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Adultery जिस्म की भूख
Heart 
मैं नहा-धो कर कपड़े बदले और बिस्तर पर बैठा ही था कि फरहान ने मुझसे पूछा- “आपी मान गईं क्या?”

तो मैंने कहा- “अब मुझसे क्या पूछते हो, एक काम तो तुमसे ठीक से होता नहीं है और आपी के मानने की पड़ी है”

फरहान कहने लगा- “भाई, इसमें मेरा कोई कसूर नहीं। अब वो लोग ही डॉक्टर के पास चले गए हैं तो मैं क्या करता, इसी वजह से सारा काम खराब हो गया है। आप गुस्सा क्यों करते हो? मैं जानबूझ कर थोड़ी अम्मी को वापिस लाया हूँ”

यह कह कर फरहान मुझे मनाने लगा तो मैंने कहा- “अच्छा ठीक है, अब आराम से बैठ जाओ”

उसने फिर कुछ देर रुक कर दोबारा पूछा- “भाई! आपी मान गई हैं ना?”

तो मैंने कहा- “तुमने देख ही लिया है तो फिर पूछ क्यों रहे हो?”

वो बोला- “फिर बताओ ना! कैसे मनाया आपी को आपने? और आपी इतनी खुश क्यों हैं और वो बदली-बदली सी लग रही हैं। अब तो वो हँसती और खुश रहतीं हैं। मैं जब से आया हूँ तब से देख रहा हूँ”

तो मैंने कहा- “लगता है तुमको सब बताना ही पड़ेगा, बिना बताए तुम्हारे पल्ले कुछ भी पड़ने वाला नहीं है”

फरहान मेरी तरफ देखने लगा।

“अच्छा, अब ध्यान से सुनो”

मैंने फरहान को सब कुछ बताया जो उस पहली रात को हमारे सोने के बाद हुआ था और कैसे आपी ने मुझे नीचे जा कर चोदा था और उसके बाद जो हमने किया था।

मैंने उसे ये भी बताया कि मुझे आपी ने अपनो शौहर बना लिया है और अब वो मेरी ही रहेंगी और हमेशा मुझसे चुदवाएंगी, मेरे साथ रहेंगी। हम दोनों ने कल ही सुहागरात मनाई है। मैंने कल रात को आपी को दुल्हन बना कर दो बार चोदा है।

फरहान मेरी बातें सुन कर चौंक कर बोला- “ऐसा नहीं हो सकता, आपी तो आपको अपनी चूत में लण्ड नहीं डालने देती थीं तो चुदवा कैसे लिया। मुझे यकीन नहीं आ रहा है”

मैंने कहा- “मेरे पास सबूत भी है”

उठ कर मैंने दराज़ से कैमरा निकाला और जो मैंने आपी की वीडियो बनाई थी वो चला कर उसे दिखाई। फरहान आँखें फाड़-फाड़ कर उसे देखे जा रहा था।

मैंने कहा- “क्यों जनाब अब यकीन आया कि नहीं?”

तो उसने कहा- “भाई ये तो सच में आप आपी को चोद रहे हो और आपी कितने जोश और मज़े से चुदवा रही हैं”

मैंने कहा- “बस मैंने कहा था ना कि देखते जाओ मैं क्या-क्या करता हूँ और तुमको कहाँ-कहाँ की सैर करवाता हूँ”

फरहान ने कहा- “हाँ भाई! आपने तो वाकयी आपी को चोद दिया है। आपको तो बहुत मज़ा आया होगा”

मैंने कहा- “यार आपी को खुदा ने बहुत गरम बनाया है, आपी में बहुत आग है और वो अब हमें ही निकालनी है पर आराम-आराम से एकदम नहीं”

तो फरहान ने कहा- “भाई फिर आपी को चोदने की मेरी बारी कब है या आपी आपकी बीवी बन गई हैं तो मेरा नम्बर खत्म कर दिया आपी ने?”

