15-04-2024, 05:19 PM
कुछ पल बाद मैं आपी के ऊपर लेट गया तो आपी ने कहा- “सगीर तुमने क्यों पिया? वो इतना सारा था, थोड़े की तो चलो खैर होती है ना”
मैंने कहा- “आपी ये आपके अन्दर से निकला था ना तो मैं आपके साथ कैसे दगा करूँ। जब मैं आपको प्यार करता हूँ तो मैं आपकी हर चीज़ खा-पी जाऊँगा”
इसी के साथ ही मैं आपी को किस करने लगा और एक हाथ से लण्ड आपी की चूत में फिर से पेल दिया और आपी के ऊपर ही लेट कर धक्के लगाने लगा। मैंने आपी को भरपूर चोदा और हम दोनों एक साथ ही झड़े, फिर एक-दूसरे को किस करने लगे। कोई बीस मिनट बाद मैंने फरहान को देखा जो कि अब लण्ड खड़ा कर चुका था।
मैंने उससे कहा- “अब डालो आपी की चूत में और ठीक से चोदना उनको दर्द ना हो”
उसने कहा- “ठीक है अब आराम से करूँगा”
अब और वो आपी की चूत में लण्ड डाल कर आपी को बड़े आराम से चोदने लगा।
आपी ने कहा- “हाँ फरहान ऐसे ही”
वो आपी को चोदने लगा तो मैंने अपना लण्ड आपी के मुँह में डाल दिया और आपी से कहा- “चूसो…”
आपी लण्ड चूसने लगीं और साथ ही मजे में कराहने लगीं ‘आआहह... आआहह… उफ्फ़...’
आपी ये सब इतने जोश में कर रही थीं कि कुछ ही मिनट बाद ही आपी की चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया और फरहान ने भी आपी की चूत में ही अपनी छोड़ दिया।
वो आपी की टांगों में ही गिर गया तो आपी ने कहा- “सगीर अब बस करें, टाइम काफ़ी हो गया है”
तो मैंने कहा- “आपी यार एक दफ़ा बस वो काम कर लें जहाँ शीशे के आगे जा कर कभी हम लण्ड चूत में डाले बिना ही करते थे और ऐसे लगता था कि लण्ड अन्दर है। पर आज अन्दर डाल कर करेंगे फिर उसके बाद आप चली जाना”
आपी ने कहा- “ठीक है चलो”
मैंने शीशे के आगे जा कर आपी को घोड़ी बना कर आपी की चूत में लण्ड डाला और आपी को धक्के लगाने लगा और शीशे में देखने लगा। बिल्कुल फिल्म की तरह लगता था पूरा लण्ड अन्दर-बाहर हो रहा था।
मैंने आपी से कहा- “आपी देखो तो सही, क्या मस्त सीन लग रहा है”
आपी ने अपना मुँह शीशे की तरफ करके देखा तो कहने लगीं- “आह्ह... हाँ सगीर बिल्कुल फिल्म लग रही है… तुम एक मिनट धक्के लगाना रोको…”
मैं रुक गया तो आपी ने खुद अपनी गांड को आगे-पीछे करना शुरू कर दिया।
कोई 5 मिनट ऐसे करने के बाद मैंने आपी से कहा- “चलो आपी अब आप चली जाओ...”
आपी ने कहा- “अब गरम करके ऐसे ही भेजोगे क्या?”
आपी से मैंने कहा- “लो अभी ठंडा कर देता हूँ”
मैंने आपी की कमर को पकड़ा और धक्के लगाने लगा।
आपी की सिसकारियाँ निकलीं- “आहह… आआहह... सगीर थोड़ा सा ज़ोर से लगाना... आआहह... मैं झड़ने वाली हूँ आआहह...”
तब मैंने कहा- “आपी बस समझो मैं भी गया”
मैंने अपने पूरे ज़ोर से आपी को तीन-चार धक्के मारे और आपी की चूत में झड़ने लगा। मेरे मुँह से तेज आवाज़ निकली ‘आआअहह...’ और मेरा पानी आपी की चूत में गिरने लगा।
पानी के गिरते ही आपी ने भी मादक आवाज खारिज की- “आह्ह... सगीर मैं भी गई...”
