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Adultery रंगीली बीबी
Heart 
उसकी चूत को देखकर कोई नहीं कह सकता था कि यह अभी तक चुदी भी है, उसको देखकर तो लग रहा था जैसे उसमे कभी उंगली तक नहीं गई। मैंने रोज़ी की ख़ूबसूरती अच्छी तरह निहारने के बाद उससे खेलना शुरू कर दिया। मेरी जीभ रोज़ी की चूत पर हर जगह घूमने लगी।

रोज़ी के मुख से अब लगातार सिसकारियाँ निकल रही थी- “आःह्हाआ आआ उफ़्फ़ ओह अह्ह्ह हाह्ह्ह आःह्हाआ नहीईइ इइ आह्हआअ…”

मेरे ऑफिस में एक अलग ही माहौल बन गया था। मैंने उसकी चूत को अब अपने हाथों से हल्का सा खोला, बहुत चिपचिपा हो रहा था, शायद बहुत समय के बाद उसकी चूत को ऐसा सुखद अहसास मिल रहा था या शायद पहली बार। उसकी चूत बहुत ज्यादा पानी छोड़ रही थी, इतना पानी तो मधु की चूत से भी नहीं निकला था।

मुझे उसकी खुशबू बहुत भा रही थी। मेरी जीभ लगातार उसकी चूत के चारों ओर अंदर तक अठखेलियाँ कर रही थी। अब रोज़ी ने अपने चूतड़ों को ऊपर की ओर उछालना भी शुरू कर दिया था, उसको वाकयी बहुत आनन्द आ रहा था, वो मजे के सागर में गोते लगा रही थी।

मैं चूत से लेकर गांड तक सब कुछ चाट रहा था, जो रोज़ी केवल 1-2 बार में साफ़ करने की बात कर रही थी, वो अब सिसकारियों के साथ-साथ चटवाने में सहयोग भी कर रही थी, वो खुद अपनी चूत मेरे मुँह से चिपकाये जा रही थी।

मुझे दस मिनट से भी ज्यादा हो गए थे, मेरे होंठ दर्द करने लगे थे मगर रोज़ी ने एक बार भी मना नहीं किया उसने शायद दो बार अपना पानी भी छोड़ दिया था क्योंकि उसकी चूत पानी से लबालब हो गई थी। मैं उसके सारे पानी को चाट चाट कर फिर से साफ़ कर देता था।

फिर मुझे ही उससे बोलना पड़ा- “क्या हुआ मेरी जान? अभी और साफ़ करूँ?”

इस समय मैं चाहता तो उसको आसानी से चोद सकता था, वो इस कदर गर्म हो गई थी कि बड़े से बड़े लण्ड को भी मना नहीं करती। पर मैं उसको ऐसे नहीं बल्कि उसकी दिली ख्वाहिश से उसे चोदना चाहता था। जब वो खुद पहले से चुदाई के लिए राजी हो तभी मैं चोदना चाहता था।

मैंने उसको वैसे ही छोड़ दिया। वो कुछ देर तक वैसे ही लेटी रही, नीचे से नंगी लेटी वो बहुत सेक्सी लग रही थी।

उसने अपनी साड़ी से चूत तक को नहीं ढका, मतलब वो बहुत कुछ चाहती थी पर खुद नहीं कह पा रही थी। भले ही वो इस समय मुझे गाली दे रही होगी परन्तु जब उसकी खुमारी उतरेगी तो वो मुझसे प्यार करने लगेगी।

मुझे इस बात की पूरी तसल्ली थी। अब मैं उसके उठने और कपड़े सही करने का इन्तजार कर रहा था, मैं देखना चाहता था कि वो ऑफिस के स्टाफ को देख कैसे प्रतिक्रिया करती है।

मैंने दराज से सिगरेट निकाली, जलाई और आराम से पीते हुए उसको देखने लगा।

अपने ऑफिस में मैं अपनी रिवॉल्विंग चेयर पर आराम-मुद्रा में बैठा सिगरेट के कश लगाता हुआ, मस्ती के पलों को जी रहा था।

सामने शीशे पर पड़ा हुआ परदा पूरा हटा हुआ था, सामने जहाँ मेरा स्टाफ पूरी लगन के साथ अपने-अपने काम में लीन था, वहाँ काफी चहल-पहल थी और शीशे के ठीक बराबर में जो सोफ़ा पड़ा था, वहाँ रोज़ी मस्ती में नहाई हुई अपने रस में डूबे अंगों को लिए लेटी हुई थी।

