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Adultery जिस्म की भूख
वो कहने लगीं- “सगीर, फरहान का क्या करना है?”

तो मैंने कहा- “आपी आप बताओ, जैसे आप कहोगी वैसे कर लेंगें”

आपी कहने लगीं- “है तो वो भी मेरा भाई, पर पता नहीं क्यों मेरा दिल उसके साथ नहीं लगता है। हालांकि वो तुम से ज्यादा घर पर हुआ करता है पर मैं उसके साथ ऊपर नहीं जाती थी। तुम्हारे आने के बाद ही ऊपर आती थी”

दूर ना हो कभी इतने करीब कर लूंगी तुम्हें,
जो करीब आया तो बाहों में भर लूंगी तुम्हें…
तुम्ही चाहत तुम्ही आरजू तुम्ही तमन्ना मेरी,
अपनी चूत दिखा कर वश में कर लूंगी तुम्हें…

मैंने कहा- “आपी फिर आप फ़ैसला कर लो कि क्या करना है। उससे चुदवाना है कि नहीं क्योंकि मैंने अभी तक उसे नहीं बताया कि मैंने आपको चोद लिया है बल्कि उससे यही कहा है कि आपी अभी तक नाराज़ हैं”

आपी ने कहा- “सगीर तुम ही बताओ मैं क्या करूँ? दिल तो करता है कि उससे भी चुदवा लूँ क्योंकि अगर उससे ना चुदवाया तो मैं रात को तुम्हारे पास भी नहीं आ सका करूँगी”

मैंने कहा- “हाँ आपी आप उससे भी चुदवा लो ताकि रास्ता तो खुला रहे”

आपी ने कहा- “चलो आता है तो उसकी मौज भी लगा देते हैं”

बात करने के साथ-साथ आपी मेरा लण्ड भी सहला रही थीं।

ख्वाब के कोरे पन्ने कुतर आया है,
चांद छुप के जमी पर उतर आया है…
आज होठों से मुस्कान जाती नहीं,
उसके होठों को मेरा लण्ड छू कर आया है…

आपी ने मुझे कहा- “सगीर तुमने मुझे यहाँ तक पहुँचाया है अब अगर तुमने मुझे कहीं रास्ते में मेरा साथ छोड़ दिया तो?”

मैंने कहा- “आपी कैसी बातें करती हो आप यार, आज तो इतनी खुशी का दिन है और मैं ये घर छोड़ कर थोड़ी कहीं चला जाऊँगा। जब भी आपको लगे कि मैंने कुछ ग़लत किया है तो मेरे कान खींच देना। आपकी कसम मैं ठीक हो जाऊँगा पर उस दिन की नौबत नहीं आएगी”

आपी ने कहा- “अच्छा जी, पता चले कोई नई चूत मिले और तुम मुझे भूल जाओ, हाँ यदि बहुत दिल करे तो उसे भी चोद लेना पर तुम ये मत भूलना कि तुम पर पहला अधिकार मेरा ही रहेगा”

मैने आपी की चूचियों को मसलते हुए ज़वाब दिया- "कैसी बात करती हो आपी, आप तो मेरी जान हो, आपको कैसे भूल सकता हूँ"

आपी ने मेरे लॅंड पर अपना दवाब बढ़ाते हुए कहा- "मुझे तुम पर पूरा यकीन है जानूं, फिलहाल तो मेरी इस चूत का कुछ करो, इसमे तो फिर से आग लग गई... इसकी आग बुझती क्यूँ नहीं है सग़ीर?" -यह कहते हुए आपी उठीं और मेरे लण्ड को पकड़ कर मेरे पेट पर लेटते हुए मेरे ऊपर आ गईं और अपनी चूत को मेरे लण्ड के ऊपर फिट करके ऊपर से ही रगड़ने लगीं। 

