04-05-2024, 10:18 AM
उधर नीचे से असलम अंकल ने मम्मी की चूत को अपनी मुठी से आज़ाद किया और फिर अपनी बीच की ऊँगली को मम्मी की चूत के बीच में डालकर आगे पीछे करने लगे / (मुझे पता था की मम्मी जब साड़ी डालती है तो पेंटी नहीं पहनती है मैंने मम्मी को कई बार साड़ी में बिना पेंटी के घर पर उनकी चमकीली चूत को देखा था) मुझे लगता है की मम्मी की चूत पानी छोड़ने लगी थी क्योंकि मुझे रुक रुक कर चप्प चप्प की आवाजें लगी थी जिनकी आवाज़ ज्यादा ऊँची नहीं थी और बस के शोर में दब रही थी / मम्मी के मुहं से धीरे धीरे रुक रुक कर सिसकियाँ निकलने लगी थी (क्योंकि मैं मम्मी के बिलकुल पीछे सटकर खड़ा था तो मुझे मम्मी के होंठों से निकलती हुई गर्म सिस्कारियां महसूस हो रही थी) मुझे लग रहा था का अंकल के हाथ की मोती ऊँगली भी मम्मी की चूत में छोटे लंड जैसा काम कर रही थी / कुछ देर तक अंकल ने अपने हाथ को स्पीड से आगे पीछे करना शुरू कर दिया और फिर दो मिनट के बाद अपने हाथ को मम्मी की साडी से हाथ निकल कर मम्मी की चूत को आज़ाद कर दिया / मैंने चोरी चोरी देखा की अंकल ने जब अपना हाथ मम्मी की साडी से निकाला तो उनका हाथ बहुत गीला गीला हो रहा था / मैं समझ गया की मम्मी झड गई है /
हाय मम्मी !!!! !! !
हाय मम्मी !!!! !! !
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!