वो बोली- “भाई ये क्या कर रहे हो…? ये ग़लत है... कोई आ जाएगा”
तो मैंने कहा- “कोई नहीं आएगा… तुम चुप रहो”
बस मैंने उसका हाथ ढीला किया तो उसने अपना हाथ खींच लिया पर मैंने अपना हाथ उसकी चूत से नहीं उठाया और ऐसे उसकी चूत को सलवार के ऊपर से ही सहलाने लगा।
हनी घबराई हुई बैठी थी और उसके होंठों से एक सेक्स से लबरेज सिसकारी ‘यसस्स... सीईस्स...’ की हल्की-हल्की आवाज़ में आ रही थी।
अभी ये सब चल ही रहा था कि तभी आपी ने मुझे आवाज दी- “सगीर क्या बात है... क्यों बुलाया है?”
यह कहते हुए आपी कमरे में दाखिल हुईं और फिर खामोश हो गईं। हनी ने आपी को देखा तो खड़ी हो गई और रोने लगी।
तो आपी ने मुझसे पूछा- “ये क्या है सगीर?”
मैंने बताया- “मैंने अपना काम कर दिया है अब बाकी आपको संभालना है”
यह कह कर मैं कमरे से बाहर निकल गया। मैं जाते-जाते कमरे का दरवाज़ा बंद करके नीचे चला गया और अब्बू के पास बैठ गया।
अब्बू ने बताया- “मैं और तुम्हारी अम्मी कल आउट ऑफ सिटी जा रहे हैं। रिश्तेदारी में शादी है और उन्होंने बुलाया है हालांकि उन्होंने बच्चों को भी बुलाया है तो क्या तुम लोग भी चलोगे?"
“नहीं...” -मैंने अब्बू से कहा- “मेरे और आपी के कॉलेज और यूनिवर्सिटी का मसला है और आप फरहान और हनी से पूछ लो उनका क्या प्रोग्राम है”
अब्बू ने कहा- “ठीक है, उनको बुलाओ ज़रा”
मैंने हनी और फरहान को आवाज़ दी। फरहान से अब्बू ने पूछा तो उसने कहा कि वो फ्री है उसे बस बकाया काम कवर करना रह गया है।
तो अब्बू ने कहा- “ठीक है तुम हमारे साथ चलो बकाया काम बाद में आके कर लेना, बस 3 दिन ही लगेंगे”
तो फरहान ने कोई जवाब नहीं दिया और मुँह बना कर बैठ गया। तभी आपी और हनी ऊपर से आईं। अब्बू ने हनी से पूछा तो वो कुछ नहीं बोली।
आपी ने कहा- “अब्बू आप दोनों अकेले ही चले जाओ। इन दोनों को रहने दो, इनकी स्टडी का नुकसान होगा। घर रहेंगे तो इनका काम भी ठीक हो जाएगा”
अब्बू ने कहा- “ये बात भी ठीक है फिर ऐसे करो तुम लोग घर रहो और हम दोनों ही हो आएंगे”
आपी बोलीं- “हाँ अब्बू, हनी का काम भी काफ़ी पीछे चल रहा है तो हम दोनों ही ऊपर भाई के कमरे में शिफ्ट हो जाते हैं इकट्ठे पढ़ लिया करेंगे”
अब्बू ने कहा- “ठीक है, सुबह तुम दोनों भी अपना सामान ऊपर शिफ्ट कर लेना”
अब्बू के साथ बात खत्म करके आपी ने मुझे आँख मारी और किचन में चली गईं। मैं आपी का इशारा समझ गया कि आपी ने हनी को मना लिया है इसी लिए उन्होंने फरहान और हनी को जाने नहीं दिया। उसके बाद सबने रात का खाना खाया और अब्बू और अम्मी अपने रूम में चले गए।
मैंने आपी को कहा- “आप इन सबको कमरे में लेकर जाओ मैं अब्बू को बता कर आता हूँ कि हम पढ़ने जा रहे हैं”
मैंने अब्बू का रूम नॉक करके आवाज़ दी कि अब्बू हम सब ऊपर जा रहे हैं पढ़ कर वहीं सो जाएंगे।
अब्बू ने कहा- “ठीक है लाइट्स ऑफ कर दो”
मैंने लाइट्स बंद की और ऊपर कमरे में चला गया। मैंने कमरे में दाखिल होते ही दरवाजा बंद किया और देखा तो आपी हनी को चेयर पर बैठा कर कुछ समझा रही थीं और फरहान बिस्तर पर बैठा लण्ड को सहला रहा था।
मैंने आपी को आवाज़ दी तो आपी ने मुझे बैठने का इशारा किया और दो मिनट बाद मेरे पास आ कर बैठ गईं।
आपी ने मुझे बताया- “मैंने हनी को सब समझा दिया है और वो तैयार है उसने मुझे बताया है कि वो अपनी सहेलियों से ये सब सुन चुकी है”
तो मैंने आपी से कहा- “फिर आप बताओ हनी की सील मैं तोडूं या फरहान?”
