11-04-2024, 04:31 PM
मैं अपनी उंगली को चूत के हर कोने में घुमा रहा था, वो मदहोश हुई जा रही थी, बोली- “अह्ह्ह्हाआआ मेरे राजा… करो जल्दी… मैं मर जाऊँगी… जल्दी...करो ना… अह्हा अह्ह्हह्ह्ह उउउउउउ…”
मैं- “भाभी एक बात बोलूं?”
नलिनी भाभी- अब कुछ मत बोल… अह्ह्हाआआ केवल अपना अंदर डाल दे… अह्ह्हाआआआ बहुत मजा आ रहा है… अह्ह्हाआआ जल्दी कर ना…”
मैं- “नहीं भाभी, इसको जितना करेंगे उतना मजा आएगा। आप देखना आज मैं आपको कितना मजा देता हूँ। आज इस चूत की सारी हसरतें पूरी कर दूंगा मगर मेरे लण्ड को सलोनी के चुदाई की कहानी सुनने में बहुत मजा आता है”
नलिनी भाभी- “क्याआआआआ अह्हाआआ कर और कर अह्ह्हाआआआ… क्या कह रहा है… सलोनी की… पर वो तो तेरी बीवी ही है ना… अह्ह्हाआआआ… यह क्या हो जाता है तुम मर्दों को… तेरे अंकल भी आजकल सलोनी की ही बात करते हुए चोचचच… चोदते हैं अह्ह्ह्हाआआआ… जब देखो उसकी ही नंगपने की बात करते हैं… पर क्या तुझको अच्छा लगता है कि कोई दूसरा उसको चच…चोदे… अह्ह्हाआआआआ”
नलिनी भाभी रुक रुक कर ही सही पर मेरे रंग में रंगने को तैयार थी, उनके मुख से चोदने जैसा शब्द सुनना बहुत भा रहा था। उन्होंने मेरे लण्ड को अपनी मुट्ठी में भींच लिया और मसले जा रही थी। मेरे लंड की सभी नसें बुरी तरह तन गई थी। मेरा लण्ड उनके नंगे जिस्म से ज्यादा हमारी बातों से तन खड़ा था।
पर मुझे चुदाई की कोई जल्दी नहीं थी, पूरे दो घंटे थे मेरे पास, आज मैं नलिनी भाभी को पूरा शीशे में उतारना चाह रहा था। यह मेरा वो मोहरा था जो मुझे हर पल की जानकारी दे सकता था क्योंकि सलोनी भी अपनी हर बात उनको बता देती थी और भाभी के अनुसार अंकल भी उनसे सभी बात कर लेते थे।
फिर तो उनको सलोनी की हर हरकत का पता होगा और आगे जो होगा वो भी मुझे पता चल जायगा। मैंने एक हाथ से भाभी के चूतड़ को मसलते हुए उनकी चूची के निप्पल को अपने होंठों से पकड़ लिया जबकि मेरा दूसरा हाथ तो उनकी चूत से खेल ही रहा था। नलिनी भाभी को मैं हर मजा दे रहा था, वो भी मदहोशी में मचले जा रही थीं।
नलिनी भाभी- “अह्ह्ह्हाआआआ अह्ह्ह्ह ओह उफ़्फ़्फ़फ़्फ़ और ऊऊऊ ऊऊओओ ओ र आह्ह्ह्हा…”
उनके मुख से सिसकारी रुक ही नहीं रही थीं।
नलिनी भाभी- “ह्हाआआआआ अह्ह्ह्ह्ह तुझको सलोनी को किसी और के साथ देखना अच्छा लगता है… तुझे गुस्सा नहीं आता?”
मैं- “क्याआ भाभी… क्यों? अगर उसको इसमें मजा आता है तो क्या जाता है… मैं भी तो मजे करता हूँ ना पुच पचर पुप्प्च…”
निप्पल को चूसते हुए ही मैं जवाब दे रहा था।
नलिनी भाभी- “ह्हह्ह…अह्हह्ह आह्ह… तुम बहुत अच्छे हो… सलोनी बहुत लकी है… अब करो न… अह्हाआआ… प्लीज… अह्हा…”
मैं- “पहले बताओ ना रात क्या हुआ था? मैं तो कहीं काम में फंस गया था और अमित ने ही सलोनी को यहाँ छोड़ा था। भाभी बताओ ना, क्या दोनों ने आपस में चुदाई की थी? आपने देखा था क्या?”
