23-04-2024, 02:25 PM
सलोनी- उनका लण्ड मेरी जांघों और चूत को भी बार बार छू रहा था।
नलिनी भाभी- मतलब तू चाह रही थी कि वो उसको तेरी मुनिया में डाल दे?
सलोनी- सच भाभी… मैं तो पहले से ही इतनी गर्म हो गई थी पर वो भी पूरा घाघ थे, लगा रहे थे, घिस रहे थे मगर डाल नहीं रहे थे।
फिर जब मैंने उनको याद दिलाया कि जल्दी कर लो ना… अंकुर आने वाले होंगे।
नलिनी भाभी- तो तूने अपने मुँह से कह दिया… बड़ी कमीनी है तू तो?
सलोनी- अरे नहीं भाभी.. मेरा मतलब तो मालिश पूरी करने से था। मगर वो भी तो पूरा सताने पर लगे थे।
फिर उन्होंने मेरे सामने ही अंकुर को फोन किया कि पूछ लेते हैं कि जनाब है कहाँ।
नलिनी भाभी- ओह वो तो बड़ा बहादुर निकला… उसको तो नहीं और तेरे को भी डर नहीं लगा कि ऐसे नंगे दोनों फिर अंकुर को भी कॉल करने लगे?
सलोनी- अरे भाभी अब वो कहाँ डरते, जब अंकुर के सामने से मुझे… पूरी नंगी ही अपनी गाड़ी में बैठा कर ले आए और अंकुर ने भी कुछ नहीं कहा।
नलिनी भाभी- अरे अंकुर बेचारा क्या जाने? कितना सीधा है वो तो…
सलोनी- हाँ भाभी, यह तो आप बिल्कुल सही कह रही हैं, वाकयी वो हैं तो बहुत सीधे और अच्छे भी।
नलिनी भाभी- अच्छा फिर फोन पर किसने बात की?
सलोनी- अमित कह तो वो मुझी से रहे थे, पर मैंने मना कर दिया। फिर खुद ही बात करने लगे और बात करते करते ही उन्होंने अपना लण्ड मेरी चूत में डाल दिया।
मेरा तो मुँह खुला का खुला रह गया, अब मैं कुछ बोल भी नहीं सकती थी और हिल भी नहीं सकती थी।
मुझे चोदते हुए ही वो बात करते रहे और मैं अपना मुहँ दबाये बिल्कुल चुप रही अगर हल्की सी भी सांस वो सुन लेते तो उनको कितना बुरा लगता। सच पूरे पागल ही हैं… उनको बोल रहे थे कि मैं अपने कमरे में आराम कर रही हूँ… जबकि मुझे बुरी तरह चोद रहे थे।
पूरे एक झटके में ही उन्होंने अपना पूरा लण्ड मेरी नाजुक चूत में घुसा दिया था, सच बहुत दर्द हुआ था… फिर तो उन्होंने मुझे बहुत मजा दिया, जब तक अंकुर घर नहीं आ गए, वो मुझे चोदते रहे।
नलिनी भाभी- क्यों फिर नहाये नहीं तुम दोनों?
सलोनी- नहाये तो थे… वो सुबह मेरे साथ ही नहाकर अपने घर गए।
नलिनी भाभी- क्या मतलब? अंकुर कहाँ था?
सलोनी- वो तो यहाँ सो रहे थे… बेचारे पूरी रात के थके थे।
नलिनी भाभी- अच्छा और तुझे थकान नहीं हुई?
सलोनी- अरे मेरी थकान तो अमित भैया ने अच्छी तरह निकाल दी थी… हा हा हा… सच बहुत मजा आया था… कल पहले तो अंकुर के साथ ही बहुत मजा आया था.. फिर अमित भैया ने दिल खुश कर दिया… तीन बार चोदा मुझे… अभी तक मीठी मीठी टीस उठ रही है।
नलिनी भाभी- टीस? वो कहाँ उठ रही है?
सलोनी- अरे चूत और गांड दोनों में ही…
नलिनी भाभी- तो क्या उसने गांड भी मारी तेरी? तुझे डर नहीं लगा कि अगर अंकुर जाग गया तो?