तो मैंने कहा- “नहीं यार, तुम्हारी बारी भी है और अभी हमारे साथ तुम भी शामिल हो और आज रात को आपी आएंगी और हम तीनों जम कर चुदाई करेंगे। अब आपी अब खुद आया करेंगी कि मेरी चूत मारो”

फरहान ने खुश होकर कहा- “वाह ये ठीक हुआ है भाई, अब मज़ा आएगा। फिर तो आज रात को आपी की चूत में मैं भी अपना लण्ड डालूंगा”

फरहान अपने लण्ड को सहलाने लगा। मैं उठा और नीचे चला गया। अम्मी अपने कमरे में आराम कर रही थीं और हनी भी अपने रूम में थी, आपी किचन में खाना बना रही थीं। मैं आपी के पास गया और आपी को पीछे से अपनी बांहों में भर लिया और प्यार करने लगा। आपी ने आह भरी ‘आअहह..’ और मुझे पीछे को धक्का दे दिया।

वे मुड़ कर मुझे देखने लगीं, आपी ने कहा- “सगीर तुम बहुत बेशरम हो कोई आ गया तो?”

मैंने कहा- “आपी कोई नहीं आएगा और बीवी को तो किसी भी वक्त प्यार कर सकते हैं”

आपी ने कहा- “वो तो ठीक है पर मैं रिस्क नहीं लेना चाहती। अगर अम्मी को शक भी हो गया तो हमारा रात का सिलसिला सब खराब हो जाएगा” -ये कह कर आपी ने मुझसे कहा- “इधर आओ मेरे पास”

मैं आगे बढ़ा तो आपी ने ज़ोर से मेरे गाल खींचे कहा- “एक मिनट यहीं रूको”

आपी ने फ्रिज से एक जग निकाला जिसमें दूध था, उन्होंने मुझे जग दिया और कहा- “सगीर ये लो, इस सारे दूध को पी जाओ”

तो मैंने कहा- “आपी इतना दूध में कैसे पिऊँगा?”

आपी ने कहा- “मुझे तुम्हें कमज़ोर नहीं करना है इसलिए तुम्हें ये पीना ही पड़ेगा। मेरी खुशी के लिए तुम इतना भी नहीं कर सकते?”

मैंने कहा- “आपी! आपके लिए जान भी हाज़िर है, माँग कर तो देखो”

आपी ने कहा- “जान तुम्हारे अन्दर ही रहे, मुझे जो चाहिए होगा मैं वो माँग लूँगी। अभी तुम ये दूध पियो”

मैंने जग को मुँह से लगाया और एक घूँट भरा, फिर आपी से कहा- “आपी कमजोर तो आप भी हो जाओगी तो आपने दूध पीया कि नहीं?”

आपी ने कहा- “नहीं, मुझे नहीं पीना बस तुम इसे पूरा पियोगे”

तो मैंने कहा- “मुझसे प्यार करती हो?”

आपी ने कहा- “हाँ! कोई शक है क्या?”

“फिर आओ, साबित करो”

और मैंने अपने मुँह में एक घूँट भरा और आपी को आने का इशारा किया कि आओ ये पियो।

आपी ने कहा- “बस इत्ती सी बात”

उन्होंने आगे बढ़ा कर मेरे सर को पकड़ा और अपने होंठ मेरे मुँह से लगा कर खोल दिए। मैंने सारा दूध आपी के मुँह में निकाल दिया। जिसे आपी मज़े से पी गईं और मुझे किस करके बोलीं- “सगीर मेरे साथ ऐसे मत किया करो कि मैं इन चीज़ों की आदी हो जाऊँ और बाद में ये मुझे ना मिल सकें”

तो मैंने कहा- “आपी मैं थोड़ी मरने जा रहा हूँ जो आपको छोड़ कर चला जाऊँगा”

आपी ने फ़ौरन अपने होंठ मेरे होंठों में मिला दिए और किसिंग करने लगीं।
आपी ने मुझसे कहा- “सगीर आइन्दा ऐसे मत कहना वरना मैं तुम्हारा मुँह नोंच लूँगी। चलो अब पूरा दूध पियो”

मैंने एक घूँट लगा कर आपी से कहा- “आपी में आइन्दा ऐसे नहीं कहूँगा पर तब अगर आप भी मेरे साथ पियोगी, तो एक घूँट में लगाऊँगा और एक आप लगाओगी”

आपी ने कहा- “अच्छा चलो लगाओ घूँट फिर मैं लगाती हूँ”

मैंने घूँट लगा कर आपी को जग दिया तो आपी ने एक घूँट लगा कर मुझे दे दिया। इस तरह सारा दूध मैंने और आपी ने पिया। आखिरी घूँट आपी के हिस्से में आया आपी ने घूँट भर के जग को साइड में रखा और मेरे होंठों को अपने मुँह में खींच कर दूध मेरे मुँह में दे दिया और हम दोनों की दूध वाली किसिंग स्टार्ट हो गई।

