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Adultery प्यार या धोखा
अध्याय 24
“डॉ गौरव को मेरे और रफीक के ऊपर शक हो रहा है “
सपना थोड़ी टेंशन में दिखी ,वो अभी अभी डॉ चूतिया के केबिन में आयी थी ,
“उसकी फिक्र छोड़ो उसे फार्मूला चाहिए जो तुम्हारे पास है ,तुम तो बस रफीक की फिक्र करो ,और मालती की भी “
“रफीक तो मुझसे ज्यादा पूर्वी में इनरेस्टेड लग रहा है ,और मालती को सम्हालने के लिए तो रोहन को लगा दिया है,लेकिन गौरव ..”
“तुम्हे कुछ समझ आ रहा है की आखिर वो क्या करना चाहता है ,”
“मुझे लगता है की मुझे उसे वो फार्मूले दे देने चाहिए जो की मुझे मालती के पास से मिले थे”
सपना की बात सुनकर डॉ हंसा
“और फिर क्या ??”
“फिर क्या उन्हें जो बनाना है वो बना लेंगे..”
“ह्म्म्म वो तो है लेकिन ..”
“लेकिन क्या “
“तुम्हारे पास जो है वो अधूरा ही है “
“जानती हु की मेरे पास कुछ ही फार्मूले है शायद आधे तो अब भी मालती के पास ही पड़े है इसलिए तो रोहन को मालती के पीछे लगाया है लेकिन पता नही वो उसे पटा भी पायेगा की नही ,मालती बेहद ही होशियार है “
सपना के साथ डॉ ने भी एक गहरी सांस ली..
“रोहन मालती को नही मालती रोहन को पटायेगी ,मैं उसे जानता हु जैसे उसे हमेशा ही लगता था की उसने गौरव को अपने झांसे में लिया है वैसे ही अब उसे लगेगा की उसने रोहन को अपने झांसे में ले लिया है .बस समय दो और रोहन को उसके आस पास ही रखो ..ऐसे तुम्हारे पिता की मीटिंग कब है,कपूर साहब के साथ “
सपना के चहरे में अब थोड़ी शांति थी
“2 दिन बाद”
“ओके ,और एक बात अभी जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नही है ,अभी गौरव को थोड़ी मेहनत करने दो,वो रफीक को देखकर पैनिक में है क्योकि उसे लगता है की रफीक को उसी किसी शेख ने भेजा है फार्मूला हासिल करने के लिए,तो वो अब तुमसे फार्मूला हासिल करने की कोशिश करेगा,लेकिन उसे ये नही पता की तुम्हारे पास भी पूरे फार्मूला नही है,उसके मजे लो ,उसे बहका के रखो वरना वो बाकी के कामो में टांग अड़ायेगा,उसे लगने दो की वो अपने मकसद के बेहद करीब है ,और उसे करीब ही रहने दो कभी पहुचने मत देना..”
डॉ की बात सुनकर सपना के चहरे में मुस्कान खिल गई..
“मतलब मुझे उससे सेक्स नही करना है “
डॉ इस बात पर हँस पड़ा ..
“सेक्स...तुम्हे लगता है की तुमसे सेक्स करना उसका मकसद है ??”
“नही मेरा मतलब है की पहले वो मुझे फसाने के लिए यही करने की कोशिश करेगा “
सपना की बात सुनकर डॉ ने एक गहरी सांस ली
“सपना तुम्हारे पास सच में बहुत तेज दिमाग है लेकिन फिर ही तुम्हारे अंदर एक बचपना अभी भी है,गौरव मेच्योर आदमी है उसके लिए सेक्स के कुछ खास मायने नही है,उसका तरीका कुछ भी हो सकता है शायद वो कुछ भी ना करे,और यही उसका तरीका हो ,तो तम्हे बस कुल रहना है ,समझना है और जो समझ आये वो मुझे बताना”
“तो सेक्स ...क्या मुझे उसके साथ सेक्स करना होगा, अगर वो चाहे तो ..???”
डॉ फिर से खिलखिला उठा
“वो तुम्हारी मर्जी है..बस कुछ भी हो वो उलझा रहे तो हमारे लिए बेहतर है “
सपना ने सहमति में अपना सर हिला दिया..
***********
सपना के जाने के कुछ ही देर बाद रोहन डॉ से मिलने पहुचा …
“तो कैसे चल रही है मालती के साथ “
डॉ के बात से रोहन के चहरे में मुस्कान खिल गई थी
“कुछ खास नही ,वो तो मुझे अभी घास भी नही डाल रही है ..”
“कोई बात नही,बस उसे कुछ ऐसे पटाओ की उसे पता भी नही चले की तुम उसे पटा रहे हो,या ये तरीका अच्छा रहेगा की तुम उसे पटाओ ही मत कुछ ऐसा करो की वो ही तुम्हे पटा ले”
रोहन कुछ आश्चर्य से डॉ को देख रहा था…
“टाइम लगेगा ,फिक्र मत करो ,तुम रफीक के ऊपर ध्यान दो लेकिन किसी न किसी बहाने से मालती से भी मिलते रहो,बाकी उस तक न्यूज़ तो सपना पहुचा ही देगी ,और तुम रफीक के इतने करीबी बन जाओ की मालती को उसतक पहुचने के लिए तुम्हारे करीब आना पड़े..”