आपी की चूत ने पानी छोड़ दिया और हम ज़मीन पर गिर गए। मैं इसी तरह 5 मिनट आपी के ऊपर पड़ा रहा।
फिर आपी ने मुझसे कहा- “उठो अब... मैं जाऊँ”
उन्होंने उठ कर अपने कपड़े पहने, मुझे भी पहनाए और नीचे चली गईं। मैंने भी कमरे को बंद किया और बिस्तर पर देखा तो फरहान वहीं पड़ा हुआ सो चुका था। मैं भी बिस्तर पर गिरते ही सो गया।
सुबह आँख खुली तो कॉलेज जाने का टाइम हो रहा था। मैं फ्रेश होकर नीचे गया तो फरहान और आपी नाश्ता कर रहे थे। मैंने भी उनके साथ बैठ के नाश्ता किया और अपने कॉलेज के लिए निकल गया।
जल्दी में होने की वजह से आपी से कोई बात नहीं हो सकी। आपी भी यूनिवर्सिटी चली गईं। वापसी पर मुझे दुकान पर भी जाना था इसलिए दिल को तसल्ली दे कर आराम से बैठा दिया कि जो भी होगा अब रात को ही होगा।
सारा दिन कॉलेज की पढ़ाई और दुकान के काम में निकाला और रात को 8 बजे घर पहुँचा तो सब अपने-अपने कामों में मगन थे। मैं कमरे में गया और नहा कर नीचे आ कर टीवी देखने लगा।
कुछ देर बाद ही अब्बू भी आ गए और सीधा अपने कमरे में चले गए। फरहान और हनी भी मेरे पास आकर टीवी देखने लग गए।
मैं आपी का वेट कर रहा था पर वो अभी भी किचन के काम में ही लगी हुईं थीं। इसी के साथ मैं यह सोच रहा था कि ऐसा कौन सा बहाना बनाऊँ कि आपी को रात को ऊपर रहने की इजाज़त मिल जाए।
मैं अभी सोच ही रहा था कि पापा अपने कमरे से निकले और सीधा मेरे पास आकर बैठ गए।
मैंने सलाम किया और कुछ देर दुकान की बातें करता रहा फिर मैंने फरहान की पढ़ाई की बात छेड़ी कि इसे एक्स्ट्रा टाइम की ज़रूरत है। पहले तो अब्बू चुप रहे फिर वही बोले जो मैं चाहता था।
अब्बू ने फरहान से पूछा कि क्या ऐसी बात है? तो उसने एक नज़र गुस्से से मुझे देखा और फिर ‘हाँ’ में सर हिला दिया।
उसके बाद पापा ने सेम वैसे ही किया जो मैंने सोचा था।
अब्बू ने आपी को आवाज़ दी और बाहर बुला कर कहा- “अब से तुम रात को फरहान को पढ़ाया करोगी, जितनी देर इसका काम कवर नहीं हो जाता और ये रात को तुम्हारे पास ही सोएगा”
अब्बू के मुँह से यह सुनते ही मैंने सोचा कि यह तो काम खराब हो गया है पर मैंने अब्बू से कहा- “ऐसे तो ये हनी को तंग करेगा, मैं भी तो रात को पढ़ता हूँ। आप आपी को इजाज़त दे दो कि ऊपर जा कर पढ़ा दिया करेंगी और वहीं सो जाया करेंगी। इससे मेरी भी पढ़ाई में हेल्प हो जाया करेगी”
तो अब्बू बोले- “हाँ ये भी ठीक है, आज से तुम ऊपर एक कमरे में सोया करना और इसका काम ध्यान से कवर करवाओ”
यह सुनते ही मैं खुशी से दिल ही दिल में उछल पड़ा और आपी को आँख मारी तो आपी ने मुझे गुस्से से आँखें निकाल कर देखा और किचन में चली गईं।
अब मुझे दूसरा काम जो करना था कि हनी को भी अपने साथ मिलाना था। मैं इस तरकीब में लग गया कि हनी को किस तरह गर्म करूँ। एक बार वो गर्म हो जाए तो उसको शीशे में उतारना आसान हो सकता है।
अभी मैं यही सोच रहा था कि हनी ने मुझसे पूछा- “भाईजान मुझे आपके कंप्यूटर पर शाम को दस मिनट का काम करना है। क्या मैं कर सकती हूँ?”
