23-04-2024, 02:21 PM
सलोनी- उनको वहीं छोड़ मैं डरी हुई सी अमित भैया के साथ उनकी गाड़ी में आई, वो बहुत मजाक कर रहे थे जिससे मैं नार्मल हो जाऊँ… फिर मुझे पता चला कि वो तो मुझे पहले से ही बहुत पसंद करते हैं… उन्होंने बताया कि उनकी बहुत पुरानी इच्छा पूरी हो गई… मुझे नंगी देखने की… उनकी प्यारी और मजाकिया बातें सुन मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं जल्दी ही नार्मल हो गई…
फिर उन्होंने ही कहा कि भाभी आज मजा करते हैं… वो चाहता था कि मैं पार्किंग से यहाँ तक नंगी ही आऊँ…
मैंने बहुत मना किया… पर उसने ज़िद पकड़ ली और फिर अपना कोट भी वापस मांग लिया।
फिर मैंने भी सोचा कि रात को इस समय कौन सा कोई जगा होगा, सब तरफ अँधेरा ही था, अमित तो मुझे पहले ही नंगी देख चुका था… बस मैंने उसकी यह इच्छा भी पूरी कर दी… सच भाभी बहुत मजा आया… एक दिन आप भी यह ट्राई करना… वो तो हमारे पास चाबी नहीं थी, वरना आपको भी कुछ पता नहीं चलता।
नलिनी भाभी- रहने दे… तेरे अंकल तो कब से तेरी राह देख रहे थे… उन्होंने तेरे को पूरा कंपाउंड का चक्कर लगाकर… नंगी ऊपर आने तक सब देख लिया था।
सलोनी- हाँ वो तो उन्होंने मुझे बता दिया था… अब चलो उनकी तो कोई बात नहीं… वो तो अपने ही हैं ना.. हा हा…
नलिनी भाभी- और यह भी तो हो सकता है कि कुछ और लोगों ने भी देखा हो… हो सकता है कोई और भी अपनी बालकोनी से देख रहा हो?
सलोनी- हा हा सच भाभी.. तो चलो यह उसका इतनी रात तक जागने का इनाम हो गया होगा… हा हा..
नलिनी भाभी- फिर तुम दोनों ने अकेले फ्लैट में क्या किया, वो तो बता?
सलोनी- अरे बस अब रहने भी दो ना भाभी, वो सब बाद में बता दूंगी।
नलिनी भाभी- नहीं मुझे अभी सुनना है बता ना !
मैंने रोजी की ओर देखा, वो आँखे फाड़े, मुँह खोले सब सुन रही थी।
उसकी समझ में आ तो गया होगा कि मैं किसकी बात सुन रहा हूँ क्योंकि उन्होंने मेरा ज़िक्र भी छेड़ा ही था।
अब उसकी क्या प्रतिक्रिया होती है, यही देखना था।
सलोनी- ओके बाबा, बताती हूँ… मुझे भी अमित भैया पहले से ही बहुत पसंद हैं ..इसीलिए मैंने भी सोच लिया था… कि उनकी सभी इच्छा पूरी करुँगी…
नलिनी भाभी- और तेरे अमित भैया की क्या इच्छा थी?
सलोनी- क्या भाभी आप भी… मुझ जैसे लड़की को नंगी देखकर एक लड़के की क्या इच्छा हो सकती है… हा हा…
नलिनी भाभी- तो तुम दोनों ने सब कुछ कर लिया?
