16-04-2024, 02:07 PM
मैंने फोन सही से एडजस्ट किया और वीडियो शुरू किया। वाह भाभी जी तुस्सी तो बहुत ही ग्रेट निकली, जो मैंने अभी तक नहीं सोचा था, वो उन्होंने करके दिखा दिया। अब तो इस ट्रिक से मैं बहुत ही मजा ले सकता था वो भी लाइव शो के।
उन्होंने अपना फोन मेरे बेडरूम में ही बेड के कॉर्नर टेबल पर रखा था। अब कैसे, यह तो उनको ही पता होगा पर मुझे मेरा बेड और कमरे का काफी हिस्सा नजर आ रहा था। उस दृश्य को देखकर मुझे इतनी ख़ुशी नहीं हुई जितनी यह सोचकर हो रही थी कि इस तरह तो मैं आगे बहुत कुछ लाइव देख सकता था।
इस समय बेड पर दादाजी अपने पैर नीचे लटकाकर बैठे थे। ख़ास बात यह थी कि उन्होंने पैंट नहीं पहनी थी, उनकी पैंट उनके पास ही बिस्तर पर रखी थीन नलिनी भाभी उनके पैरों के पास नीचे बैठी थी। पहली नजर में तो मुझे लगा कि वो उनके लण्ड के साथ खेल रही हैं या उनके लण्ड को चूस रही हैं मगर ऐसा नहीं था।
वो नीचे बैठकर उनके घुटने पर कोई दवाई लगा रही थी या फिर किसी तेल से मालिश कर रही थी। ध्यान से देखने पर मैंने यह भी देख लिया कि दादाजी ने अंडरवियर भी पहना हुआ है। पर हाँ नलिनी भाभी अभी तक नंगी ही थी, उन्होंने अभी तक कुछ नहीं पहना था। अब यह वो ही जाने कि उन्होंने खुद नहीं पहना था या दादाजी ने उनको कुछ ना पहनने के लिए जोर दिया था।
मगर पूरी नंगी नलिनी भाभी जो इस समय दादाजी की सेवा में लगी थी, उनको इस तरह देखना मुझे किसी भी ब्लू फिल्म से कहीं ज्यादा सेक्सी लग रहा था। अब मैंने अपने फोन का वॉल्यूम भी ओन किया, मैं अब सुनना भी चाह रहा था कि वो आपस में क्या बात कर रहे हैं।
मैंने पूरा ध्यान उन्हीं पर लगाने के लिए एक सही सी जगह देख गाड़ी पार्क कर ली और उस वीडियो का मजा लेने लगा। मुझे उनकी आवाजें भी साफ़ साफ़ सुनाई देने लगी।
दादाजी- “अहा अहा अह्ह्ह्ह… बस बेटा, अब लगता है सही हो गया है… अब रहने दे…”
नलिनी भाभी- “दादाजी, आप भी ना इस उम्र में भी इधर उधर घूमते फिरते रहते हैं… घर बैठा करो ना… कहीं सड़क पर गिर जाते ना तो कोई न कोई गाड़ी काम कर जाती”
दादाजी- “हा हा… तू भी ना नलिनी… अगर घर बैठा रहा तब तो वैसे ही मर जाऊँगा, चलता फिरता रहता हूँ तभी इतने बसंत देख भी लिए…”
नलिनी भाभी- “अच्छा? अभी भी बसंत देखने की बात करते हो… जबकि पूरे पिलपिले हो गए हो!”
दादाजी- “बेटा जी आम जितना पिलपिला हो जाता है, उतना मजा देता है”
नलिनी भाभी- “हाँ हाँ, बस रहने दीजिये, अब नहीं खाना मुझे पिलपिला आम… बस एक से ही भरपाई मैं तो”
दादाजी- “तो क्या अरविन्द बेकार हो गया है… छोड़ तू उसको एक बार मेरे को चख ले, फिर कहना”
नलिनी भाभी हंसती हुए उठी। पता नहीं वो मान गईं थीं या सिर्फ दादाजी का मजाक उड़ा रही थीं मगर वो बड़े ही सेक्सी अंदाज़ में नंगी ही बिस्तर पर चढ़कर खड़ी हुईं, फिर एक अंगड़ाई ली और फिर अपने हाथ सर के नीचे रख लेट गई, उनके पैर दादाजी की ओर ही थे। दादाजी ने भी उनकी ओर अपने को घुमा लिया और अपना एक हाथ भाभी की चिकनी जांघ पर रख दिया।
मेरा दिल धड़कने लगा क्या भाभी अब दादाजी से भी चुदवायेंगी? कैसा लगेगा जब 80 साल का एक बुड्ढा इतनी मस्त जवानी को पेलेगा…!!!???
फिर मैने सिर को झटका दिया और सोचा चलो ठीक है, नलिनी भाभी की अपनी चूत है वो जिससे चाहे चुदाई कराएँ मुझे क्या?
