तो मैंने कहा- “यही तो मैं चाहता हूँ कि आप मेरे लिए पागल हो जाओ और फिर मेरे साथ हर वक्त सेक्स करो”
यह कह कर मैं दोबारा घूँट भरने लगा तो आपी ने कहा- “रूको…”
अब आपी क्या करने वाली थीं मुझे देखना था। उन्होंने मेरे हाथ से जग पकड़ कर एक घूँट भरा और जग साइड पर रख के अपनी बांहें मेरी गर्दन के गिर्द लपेट कर अपने होंठ मेरे होंठों से ज़ोड़ दिए और सारा दूध मेरे मुँह में डाल दिया।
अब वो मुझे किस करने और मेरे होंठों को चाटने लगीं। कुछ देर किस करने के बाद आपी ने अपने होंठ अलग किए और दोबारा काम में लग गईं और मुझसे कहा- “अब खुद पियो, मैं जल्दी से काम खत्म कर लूँ”
जग को उठाया और मैंने मुँह से लगा कर आधा दूध पी गया और बाकी का बचा के आपी को कहा- “ये आपका”
मैंने जग आपी के आगे किया।
तो आपी ने कहा- “मेरा दिल नहीं कर रहा, बस इतना ही पीना था”
मैंने आपी से कहा- “कुछ नहीं होता... पियो”
मैंने जग आपी के मुँह से लगा दिया और सारा दूध आपी को पिला कर जग नीचे किया तो आपी ने लंबी सांस ली और मुझे गुस्से से देखने लगीं।
आपी से मैंने कहा- “आपी आप दूध नहीं पियोगी तो कमज़ोर हो जाओगी”
आपी के मुँह में अभी भी एक घूँट दूध बाकी था आपी ने बिना कुछ बोले ही अपने होंठ मेरे होंठ पर रख कर दूध मेरे मुँह में डाल दिया और अपने होंठ अलग करके बोलीं- “अच्छा बाबा, ठीक है लो पी लिया ना। अब बस मुझे दस मिनट दो, मैं काम खत्म कर लूँ”
मैंने कहा- “ओके…”
मैं वहीं आपी के पास रुक गया।
आपी ने किचन की चीजें संभालीं और कुछ बर्तन धो कर मुझसे बोलीं- “चलो बाहर चल कर बैठते हैं”
मेरा हाथ पकड़ कर वे मुझे बाहर टीवी लाउन्ज में ले आईं और हम दोनों सोफे पर बैठ गए।
आपी ने मुझसे कहा- “सगीर, तुम कॉलेज भी जाया करो, ऐसे तुम्हारी स्टडी खराब होगी”
तो मैंने कहा- “आपी आप छोड़ो ना स्टडी को, कोई और बात करो। चलो ना, कुछ करते हैं”
मैंने आपी को सर से पकड़ा और आपी को किस करने लगा। आपी भी मुझे किस का रेस्पॉन्स देने लगीं। किस करते-करते मैंने आपी का सर से अपना हाथ से उठाया और आपी की कमर को पकड़ कर आपी को पीछे की तरफ लेटाता हुआ आपी के ऊपर लेट गया पर किस करना नहीं छोड़ा।
आपी भी पूरे मज़े से मुझे किस कर रही थीं और अपने हाथों से मेरे सर पर दबाव डाल रही थीं। वे मेरे होंठों को अपने होंठों पर इस तरह दबाव डाल रही थीं जैसे मेरे होंठ ही खा जाएंगी। मैं भी आपी के ऊपर लेट कर आपी को किस करता रहा। हम ऐसे ही करीब दस मिनट तक मगन हो कर किस करते रहे।
इसके बाद आपी ने अपने होंठ मेरे होंठों से अलग किए तो आपी के होंठों से हल्का-हल्का खून निकलने लगा।
मैंने अपना हाथ आपी के होंठ पर लगाया तो मेरी उंगली पर खून लग गया।
मैं जल्दी से आपी के ऊपर से उठा और आपी को उठाया और पूछा- “आपी आपके होंठों से ब्लड निकल रहा है, लगता है आपको मेरे दांत लग गए हैं”
आपी ने मुझे कुछ कहे बिना ही दोबारा किस चालू कर दी और मेरे होंठों को चूसने लगीं। मैंने आपी के सर को पकड़ कर पीछे किया और बोला- “आपी पागल मत बनो, ब्लड निकल रहा है। रूको मैं पानी ले कर आता हूँ”
मैं उठने लगा तो आपी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे रोक कर बोलीं- “सगीर तुमने खुद तो कहा था कि मैं आपको अपने प्यार में पागल कर देना चाहता हूँ, लो मैं हो गई हूँ तुम्हारे लिए सगीर… तुमने कुछ और माँगा होता तो मैं आज तुम्हारे लिए वो भी कर जाती”
मैं आपी की बात सुन कर मैं वहीं बैठ गया और आपी के माथे पर किस की।
आपी से बोला- “आपी प्लीज़, ऐसे अपने आपको तकलीफ़ ना दिया करो प्लीज़, ये ठीक नहीं है। आप रूको एक मिनट!”