सलोनी- ह्म्म्म बताती हूँ ना, रुको तो…
और कुछ देर के लिए वहाँ चुप्पी सी छा गई।
मैं रोज़ी के साथ बैठा नलिनी भाई और सलोनी की बातें सुन रहा था।
हम दोनों में एक फर्क था, मुझे तो उनकी बातें सुनकर मजा आ रहा था पर रोज़ी अभी हमारे बारे में ज्यादा नहीं जानती थी इसलिए उसको शायद बहुत अजीब लग रहा था।
वो तो एक पतिव्रता टाइप की लड़की थी, उसने कभी दूसरे मर्द के बारे में शायद ऐसा सोचा भी नहीं था पर अब वो कुछ कुछ खुद को बदल रही थी।
अभी तो उसके चेहरे के भाव और रंग हर पल बदल रहे थे, वो मुझे बड़े ही सहानुभूति के भाव से देख रही थी और उसकी आँखों में मेरे लिए बहुत ही याचना के भाव थे।
मैं बस यही सोच रहा था कि जब उसको पता चलेगा कि मुझे सलोनी के ऐसा कुछ करने से कोई ऐतराज नहीं है, तब उसको कैसा लगेगा।
फिलहाल तो वो मेरे साथ सलोनी की बातें सुनने में मस्त थी।
और उधर फिर से बातचीत शुरू हो गई… जैसे नलिनी भाभी सब कुछ उगलवाने का मूड में ही आई थी और सलोनी को भी उनको कुछ भी बताने से कोई ऐतराज नहीं था।
नलिनी भाभी- अच्छा अब कुछ तो पहन ले या ऐसे ही नंगी घूमती रहेगी?
सलोनी- हा हा… क्या भाभी आपमें और अंकल में कितना फर्क है… आप हमेशा कुछ पहनने को बोलती रहती हो और अंकल?
नलिनी भाभी- अंकल क्याआआ??
सलोनी- अरे छोड़ो न भाभी…बस लो पहन लिया…ना।
नलिनी भाभी- यह भी तेरा कोई कपड़ा है… लगता है जैसे कुछ पहना ही नहीं है।
सलोनी- अरे भाभी इसमें ही तो मजा है… खुद के लिए हमने पहना भी है और दूसरों के लिए नहीं भी… हा हा…
नलिनी भाभी- हाँ तो बता न फिर क्या हुआ?
सलोनी- अरे भाभी बताया ना… पहले तो हम दोनों ही थक गए थे तो मैंने गीजर ओन कर दिया।
तब अमित भैया बोले कि जब तक पानी गर्म हो वे मेरी मालिश कर देते हैं, सच उनको बहुत अच्छा मसाज करना आता है… भाभी आप भी करवा कर देखना… मैं तो पूरी नंगी थी ही, अमित भैया ने भी अपने सभी कपड़े निकाल दिए थे…
नलिनी भाभी- सब क्या? अंडरवियर भी?
सलोनी- उफ़्फ़्फ़्फ़ हाँ भाई वो भी… और उनका लण्ड काफी बड़ा था और पूरा खड़ा था… अब बस यही सुनना चाहती थी ना आप?
नलिनी भाभी- हाय राम… बड़ी बेशरम है तू तो… मैंने तो ऐसे ही पूछा था।
सलोनी- हाँ मुझे पता है सब कि कैसे और क्या जानना है आपको।
नलिनी भाभी- अच्छा ठीक है तू चाहे जैसे भी बता पर मुझे अच्छा लग रहा है… फिर क्या हुआ?
सलोनी- अरे फिर तो बहुत मजा आया… भैया अपनी सभी कलाएं मेरे बदन पर लगा दी, पहले उन्होंने खूब मालिश की, फिर मेरे चूतड़ों में दर्द तो हो ही रहा था उस इंस्पेक्टर के लण्ड की वजह से तो अमित भैया ने मुझे उल्टा करके मेरे चूतड़ों की खूब मालिश की, फिर मेरे छेद में भी खूब अच्छी तरह से मालिश की।
नलिनी भाभी- तूने उसे मना नहीं किया?
सलोनी- क्या भाभी? मुझे तो खूब अच्छा लग रहा था… मैं मना क्यों करती? जब वो पीछे से मेरे ऊपर चढ़कर मालिश कर रहे थे तब उनका लण्ड मुझे खूब मजा दे रहा था।
नलिनी भाभी- वो कैसे?
TO BE CONTINUED .....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
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