Thread Rating:
  • 2 Vote(s) - 3 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery मौके पर चौका
#9
Heart 
सभी फ़र्श पर दरी, गद्दे लगाकर कम्बल ओढ़े सोये हुये थे। जरा सी देर में ही बत्तियां बंद हो गईं और बाहर बरामदे में एक नाइट लैम्प जलता रहा।

थके होने से जल्दी ही मैं भी नींद के आगोश में चला गया। अचानक से मुझे नींद की तन्द्रा में लगा कि मेरे दाहिनी तरफ़ किसी नरम हाथों ने मेरे हाथों को हौले से सहलाया तो मुझे रोमांच हो आया। क्या प्यारा सपना है फ़िर मेरे हाथ को उन हाथों ने उठाकर अपनी चूचियों से छुआया तो मेरे लंड में अंगड़ाई आने लगी।

यह सब मैं पहले भी झेल चुका था। सपने में किसी लड़की या औरत को चोदना और झड़ जाना यानि कि सीधे सीधे कहें तो स्वप्नदोष और मुझे इस में कभी कोई परेशानी नहीं हुई थी। सेक्स के हर रूप का अपना मजा है, इसका भी है इसलिये मैंने सपने की दुनिया से बाहर आने में कोई रुचि नहीं दिखाई। होने दो यह भी एक शानदार रोमान्च होगा।

फ़िर वो औरत या लड़की जो भी थी, धीरे से मेरे कम्बल में सरक आई और मुझसे चिपक गई और अपना सिर उठा कर अपने होंठ मेरे होठों पर रख दिये तब जाकर मेरी तन्द्रा भंग हुई और मैंने अपने बीच में फ़ंसे हाथ से उसको दूर धकेलने का प्रयास किया तो उस ने मेरे कान में धीरे से फ़ुसफ़ुसाया कि 'प्लीज! यदि आपने अभी कोई और हरकत की या जोर से आवाज निकाली तो मैं मुसीबत में फ़ंस जाऊंगी, कोई जाग गया तो मेरी इज्जत उतर जायेगी । प्लीज... प्लीज... शांत रहिये, खुद भी मज़ा लीजिये और मुझे भी लेने दीजिये'

अजीब स्थिति थी। कुछ बोल नहीं सकता था, उसकी इज्जत का सवाल था और साथ में जिनके यहाँ मैं शादी में आया था उनकी भी।

मैंने उसकी तरफ़ करवट ली और उसके कान में फ़ुसफ़ुसाया कि 'और यह जो तुम कर रही हो उस से तुम्हारी इज्जत में बढ़ोतरी होगी क्या?'

तो वो फ़ुसफ़ुसाई कि 'यह बात तो हम फ़िर बाद में कर सकते है और आप जो भी कुछ कहोगे वो मैं पूरी तरह सुनूंगी। मैं आपके हाथ जोड़ती हूँ, आपके पैर पकड़ती हूँ'

ये कह कर अपना धड़ मोड़ कर हाथ मेरे पैरों की तरफ़ ले जाने लगी तो मैंने उसको अपने हाथों से ऊपर की तरफ़ खींच कर उसको रोका और कहा कि 'इस सब की कोई जरूरत नहीं है लेकिन…'

तब तक तो उसने खुद के होठों से मेरा मुँह बन्द कर दिया था। उसकी जीभ मेरे मुँह में घूमने लगी। सांसों में गरमी बढ़ने लगी थी।

लेकिन मेरा मजा बेमजा हो रहा था। जान पहचान और दोस्ती के बिना सेक्स ना करने का दम्भ भरने वाला मैं आज मेरे सेक्स साथी की शक्ल तक नहीं जानता था और उस एकदम मद्धिम सी रोशनी में कुछ देख पाना वैसे भी सम्भव नहीं था सिर्फ़ परछाई सी ही नजर आती थी।

मेरे किसी भी एक्शन में गरमी नहीं देखकर अपने होठ मेरे मुँह से हटा कर वो मेरे कान में फ़ुसफ़ुसाई – "प्लीज राजा साथ दो ना, ऐसे क्या करते हो, यदि साथ नहीं दोगे तो भी चुदाई तो होगी, राज़ी राज़ी या गैरराजी लेकिन ज़बरदस्ती की चुदाई का क्या फ़ायदा, मुझे पूरा मजा दो और खुद भी लो और ये पक्का है कि ये सब मैं करके ही रहूँगी, आज हर कीमत पर अपनी प्यास बुझा कर ही रहूंगी"

मैंने सोचा कि कहती तो एकदम से ठीक है लेकिन यों किसी से इस तरह से सेक्स करना और उसको इस तरह से सेक्स के लिये तैयार करना इसको क्या कहेंगे? लेकिन यहाँ प्रतिवाद का कोई फ़ायदा नहीं था, वो मेरे पैर पकड़ने तक को तैयार थी और मेरे मना करने पर ज़बरन चुदने की धमकी भी दे रही थी। यह तो सीधा सीधा वो शादी का नाज़ायज़ फायदा उठा रही थी। फ़िर जरा सी गलती से इसकी और हनी की दोस्त दोनों की इज्जत का फालूदा बन जाने वाला था।

मैंने सब तरफ़ से सोच कर मन बनाया कि इसको तो मैं चोदने के बाद भी समझ लूंगा, अभी तो पूरी तरह साथ देना चाहिये, यही ठीक रहेगा।

उसका शरीर, चूचियां और कमर जितने हिस्से भी मैंने छुए थे वो सब बहुत ही मस्त थे। बिलकुल मक्खन मलाई।