सलोनी- अरे डर की बात कर रही हो आप भाभी… वो तो इतने हिम्मती हैं कि रात को जब मैं अंकुर के साथ सो रही थी, तब भी यहाँ आकर मेरे पास लेट गए और मेरी चूत चाटी, मेरे से अपना लण्ड चुसवाया और लेटे-लेटे ही एक बार मेरे को चोदा भी।
नलिनी भाभी- क्या पागलों जैसी बात कर रही है? कहाँ चोदा? और अंकुर कहाँ था?
सलोनी- अरे यहीं.. मेरे पास लेटे मजे से सो रहे थे… उधर वो तो जोर जोर से खर्राटे ले रहे थे…और इधर अमित हर खर्राटे की आवाज पर धक्के मार रहे थे। सच भाभी बहुत ही मजे वाला अनुभव था… बहुत मजा आया…करीब आधे घंटे तक उन्होंने मुझे चोदा।
नलिनी भाभी- और तुझे बिल्कुल डर नहीं लगा कि अंकुर ने देख लिया तो क्या होगा? और कपड़े उतारे थे या ऐसे ही किया सब कुछ?
सलोनी- कौन से कपड़े भाभी, अमित भैया ने मुझे कपड़े पहनने ही कहाँ दिए… जब अंकुर यहाँ दरवाजे तक पहुँच गए तब तक तो लगातार चोदते रहे।
फिर जब उन्होंने घण्टी बजाई, तब मैं तो भागकर यहाँ आकर सोने का नाटक करने लगी और अमित भैया ने ही दरवाजा खोला, पता नहीं क्या कहा उनसे।
और मैं तो यहाँ सांस रोके चुपचाप ही रही, कपड़े पहनने का समय ही नहीं मिला।
नलिनी भाभी- और अंकुर ने भी एक बार भी तुझे नहीं देखा कि कपड़े पहने है या नहीं?
सलोनी- अरे नहीं… मैं तो डर रही थी पर उन्होंने नहीं देखा… फिर मैं यह भी सोच रही थी कि अगर देख भी लिया तो कुछ नहीं कहने वाले आखिर जब मैं उनके पास से आई थी, तब नंगी ही थी।
नलिनी भाभी- सच तू तो बहुत हिम्मती है… और तूने बहुत हिम्मत वाला काम किया है… मुझे तो सोचकर ही डर लग रहा है।
सलोनी- हा हा हा भाभी… सच, पर उस मजे के लिए इतना तो रिस्क लेना ही पड़ता… क्या मजा आया था !!
नलिनी भाभी- और फिर गांड कब मारी तेरी उसने?
सलोनी- सुबह नहाते हुए… उसमें भी बहुत मजा आया… अभी तक टीस उठ रही है.. अह्ह्हाआआ…
नलिनी भाभी- और अंकुर जाग जाता तो… तूने तो हद ही कर दी सलोनी…
सलोनी- अरे इसमें हद किस बात की, शुरू में तो मैं केवल उनकी हेल्प के लिए ही गई थी… पर जब उन्होंने मुझे भी साथ ले लिया तो फिर मैं सब कुछ भूल गई। और फिर जो अमित भैया ने मेरी जो गांड मारी है, सच आज तक इतना मजा नहीं आया। मैं तो उनकी चुदाई की कायल ही हो गई।
नलिनी भाभी- देखो तो कितनी बेशरम होकर सब बता रही है… तुझे तो अब किसी बात की शर्म ही नहीं रही।
ट्रीन्न न्न्न… ट्रिन्न न्न्न्न…
नलिनी भाभी- ओह कौन आ गया इस समय?
सलोनी- अंकल ही होंगे…
अंकल- अरे तू कब से यहाँ बैठी है…
और तभी कॉल कट हो गई।
अब मैं खुद को रोज़ी के प्रश्न के लिए तैयार कर रहा था कि अब उसको क्या और कैसे सब कुछ बताना है।
उसको बुरा भी ना लगे और वो सब कुछ अच्छी तरह स्वीकार भी कर ले।
सलोनी की इतनी सेक्सी बातें सुनकर मेरे पर तो ज्यादा असर नहीं हुआ पर शायद लगता है कि रोज़ी कुछ ज्यादा ही उत्सुक दिख रही थी। अब मुझे सब कुछ सम्भालना था, उसको बड़े आराम से ही सब कुछ बताना था।
TO BE CONTINUED.....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
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