मैने गाड़ी आगे बढ़ा दी। अपने ख्यालों में खोया हुआ मैं ऑफिस जा रहा था। एक बहुत ही गर्म दिन की शुरुआत हुई थी और लण्ड इतनी चुदाई के बाद भी अकड़ा पड़ा था। इस साले को तो जितना माल मिल रहा था, उतना यह तंदरुस्त होता जा रहा था और जरा सी आहट मिलते ही खड़ा हुए जा रहा था।
मैं यही सोच रहा था कि ऑफिस जाते ही सबसे पहले तो नीलू को ही पेलूँगा, भी यह कुछ देर शांत रहेगा और फिर मुझे रोजी की मस्त चूत भी याद आ रही थी अगर वो मान गई तो उसकी भी बजा दूँगा। नीलू और रोजी की चूतों को याद करते हुए मैं मजे से गाड़ी चलाता हुआ जा रहा था कि… ‘जब किस्मत हो मेहरबान… तो बिना तजुर्बे के भी मिल जाते हैं कदरदान…’
यही मेरे साथ लगातार हो रहा था। मैंने देखा एक खूबसूरत ‘बला’ सामने खड़ी लिफ्ट मांग रही है। पहले तो सोचा कि क्यों समय बर्बाद करूँ निकल चलूँ और ऑफिस में जाकर मजे करूँ परन्तु उसकी खूबसूरती ने मुझे ब्रेक दबाने पर मजबूर कर दिया।
जैसे ही मैंने उसके निकट गाड़ी रोकी ‘अरे… यह तो सलोनी की सहेली है’ मैं 3-4 बार उससे मिल चुका था। क्या नाम था उसका? पता नहीं… पर हाँ सलोनी इसको गुड्डू कहकर ही बुलाती है। यह NRI है, ऑस्ट्रेलिया से आई है शायद इसकी शादी वहीं हुई है पर अब यहीं रह रही है। इसकी पति से नहीं बनती, वो अभी भी ऑस्ट्रेलिया में ही है, पर अभी तक कानूनी अलगाव नहीं हुआ है।
गुड्डू बहुत ही खूबसूरत है। 5’5″ लम्बी, उम्र कोई 30 साल पर लगती 25 की है। बिल्कुल गोरा रंग जैसे दूध में सिन्दूर मिला दिया गया हो, भूरे बाल जो उसने शार्ट स्टेप कटिंग कराये हुए हैं। गुलाबी लब जो बाहर को उभरे हुए हैं, ये दर्शाते हैं कि इसको चूसने का बहुत शौक होगा, और तीखे नयन नक्श सब उसको बहुत खूबसूरत दिखाते थे।
बाकी उसका मॉडर्न लिबास उसके सेक्सी बदन का हर उभार अच्छी तरह दिखा रहा था। मैं समझता हू कि उसका फिगर एक परफेक्ट फिगर था 36-26-36 का, थोड़ा बहुत ही ऊपर नीचे होगा बस।कुल मिलाकर पहली नजर में ही उसको देखकर कोई भी आहें भरने लगता होगा और उसको सुपर सेक्सी की संज्ञा दे देता होगा।
वही सुपर सेक्सी गुड्डू आज लिफ्ट मांगने मेरे सामने खड़ी थी। मैंने बिल्कुल उसके निकट जाकर गाड़ी रोक दी।
गुड्डू अंग्रेजी में- “क्या आप मुझे…. तक… अरे जीजू आप… वाओ…”
और बिना किसी औपचारिकता के दरवाज़ा खोल मेरे निकट बैठ गई, मैंने गेट लॉक पहले ही खोल दिया था।
गुड्डू ने नीली जीन्स और सफ़ेद टॉप पहना था। दोनों ही कपड़े बहुत कसे थे, उसके चिकने बदन से चिपके थे।
मैं- “हेलो गुड्डू! यहाँ कैसे? कहाँ जा रही हो? गाड़ी कहाँ है तुम्हारी?”
गुड्डू- “अरे जीजू, मैं तो बड़ी परेशान हो गई थी। थैंक्स गॉड जो आप मिल गए। मुझे एक पार्टी से मीटिंग करने जाना है। इट्स अर्जेंट और मेरी गाड़ी ख़राब हो गई”
मैं- “अरे तो कहाँ छोड़ दी?”
गुड्डू- अरे वो सब तो मैंने टैकल कर लिया। बस आप मुझे वहाँ तक 15 मिनट में छोड़ दें। अमेरिका की पार्टी है। वक्त के पाबंद हैं"
मैं- “डोन्ट वरी, अभी छोड़ देता हूँ”
वो पीछे को जाने लगी। उसके चूतड़ मेरी तरफ थे, मुझे अचानक ना जाने क्या हुआ मैंने एक चपत उसके कूल्हे पर लगा दी।
मैं- “क्या कर रही हो? बैठती क्यों नहीं?”
गुड्डू ने अपने चूतड़ को हिलाते हुए ही पैर पीछे को रख पीछे वाली सीट पर चली गई।
TO BE CONTINUED .....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
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