मैं उसके अंगों को बड़े आराम से देख रहा था, जब भी वो हिलती, अपने पैरों को ऊपर नीचे करती या फिर घूम जाती, उसकी जांघों का जोड़ और यौवन से लदे चूतड़ बार-बार मेरे लण्ड को आमंत्रण दे रहे थे।

वाह क्या दिलकश नजारा था…

सिगरेट से कहीं ज्यादा नशा उसके अंगों को देखकर चढ़ रहा था, यह मेरा दिल ही जानता है कि मैंने कैसे खुद को रोका हुआ था अगर कुछ देर और रोज़ी ऐसे ही रहती तो शायद मैं खुद को नहीं रोक पाता।

पर रोज़ी की शर्म फिर से वापस आ गई और वो सोफे से उठकर जल्दी से खुद को व्यवस्थित करने लगी।

उसकी साड़ी तो पहले से ही अस्त-व्यस्त थी तो उसने उठते हुए साड़ी को अपने बदन से हटा ही दिया। वो केवल पेटीकोट और ब्लाउज में बहुत सेक्सी लग रही थी। रोज़ी का पेटीकोट बहुत ही झीने कपड़े का था, कपड़े से उसकी टाँगें और सभी कुछ दिख रहा था। ये सब बहुत ही सेक्सी लग रहा था।

उसने मेरी ओर देखे बिना ही अपने पेटीकोट के नाड़े को सीधा करके बाहर निकाला, शायद उसको अपना पेटीकोट सही करना था।

मैं बिना पलक झपकाये उसको देख रहा था। उसने पेटीकोट के नाड़े को खींच कर खोला, पेटीकोट पहले ही नाभि से काफी नीचे बंधा था, नाड़ा खुलने से वो नाभि के पास से कुछ ओर नीचे खिसक गया।

मुझे उसकी चूत का ऊपरी हिस्सा तक दिख गया था तो मेरे मुख से अह्ह्हाआआ निकल गई। रोज़ी ने पेटीकोट पकड़े पकड़े ही नजर उठाकर मुझे देखा और वो शरमा गई। रोज़ी मुझे देखकर वैसे ही शरमाकर मेरी ओर पीठ कर लेती है, उसके घूमने से अब उसका चेहरा शीशे की ओर हो गया तो पहली बार उसने उस शीशे में से सबको देखा।

दो जने ठीक शीशे के सामने खड़े बात कर रहे थे।

बस यही वो क्षण था… उसने जैसे ही शीशे में से सबको देखा और स्वाभावि ही उसके मुख से एक जोरदार चीख निकली और उसके दोनों हाथ उसके चेहरे पर आँखों को ढकने के लिए उठ गए।

पेटीकोट उसके हाथ से छूट गया, जिसने नीचे जमीन चूमने में एक क्षण भी नहीं लगाया।

अब रोज़ी कमर के नीचे पूरी नंगी थी लेकिन फिर भी उसके नंगे चूतड़ों का दृश्य की मुझे बस जरा सी झलक ही मिली क्योंकि रोज़ी वहाँ से दौड़ कर तुरंत मेरे सीने से लग गई शायद अपनी शर्म को छिपाने का नारी को यही सबसे सुलभ उपाय लगता है।

मैंने हंसते हुए अपनी सिगरेट बुझाई, उसको डस्टबिन में डालने के बाद उसकी पीठ पर हाथ रख उसको खुद से चिपका लिया।

मैं- “क्या हुआ जानेमन?”

उसने कुछ नहीं कहा बस तेज तेज सांस लेते हुए उसने अपने एक हाथ से शीशे की ओर इशारा किया।

मैं खुद कुर्सी से खड़ा हुआ और उसको भी उठाकर खड़ा किया।

वो अभी भी मेरे सीने से चिपकी थी, उसकी पीठ पर रखे, अपने हाथ को सरकाकर मैं उसके चूतड़ों पर ले गया और नंगे चूतड़ों की एक गोलाई को मसलते हुए ही उससे कुछ मस्ती करने के लिए मैंने कहा- “हा हा हा तो क्या जानेमन, पेटीकोट भी निकालकर उनको ये सब क्यों दिखा रही हो?”

मैं उसकी चूतड़ों की दरार में उंगली फिराते हुए उंगली उसकी चूत तक ले गया।

उसने एक जोर की सिसकारी ली- “अह्ह्हाआआ क्या करते हो सर आप? प्लीज वो परदा बंद करो ना और यह आपने ही खोला होगा ना?”