वे मुझे किस करने लगीं मैं भी हल्का-हल्का जोश में आ रहा था। मैंने आपी के सर को पकड़ा और आपी के होंठों को चूसने लगा, काटने लगा। आपी की सारी लिपस्टिक चुस चुकी थी।

अचानक आपी ने मुझसे अपना सर छुड़वाया और खुद मेरे सर को पकड़ कर मेरे होंठों को अपने मुँह में भरके ज़ोर-ज़ोर से मुँह में खींचने लगीं। मेरी ज़ुबान को भी अपने मुँह में खींच के चूसने लगीं। मेरे सर को आपी ने इतनी ज़ोर से पकड़ा था कि मैं हिल भी नहीं पा रहा था और बस आपी के चूसने का मज़ा ले रहा था।

आपी नीचे से अपनी चूत को रगड़ रही थीं जिससे मेरा लण्ड फिर से फुल टाइट हो गया था। आपी लण्ड के खड़े हो जाने के बाद भी चूत को रगड़े जा रही थीं। मैं आपी की कमर पर हाथ रख कर उनके दूधों को अपने सीने पर दबाने लगा। 

आपी जब अपनी चूत रगड़ कर ऊपर होतीं तो मेरा लण्ड भी ऊपर को उठता था पर मुझे नहीं पता था कि आपी ऐसे भी कर सकतीं हैं। मेरी वो बहन जो अबाए के बिना नहीं रहती थी वो चूत मरवाने में इतनी तेज होगी।

आपी ने अचानक से अपनी चूत को रगड़ना बंद कर दिया और थोड़ा सा ऊपर उठ कर आगे को हो कर मुझे और तेज़ी से किस करने लगीं। आपी के ऊपर होने की वजह से मेरा लण्ड भी हल्का सा जोश में था।

मुझे आपी की किसिंग में इतना मज़ा आया कि मैं भूल गया कि मेरा लण्ड भी तैयार खड़ा है। पर आपी मेरे लण्ड पर पूरी नज़र लगाए हुए थीं और अपनी चूत का निशाना सैट कर चुकी थीं।

फिर अचानक आपी ने नीचे को अपने जिस्म को धकेला और लण्ड चूत से रगड़ता हुआ सीधा चूत में जड़ तक उतर गया।

मेरे मुँह से खुद ही ‘आआअहह..’ निकल गई और आपी भी ‘आह..’ भरते हुए हँसने लगीं।

वो कहने लगीं- “देखा, मैंने भी तुम्हारी सिसकारी निकाल दी ना इसलिए मुझ से बच के रहना”

और आपी हँसने लगीं।

मैंने कहा- “अच्छा बच्चू, लो फिर मज़े”

यह कहते हुए मैंने आपी को बांहों में लिया और तेज़ी से आपी को धक्के लगाने लगा तो आपी सिसकारियाँ लेने लगीं- “आहह... रुक तो… आआहह... सगीर रूको... मुझे तुमको चोदना है”

मैंने आपी के मुँह से यह बात सुनी तो रुक गया।

आपी ने कहा- “अपने शौहर को मैं खुद चोदूँगी”

मेरी सब अदाएं अंदाज हो तुम,
तुम मेरे देवता सरताज हो तुम…
तुम हो तभी यह तबीयत चंगी,
मेरी चूत की आग का इलाज हो तुम…

आपी ने ज़ोर-ज़ोर से ऊपर-नीचे होना शुरु कर दिया और तेज़ी से मुझे चोदने लगीं। मैंने आपी को अपनी बांहों में भरा और धक्के मारना बंद कर दिए।

आपी ने अपना काम जारी रखा और आहें भरते हुए चुदवाती रहीं- “आह्ह… उफ़... सगीर मेरी जान… आआहह… दूध चूसो प्लीज़... आआअहह!”