मैंने उसकी गर्दन पर एक हाथ रखकर उसके मुँह को अपनी ओर खींचा और उसके होठों से अपने होठ चिपका दिये। हमारी जीभें एक दूसरे के मुँह के अन्दर का मुआयना करने लगीं।

अब तो वो मेरे ऊपर पर आ गई। मेरा दूसरा हाथ उसके बदन पर फ़िरने लगा और जैसे ही उसकी कमर तक आया तो जाना कि उसने टू पीस नाइट गाउन पहन रखा है तो मैंने उसकी चोली के अन्दर हाथ डालकर उसकी चोली को ऊपर की तरफ़ खींच दिया अब दूसरा हाथ उसकी गुद्दी से हटा लिया क्योंकि उसके चेहरे का दबाव मेरे मुँह पर इतना था कि उसका चेहरा मेरे मुँह से हटने वाला था ही नहीं। उसके बाल खुलकर नीचे की तरफ़ फ़ैल कर हम दोनों के चेहरों को ढक चुके थे। मेरा धड़ उसकी दोनों टांगों के बीच हो गया था।

दूसरे हाथ को हम दोनों के बीच में डाल कर उसकी चूचिओं को दबाया तो पता चला कि उसने ब्रा नहीं पहन रखी है। मैं एक हाथ से उसकी चूची दबाने लगा और दूसरे हाथ से उसका बदन सहलाने लगा, क्या शानदार बदन की मल्लिका है। एकदम से चिकना मुलायम मखमल जैसा, बिलकुल सांचे में ढला हुआ।

फ़िर हाथ को और ज्यादा नीचे करके उसके चूतड़ मसलने लगा। अब उसका बदन मचलने लगा। मेरा लण्ड भी फ़नफ़नाने लग चुका था और उसकी चूत के नीचे दबा हुआ टन्कारें मार रहा था।

मैं उसके कूल्हों के ऊपर से उसके गाउन के नीचे वाले हिस्से को खींचने लगा और पूरे का पूरा गाउन उसकी कमर पर ले आया। पता चला कि उसने पेंटी भी नहीं पहन रखी है। इसका सीधा सा मतलब था कि वह किसी न किसी मुर्गे कि तलाश में चुदने कि पूरी तैयारी से लेटी इंतज़ार कर रही थी। यदि मैं न आता तो ये मेरी जगह जो भी आता उससे चुद जानी थी।

मैंने हम दोनों के पेट के बीच में हाथ डाल कर उसके पेट को जरा सा ऊपर की तरफ़ किया तो उसने अपना पेट थोड़ा सा ऊपर कर लिया। इससे मेरे पायजामे का इलास्टिक मेरे हाथ में आ गया और मैंने भी अपने कूल्हे जरा से ऊपर किये और पायजामा अपने अन्डरवियर सहित कूल्हों से नीचे सरका दिया। अब मेरा लन्ड एकदम से खुला था। मैंने अपना हाथ बीच में से निकाल लिया तो एक बार फ़िर से उसकी चूत मेरे लन्ड पर आ गई लेकिन इस बार बिना कपडों के।

अब मैं पूरे जोश से एक हाथ से उसका बदन सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उसकी चूचियां मसलने लगा, जीभ पूरे जोश से मुँह के अन्दर का मुआयना करने लगी। धीरे धीरे मेरा लन्ड उसकी चूत से निकले गुनगुने चिकने पानी से भीगने लगा और मैंने अपने मुँह को उसके मुँह से हटा कर उसकी गरदन से सटा दिया और चूसने लगा तो उसके मुँह से सिसकारी फ़ूट निकली तो मैंने अपने हाथ को जल्दी से उसके मुँह पर भींचा और उसके कान में फ़ुसफ़ुसाया कि 'ऐसा करोगी तो मरवा ही दोगी'

तो वो फ़ुसफ़ुसाई कि 'अब सब कुछ बर्दाश्त से बाहर है, अब रहा नहीं जाता, पेल दो अपना लण्ड मेरी चूत में'

तो मैंने अपने हाथों को उसके कूल्हों के बीच से डालकर अपने लन्ड को उसकी चूत के छेद पर सेट किया और अपनी दोनों हाथों की तर्जनी से उसकी चूत के फ़लक खोल दिये तो वो अपने कूल्हों का दबाव डाल कर लन्ड अपनी चूत में लेने लगी।

जैसे ही मेरे लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत में अंदर गया, उसके मुंह से एक आह सी निकल गई, मैंने तुरंत अपने होठ उसके होठों से लगा दिए। थोड़ी देर बाद ही वह खुद ऊपर से दवाब बना कर मेरा लण्ड अपनी चूत में लेने लगी। मैं बिलकुल शांत लेटा रहा, धीरे धीरे करके वह जब पूरा लण्ड अंदर ले ली फिर गहरी सांस लेकर मेरे ऊपर फ़ैल गई।

मैंने अपने हाथ फ़िर से चूचिओं और शरीर पर लगा दिये और अब उसकी गर्दन पर अपना मुँह जमा दिया और चूसने लगा। वह मेरे ऊपर लेटी अपनी चूत को आगे पीछे करके अपनी चुदाई खुद करना शुरू कर दी। उसकी चूत से बहता पानी मेरे अंडकोषों से बहता हुआ गांड तक जा रहा था।

contd....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
Like Reply


Messages In This Thread
मौके पर चौका - by KHANSAGEER - 27-04-2024, 12:09 PM
RE: मौके पर चौका - by sri7869 - 27-04-2024, 02:22 PM
RE: मौके पर चौका - by KHANSAGEER - 04-05-2024, 12:56 PM
RE: मौके पर चौका - by Chandan - 05-05-2024, 10:14 AM
RE: मौके पर चौका - by Eswar P - 27-05-2024, 12:50 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)