नलिनी भाभी- “अह्ह्ह्हाआआ, अरे जैसे वो आये थे… और आपस में कर रहे थे… उससे तो यही था कि दोनों ने रात भर यहाँ खूब धमाचौकड़ी की होगी… सलोनी तो उसको छोड़ ही नहीं रही थी… ऐसे चिपकी जा रही थी जैसे उसमें गोंद लगा हो… अह्ह्ह्ह हाह हा हा वैसे तो भैया भैया कह रही थी मगर… हा हा हा… अह्ह्हाआ करो न अह्हा…”
मैं- “हाँ भाभी, सब बताओ ना, ऐसे नहीं, मुझे सब कुछ डिटेल में सुनना अच्छा लगता है”
नलिनी भाभी- “हाँ हाँ… अह्हाआआआ… पहले तू अपना मेरी इसमें डाल… तभी मैं तुझे सब कुछ बताऊँगी… अह्हाआआआ देख बहुत मन कर रहा है! पहले डाल, फिर मैं तुझे उसकी सारी बातें बताऊँगी…”
मैंने भी अब सोचा कि हाँ, यही सही रहेगा। मेरा भी लण्ड अब डण्डा बन गया था, मुझसे भी बिल्कुल नहीं रुका जा रहा था। मैंने ऐसी पोजीशन में उनको चोदने की सोची कि लम्बे समय तक मैं उनको चोद सकूँ, दोनों को मजा आये और थकान भी ना हो।
मैं बायीं करवट के लेट गया और भाभी को अपनी ओर घुमा लिया। मैंने उनकी टांग उठा अपनी कमर के ऊपर तक ले गया, फिर भाभी को इतना अपने से चिपका लिया कि उनकी रसभरी चूत मेरे लण्ड तक चिपक गई। मैंने अपने हाथ से उनकी चूत के होंठों को खोलते हुए अपने लण्ड का सुपाड़ा चूत के अंदर सरका दिया।
नलिनी भाभी- “ह्हाआआअहआ गया… मजा आ गया!”
और कुछ ही देर में मेरा पूरा लण्ड उनकी चूत के अंदर था। अब हम दोनों लेटे लेटे ही चुदाई कर रहे थे। भाभी प्यार भरी आँखों से मुझे देख रही थी। उनको भी विश्वास नहीं था कि इतने आराम से भी चुदाई हो सकती है।
मैं- “हाँ भाभी, आज हम सारे रिकॉर्ड तोड़ देंगे बस आप सलोनी की चुदाई बताती जाओ। मैं आपको इतने लयबद्ध तरीके से चोदूंगा कि कई MP3 की डीवीडी बन जाएँगी”
नलिनी भाभी- “हा हा हा हा अह्ह्ह अहा हाह…”
वो हंसते हुए सिसकारती जा रही थी।
मैं बहुत हलके हलके धक्के लगाते हुए उनको पुचकार रहा था- “बताओ ना भाभी?”
नलिनी भाभी कुछ ही देर में नार्मल हो गई। वो मेरे हर धक्के का पूरा लुत्फ़ उठा रही थीं।
नलिनी भाभी- “हाँ ऐसे ही, सच बहुत मजा आ रहा है। तुम तो जादूगर हो। हाँ तो मैं बता रही थी, तुम्हारे अंकल रात बहुत परेशान थे कि तुम दोनों कहाँ चले गए बस बाहर ही घूम रहे थे और सिगरेट पर सिगरेट… उनको सलोनी की बहुत चिंता थी। मैंने कई बार उनको अंदर बुलाया पर वो आते, थोड़ी देर लेटते फिर उठकर बाहर आ जाते। मैंने उनको चुदाई के लिए भी मनाने की कोशिश की पर वो कहाँ माने वाले थे। सलोनी ने तो उन पर जादू कर दिया है। फिर मैं सो गई। करीब तीन बजे सुबह इन्होने मुझे उठाया। वो सलोनी आई है… तब मैंने देखा सलोनी एक कोट पहने खड़ी थी। पूरी नंगी… और उसके साथ एक लड़का वो क्या नाम बताया था तुमने अमित… हाँ वो भी था। उनको फ्लैट की चाबी चाहिए थी। पता नहीं अपनी कहाँ खोकर आ गई थी। मेरे पास एक मास्टर चाबी भी है ना। बस उसी से उन्होंने अपना फ्लैट खोला था। मैंने तो उससे कुछ नहीं पूछा कि तेरी ऐसी हालत कैसे हुई बस यही उसके साथ गए थे। जब ये आधे घंटे तक नहीं आये तब मैं बाहर गई। तब ये तुम्हारी रसोई से लगे खड़े थे, मैं चुपचाप इनके पीछे गई तब मैंने देखा सलोनी पूरी नंगी कुछ बना रही थी और वो लड़का अमित भी पूरा नंगा था उसके पीछे खड़ा सिगरेट पी रहा था। दोनों जरूर चुदाई करने के बाद अब कुछ खाने रसोई में आये थे”
मैं- “तुमको कैसे पता? हो सकता हो वैसे ही खड़े हों या केवल ऊपरी मजे किये हों। चुदाई ना की हो?”
