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Adultery जिस्म की भूख
Exclamation 
"उई... अम्मी... कमीने... थप्पड़ क्यूँ मारा"

"हा...हा...हा... लो आपी अब मैं अपना लॅंड तुम्हारी गाँड़ में पेल रहा हूँ, पहली बार में हो सकता है थोड़ी तक़लीफ़ हो पर एक बार जगह बन जाने पर चूत मरवाने से कम मज़ा नहीं आएगा" -मैने आपी की गाँड़ में अपने लॅंड का दबाव बनाते हुए कहा।

उधर फरहान ने भी हनी की गाँड़ में ढेर सारा थूक लगा कर अपना लॅंड पेलना शुरू कर दिया। मैने धीरे धीरे अपना पूरा सुपाड़ा आपी की गाँड़ में उतार दिया। आपी तकिये को अपने मुँह में भींचे बिल्कुल आवाज़ नहीं निकलने दे रहीं थीं।

तभी फरहान मुझसे बोला, "भाईजान, अगर वैसलीन लगा लें तो आराम से पूरा लॅंड अंदर चला जाएगा, आपने जब पहली बार मेरी गाँड़ वैसलीन लगा कर मारी थी तो मुझे हल्का सा ही दर्द हुआ था"

"तो इतनी देर से अपनी बहन क्यूँ चुदवा रहा है कमीने? पहले से नहीं बोल पा रहा था?" -आपी तक़लीफ़ से चिल्लाती हुईं बोलीं।

फरहान दौड़ कर टेबल से वैसलीन की डिब्बी उठा लाया जिसे हम दोनों ने अपने लॅंड के साथ साथ आपी और हनी की गाँड़ में भी ढंग से लगा दी। मेरा आपी की कसी हुई गाँड़ मारने के ख़याल से ही बुरा हाल था।

मैने आपी की गाँड़ की एक चुम्मी लेकर अपने लॅंड का सुपाड़ा उनके झुर्रीदार छेद पर टिका दिया। अब मैने उनके दोनों चूतड़ कस कर पकड़ते हुए पूछा, "आपी! क्या तुम तैयार हो?"

"अगर मैं ना कहूँगी तो तू मान जाएगा क्या?" -आपी ने भुनभुनाते हुए गुस्से में कहा।

"अरे आपी मेरी जान! एक बार गाँड़ मरवा कर तो देखो, कल से चूत मरवाने से पहले अगर गाँड़ में लॅंड खुद ही पकड़ के न डालो तो मेरा नाम बदल देना" -मैने अपने लॅंड का सुपाड़ा उनकी गाँड़ में अंदर करते हुए कहा।

"आहह... तभी... तू... और फरहान... एक दूसरे की गाँड़ मारते थे... उई अम्मी... सग़ीर... आराम से पेल भाई..." -आपी ने कसमसाते हुए कहा।

उधर फरहान ने भी आराम से पूरा लॅंड हनी की गाँड़ में पेल दिया था। अब वह ठोकर मारने के लिए मेरी तरफ देखा।

मैने कहा, "थोड़ी देर पूरा लॅंड गाँड़ में ही रोक कर फिर धीरे धीरे आगे पीछे करना, फिर जब गाँड़ रवाँ हो जाए तब धक्के लगाना शुरू करना"

यह कह कर मैने आपी की गाँड़ से लॅंड बाहर खींच कर फिर से जड़ तक अंदर कर दिया। चार छः बार ऐसे ही करने के बाद लॅंड आराम से चलने लगा। अब मैने थोड़ा सा स्पीड बढ़ाते हुए आपी की गाँड़ मारना शुरू कर दिया।

उधर फरहान हनी की सटासॅट गाँड़ मार रहा था। हनी और आपी दोनों के मुँह से सिसकारियाँ निकल रहीं थीं।

'आ...ह... उहह... एस... थोड़ा... स्पीड... बढ़ाओ अब... एस... और... ज़ोर... से...'

मैं आपी की गाँड़ में भकाभक अपना लण्ड अंदर बाहर कर रहा था।

"आपी! सच सच बताना, मज़ा आ रहा है या नहीं, झूठ मत बोलना" -मैं आपी के चूतड़ कस कर थामे ठोकरे मारता बोला।

"हाँ, सही कह रहे थे तुम पर अगर वैसलीन न लगाते तो गांड फट कर हाथ में आ गई होती" -आपी अपनी फुद्दी कस कर रगड़ते हुए बोलीं, इस बीच वो दो बार झड़ चुकीं थीं ।

"आह... सगीर... बस्स... मेरा तो ... फिर...से हो गया..., अब बस कर भाई ... गांड दुखने लगी है..." -आपी फाइनली फिर से पानी छोड़ दीं थीं, मेरा भी अब होने ही वाला था। मैं पूरी ताक़त से आपी की गांड मार रहा था। अचानक मैंने अपना लण्ड जड़ तक आपी की गांड में ठांस दिया और वहीं रोक कर एक-दो-तीन लगातार पिचकारी मारना शुरू कर दिया।

मैं हांफते हुए आपी की चूचियों को पकड़ कर उनकी पीठ पर ही ढेर हो गया। आपी भी अपनी टाँगे सीधी करते हुए बेड पर पेट के बल लेट कर अपनी साँसे दुरुस्त करने लगीं।