मैंने जवाब दिया- “हाँ कर लेना, मुझे कोई दिक्कत नहीं है”
उसके इस सवाल ने मेरे दिमाग की बत्ती जला दी। मैं अपने कमरे में गया और कम्प्यूटर पर एक ट्रिपल एक्स मूवी लगा आया और एक बुक ले कर नीचे आ गया। मुझे हनी की चूत बेसब्र किए थी।
नीचे सोफे पर बैठ कर मैंने हनी को कहा- “मैं ऊपर टेबल पर अपना एक पैकेट भूल आया हूँ जब तुम अपना काम करने जाओ तो लेती आना”
“जी... भाई जान...”
यह मैं रिस्की काम करने जा रहा था पर मुझे शक था कि हनी भी सेक्स के बारे में अब ये सब जानती है और उसकी भी इन सब में रूचि है। मैंने हनी को ऊपर भेजा था, उसको कम्प्यूटर पर अपना काम करना था।
वही हुआ, हनी मेरा सामान ले कर जल्दी नीचे नहीं आई। अपना काम वहीं बैठ कर मूवी देखने लग गई।
मैंने दस मिनट निकाले और किचन में गया और आपी को कहा- “आपी 5 मिनट बाद ऊपर आना आपसे जरूरी काम है”
मैं सीधा सीढ़ियाँ चढ़ कर ऊपर चला गया। कमरे का दरवाज़ा खुला था। मैं दबे पाँव अन्दर कदम रखा और आराम से अन्दर दाखिल हुआ। हनी चेयर पर बैठी मूवी देख रही थी और उसका एक हाथ उसकी चूत पर था। वो एकदम हैरान हो कर ये सब देख रही थी।
मैं ऐसे ही उसके करीब जाने लगा। मैं उससे चंद कदम पीछे ही था कि उसने मुझे देखा और चेयर से उठ गई।
मैंने एक्टिंग करते हुए गुस्से से उसकी तरफ देखा और कहा- “ये तुम क्या कर रही थी? मैंने तुम्हें कुछ लेने भेजा था”
घबराहट की वजह से हनी के मुँह से चाहते हुए भी कुछ नहीं निकल सका।
मैंने उसे डांटा- “तुम्हें शर्म नहीं आती?”
तो वो बोली- “भाई ये पहले से चल रही थी। आप प्लीज़ किसी को मत बताना”
मैंने उससे कहा- “तुम्हारी शिकायत तो करनी ही पड़ेगी अब्बू से...”
वो घिघियाते हुए बोली- “भाई प्लीज़ कसम से… ये पहले से चल रही थी... आप प्लीज़ किसी को मत बताना”
मैंने उससे कहा- “एक शर्त पर नहीं बताऊँगा”
तो बोली- “कैसी शर्त?”
मैंने उससे कहा- “तुम अभी बैठ कर ये मूवी मेरे सामने देखो”
वो बोली- “नहीं भाई यह गलत है… मुझे ये सब नहीं करना”
तो मैंने कहा- “ओके... तो मैं अब्बू को बता देता हूँ”
वो रोने लग गई- “प्लीज़ मत बताना भाई… मुझे मार पड़ेगी प्लीज़ भाई”
मैंने कहा- “फिर मेरे सामने बैठ कर मूवी देखो”
तो वो रोते हुए बोली- “ओके देखती हूँ”
अब वो वापिस चेयर पर बैठ के मूवी देखने लगी।
मैं भी उसके पास ही चेयर पर बैठ गया और उससे पूछा- “पहले कभी देखी है?”
तो उसने कहा- “नहीं बस दोस्तों से सुना है कि ऐसे लड़का और लड़की करते हैं”
दो मिनट बाद ही उसका हाथ उसकी चूत पर चला गया। मैंने उसका हाथ उसकी चूत पर देखा तो मैंने अपना हाथ उसके हाथ वाले हाथ पर रखा। उसने हाथ उठाने की कोशिश की पर मैंने अपने हाथ से उसका हाथ वहीं चूत पर दबा दिया।
TO BE CONTINUED .....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
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