नलिनी भाभी- “अह्हा अह्ह्ह… अरे पागल इतना तो मैं समझ ही सकती हूँ ना… अमित का थक कर सिगरेट पीना… और उसका मुरझाया हुआ लण्ड… उस पर कुछ लगा भी था। बिल्कुल चुदाई के बाद ही ऐसा होता है और फिर तेरे अंकल ने भी बताया के दोनों मजेदार चुदाई करके आये थे। उन्होंने तो पूरा ही देखा था…”
मैं अब भाभी को तेजी से चोदने लगा। यह सोचकर के कल रात सलोनी ने यही पर अमित से खूब चुदाई करवाई होगी। मैंने सोचा कि सुबह उनकी बातों से भी लग रहा था कि दोनों ने बहुत कुछ किया है।
मैं- “अच्छा भाभी फिर अंकल ने क्या बताया?”
और अपने चोदने की स्पीड तेज कर दी।
नलिनी भाभी- “अह्हा अह्हा हां… आःह्हाआ ह्हह्हाआ ह्हह्हाआआआह ओह हाः आअह्ह्हाआ आआआअह्ह अह्ह्ह करो बस्स्स करूओ अह्ह्हाआ अह्ह्हाआ ह ओह… वो कुछ नहीं कह रहे थे… उनसे आज सब डिटेल में पूछकर फिर तुमको बताऊँगी… अह्हा बस अब करो तुम… अह्ह्हाआ ओहअह्ह्हाआआआ…”
और फिर मैंने उनको घोड़ी बना कुछ और तेज धक्के लगा अपना सारा वीर्य उनकी चूत में ही छोड़ दिया। नलिनी भाभी के साथ यह भी बहुत मजा था। मेरे रस की एक एक बून्द भाभी की चूत में जा रही थी। बहुत ही गर्म गर्म लग रहा था। मेरे लण्ड और मेरे लिए यह स्वर्ग का सा अहसास था। सच बहुत ही दमदार चुदाई का मजा मैंने और भाभी ने लिया था।
अब मुझे भाभी से बहुत कुछ पता चलने वाला था। उन्होंने वादा किया था कि वो सलोनी से उसकी सारी बातें पूछेंगी और फिर मुझे भी बताएँगी। अब मुझे सलोनी से ज्यादा खुलने की जरूरत नहीं थी। छुपकर ही उसकी चुदाई का मजा लेना था मुझे।
प्यार… पिछले कुछ दिनों में ही प्यार की परिभाषा मेरे लिए बिल्कुल बदल सी गई थी। जिस प्यार को मैं पहले समर्पण और वफादारी और ना जाने कितने भारी भारी शब्द समझता था, वे सब अब मेरे से दूर हो गए थे। मैं सलोनी से हमेशा से ही बहुत प्यार करता था मगर अगर पहले के प्यार पर नजर डालूँ तो वो केवल स्वार्थ ही नजर आता है।
हम कितना एक दूसरे को समय दे पाते थे। सच कहूँ तो दोस्तों कभी कभी तो बिना चुदाई किये हुए भी 15 दिन गुजर जाते थे और हम जब बिस्तर पर चुदाई कर रहे होते थे तभी एक दूसरे को प्यार भरी बात कर पाते थे वरना बाकी समय केवल जरुरत की बात ही होती थी।
मुझे नहीं लगता कि कभी एक दूसरे से कुछ दिन भी अलग होने में हमको कोई कमी महसूस होती थी। हाँ बस इतना था कि हमको ये लगता था सलोनी का तो पता नहीं पर मुझे तो यही लगता था कि सलोनी बिल्कुल पाक साफ है वो केवल मुझी से चुदवाती है।
TO BE CONTINUED .....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
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