मैंने गर्दन घुमा कर देखा तो हनी और फरहान दोनों ही झड़ने के बाद आराम कर रहे थे। हनी अभी भी अपनी फुद्दी सहला रही थी। अचानक हनी उठ कर बाथरूम में घुस गई।

थोड़ी देर बाद निकल कर आई और बोली, "आह... पूरा पेट साफ़ हो गया"

"गांड मरवाने से यही तो फायदा है" -फरहान ज्ञान पेलता बोला, "गांड मरवाने से दो नफ़ा। गर्दन मोटी पेट सफ़ा॥"

"तुम दोनों हम लोगों का कोई छेद ऐसा नहीं छोड़े जिसमें अपना लण्ड न पेला हो, एक गांड बची थी वो भी मार ली" -आपी बिस्तर से उठतीं हुई बोलीं, "हाय अल्ला, सगीर... मेरी गांड तो बहुत कसक रही है, हाय… मुझ से तो ज़मीन पर चला भी नहीं जा रहा" आपी अपनी गांड सहलाते हुए बोलीं।

"कुछ नहीं आपी, अभी नसें तुरंत ढीली हुईं हैं इसलिए कसक रहीं हैं। थोड़ी देर बाद खुद ब खुद नार्मल हो जायेंगीं" मैं उन्हें तसल्ली देते बोला।

"वैसे कुछ भी कहो भाईजान, हनी की गांड मारने में मज़ा बहुत आया" -फरहान अपना लण्ड सहलाते हुए बोला

"कुछ तो शर्म कर ले बहनचोद, तेरी दो दो बहनें वो भी सगी बहने तेरे सामने हैं और तू लण्ड सहलाता हुआ उनकी गांड की तारीफ कर रहा है" -आपी फरहान से बोलीं और फिर वो भी बाथरूम में चलीं गईं।

मैं हनी के शफ़्फ़ाक़ गोरे गोरे चूतड़ सहलाने लगा।

"भाईजान, गांड नहीं, आप मेरी चूत मारना, मुझे चूत में आपका लण्ड बड़ा मज़ा देता है" -हनी मेरे चेहरे के भावों को समझते हुए बोली।

"मैंने कल ही तुम्हारी चूत मारी है, अभी एक दो दिन तुम फरहान से ही मरवाओ, फिर जब रवां हो जाएगी तब तुम्हें चोदूगा" -मैंने उसकी चूत में उंगली करते हुए कहा

आपी भी पाखाने से फारिग होकर आ गईं। आते ही वो बेड पर गिर गईं।

"सब ख़ैरिय्यत तो है आपी जान... क्या हुआ?" -मैंने उनके गालों को सहलाते हुए पूछा

"कुछ नहीं सगीर, तेरा लण्ड बहुत मोटा है। मैं तो यही सोच कर ख़ौफ़ज़दा हूँ कि अगर वैसलीन न लगाई होती तो मेरी गांड का क्या होता? बहुत चिरचिरा रही है" -आपी ने दर्द में डूबी आवाज़ में कहा

"रुको आपी, मेरे पास एक मलहम है, मैं वो तुम्हारी गांड में लगा देता हूँ। जल्दी ही तुम्हें आराम मिल जायेगा" -मैंने उनके होठों पर प्यार से एक चुम्मी लेते हुए कहा

"ठीक है पर अब एक दो दिन गांड मत मारना मेरी प्लीज़ सगीर"

"ओ के आपी डन" -मैंने फिर से उनकी एक चुम्मी ली और मलहम लाने उठ गया।

हम चारों न्यूड सिस्टर ब्रदर चुदाई का मजा ऐसे ही तीन दिन तक सुबह-शाम लेते रहे। आपी और हनी गर्भ निरोधक गोलियां लेती रहीं।

फरहान और मैं उन दोनों को दिन रात चोदते रहे।

खवातीन और हज़रात, आपको मेरी यह चुदाई की कहानी ज़रूर अच्छी लगी होगी. अब हम चारो भाई बहन रात में खुल कर चुदाई का मज़ा लेते थे. इसके आगे के मेरी ज़िंदगी के असली वाक़ियत आपको मेरी अगली थ्रेड "यादों के झरोखे से" में पढ़ने को मिलेंगे।

अपने लाइक व कॉमेंट ज़रूर दीजिएगा।

सग़ीर ख़ान
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 05-02-2024, 06:40 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 11-02-2024, 08:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 03:03 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 10:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 17-02-2024, 07:45 PM
RE: जिस्म की भूख - by sananda - 17-02-2024, 09:34 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 09:16 AM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 04:29 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 25-02-2024, 05:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 27-02-2024, 10:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 02-03-2024, 11:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 05-03-2024, 12:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-03-2024, 02:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 07:43 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 05:30 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 14-03-2024, 02:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 18-03-2024, 09:07 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 19-03-2024, 06:24 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 28-03-2024, 02:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 28-03-2024, 10:16 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 30-03-2024, 02:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 02-04-2024, 10:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-04-2024, 05:17 PM
RE: जिस्म की भूख - by Chandan - 11-04-2024, 09:41 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 11:34 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 02:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 27-04-2024, 11:34 AM



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