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Adultery दीदी ने मेरी मदद की
#22
अब मुझे रिलेक्स महसूस हो रहा था।

फिर मुझे पता ही नहीं चला मुझे कब नींद आ गई।

सुबह मुझे दीदी ने कॉलेज के लिए तैयार होने का बोल कर उठाया।
अब मैं दीदी से नजरें नहीं मिला पा रहा था।

दीदी बोली- लकी, तू मुझसे सही से बात नहीं कर रहा! रात जो हुआ मुझे उससे कोई दिक्कत नहीं, आखिर एक बहन अपने प्यारे भाई के लिए इतना तो कर सकती है।

फिर मैंने भी उन लड़कियों से बात करना छोड़ दिया।
अब शायद उनका मन भी मुझसे भर गया था।

अब रात को दीदी मेरे पास सोती और मेरा लंड पकड़ कर मेरा पानी निकाल देती।

धीरे धीरे मेरा मन दीदी को चोदने का करने लगा।
मैं सोचता रहता कि दीदी की गांड कैसी होगी, उनकी सीलपैक चूत चोदने में कितना मजा आएगा।

मैंने दीदी के प्यार का फायदा उठाकर उनको मजबूर करने की सोची।
तब मैंने दीदी को एक वीडियो दिखाया जिसमें हाथ से लंड हिलाने, या मुठ मारने के नुकसान के बारे में था कि कैसे इससे लंड की नसें कमजोर हो जाती हैं।

वीडियो देख दीदी बोली- तो आज से बंद कर देते हैं ये सब!
फिर मैंने कहा- लेकिन दीदी, मुझे लंड शांत हुए बिना नींद नहीं आती है।

वे बोली- तो फिर क्या करें!

मैंने कहा- दीदी, मुझे आपके साथ वो सब करना है।
वे बोली- पागल हो गया है क्या तू?

मुझ डांटकर दीदी दूसरी तरफ मुंह करके सोने लगी।

मैं भी सोने की कोशिश करने लगा लेकिन दीदी की गांड देखकर मुझे नींद नहीं आ रही थी।
तो मैं दीदी की गांड पर हाथ फेरने लगा।

दीदी ने उठकर मुझे थप्पड़ मारा।
फिर वे उठकर दूसरे रूम में चली गई जिससे मुझे बहुत गुस्सा आया।

मैं जैसे तैसे मन मारकर सोने की कोशिश करने लगा।

अगले दिन फिर मैं दीदी से कॉलेज में दूर रहने लगा।
यह सब देखकर राशिदा और उसकी सहेलियां मेरे आसपास घूमने लगीं।

मैं दीदी को जलाने के लिए उनके पैरों में गिरकर माफी मांगने लगा।
वे बोलीं- आ गई हमारी गांड की याद?

दीदी ने ये सब देखा और उनके पास से हटने को कहा।

राशिदा बोली- इतनी ही चिंता है तो अपनी गांड चटवा दे इसको!
दीदी बोली- मैं तुम्हारे जैसी नहीं हूं, मुझे रिश्तों और इज्जत का ख्याल है।

फिर हम लोग घर आ गए।

मैंने दीदी से कहा- या तो आप मुझे अपने साथ करने दो, नहीं तो फिर मुझे उनके पैरों में पड़ा रहने दो।

मेरी बात सुनकर वो रोने लगी और बोली- मैं तेरे साथ नहीं कर सकती। हम भाई-बहन हैं। और अगर तू उन लड़कियों के पास जाएगा तो वे तुझे बर्बाद कर देंगी।
मैं नहीं माना और बोला- मैं अपनी जान दे दूंगा।

फिर मैं घर से बाहर निकल गया और शाम को लौटा।
पापा भी आ चुके थे।

दीदी खाना बना रही थी।
मैं अपने कमरे में चला गया।

दीदी मुझे खाना खाने के लिए बुलाने आई लेकिन मैंने मना कर दिया कि भूख नहीं है।
वे बोली- नहीं खाएगा तो पापा सवाल करेंगे।

फिर मैं खाना खाने आ गया।
मैं खाकर फिर रूम में चला गया।

रात को दीदी मेरे पास आई और मुझे समझाने लगी- अगर किसी को इस बारे में पता चला तो हमारी कितनी बदनामी होगी, हम किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे।

मैंने दीदी से कहा- मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं और आपको पाना चाहता हूं।

दीदी कुछ देर चुप रही फिर बोली- लकी, इस सब में बहुत खतरा है। अगर मैं प्रेगनेंट हो गई तो?
मैंने कहा- गोली ले लेना, उससे बच्चा नहीं होता।
दीदी बोली- मुझे पता है लेकिन उससे लड़कियां बांझ भी हो सकती हैं।

मैंने कहा- तो मैं कंडोम लगा लूंगा।
दीदी बोली- नहीं, तुम्हारा भरोसा नहीं है। तुम ऊपर से ही कर लो जो करना है, अंदर नहीं देना।

यह सुनकर मैं तो खुश हो गया।
मैं पकड़ कर दीदी के होंठों को चूसने लगा।
वे भी मेरा साथ देने लगी।

धीरे धीरे मैंने दीदी के सारे कपड़े उतार दिए।

अब मैं दीदी की चूचियां दबा कर चूसने लगा।



मैंने दीदी की चूचियां मसल कर लाल कर दीं।

दीदी बोली- लकी, धीरे धीरे करो, मैं कहीं भागी नहीं जा रही।

चूचियां चूसने के बाद मैं दीदी की नाभि चूसने लगा।
दीदी आंखें बंद किए मज़ा ले रही थी।

अब मैंने दीदी की चूत को देखा।
दीदी की चूत एकदम सील बंद थी; दीदी की चूत छोटी सी, और गुलाबी रंग की थी।

अब दीदी की चूत गीली होने लगी थी।
मैंने अपना मुंह दीदी की सील पैक चूत पर रख दिया और चूत चाटने लगा।

दीदी एकदम होश में आई और बोली- यह गंदी है, इसे मत चाट!
मगर मैंने दीदी की एक ना सुनी।

दीदी के मुंह से आवाज आती रही- मत चाट … ये गंदी जगह है … आहह … मत चाट … छोड़ दे … आह्ह मर गई।
इतने में दीदी की चूत ने पानी छोड़ दिया।

मैं दीदी की सील पैक चूत का सारा पानी चाट गया।
उनकी चूत का पानी बहुत स्वादिष्ट था।

वे लंबी सांसें लेने लगी, बोली- अब तो खुश है ना?
मैंने कहा- अभी मेरा पानी नहीं निकला है।
वो बोली- मैं हाथ से कर देती हूं।

मैंने कहा- नहीं, मुझे मजा नहीं आता।
वे बोली- चूत में तो नहीं डालने दूंगी।
मैंने कहा- कोई बात नहीं, और भी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: दीदी ने मेरी मदद की - by neerathemall - 27-04-2024, 11:43 PM



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