11-04-2024, 04:28 PM
मेरे सामने नलिनी भाभी मुस्कुराते हुए खड़ी थी, उनकी नजर मेरे खड़े लण्ड पर ही थी। एक पल के लिए मैं जरूर चौंका क्योंकि मैं उनकी बिल्कुल उम्मीद नहीं कर रहा था मगर फिर मेरे होंठों पर भी मुस्कराहट आ गई। अब समझ आया कि सलोनी नलिनी भाभी को बोल गई होगी।
मुझे कुछ अफ़सोस भी था, मैं विकास से मिलना चाहता था, मगर वो शायद अब चले गए थे।
मैं- “ओह भाभी जी, आप यहाँ? क्या बात? अंकल कहाँ चले गए?”
नलिनी भाभी मुँह दबाकर मुस्कुरा रही थी- “वो तो सलोनी को लेकर गए हैं। तुमसे कुछ कहकर नहीं गई?”
मैं- “अरे अंकल गए हैं? पर वो तो शायद किसी और के साथ जाने वाली थी”
नलिनी भाभी शायद कुछ शरमा सी रही थी, माना हम दोनों चुदाई कर चुके थे, मगर कवल एक बार ही की थी। वो भी उनके घर पर शायद इसीलिए वो शरमा रही थी। दूसरे नलिनी भाभी ने मेरे साथ चुदाई तो कर ली थी मगर वो पूरी घरेलू औरत हैं, हाँ अब उनमें कुछ खुलापन आ रह है, अंकल के खुले व्यवहार और सलोनी के कारण!
उन्होंने इस समय आसमानी रंग का गहरे गले का गाउन पहना था जो ज्यादा पारभासक तो नहीं था मगर फिर भी उनके अंगों का पता चल रहा था।
मैं- “तो भाभी जी किसलिए आई थी आप? सलोनी ने क्या कहा था?”
नलिनी भाभी- “बस तुम्हारा ध्यान रखने के लिए और नाश्ता देने के लिए”
मैं- “तो ध्यान क्यों नहीं रख रही? करो ना सेवा, हम तो नाश्ता बाद में करेंगे, पहले इस बेचारे पप्पू को नाश्ता करा दो। देखो कैसे अकड़ रहा है भूख के मारे”
मैंने अपने लण्ड को हाथ से पकड़ जोर से हिलाया तो अब नलिनी भाभी कुछ खुली, वो मेरे पास आई और मुस्कुराते हुए बोली- “जी नहीं, ऐसा तो कुछ नहीं है, सलोनी ने तो केवल तुमको ही नाश्ते के लिए कहा था और इसको तो लगता है वो खूब खिला पिला कर गई होगी"
मैंने भाभी को कसकर अपनी बाँहों में जकड़ लिया- “अरे मेरी प्यारी और भोली भाभी जी! अगर इसका पेट भरा होता तो ऐसे लालची होकर अपने खाने को नहीं देख रहा होता”
नलिनी भाभी- “यह तो हर समय भूखा ही रहता है”
मैंने नलिनी भाभी के मांसल चूतड़ों को मसलते हुए उनको अपने से चिपका लिया, मेरे से पहले मेरे लण्ड ने उनकी चूत को ढूंढ लिया और भाभी की गद्देदार चूत से जोंक की तरह चिपक गया। मेरे हाथों को तो लगा ही था कि उन्होंने कच्छी नहीं पहनी है जब मैंने उनके चूतड़ों को सहलाया मगर अब मेरे लण्ड ने पक्का कर दिया था कि वाकई उन्होंने कच्छी नहीं पहनी है, ऐसा लग रहा था जैसे मेरे लण्ड ने नंगी चूत को ही छू लिया हो।
नलिनी भाभी बिल्कुल भी विरोध नहीं कर रही थी, उनकी झिझक मेरे छूते ही ख़त्म हो गई थी।
नलिनी भाभी- “अहाहाहा… कितना प्यारा और सख्त है तुम्हारा…”
अब उन्होंने मेरे लण्ड को अपने हाथ से खुद व खुद ही पकड़ लिया। उनकी गरम हथेली में जाते ही लण्ड ने मेरे सोचने समझने की शक्ति को ख़त्म कर दिया। मैं भूल गया कि मुझे ऑफिस भी जाना है और सलोनी अकेली अंकल के साथ गई है, या वो कॉलेज में क्या क्या करेगी और मधु के बारे में भी। अभी तो बस नलिनी भाभी और उनकी चुदी हुई ही सही मगर गद्देदार चूत ही दिख रही थी।
मैंने एक बात नोटिस की कि पीछे दिनों में मैं जितनी चुदाई कर रहा था और जितनी ज्यादा चूतें देख रहा था, मेरे चोदने की शक्ति और भी ज्यादा बढ़ती जा रही थी, और लण्ड हर समय चोदने को तैयार रहने लगा था। नलिनी भाभी को देखते ही लण्ड फिर से चोदने को तैयार हो गया था और नलिनी भाभी शायद यही सोचकर आई थी। उन्होंने केवल एक बार ही मना किया था फिर वो नीचे बैठ मेरे लण्ड को चूसने लगी।
मेरे लण्ड भाभी के लाल होठों के बीच फंसा था। उनके चूसने का स्टाइल एक ही दिन में बहुत सेक्सी हो गया था। अपने ही बैडरूम में भाभी के साथ अपना लण्ड चुसवाना मुझे बहुत रोमांचित कर रहा था।
मैंने एक बार दरवाजे के बारे में सोचा कि कहीं खुला तो नहीं है, मैं बोला- “भाभी दरवाजा?”
