21-04-2024, 06:41 PM
"मम्मी, हमलोग सभी मेरे कमरे में जा रही हैं। वहीं चाय पानी भिजवा देना।" शीला बोली।
"ठीक है ठीक है। मैं वहीं भिजवाती हूं।" कहकर वह नौकरानी को आदेश देने लगी और बोली, "मैं जरा कमला के पास जा रही हूं। कुछ भी जरूरत होगी तो राधा को बोल देना।" जैसे ही शीला की मम्मी बाहर निकली, हमलोग बड़ी बेसब्री से शीला के कमरे में जा घुसे।
"कहां, कहां, जल्दी दिखा।" कमरे में घुसते न घुसते सभी मेरी ओर झपटे।
"अरे हड़बड़ाओ मत, पहले दरवाजा तो बंद करने दो।" कहकर शीला दरवाजा बंद करने लगी।
"और अगर तुम्हारी नौकरानी आ गई तो?" रेखा बोली।
"अरे चिंता मत करो। वह पहले दरवाजा खटखटाएगी। ऐसे थोड़ी न घुसी चली आएगी।" शीला बोली।
फिर जैसे ही मैंने मोबाईल निकालकर अनलॉक की, शीला झपट कर मेरे हाथ से मोबाईल ले ली और अपने बेड पर बैठ गई। रेखा और रश्मि भी उसकी बेड पर चढ़ कर उसके पीछे बैठ गयीं। अब जैसे ही उसने गैलरी खोला तो मेरी सांस रुक सी गई। पहली शुरुआत मेरी नंगी फोटो से ही हुई। सबकी आंखें फटी की फटी रह गईं। हे भगवान, मैं ने अपनी फोटो और वीडियो को तो अलग फाईल में डालना भूल ही गई थी। मैं उसके हाथ से मोबाईल छीनने की कोशिश करने लगी तभी दरवाजा खटखटाया गया। दरवाजे खुलने से पहले शीला ने मोबाईल छिपा लिया था। सामने नौकरानी पानी की ट्रे लेकर खड़ी थी। रेखा दौड़ कर उसके हाथ से पानी की ट्रे ले ली और सामने टेबल पर रख दी। जैसे ही नौकरानी कमरे से बाहर निकली, मैं फिर से शीला की ओर झपटी लेकिन शीला सावधान थी। मैं अपने प्रयास में सफल नहीं हो पाई।
"प्लीज़ मेरी फोटो मत देखो।" मैं गिड़गिड़ाई।
"अरे देखने तो दे। जरा देखें तो तुम बिना कपड़ों के कैसी दिखती हो।" शीला शरारत भरे लहजे में बोली।
"हाय राम, कैसी बेशरम हो तुमलोग।" मैं लाज से मरी जा रही थी। मैं फिर एक कोशिश की छीनने की लेकिन इस बार भी असफल रही। थक हार कर वहीं टेबल के पास एक कुर्सी पर सर पकड़ कर बैठ गई।
"अरे यार, जरा देखो तो क्या गजब की फिगर है इसकी।" शीला बोली।
"फिगर तो गजब की है ही, इसकी चूचियां तो देखो। साली पता नहीं क्या खाती है। ऐसी चूचियां तो हमलोगों की भी नहीं है।" रेखा बोली।
"एकदम पक्की बात है, यह जरूर किसी न किसी से चूचियां दबवाती है तभी तो... " रश्मि बोली।
"चुप साली हरामजादी। दबवाती होगी तू।" मैं झल्ला कर बोली।
"हां तो, दबवाती तो हूं लेकिन हमें लगता है तेरी चूचियां दबाने वाला हमारे वालों से भी जबरदस्त चुदक्कड़ होगा।" शीला बोली।
"हां हां, सच बोल रही हो। इसकी चूत देखो तो, एकदम मालपुए की तरह है। अच्छा खासा लौड़ा वाला होगा जो इसको चोदता होगा।" रेखा बोली।
"साली कुतिया, मेरी चूत देख रही है, अपनी दिखा तो?" मैं गुस्से में बोली।
"दिखाऊं?' रेखा खड़ी हो गई। तभी फिर दरवाजा खटखटाया गया। हम सब चुप हो गये। दरवाजा खुला तो नौकरानी चाय लेकर हाजिर थी। रेखा झट से उसके हाथ से चाय की ट्रे लेकर फिर से दरवाजा बंद कर ही रही थी कि शीला ने नौकरानी को आवाज दी,
"राधा, जरा रुक जाओ, हम जैसे ही चाय खत्म करते हैं, तुम खाली कप लेकर चले जाना।"
"जी शीला बीबी, मैं यहीं खड़ी हूं।" कहकर वह वहीं खड़ी हो गई। वह खड़े खड़े हम सबों को बड़े गौर से देखे जा रही थी। जैसे ही हमने चाय खत्म की, राधा सारे जूठे कप को लेकर बाहर निकल गयी। रेखा झट से दरवाजा बंद करने के लिए दरवाजे की ओर चली। दरवाजा बंद करके जैसे ही पलटी,