“लेकिन वो क्यो रफीक के करीब जाना चाहेगी “
डॉ उसकी बात सुनकर मुस्कुराने लगा
“रोहन तुम जो गेम खेल रहे हो वो खेल का आखरी पड़ाव है ,खेल तो सालों पहले से शुरू हो गया है ….लेकिन अब फैसले की घड़ी है की कौन जीतेगा और कौन हारेगा..”
डॉ ने ये बात ऐसे कही थी जैसे वो खुद ही बात कर रहा हो ..
रोहन को उसकी बात कुछ खास तो समझ नही आई लेकिन उसने हा में सर हिला दिया..
**********
“यार ये डॉ बड़ी अजीब अजीब बाते कर रहा था मेरे तो समझ के बाहर था,खेल का आखरी पड़ाव ,फैसला etc ..”
रोहन और सपना रोहन के एक फ्लेट में बने छोटे से बार में बैठे हुए थे..
सपना गंभीर थी और वोदका को बड़े ही गंभीर ढंग से चुस्कियां ले कर पी रही थी …
“रोहन मुझे कुछ सही नही लग रहा है,पूर्वी डॉ से अकेले में मिलती है,फिर गौरव के साथ मिलती है ,डॉ हमे अलग अलग अपने पास बुलाता है और कहता है की समय लो,जल्दबाजी में कुछ मत करो ,एक आदमी अचानक से हमारी लाइफ में आता है(रफीक) और सबके लिए इतना इम्पोर्टेन्ट हो जाता है,हमारे घर वाले भी कही न कही इन सबमे इन्वॉल्व है ,यार रोहन हम क्या करने निकले थे और ये क्या कर रहे है,पूर्वी को गौरव से ज्यादा डॉ की बात सुन रही है ,हम लोग क्यो उसका कहा मान रहे है,हमे क्या लेना देना की उस फार्मूले में क्या है हम क्यो अपनी ऐयाशियों वाली जिंदगी को छोड़कर इस झमेले में पड़ गए है …”
सपना को इतना गंभीर देख कर रोहन भी थोड़ा गंभीर हो गया उसने तो ये सब सोचा भी नही था..
“हा यार सही कहा,साला ये तो हमारा पैसे उड़ाने और मौज करने की दिन है,बाप ने इतना पैसा हमारे लिए ही तो कमाया है और साला हम इन सब चूतियापे में पड़ गए है ..”
उसने अपने ग्लास में रखे विस्की को एक ही सांस में अंदर धकेल कर फिर से नया पैक बना लिया..
“मुझे तो डॉ पर ही शक होता है ,गौरव तो सीधा साधा ही लगता है लेकिन ये डॉ बड़ा ही टेढ़ा आदमी है,देखा ना उसने पूर्वी को भी मना लिया की वो रफीक के आस पास रहे ,”
सपना फिर गंभीरता से बोली
“हा यार मुझे भी डॉ कुछ समझ नही आता “
रोहन ने फिर से अपना पैक एक ही सांस में खाली कर दिया ,इस बार सपना उसे घूरने लगी
“क्या क्या देख रही है “
सपना के चहरे में गुस्सा था
“साले तुझे समझ क्या आता है,जब देखो हा में हा मिलता रहता है..”
सपना को गुस्से में देखकर रोहन मुस्कुराने लगा..
“ये कहावत सुनी है ...येड़ा बनकर पेड़ा खाना..”रोहन के चहरे की मुस्कान और भी गहरी हो गई
सपना ने सहमति में सर हिलाया
“बस यंहा वही करना होगा,ये सब क्या चल रहा है ये सब तो साला हमारे दिमाग के ऊपर से ही निकल रहा है तो क्यो ना येड़ा बन जाय जाए,जब मौका आएगा तब पेड़ा हम खा के निकल जाएंगे..”
सपना ने पहली बार रोहन के मुह से कुछ ऐसी बात सुनी जिसमे उसे कुछ चालाकी का आभास हुआ ..
“मतलब ..”
“मतलब ये की सब खेल के सेंटर में वो फार्मूला है जिसके बारे में हमे घण्टा कुछ नही पता ,जो पता भी है वो महज एक अनुमान ही है ,तो अभी हम वो करते है जो ये लोग कह रहे है,सबको लगने दो की हम उनके ही साथ है चाहे वो डॉ हो ,गौरव हो ,मालती हो या रफीक, जब फार्मूला मिल जाए तो ले के निकल लेंगे…”
रोहन की बात सुनकर सपना के आंखों में आश्चर्य खिल गया उसने कभी सोचा भी नही था की रोहन कुछ ऐसा सोचेगा ..
“तो तुम्हारा प्लान क्या है ??”