मैंने बस इतना ही कहा था। भाभी ने लण्ड चूसते हुए ही आँखों से बंद होने का इशारा किया। मतलब वो पूरी योजना बनाकर आई थी। मुझे भी ऑफिस की कोई जल्दी नहीं थी, यास्मीन सब देख ही लेती है।
मैं तसल्ली से भाभी को चोदना चाहता था, अंकल भी कम से कम दो घंटे तो नहीं आने वाले थे क्योंकि अंकल की गाड़ी की स्पीड के अनुसार उनको 40-45 मिनट तो कॉलेज पहुँचने में ही लगेंगे। फिर अभी तो उनके साथ सलोनी भी है। पता नहीं कॉलेज लेकर भी जाएंगे या कहीं रास्ते में ही ‘चल छैंया चल छैंया’ करने लगें।
पर मुझे क्या उनकी बीवी इस समय मेरे बैडरूम में ही लण्ड को चूस रही है और अब उसकी जोरदार चुदाई होने वाली है, मैंने सब सोच लिया था कि आज तो मैं उनकी मसालेदार गांड भी जमकर चोदूंगा।
मैंने भाभी को उठकर खड़ा किया और उनका गाउन नीचे से पकड़ ऊपर किया, उन्होंने गाउन निकलवाने में पूरी मदद की, मैंने गाउन को ऊपर करते हुए उसको उनके गले से पूरा निकाल दिया।
वाह! क्या मस्त जवानी थी। नलिनी भाभी मेरे सामने एक माइक्रो ब्रा में खड़ी थी। यह ब्रा शायद वो कल ही खरीद कर आई थी जो केवल उनके चुचूकों को ही आवरण प्रदान कर रही थी शेष पूरी चूची नंगी दिख रही थी, ब्रा केवल दो बारीक डोरियों से उनके पीठ से बंधी थी।
मैंने अपने हाथों से उनके सम्पूर्ण चिकने बदन को सहलाया। मेरे बेडरूम में मेरे बिस्तर पर नलिनी भाभी की मस्त नंगी जवानी बल खा रही थी, नलिनी भाभी पूरी नंगी, उनके चिकने, गोरे बदन पर एक रेशा तक नहीं था।
वो लाल, वासना भरी आँखों से मुझे देखे जा रही थी। कभी अपने मम्मों को मसलती तो कभी अपने पैरों को खोलती अपनी चूत की कलियों को दिखा रही थी।
मैं कुछ देर तक उनके मस्ताने रूप को निहारता रहा। उनका एक एक अंग साँचे में ढला था। इस उम्र में भी उन्होंने खुद को इतना ज्यादा मेन्टेन किया था कि कुंवारी लड़कियों को भी मात दे रही थी। उनकी बल खाती कमर, उठी हुई चूचियाँ और चूत के ढलान को देख मुझे कही पुराना पढ़ा हुआ एक लेख याद आ गया:
‘नारी जब तक सेक्स के प्रति लालयित रहती है तभी तक अपने अंगों और खुद का ध्यान रखती है, जब उसकी इच्छा सेक्स से हट जाती है उसके अंग अपनी ख़ूबसूरती खो देते हैं और वो खुद भी मोटी, बेडौल हो जाती है।’
अगर ऐसा है तब तो नारी को सारी उम्र ही सेक्स करते रहना चाहिए, इससे वो आखिर तक खूबसूरत बनी रहनी चाहिए। नलिनी भाभी के अंदर भी सेक्स की लालसा चरम पर थी इसीलिए उनके चेहरे पर एक अलग ही चमक दिख रही थी और उनका हर अंग अपनी चमक बिखेर रहा था।