और मैं किचन से ग्लास में पानी लेकर आया और साथ एक खाली बर्तन लेकर आया। मैं आपी के पास बैठ गया और आपी से कहा- “लो कुल्ली करो और मुझे ज़ख़्म दिखाओ”
आपी बोलीं- “पहले किस करो मुझे”
तो मैंने कहा- “आपी ज़िद ना करो आप, पहले ज़ख़्म दिखाओ मुझे फिर मैं किस करूँगा”
मैंने ग्लास आपी के होंठों के आगे किया तो आपी ने घूँट भरा और कुल्ली की और पानी खाली बर्तन में फेंका।
मैंने आपी से कहा- “अब मुँह खोलो”
मैं ग्लास और बर्तन नीचे रख कर आपी का मुँह देखने लगा। आपी के ऊपर वाले होंठ पर किस करते वक्त एक कट लग गया था और उसमें से खून निकल रहा था।
मैंने आपी से कहा- “आपी आपके होंठ को कट लग गया है आप लेटो मैं कमरे में से जैल लेकर आता हूँ”
मैंने आपी को सोफे पर लेटा कर कमरे में से जैल लेकर आया और आपी के होंठ के अन्दर वाली साइड पर लगाई। मैं आपी के पास बैठ गया और आपी से कहा- “आपी प्लीज़ आप आगे से ऐसे ना करना, ये ठीक नहीं है। देखो मुँह में ज़ख़्म बन गया है”
आपी बोलीं- “सगीर बस चुप करो अब और तुम टाइम क्यों ज़ाया कर रहे हो, चलो ना काम शुरू करते हैं”
मैंने आपी से कहा- “नहीं आपकी तबियत ठीक हो जाए, फिर करेंगे”
तो आपी ने कहा- “तुम मेरी बात नहीं मान रहे हो, मैं रोऊँगी फिर”
मैंने कहा- “अच्छा ओके बाबा पर अब नो किस ओके”
आपी ने कहा- “अच्छा किस न करो पर चुदाई तो करो ना और सुनो अभी तुम एक टेबलेट खा लो। देर तक करने का मूड है”
तो मैंने जो टेबलेट साथ लाया था वो निकाली और एक टाइमिंग वाली गोली खुद खा ली और आई-पिल आपी को खिला दी। मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए। मैं अंडरवियर पहने हुए ही आपी के ऊपर आ गया और आपी की सलवार खींच कर नीचे को उतार कर सोफे पर फेंक दी। फिर आपी को हल्का सा ऊपर उठा कर उनकी कमीज़ भी उतार दी।
आपी बस ब्रा में थीं। आपी ने नीचे पैन्टी भी नहीं पहनी हुई थी। मैंने आपी की टाँगों को खोला और अपने मुँह को चूत पर रख कर ज़ुबान फेरने लगा। मेरी ज़ुबान आपी की चूत के साथ लगी ही थी कि आपी ने सिसकारी भरी।
‘ऊऊऊहह ऊओह...’ और अपनी चूत को हल्का सा ऊपर उठा दिया जो कि मेरे मुँह में चली गई।
मैंने आपी की चूत को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा। आपी नीचे से अपनी गाण्ड को उठा-उठा कर चूत चुसवा रही थीं और साथ ही ‘आआहह... आआहह…सगीर...ज़ुबान और अन्दर करो...ऊऊ ऊओह...’ की आवाज़ निकाल रही थीं और चूत को मेरी जीभ से चुदवाए जा रही थीं।
मैंने आपी की चूत को चूसते हुए अपने हाथ से आपी की ब्रा नीचे की और अपने हाथ से आपी के चूचों को मसलने लगा। मैं अपनी ज़ुबान को आपी की चूत में तेज रफ्तार से अन्दर-बाहर करने लगा, अब आपी पूरी मस्ती से गाण्ड को हिला रही थीं।
कुछ ही देर में मैंने आपी की चूत को चोदा होगा कि आपी ने मेरे सर को अपने हाथ से दबाना चालू कर दिया और कहने लगीं- “सगीर, मैं छूटने वाली हूँ आहह…”
मैंने आपी की बात सुन कर और तेज़ी से ज़ुबान को हिलाना चालू कर दिया और कोई दो मिनट ही और किया होगा कि आपी का जिस्म अकड़ने लगा और आपी ने एक लंबी आह भरी ‘ऊऊऊऊऊहह... मैं गईईई...’
इसी के साथ आपी ने अपनी कमर को ऊपर उठा दिया। उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
आहिस्ता-आहिस्ता आपी का जिस्म ढीला हो गया और आपी ने वापिस अपनी कमर को नीचे सोफे पर गिरा दिया।
मैंने आपी की चूत से मुँह उठाया और आपी से कहा- “आपी कैसा रहा?”
आपी कुछ ना बोलीं और बस आँखों से इशारा कर दिया।
TO BE CONTINUED .....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All

