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Adultery दीदी ने मेरी मदद की
#29
मुझे सुरभि दीदी की चुदाई का यह अवसर बहुत दिनों के बाद मिला था। मेरी और बहन की चुदाई की कहानी आपने मेरी पहले की कहानियों में पढ़ी होगी।

इस वक्त दीदी ने कैपरी और केवल टी-शर्ट पहन रखी थी.. क्योंकि जब भी वो घर में होती हैं तो ब्रा और पेंटी तो पहनती ही नहीं हैं।

हम दोनों ने गेट के पास ही थोड़ा रोमान्स करने के वहीं एक-दूसरे को नंगा कर दिया। मैंने दीदी को अपनी तरफ़ घुमा लिया और सीधे उनके मुँह में अपना मुँह डाल कर पागलों की तरह किस करने लगा।[Image: 91210498_043_e7a1.jpg]
वो भी जोश में आ गई थीं ‘आहह उह..’

मैं उनके एक चूचे को अपने मुँह में भरने की कोशिश कर रहा था.. लेकिन दीदी के चूचे इतने बड़े थे कि यह नामुमकिन था।

वो उधर मादक सिसकारियां भर रही थीं- एमेम आहह आह ओमम्म..!

मैं भी जोश में आ गया और तौलिया भी खोल दिया। मेरा लंड पूरी मस्ती से खड़ा था.. लंड देखकर दीदी मेरे लंड को अपनी हथेली से सहलाने लगीं। कुछ देर बाद दीदी को लंड से मजा आने लगा तो उन्होंने किस करते हुए मेरे लंड को ज़ोर से दबा दिया।

[Image: 91210498_085_0f1a.jpg]फिर मैंने कहा- चलिए हम आज सुहाग दिन ही मनाएँगे।
मैंने उनको अपने बांहों में उठा लिया और ले जाके बेड पर लिटा दिया।
उनको किस किया तो वो बोलीं- किस में ही टाइम खराब करोगे या कुछ आगे भी करोगे?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: दीदी ने मेरी मदद की - by neerathemall - 27-04-2024, 11:58 PM



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