"हां, अब दिखा।" मैं ताव में आकर बोली।
"ठीक है ठीक है। मैं वहीं भिजवाती हूं।" कहकर वह नौकरानी को आदेश देने लगी और बोली, "मैं जरा कमला के पास जा रही हूं। कुछ भी जरूरत होगी तो राधा को बोल देना।" जैसे ही शीला की मम्मी बाहर निकली, हमलोग बड़ी बेसब्री से शीला के कमरे में जा घुसे।
"कहां, कहां, जल्दी दिखा।" कमरे में घुसते न घुसते सभी मेरी ओर झपटे।
"अरे हड़बड़ाओ मत, पहले दरवाजा तो बंद करने दो।" कहकर शीला दरवाजा बंद करने लगी।
"और अगर तुम्हारी नौकरानी आ गई तो?" रेखा बोली।
"अरे चिंता मत करो। वह पहले दरवाजा खटखटाएगी। ऐसे थोड़ी न घुसी चली आएगी।" शीला बोली।
फिर जैसे ही मैंने मोबाईल निकालकर अनलॉक की, शीला झपट कर मेरे हाथ से मोबाईल ले ली और अपने बेड पर बैठ गई। रेखा और रश्मि भी उसकी बेड पर चढ़ कर उसके पीछे बैठ गयीं। अब जैसे ही उसने गैलरी खोला तो मेरी सांस रुक सी गई। पहली शुरुआत मेरी नंगी फोटो से ही हुई। सबकी आंखें फटी की फटी रह गईं। हे भगवान, मैं ने अपनी फोटो और वीडियो को तो अलग फाईल में डालना भूल ही गई थी। मैं उसके हाथ से मोबाईल छीनने की कोशिश करने लगी तभी दरवाजा खटखटाया गया। दरवाजे खुलने से पहले शीला ने मोबाईल छिपा लिया था। सामने नौकरानी पानी की ट्रे लेकर खड़ी थी। रेखा दौड़ कर उसके हाथ से पानी की ट्रे ले ली और सामने टेबल पर रख दी। जैसे ही नौकरानी कमरे से बाहर निकली, मैं फिर से शीला की ओर झपटी लेकिन शीला सावधान थी। मैं अपने प्रयास में सफल नहीं हो पाई।
"प्लीज़ मेरी फोटो मत देखो।" मैं गिड़गिड़ाई।
"अरे देखने तो दे। जरा देखें तो तुम बिना कपड़ों के कैसी दिखती हो।" शीला शरारत भरे लहजे में बोली।
"हाय राम, कैसी बेशरम हो तुमलोग।" मैं लाज से मरी जा रही थी। मैं फिर एक कोशिश की छीनने की लेकिन इस बार भी असफल रही। थक हार कर वहीं टेबल के पास एक कुर्सी पर सर पकड़ कर बैठ गई।
"अरे यार, जरा देखो तो क्या गजब की फिगर है इसकी।" शीला बोली।
"फिगर तो गजब की है ही, इसकी चूचियां तो देखो। साली पता नहीं क्या खाती है। ऐसी चूचियां तो हमलोगों की भी नहीं है।" रेखा बोली।
"एकदम पक्की बात है, यह जरूर किसी न किसी से चूचियां दबवाती है तभी तो... " रश्मि बोली।
"चुप साली हरामजादी। दबवाती होगी तू।" मैं झल्ला कर बोली।
"हां तो, दबवाती तो हूं लेकिन हमें लगता है तेरी चूचियां दबाने वाला हमारे वालों से भी जबरदस्त चुदक्कड़ होगा।" शीला बोली।
"हां हां, सच बोल रही हो। इसकी चूत देखो तो, एकदम मालपुए की तरह है। अच्छा खासा लौड़ा वाला होगा जो इसको चोदता होगा।" रेखा बोली।
"साली कुतिया, मेरी चूत देख रही है, अपनी दिखा तो?" मैं गुस्से में बोली।
"दिखाऊं?' रेखा खड़ी हो गई। तभी फिर दरवाजा खटखटाया गया। हम सब चुप हो गये। दरवाजा खुला तो नौकरानी चाय लेकर हाजिर थी। रेखा झट से उसके हाथ से चाय की ट्रे लेकर फिर से दरवाजा बंद कर ही रही थी कि शीला ने नौकरानी को आवाज दी,
"राधा, जरा रुक जाओ, हम जैसे ही चाय खत्म करते हैं, तुम खाली कप लेकर चले जाना।"
"जी शीला बीबी, मैं यहीं खड़ी हूं।" कहकर वह वहीं खड़ी हो गई। वह खड़े खड़े हम सबों को बड़े गौर से देखे जा रही थी। जैसे ही हमने चाय खत्म की, राधा सारे जूठे कप को लेकर बाहर निकल गयी। रेखा झट से दरवाजा बंद करने के लिए दरवाजे की ओर चली। दरवाजा बंद करके जैसे ही पलटी,
"हां, अब दिखा।" मैं ताव में आकर बोली।