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Adultery यादों के झरोखे से
#12
Heart 
उम्मीद है कि आप लोगों ने मेरी पिछली कहानी "जिस्म ही भूख" का पूरा लुत्फ़ उठाया होगा। तो आइए अब आप लोगों को अपनी ज़िंदगी के सफ़र-ए-चुदाई के वाक्यातों से रूबरू कराता हूँ।

मेरी आपी हनी और फरहान के साथ मस्त रातें रंगीन हो रहीं थी, कोई रात ऐसी नहीं जा रही थी जब मेरा लॅंड आपी या हनी की चूत में अपना पानी न निकाल रहा हो। 

हनी और आपी को चोद चोद कर में चुदाई के खेल का इतना बड़ा खिलाड़ी बन चुका था कि यदि इस खेल को ओलंपिक में शामिल कर दिया गया होता तो में पता नहीं कितने मैडल अपने देश को दिला चुका होता।

मैं इन दो चूत में ही इतना मस्त था कि मुझे अपना जीवन अब संपूर्ण लगने लगा था। मेरे अंदर अब किसी तरह की कोई चाहत बाकी नही बची थी। 

रोज़ रात में खुल कर चुदाई का खेल होता था। आपी और हनी का कोई छेद ऐसा नहीं बचा था जिसमे मैने और फरहान ने अपना लॅंड न पेला हो। कसम से पूरा ज़न्नत का लुत्फ़ उठाते हुए हम लोगों की ज़िंदगी गुज़र रही थी। 

एक भी दिन हमारे लण्ड या चूत को आराम नहीं मिल रहा था। दो में से जब भी किसी के पीरियड होते थे तो दूसरी पर दुगुना लोड हो जाता था क्योंकि मैं या फरहान एक बार के पानी निकलने पर शांत होने वालों में से नहीं थे। कभी कभी तो ऐसा होता था कि आपी या हनी की चूत और गाँड दोनों में एक साथ हम लोगों के लण्ड होते थे।

यहाँ में एक बात और बताना चाहूँगा कि जिस तरह एक लॅंड हर समय किसी चूत की चाहत में तड़पता है उसी तरह हर चूत भी किसी न किसी लॅंड को अपने में पिलवाने को बेताब रहती है। आपको सिर्फ अपने आँख और कान खुले रखने है। आपको हर गली, हर मोहल्ले यहाँ तक कि हर घर में चुदासी चूत या चुदक्कड लॅंड आपके अनुसार मिल जायेगा।

CONTD.....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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RE: यादों के झरोखे से - by KHANSAGEER - 27-04-2024, 11:43 AM



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