगे चूतड़ ही देखे होंगे और सलोनी जानबूझकर ही इसके सामने झुकी होगी। ऐसा तो वो ना जाने कितनी बार कर चुकी होगी, उसको तो अपना जिस्म दिखाने में बहुत मजा आता है।
इस साले को पता चलेगा तो साला अपना सर पीट लेगा कि ‘अगर जरा सा झुककर देखता तो सलोनी की छोटी सी प्यारी सी चूत भी देख लेता’ जो मैंने कई बार ऐसे ही मौकों पर देखी है।
पीछे से दोनों चूतड़ों के गैप से उसकी गोरी चिकनी हल्की सी झांकती हुई चूत बहुत ही प्यारी लगती है।
दूसरा बूढ़ा- “अरे सालों, तुम तो ऐसे बात कर रहे हो जैसे इसकी मिल ही जाएगी?”
अब तीनों मेरे सामने इतना खुलकर बात कर रहे थे जैसे उनको कोई चिंता ही नहीं हो क्योंकि नशा उन पर पूरी तरह हावी हो चुका था।
पहला बूढ़ा- “अरे यार, मेहता ने कहा है ‘बहुत चालू है’ और शादी में साथ ही चलेगी, वहाँ तो बहुत समय होगा, वहीं पटाकर चोद देंगे यार”
मैंने सोचा कि इन सबका परिचय तो ले ही लिया जाए यार कि साले हैं कौन जो इतना खुलकर सलोनी के बारे में बात कर रहे हैं।
मैं- “वाह अंकल, आप सच कह रहे हो। वैसे मैं अंकुर और इस कंपनी में काम करता हूँ”
अब उन्होंने मेरी ओर कुछ ध्यान से देखा और सभी ने अपना परिचय दिया।
शर्त हारने वाला रिटायर्ड बैंक मैनेजर था नाम अनवर। ओह वो ,., था तभी सलोनी की गांड मारने की बात कर रहा था।
दूसरा वाला जोजफ वो ईसाई रिटायर्ड जज था।
और तीसरा वो कुछ ज्यादा ही बूढ़ा दिख रहा था, गोल मटोल सा, पेट बाहर निकला हुआ, उसका नाम राम कपूर था, वो कोई बड़ा बिज़नेसमैन था।
उन तीनों से जरा सी देर में ही मेरी दोस्ती हो गई।
मेहता अंकल और अरविन्द अंकल अभी तक नहीं आये थे, वो शायद डर गए थे या फिर हो सकता है कि साले किसी के साथ मस्ती कर रहे हों, पर मुझे चिंता नहीं थी।
सलोनी, नलिनी भाभी और अनु तीनों ही मेरे सामने हाल में ही थी।
अब अगर किसी और की बजा रहे हो तो मुझे उससे क्या।
राम अंकल काफी बूढ़े लग रहे थे, उन्होंने मुझसे कहा- “देख बेटा, बुरा मत मानना, बस ऐसे ही थोड़ी बहुत मस्ती कर लेते हैं और फिर थोड़ा नशा भी हो गया है”
मैं- “अरे क्या बात कर रहे हो आप अंकल, ये सब तो चलता है और जीवन में सेक्स ना हो तो जीने का फ़ायदा ही क्या?”
राम अंकल- “बिल्कुल ठीक कहा बेटा, ये सब हमारे लिए किसी दवाई से काम नहीं। देखो हम सब ही अभी तक फिट हैं अगर ये सब नहीं होता तो कहीं अस्पताल में या बिस्तर पर पड़े होते या मर खप गए होते”
जोजफ अंकल- “और नहीं तो क्या, इन हसीनाओं के मस्ताने अंग देख कर सेक्सी बात करने के लिए तो हम इतनी सुबह टहलने के लिए उठ भी जाते हैं और कितना चल भी लेते हैं, वरना कौन साला उठता हा हा हा…”
और तीनों जोर जोर से हंसने लगे।
अभी बाहर हॉल में कुछ साधारण महिलाएँ ही नृत्य कर रही थी पर वो उन पर भी सेक्सी कमेंट्स मार रहे थे।
‘देख यार, क्या मोटे चूतड़ हैं। कैसे हिला रही है’
और जब किसी का पल्लू नीचे गिर जाता तब तो उनके मजे आ जाते और उनकी गहरी चूचियों की घाटी देख आहें भरने लगते। और सलोनी को भी देखे जा रहे थे और कमेंट्स भी कर रहे थे।
जोजफ अंकल- “यार अनवर इस पीस से मिलवा तो दे यार, जरा पास से भी देख लेंगे, देख कितनी छोटी चोली पहन रखी है। वो भी बिना किसी बंधन के, छू नहीं सकते तो जरा इन कबूतरों को देख ही लें! नाच भी तो नहीं रही, वरना चुनरी हटाकर नाचती तो मजा आ जाता। इसका तो चोली का गला भी इतना बड़ा है कि जरा सा भी झुकेगी तो पूरे नंगे ही दिखेंगे”
राम अंकल- “अरे वो तू सही कह रहा है जोजफ, मैं तो इसकी टाँगें देख रहा हूँ और लहंगा भी ऐसा है कि जरा भी घूमेगी तो पूरा उठेगा। हाय पता नहीं अंदर कितनी लम्बी निकर या फिर पजामी होगी?”
अनवर अंकल- “हाय यार, क्या बात कही, यह भी तो हो सकता है कि केवल कच्छी ही पहनी हो और भी छोटी वाली उस दिन की तरह”
और मैं मन ही मन हंस रहा था कि अगर इनको पता चल गया कि सलोनी ने लहंगे के अंदर कुछ नहीं पहना तो इनकी क्या हालत होगी।
contd...
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
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