
अब मुझे ही थोडा थोडा एहसास हो चूका था की मम्मी कितनी गरम है और इस काम-गर्मी के कारण वो अपनी गांड को मेरे लौड़े पर रगड़ रही थी / मुझे ब्लू फिल्मों में देखि गई मम्मी और बेटे की सेक्स स्टोरीज याद आने लगी किस प्रकार से एक मम्मी अपने बेटे के मोटे बड़े लौड़े को लेने के लिए अपने ही बेटे को कामुक इशारे करती है / ये सब सोच सोच कर मेरा लौड़ा अकडने लगा और फूल कर कुप्पा हो गया / मेरा लौड़ा भी मेरी पेंट के अंदर टाइट होने लगा था और मम्मी की गांड की दरार में घुसने लगा था / जबकि मेरा लौड़ा मेरी पेंट के अंदर था, लेकिन मेरा लौड़ा काफी लम्बा चौड़ा था / मुझे पता था की कोई साधारण स्त्री मेरे लौड़े को संभल नहीं सकती थी लेकिन अपनी मम्मी पर मुझे पूरा भरोसा था / मुझे पता था कि मम्मी शादी से पहले और कभी कभी शादी के बाद भी पता नहीं कितने लौड़े ले चुकी थी / और मम्मी की गर्मी थी की शांत ही नहीं होती थी /
हाय मम्मी !!! !! !
हाय मम्मी !!! !! !
// सुनील पंडित // 

मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!