13-04-2024, 11:31 AM
फिर दीदी भी उनका हाथ अपने बदन पर महसूस करके उठ गयी और बड़े भैया ने दीदी के गाल पर एक चुंबन ले लिया और दीदी को दूसरी तरफ़ घूमने के लिए बोला.. फिर दीदी ने उनकी तरफ अपनी पीठ को एक तरफ कर दिया और अब बड़े भैया उसी समय तुरंत उठकर बैठ गये.. फिर उन्होंने डिब्बे में से तेल निकालकर दीदी की गांड पर लगा दिया और दीदी अपनी गर्दन को पीछे करके वो सब देख रही थी.. अब बड़े भैया ने थोड़ा सा तेल लेकर अपने लंड पर भी लगा लिया और फिर बड़े भैया तेल लगाने के बाद नीचे लेट गये और दीदी की गांड पर उन्होंने अपना लंड रख दिया और उनकी कमर को पकड़कर एक जोरदार झटका दिया जिसकी वजह से लंड फिसलता हुआ अपनी सही जगह पर पहुंच गया.. फिर उसी समय दीदी के मुहं से दर्द की वजह से आह्ह्हह की आवाज़ निकलते ही में तुरंत समझ गया कि दीदी की गांड में वो अपना लंड डाल चुके है..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.