मैं- “अरे घबराओ मत मेरी जान, यह तो बस मनोरंजन ही है। यह ‘वन साइड व्यू ग्लास; है। हम तो बाहर देख सकते हैं मगर उधर से कुछ नहीं दिखेगा”

अब शायद उसको समझ आ गया था क्योंकि उसने भी उधर खड़े होकर कई बार अपने बाल सही किये थे। उधर से किसी को भी खुद का अपना अक्स ही नजर आता है।

यह सब जानने के बाद भी वो मेरे सीने से लगी रही, मेरा हाथ कभी उसके नंगे चूतड़ों के सम्पूर्ण भाग को सहलाता, कभी उसके चूतड़ों की दरार तो कभी उसके गुदाद्वार को कुरेदता, तो कभी मैं चूतड़ों के नीचे उसकी चूत को भी सहला देता। उसने एक बार भी मेरे हाथ को ना तो हटाने की कोई कोशिश की और ना ही हल्का सा भी विरोध किया।

मेरा लण्ड आगे से उसकी नंगी चूत को छू रहा था पर वो अभी भी पैंट के अंदर ही था।

मेरा दिल कह रहा था कि यार! लौंडिया पूरी गर्म है। निकाल लण्ड और डाल दे चूत में।

मगर दिमाग अभी उसको बहुत आराम से चोदने के मूड में था वो कोई भी जल्दबाजी करने की इजाजत नहीं दे रहा था।

मैंने ही रोज़ी को थोड़ा सा अपने से अलग करते हुए कहा- “मेरी जान! उधर सबको देखते हुए आराम से कपड़े पहनो, फिर देखो कितना मजा आता है।हा हा हा ह…”

रोज़ी ने उउह्ह्ह्हूऊउ करते हुए अपने कपड़े उठाये और दूसरी तरफ जाकर अपना पेटीकोट और साड़ी पहनी।

फिर करीब एक घंटे तक तो वो बड़ी ही विचलित सी रही मगर बाद में उसकी समझ में आ गया और उसकी आँखों में एक अलग ही प्यार मुझे अपने लिए नजर आया।

कुछ देर तक तो मैं अपनी थकन उतारता रहा और कुछ ऑफिस का काम किया, 2-3 बार नीलू को भी कॉल किया मगर फिर फ़ोन नहीं लगा। लगता था उसको चार्ज करने का समय नहीं मिला था।

पर पहली बार ऐसा हुआ था कि उसने किसी और के फोन से भी मुझे कॉल करके नहीं बताया था शायद किसी जरुरी कार्य में ही फंस गई थी।

हे भगवान, उसके साथ सब कुछ सही हो…

TO BE CONTINUED .....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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रंगीली बीबी - by KHANSAGEER - 18-02-2024, 02:17 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 19-02-2024, 10:11 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 20-02-2024, 12:42 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 20-02-2024, 06:09 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 22-02-2024, 08:58 PM
RE: रंगीली बीबी - by sri7869 - 23-02-2024, 12:54 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 25-02-2024, 05:12 PM
RE: रंगीली बीबी - by Vamp - 26-02-2024, 04:53 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 01-03-2024, 04:19 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 02-03-2024, 11:12 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 06-03-2024, 06:58 AM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 06-03-2024, 08:05 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 10-03-2024, 02:08 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 11-03-2024, 10:33 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 12-03-2024, 02:53 AM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 12-03-2024, 05:54 PM
RE: रंगीली बीबी - by Vnice - 18-03-2024, 09:06 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 18-03-2024, 09:29 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 19-03-2024, 07:07 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 26-03-2024, 09:25 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 28-03-2024, 07:28 AM
RE: रंगीली बीबी - by Vnice - 28-03-2024, 08:26 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 31-03-2024, 10:13 PM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 01-04-2024, 04:26 PM
RE: रंगीली बीबी - by KHANSAGEER - 20-04-2024, 02:53 PM
RE: रंगीली बीबी - by Dgparmar - 24-04-2024, 02:04 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 24-04-2024, 10:52 AM
RE: रंगीली बीबी - by saya - 28-04-2024, 10:14 PM
RE: रंगीली बीबी - by Samar78 - 29-04-2024, 04:18 PM
RE: रंगीली बीबी - by Apkeliya - 20-05-2024, 10:08 AM
RE: रंगीली बीबी - by urb0nd - 23-05-2024, 02:00 PM



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