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Adultery मौके पर चौका
#5
Heart 
गेट पर दरबान ने रोका तो मैंने बताया कि मिसेज वीणा की मिक्सर की कंप्लेंट है जिसे मैं अटेंड करने आया हूँ।

दरबान ने फोन से अंदर कुछ बात की फिर मुझे बड़े अदब से अंदर ले जा कर एक विशाल ड्राइंग रूम में बिठा दिया। तभी एक नौकरानी एक ट्रे में दो तीन तरह की मिठाई और पानी लेकर आ गई। उसी के पीछे वीणा भी आ गई।

मैं उसे देखते ही सोफ़ा से खड़ा होकर बोला, "जी मैम बताइये, क्या दिक्कत है? चलिए देख लेते हैं"

"अरे आप आराम से बैठिये, पहले पानी पीजिये फिर बताइये कि चाय लेंगे या कॉफी" -उसने मेरे हाथ को पकड़ कर मुझे सोफ़ा पर बैठाते हुए कहा

"अरे नहीं मैम, क्यूँ आप तक़ल्लुफ़ करतीं हैं, मैं अभी थोड़ी देर पहले ही लंच करके निकला हूँ" -मैं उसके हाथ पकड़ने से थोड़ा झेंपते हुए बोला

"पहली बात तो ये कि मेरा नाम मैम नहीं वीणा हैं दूसरी बात अपने घर से तो हर कोई खा पीकर ही निकलता है पर मेहमाननवाज़ी भी कोई चीज़ होती है" -उसने एक अधिकार से कहा

"ठीक है, आप इतना कह रहीं हैं तो मैं ये लिए ले रहा हूँ पर इससे ज्यादा मुझसे नहीं खाया जायेगा" -मैंने मिठाई का एक पीस उठाते हुए कहा

पानी पीने के बाद मैंने वीणा से फिर मिक्सर दिखाने को बोला तो उसने जो कहा तो मैं चौंक गया।

"मिक्सर में कोई खराबी नहीं है, एक्चुअली मैंने आपको एक ज़रूरी काम से बुलाया है। जिसने मुझे आप के बारे में बताया है, उसने पूरी गारंटी से कहा है कि आप ही मेरा यह काम पूरी गोपनीयता से कर देंगे"

"क... कौन सा काम ... और मेरा नाम आपको किसने बताया?" -मैं अनजानी मुसीबत से डरते हुए बोला

"उसने फ़िलहाल अपना नाम गुप्त रखने को बोला है परन्तु समय आने पर आपको उसका नाम खुद ब खुद पता चल जायेगा" -वीणा ने थ्रिलर उपन्यास की हीरोइन की तरह सस्पेंस क्रिएट करते हुए बोला।

"चलिए फिर ये ही बता दीजिये कि आपने मुझे यहाँ बुलाया क्यूँ है?" -मैंने पूछा

"आपकी मित्र ने मुझे पूरी तरह से जब आश्वश्त कर दिया था तभी मैं मिक्सर का बहाना कर के आपके शो रूम गई थी" -उसने अपने पैर के अंगूठे से कालीन कुरेदते हुए जवाब दिया

"मैं आपकी किस तरह और कैसे मदद कर सकता हूँ" -मैं उहापोह की स्थिति में ही फिर पूछा

वह मेरे चहरे का मुआयना करती हुई बोलीं, "समस्या मेरी व्यक्तिगत है और मेरे पति से सम्बंधित है" थोड़ी देर रुक कर अपनी नज़रें नीचे झुकाये हुए बोली, "मेरी शादी आज से दो साल पहले हुई थी। मेरी ननद की शादी हो चुकी है और अब मेरे परिवार में मेरे सास-ससुर हैं और हम हैं, अच्छा घर बार है, पति देखने में अच्छे हैं और परिवार के सभी सदस्य मिल जुल कर रह्ते हैं!"

इतना कहकर वो चुप हो गई तो मैंने बात को आगे चलाने के मकसद से बातचीत शुरु की।

मैंने कहा, "यह सब तो बहुत अच्छी बात है फ़िर आपको दिक्कत कहाँ है?"

इस सबके बाद भी वो मुझे टुकुर टुकुर ताकती रही, उनके मुँह से आगे के बोल नहीं निकल रहे थे।

इस पर मैंने उनको समझाया कि यदि आप कुछ बोलेंगी नहीं तो मैं भी आपकी कोई मदद नहीं कर पाउंगा।

इस पर उनकी नजर नीचे हो गई और एक लम्बी सांस छोड़ते हुए बहुत हलके शब्दों में बोलीं, "दिक्कत मुझे मेरी विवाहित जिन्दगी से है"

मेरे मुँह से सिर्फ़ इतना निकला, "ओह…"

कुछ समय हम दोनों ही चुपचाप बैठे रहे और गनीमत हुई कि उस वक्त नौकरानी चाय दे गई तो उसने मुझसे चाय लेने को कहा। चाय पीने के दौरान वो बहुत हद तक सामान्य हो गई थीं और हम दोनों में छोटी मोटी घर बार की इधर उधर की बातें होती रहीं।

चाय खत्म करने के दौरान हम दोनों में उनकी परेशानी वाले विषय पर और कोई बात नहीं हुई।