आपी ने चूमने के बाद कहा- “सगीर ये हमारे प्यार के नाम”

तो मैंने भी आपी को चूमा और आपी ने कहा- “अब तुम बाहर बैठो, मैं दस मिनट में आती हूँ फिर बातें करते हैं”

मैं टीवी लाउन्ज में जा कर बैठ गया और टीवी देखने लगा। आपी अपने काम खत्म करके आईं और उन्होंने आते हुए अपना एक हाथ अपनी कमर के पीछे छुपाया हुआ था।

आपी ने आ कर अम्मी के रूम की तरफ देखा और मेरी गोद में बैठ गईं और मुझसे कहा- “अपनी आँखें बंद करो”

मैंने कहा- “क्या हुआ?”

आपी गुस्से से कहने लगीं- “बंद करो ना सगीर प्लीज़”

मैंने कहा- “अच्छा बाबा लो कर लीं बंद”

मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं तो आपी ने मेरा हाथ पकड़ा और एक छल्ला मेरी रिंग में डाल दिया। अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और किस करने लगीं। आपी जो सालन अन्दर बना कर आईं थीं उसमें से चिकन का पीस खा रही थीं और किसिंग के दौरान आपी ने वो पीस मेरे मुँह में डाल दिया और कहा- “अब अपनी आँखें खोलो”

मैंने आँखें खोल कर देखा तो आपी की आँखें लाल हो रही थीं।

मैंने आपी से पूछा- “आपी आँखों को क्या हुआ है?”

आपी ने मेरी गोद से उठते हुए मेरे लण्ड पर हाथ रख कर कहा- “मेरी आँखों के लाल होने में सारा इसका कसूर है। यही नीचे से उठ कर मुझे तंग कर रहा था”

इतना कह कर वो फिर से मेरी गोद में बैठ गईं। मुझे याद आया कि आपी ने मेरी उंगली में कुछ डाला था वो मैंने देखा तो वो एक चाँदी का छल्ला था जिस पर ‘S’ लिखा हुआ था और बहुत प्यारा बना हुआ था।

मैंने आपी से कहा- “आपी आप क्या खुद बनवा के लाई हो ये?”

आपी ने बताया- “मैं आज सुबह यूनिवर्सिटी नहीं गई थी ये अर्जेंट में बनवा कर लाई हूँ। मुझे ये तुम्हें रात को देना था पर अम्मी ने काम खराब कर दिया इसलिए अभी दे दिया है वरना फरहान देख कर तंग करेगा”

मैंने आपी को ‘थैंक्स’ कहा और आपी को किस किया।

आपी ने कहा- “प्यार में थैंक्स नहीं और अब मुझे छोड़ मुझे काम करना है। हम दोनों मज़े से लगे हुए हैं यदि अम्मी एकदम से आ गईं तो पता नहीं क्या होगा”

यह कहते हुए आपी मेरी गोद से उठ गईं और खाना लगाने में लग गईं। बाद में सबने खाना खाया और मैंने आपी को बताया कि मैं बाहर जा रहा हूँ, रात को आऊँगा।

आपी ने कहा- “टाइम से आ जाना। अब मुझे टाइम दिया करो, मुझे तुम्हारे साथ रहना अच्छा लगता है या फिर मुझे भी साथ ले जाया करो”

तो मैंने आपी से कहा- “ठीक है आपी, इसका भी कुछ करते हैं”

TO BE CONTINUED .....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 05-02-2024, 06:40 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 11-02-2024, 08:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 03:03 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 10:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 17-02-2024, 07:45 PM
RE: जिस्म की भूख - by sananda - 17-02-2024, 09:34 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 09:16 AM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 04:29 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 25-02-2024, 05:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 27-02-2024, 10:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 02-03-2024, 11:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 05-03-2024, 12:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-03-2024, 02:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 07:43 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 05:30 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 14-03-2024, 02:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 18-03-2024, 09:07 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 19-03-2024, 06:24 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 28-03-2024, 02:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 28-03-2024, 10:16 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 30-03-2024, 02:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 02-04-2024, 10:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-04-2024, 05:17 PM
RE: जिस्म की भूख - by Chandan - 11-04-2024, 09:41 AM
RE: जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 11-04-2024, 01:50 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 11:34 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 02:06 PM



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