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Adultery चित्रा और मैं (जिस्मो की आग)
#7
और चूची चुसवाने में तो उन्हें बहुत मज़ा आता ही होगा। चूत तो है ही बड़े काम की चीज़।


मेरे तो इन ख्यालों से ही लौड़े पर असर होने लगा था, और यह चाहते हुए कि चित्रा मेरी पैंट को हल्का सा उठते हुए भांप तो ले, कुर्सी पर धीरे से अपने आप को एडजस्ट कर रहा था। 18 भी क्या उम्र होती है, बाथरूम में मुठ मारने के बाद भी प्यारे मुन्ने को चैन ना था, और मुझे मालूम था कि चित्रा चाहे कितनी भी पढ़ने का नाटक कर रही हो, पर उसकी चूत तो मुझे बाथरूम में नंगा देख कर गीली ज़रूर हो गयी होगी।

पर मैंने तो सोच ही लिया था कि पहल वो ही करे तो ठीक था, इसलिए भी कि अगर वो पहले कुछ करेगी तो हरगिज़ मेरी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: चित्रा और मैं (जिस्मो की आग) - by neerathemall - 27-04-2024, 12:50 AM



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