उसने जल्दी से कहा
“कोई प्लान नही यही प्लान है ,प्लान उन्हें बनाने दो न जो इस खेल को खेल रहे है ,हमे तो बस ट्रॉफी से मतलब है ,चाहे कोई भी जीते..”रोहन हँस पड़ा था,सपना जैसे उसकी बातों को समझ गई थी ..
“लेकिन ...कोई भी जीते तो हमे कैसे फायदा होगा..”
“अरे यार हम तो सबके साथ है ना,हम गौरव के साथ भी है,और मालती और रफीक के साथ भी ,और डॉ के साथ भी,हमे क्या करना है की कौन जीतेगा और कौन हारेगा...तू खुद सोच कर देख क्या हम सबके वफादार नही बन सकते...क्या तू गौरव के प्यार में नही पड़ सकती,और डॉ और मालती को ये लगेगा की तू उनके कहने पर नाटक ही कर रही है ,लेकिन गौरव को तो ये लगेगा की उसने तुझे फंसा लिया है ,क्या मैं रफीक का सबसे अच्छा दोस्त नई बन सकता,फिर से डॉ को यही लगेगा की मैं उसके कहने पर ये कर रहा हु,..”
सपना के चहरे में इस बार मुस्कुराहट आ गई
“तू तो बड़ा दिमाग वाला निकल गया बे,यानी हमे डबल क्रॉस करना है “
रोहन हँस पड़ा
“डबल ट्रिपल जितना भी क्रॉस करना पड़े कर देते है ,साला हमारा क्या जायेगा,हो सकता है उस फार्मूले में ही कुछ ऐसा मिल जाए की हमारा फायदा हो और इसके साथ मुझे पूर्वी भी मिल जाए ..”
रोहन का चहरा खिल गया और उसकी बात सुनकर सपना भी जोरो से हँस पड़ी और उसके गालों को खिंचने लगी,
“साले आखिर में तू आ गया ना अपनी औकात में ..”
रोहन को यही सही मौका लगा और वो खड़े होकर सपना के पैरों में बैठ गया,रोहन सपना के मिनी स्कर्ट के नीचे हाथ घुसकर उसके जांघो को सहलाने लगा,सपना उसके इरादों को समझ चुकी थी..उसके होठो में भी मुस्कान आ गई
“यार ...बहुत दिन हो गए ..”
रोहन जैसे मिन्नत कर रहा था..
सपना ने उसके बालो को अपने हाथो में पकड़ कर उसे अपने जांघो के बीच सरका दिया ..
“मुझे भी ………”
**************
“बल्ला गजब की माल है साली इसे ही तेरी भउजाई बनाऊंगा ..”
सपना ने  अचानक से उस ओर देखा जिस ओर से ये आवाज आ रही थी और उसकी आंखे फ़टी की फ़टी रह गया क्योकी ये रफीक था…
“कसम से भइया जी क्या गांड है साली के “सपना ने बल्ला की निगाहों का पीछा किया वो दोनों पूर्वी को वर्कआउट करते देख रहे थे,पूर्वी भी बीच बीच में उन्हें देखकर मुस्कुरा रही थी ..
“हमको तो लगता है भैया की ये मछली हमारे जाल में फंस ही जाएगी ..क्या बोलते हो “
बल्ला फिर से बोल उठा और रफीक बस मुस्कुरा दिया,सपना ने अपने को चेंजिंग रूम में छिपा लिया,जंहा वो पहले से मौजूद थी जिससे ये दोनों ही बेखबर थे और रूम के बाहर खड़े हुए बाते कर रहे थे ..
“कसम से एक बार मिल जाए ,साला खटिया ही तोड़ देंगे,पूरा U.P. हिला देंगे ..”
बल्ला के साथ साथ रफीक भी हंसा..वही सपना का चहरा पिला पड़ गया
“ये साली तो सोचती है तुम कोई शेख हो ,तुम्हारे सामने तो खेल के दे देगी ,भैया जी ये तो मोनालिसा से भी जबर माल है,”
दोनों फिर से हँसे
“बस बल्ला नाटक चलने दे ,फिर देख कमरिया लापालाप है,जौनपुर से आजमगढ़ तक नंगी दौड़ाकर चोदूंगा साली को ,शेख बनकर क्या पता ये खजूर ही खाने को मिल जाए “
दोनों फिर से खिलखिलाकर हँसे और पूर्वी की ओर बढ़ गए ..
सपना चेंजिंग रूम में उनकी बात सुनकर पसीने से पूरी तरह से भीग गई थी ,उसे अपने कानो पर यकीन नही हो रहा था लेकिन उसने खुद ये सब सुना था,ये लोग शेख बनकर खजूर खाने के फिराक में थे और खजूर और कोई नही उसकी बचपन की दोस्त पूर्वी थी…...तो केमिकल फेक्ट्री की बात,क्या ये सब झूठ था???
भाड़ में जाए केमिकल फेक्ट्री इन सालों की तो ...वो यही सोचकर बाहर निकली लेकिन फिर उसके दिमाग में कुछ बाते कौंध गई और वो उसके पैर बस वही रुक गए ………..
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RE: प्यार या धोखा - by Chutiyadr - 20-06-2019, 01:26 AM



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