13-04-2024, 11:25 AM
उस दिन घर पर हम सिर्फ़ दो लोग ही थे.. में और मेरी दीदी, भैया शाम को अपने काम से फ्री होकर रूम पर आ गए और मेरी दीदी उनको देखकर बहुत खुश हो रही थी.. दोस्तों मुझे अपनी दीदी की उस ख़ुशी का मतलब तब समझ में आया जब मैंने उन दोनों को चुदाई करते हुए देखा, वैसे तो मैंने कभी भी अपनी दीदी के ऊपर अपनी इतनी बुरी नजर नहीं रखी, लेकिन उस दिन पहली बार में अपनी दीदी का वो रूप देखकर बड़ा चकित था.. दोस्तों अब मेरी दीदी ने बहुत खुश होकर मज़े करते हुए रात को खाना बनाया और उसकी वो ख़ुशी उसके चेहरे से साफ साफ नजर आ रही थी..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.