आपी ने कहा- “सगीर तुम हनी के ग्रुप में अन्दर आ जाने की वजह से मुझे अधूरा तो नहीं छोड़ दोगे?”
मैं बोला- “आपी मैं आपके साथ ऐसा क्यों करूँगा? असल मज़ा तो मुझे बस आपने दिया है”
तो आपी बोलीं- “फिर तुम इसकी सील फरहान को तोड़ने दो, उसके बाद बेशक तुम इसे जितना मर्ज़ी चाहो चोद लेना”
मैंने कहा- “ठीक है, जैसे आप कहो”
आपी ने हनी को इशारा किया कि बिस्तर पर आ जाओ और फरहान को कहा- “जैसे सगीर मुझे शुरू से लेकर एंड तक चोदता है, वैसे ही तुम हनी के साथ करो पर ये जेहन में रखना कि अभी इसका परदा नहीं फटा है। थोड़ा आराम से करना”
फरहान ने ‘ओके’ कहा और हनी को पकड़ कर अपनी तरफ किया। वो बिल्कुल खामोश बैठी थी। फरहान ने हनी को अपने पास बैठा कर उसकी कमीज़ उतार कर साइड में रख दी। मैंने देखा कि हनी का जिस्म बहुत पतला था उसके चूचे बिल्कुल छोटे थे, तकरीबन 28 साइज़ के होंगे।
उसका जिस्म आपी की तरह ही गोरा था और बिल्कुल साफ कमीज़ के नीचे हनी ने ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी। उसके छोटे-छोटे चीकू जैसे दूध के उभार कमाल का नज़ारा दे रहे थे। उसके बूब्स देख कर मेरे लण्ड ने भी हरकत की। आपी भी बिस्तर पर बैठ कर उन दोनों को देख रही थीं।
अचानक आपी ने मुड़ के मेरी तरफ देखा तो मेरे लण्ड को उठता हुआ देख कर मुस्करा कर बोलीं- “उठ गया है तुम्हारा भी…”
तो मैंने कहा- “क्या करूँ? दोनों इतनी गर्म बहनें जो हैं”
आपी वहाँ से उठ कर मेरे पास मेरी गोद में बैठ गईं।
मैंने आपी से कहा- “आपी हनी भी सेम आपकी तरह ही है, उसका जिस्म भी आपके जैसा है”
आपी बोलीं- “हाँ ये तो है”
फिर हम दोनों खामोश हो गए और फरहान और हनी को देखने लगे। फरहान ने हनी की सलवार भी उतार दी हनी का जिस्म अभी बिल्कुल नाज़ुक था। फरहान ने हनी को लेटाया और उसकी टाँगें खोलीं तो हनी की चूत नज़र आई जो बिल्कुल साफ थी। ऐसे लग रहा था जैसे आज ही साफ की हो।
फरहान अभी चूत को चूसने ही लगा था कि आपी ने आवाज़ दी- “क्या हो गया है तुम्हें? ऐसे करते हैं सेक्स? अकल से काम लो थोड़ा किस से शुरु करो?
तो फरहान ने अपना मुँह उठाया और उठ कर ऊपर हो गया तभी मेरे लण्ड ने एक और झटका मारा जो कि आपी को फील हुआ। आपी ने मेरी तरफ देखा और अपना हाथ नीचे ले जाकर मेरे लण्ड को पकड़ लिया। मेरा लण्ड फुल तना हुआ था। आपी ने मेरी तरफ देखा और लण्ड को छोड़ कर खड़ी हो गईं।
उन्होंने मुझसे कहा- “उठो…”
मैं उठ गया तो आपी ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे भी बिस्तर पर ले गईं।
वे फरहान से कहने लगीं- “ध्यान से देखो अब सगीर जैसे-जैसे मेरे साथ करता है। तुम भी हनी के साथ वैसे ही करो”
आपी ने अब मुझसे कहा- “भाई चालू करो”
मैंने आपी की कमीज़ पकड़ी और ऊपर को खींचते हुए उतार के साइड पर फेंक दी। आपी ने नीचे सफ़ेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी, आपी का जिस्म देख कर मेरा वही पहले वाला हाल होने लगा। मैंने आपी को बाजू से पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और आपी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूमा चाटी करने लगा।
TO BE CONTINUED .....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
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