नलिनी भाभी ने मदहोश आँखों से अपनी बाहें फैला दी, वो वासनामय आमंत्रण दे रही थी।
नलिनी भाभी- “अह्ह्हाआआ… आआह्ह”
मैं भी उनके नागिन जैसे बलखाते बदन से चिपक गया।
उन्होंने मेरा हाथ पकड़ खुद अपनी टांगों के बीच रख ठीक चूत पर जकड़ लिया तो अपने एक हाथ को उनकी टांगों के बीच तिकोने पर ले गया, उनकी बेपर्दा चूत मेरी उँगलियों के नीचे थी, उनकी चूत रस से भरी पड़ी थी फ़िर वो बुरी तरह प्यास से तरस रही थी। मुझे ऐसा लगा जैसे किसी भट्टी पर हाथ रखा हो।
मैं बोला- “वाह भाभी कितनी आग निकल रही है तुम्हारी इस भट्टी से आज, क्या बात है भाभी? लग रहा है कल से प्यासी की प्यासी ही है यह?”
नलिनी भाभी- “और नहीं तो क्या… रात से इसमें आग लगी पड़ी है। तुम दोनों तो रात भर मस्ती से चुदाई कर रहे थे, और तुम्हारे अंकल केवल देखने के शौकीन। मैंने कितना कहा पर कहाँ किया कुछ, बस सलोनी को देखकर ही ढीले हो गए। अह्ह्हाआआ आआ हाँ रे… रात से ही यह परेशान है… कितनी देर तक तो तुम्हारा इन्तजार किया… पर तुम तो सलोनी को किसी और के पास छोड़कर कहाँ चले गए थे? अह्हाआआ इसको तो बस तुम्हारे डंडे का ही इन्तजार था। अब डाल दो ना…”
मैं नलिनी की बात से चौंका, मतलब रात उन्होंने हमको देख लिया था?
मैं- “क्या मतलब भाभी??? क्या रात अंकल ने कुछ देखा?”
नलिनी भाभी- “और नहीं तो क्या? वो सलोनी किसके साथ थी रात? अह्ह्हाआआआ…”
मैंने एक उंगली उनकी चूत में घुसेड़ दी।
नलिनी भाभी- “अह्ह्हाआआ…आआआ करो और करो… प्लीज बहुत अच्छा लग रहा है… हाँ… वो… कुछ तो मैंने देखा… फिर तेरे अंकल ने ही… अह्हाआआ…”
मैं- “क्याआआ देखा?”
नलिनी भाभी- “अह्ह्हाआआआ बताती हूँ… उन्होंने बताया था…”
भाभी जरुरत से ज्यादा ही गर्म दिख रही थी। वो खुद लण्ड को डालने के लिए रिरिया रही थी, इसका मतलब रात बहुत कुछ हुआ था जो नलिनी भाभी इस कदर गरम थी, भाभी की बातें सुन मैं और भी ज्यादा उत्तेजित हो गया था।
“हाँ बताओ न भाभी…”
मैंने सोचा मेरा वॉइस रिकॉर्डर सब जगह तो काम नहीं करेगा। अगर सलोनी के दिल की सारी इच्छाएँ जाननी हैं तो नलिनी भाभी को सेट करना होगा। एक यही हैं जो सलोनी की हर बात अच्छी तरह से मुझे बता सकती हैं। इससे सलोनी के सेक्स के बारे में भी पता चल जायेगा और नलिनी भाभी के जिस्म का भी मजा मिल जायेगा
मैंने उनकी चूत में अपनी ऊँगली डालते हुए कहा- “भाभी, सच कितनी चिकनी हो रही है आपकी चूत, ऐसा लग रहा है जैसे मलाई की फैक्टरी हो”
TO BE CONTINUED ....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All