03-05-2024, 04:17 PM
"मैं फिर से चेतावनी दे रहा हूं। पप्पू के पास हाथ मत ला।"
"पप्पू के पास हाथ न लाऊं? मैं तो कल पकड़ कर देख चुकी हूं, क्या हुआ? कुछ भी तो नहीं।"
"तुमने सिर्फ इसका रूप देखा है, इसका पागलपन नहीं देखी हो।"
"आज नहीं तो कल वह भी देख लूंगी। अरे, बातों बातों में घर पहुंच गये।अब इसका पागलपन आज भी देखने का मौका हाथ से निकल गया। अच्छा कोई बात नहीं, कल आपके पप्पू का पागलपन जरूर देखना चाहूंगी और यह भी देखना चाहूंगी कि यह कितना धमाल मचाता है।" मैं शरारत से बोली और पोर्टिको में कार रुकते ही दरवाजा खोल कर बाहर निकल आई। एक बांकी चितवन घनश्याम पर बिखेरती, इठलाती बलखाती घर के दरवाजे की ओर बढ़ ही रही थी कि पीछे से घनश्याम की आवाज आई,
"ठीक है कल दिखाऊंगा मेरे पप्पू का पागलपन।" उसकी आवाज में एक बेकरारी थी। बेचारा मुझे चोदने को मरा जा रहा था। बिना चोदे करार थोड़ी न आने वाला था उसे। मैं अबतक इतना तो जान ही गई थी कि
"जितनी ज्यादा बेकरारी होगी,
चुदाई उतनी ही करारी होगी।"
अब आगे की कहानी अगली कड़ी में पढ़िए। तब-तक के लिए अपनी कामुक रोजा को आज्ञा दीजिए।
"पप्पू के पास हाथ न लाऊं? मैं तो कल पकड़ कर देख चुकी हूं, क्या हुआ? कुछ भी तो नहीं।"
"तुमने सिर्फ इसका रूप देखा है, इसका पागलपन नहीं देखी हो।"
"आज नहीं तो कल वह भी देख लूंगी। अरे, बातों बातों में घर पहुंच गये।अब इसका पागलपन आज भी देखने का मौका हाथ से निकल गया। अच्छा कोई बात नहीं, कल आपके पप्पू का पागलपन जरूर देखना चाहूंगी और यह भी देखना चाहूंगी कि यह कितना धमाल मचाता है।" मैं शरारत से बोली और पोर्टिको में कार रुकते ही दरवाजा खोल कर बाहर निकल आई। एक बांकी चितवन घनश्याम पर बिखेरती, इठलाती बलखाती घर के दरवाजे की ओर बढ़ ही रही थी कि पीछे से घनश्याम की आवाज आई,
"ठीक है कल दिखाऊंगा मेरे पप्पू का पागलपन।" उसकी आवाज में एक बेकरारी थी। बेचारा मुझे चोदने को मरा जा रहा था। बिना चोदे करार थोड़ी न आने वाला था उसे। मैं अबतक इतना तो जान ही गई थी कि
"जितनी ज्यादा बेकरारी होगी,
चुदाई उतनी ही करारी होगी।"
अब आगे की कहानी अगली कड़ी में पढ़िए। तब-तक के लिए अपनी कामुक रोजा को आज्ञा दीजिए।


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