12-04-2024, 01:29 PM
थोड़ी देर तक रगडा मारने के बाद अंकल एक दम से शांत हो गए / लेकिन मम्मी शायद बहुत गर्म हो चुकी थी वो पीछे के तरफ अंकल के लौड़े पर रगडा मारती रही / अंकल थोडा सा मम्मी की गांड से पीछे हो गए क्योंकि अब उनका पारा उतर चूका था / उन्होंने मुझे अपनी सीट पर बैठने के लिए बोला / मुझे भला क्या आपत्ति हो सकती थी मैंने उनको अपना स्थान दे दिया और मैं उनके स्थान पर खड़ा हो चूका था / मम्मी को ये बात पता नहीं थी कि मैं असलम अंकल के स्थान पर खड़ा हो चूका हूँ / रश के ज्यादा होने की वजह से मैं मम्मी के साथ सटकर खड़ा हो गया / मम्मी को जैसे ही महसूस हुआ कि कोई उनके साथ सटकर खड़ा है वो अपने चूतड को थोडा पीछे की तारफ उभारकर धीरे से मेरे लौड़े पर धिसाने लगी /
हाय मम्मी !!! !! !
हाय मम्मी !!! !! !
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!