चाय खत्म करने के बाद एक बार फ़िर वो मेरा मुँह देखने लगी तो मैंने कहा, "आप अपने वैवाहिक जीवन में किसी समस्या के बारे में मुझसे कोई बात करने वाली हैं और यह मानिये वीणा जी कि यदि आप चुप बैठ जायेंगी तो मैं अन्तर्मन की बातें जानने वाला नहीं हूँ कि उसके बाद मैं आपसे सीधे ही आपकी समस्या पर आपसे बात करने लग जाउंगा या कोई समाधान बताने लग जाउंगा इसलिये प्लीज आप बेहिचक अपनी बात शुरु कीजिये। जहाँ तक मैं समझ पा रहा हूँ आप जिस प्रकार से हिचक रही हैं उससे आपकी समस्या सेक्स से सम्बन्धित कोई परेशानी होनी चाहिए लेकिन असली बात तो आप ही मुझे बतायेंगी"

वीणा के होटों पर एक जुम्बिश आई और बोली- "आपने मुझे दोस्ती के काबिल समझा ये बहुत बड़ी बात है और आप यदि इसी तरह से मुझसे बात करेंगे तो मैं अपनी बात ठीक से कह पाऊंगी"

मैं बोला- "ठीक है वीणा अपनी इस समस्या के लिये मुझसे खुल कर बात करो और यह मत सोचना कि मैं कुछ बुरा मानूंगा"

अब वीणा ने मुझे देखा और बोली- "सगीर जी आपका धन्यवाद, अब आप मुझे मेरी इस अगली लाइन के लिये माफ़ करना, आपका मेरे बारे में क्या खयाल है फ़िर हाथ उठाकर मुझे बोलने से रोकते हुए कहा कि मेरा मतलब है कि क्या मैं आपको मेरे व्यवहार से, मेरे चालढाल से, मेरी बातचीत करने के तरीके से कोई चालू या बाजारू टाइप की या टुच्ची लगती हूँ?"

मेरी गरदन ना में हिली, उसकी आंखों से दो बूंद छलक ही पड़ी जो शायद बहुत समय से बाहर आने को बेचैन थीं।

तो मैंने कहा- "वीणा, यदि आप एक चालू औरत होती तो मैं आपके घर आना तो दूर मैं बात तक करना गवारा नहीं करता यार, मैं आपके घर तक चल कर आया हूँ इसका मतलब है कि मैं आपको गलत नहीं समझता"

"आप भी क्या सोचते होंगे कि एक स्त्री इस प्रकार से सेक्स के बारे में आपसे अकेले में बात कर रही है" -वीणा ने बात आगे बढ़ाते हुए कहा

वो फ़िर नीचे जमीन की तरफ़ देखने लगी और बोलीं, "शादी के बाद जो लड़की के अरमान होते हैं वो उनमें काफ़ी हद तक तो अच्छा घर बार और परिवार ही होते हैं लेकिन..." फ़िर वो लम्बी सांस छोड़ते हुए चुप हो गई।

इस पर मैंने कहा- "आप सही कह रही हैं शादी तो शादी, बिना शादी के भी सेक्स बहुत हद तक सभी जीवों के जीवन में बेहद महत्व रखता है"

तो वो बोलीं, "एकदम ठीक बात कह रहें हैं आप, मेरे पति…"

मेरे मुँह से अनायास ही निकल गया – "ओ ओ ओह ह ह्ह… तो मैं आपकी सहायता किस प्रकार से कर सकता हूँ?"

तो वो एक बार फ़िर से मेरे मुँह को ताकते हुए बोलीं- "देखो सगीर, पहले तो ये जी और आप की दीवार हटा दो तो शायद मैं कुछ नार्मल हो पाऊँ। दूसरा क्या हम अच्छे दोस्तों की तरह एक दूसरे का ज़रूरते पूरी नहीं कर सकते?"

मैंने धीरे से उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उसे तसल्ली देने के अंदाज़ में कहा, "ओके वीणा, देखो तुम माशाअल्लाह बहुत खूबसूरत होने के साथ साथ एक बहुत ही परफेक्ट फिगर की मालकिन हो, तुम्हारे एक इशारे पर हज़ारों लोग तुम्हारी तरफ खिंचे चले आएंगे फिर मुझे ही क्यों चुना?"

"मेरे सास ससुर बहुत बुज़ुर्ग हो गए है, वो अपने कमरे से महीने में एक बार हॉस्पिटल जाने के लिए निकलते है, मेरे पति को नोट छापने से फुर्सत नहीं, दिन रात वो अपने बिज़नेस में ही व्यस्त रहते है। सगीर! आखिर मेरी भी कुछ ज़रूरतें है, दो साल से में अपनी इच्छाओं का गला घोंट रही हूँ, अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता। मुझे एक ऐसा बंदा चाहिए था जो बहुत ही भरोसे का हो और हमारे संबंधों को बिलकुल गोपनीय रखे। तुम भले ही मुझे नहीं जानते परन्तु मैं तुम्हारे बारे में सब जानती हूँ, बस फ़िलहाल इतना ही बता सकती हूँ" -वीणा ने एक साँस में ही जैसे सब कुछ कह डाला था।

contd....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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Messages In This Thread
मौके पर चौका - by KHANSAGEER - 27-04-2024, 12:09 PM
RE: मौके पर चौका - by sri7869 - 27-04-2024, 02:22 PM
RE: मौके पर चौका - by KHANSAGEER - 02-05-2024, 09:31 AM
RE: मौके पर चौका - by Chandan - 05-05-2024, 10:14 AM
RE: मौके पर चौका - by Eswar P - 27-05-2024, 12:50 PM



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