आपी की बात सुन कर मैंने आपी के मम्मों को चूसना शुरू कर दिया और खुद भी नीचे से धक्के लगाने लगा।

तभी आपी ने कहा- “सगीर ज़ोर से धक्के मारो... मैं झड़ने वाली हूँ... आअहह... आआहह…”

मैंने कुछ तगड़े जर्क मारे तो आपी की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया। मैं अभी दवा के असर में था तो मैं झड़ा नहीं था, मैंने कुछ पल रुकने के बाद धक्के लगाना फिर से शुरू कर दिए।

इस तरह काफ़ी देर तक ऊपर से चुदने के बाद आपी ने कहा- “अब तुम्हारी बारी है, मुझे नीचे करो”

मैंने आपी को बिस्तर पर लेटाया और एक साइड से पीछे खुद लेट कर मैंने एक ही झटके में अपना फौलादी लण्ड आपी की चूत में डाल दिया और धक्के मारने लगा। इस तरह से आपी काफ़ी मज़े से चुदवा रही थीं।

आपी ने मुझसे कहा- “सगीर इस स्टाइल में ही चोदते रहो, इस तरह बहुत मज़ा आ रहा है”

तो मैंने उसी तरह आपी को तेज़ी से चोदना जारी रखा।

आपी मस्ती में आहें भर रही थीं- “अहह... सगीर अब तेज़ करो... स्पीड को बढ़ा दो... प्लीज़ और तेज़ करो… आआहह ऊहह... सगीर मैं फिर गई...”

तो मैंने कहा- “आपी अब मैं भी झड़ने लगा हूँ”

हम दोनों एक साथ ही झड़ने लगे। इस दफ़ा आपी की चूत ने फिर से बहुत सारा पानी छोड़ा और मेरा लण्ड भी आपी की चूत में ही फारिग हो गया। हम दोनों वहीं वैसे ही पड़े रहे।

कुछ देर बाद आपी ने मुझसे कहा- “सगीर अभी हमारे पास बहुत दिन हैं तो अब सो जाते हैं ताकि कल फिर जम कर चुदाई कर सकें”

मैंने कहा- “ठीक है आपी, सो जाते हैं”

आपी ने कपड़े पहने और मुझे एक लंबी किस करके नीचे चली गईं।

आपी के नीचे जाने के बाद मैंने कैमरा की रिकॉर्डिंग बंद की और मैं भी ऐसे ही सो गया। जब सुबह उठा तो हिम्मत जवाब दे रही थी। किसी तरह मैं नहा-धो कर नीचे गया तो अब्बू सामने बैठे थे।

उन्होंने कहा- “मैं तुम्हारा ही वेट कर रहा था। ये लो चाभियाँ और तेरी आपी यूनिवर्सिटी चली गई है वो भी साथ में चाभियाँ ले गई है, तुम भी ले जाओ”

मैंने नाश्ता किया और कॉलेज चला गया। कॉलेज से वापसी में मैं दुकान पर नहीं गया सीधा ही घर आ गया और जब मैं घर पहुँचा तो देख कर परेशान हो गया कि अम्मी वगैरह सब वापिस आ गए हुए हैं। मैंने दुआ-सलाम की और सीधा अपने कमरे में आ गया।

मैं फरहान को डांटने लगा- “तुमसे एक काम नहीं ठीक से होता”

वो कुछ बोलता इससे पहले आपी कमरे में आ गईं और मजे लेकर कहने लगीं- “इसका कोई कसूर नहीं है वो जिसका पता करने अम्मी ने जाना था वो किसी डॉक्टर को दिखाने दूसरे सिटी चला गया है इसलिए अम्मी आ गई हैं। अब जब वो आएगा तब वे दोबारा जाएंगी”

आपी ने मुझे होंठों पर किस की और कान में कहा- "आज रात को मुझे दो लण्ड चाहिए। मेरी चूत बहुत आग से मचल रही है”

मैंने कहा- “मेरी जान! मिल जाएंगे”

चंचल चितवन से कर्म न बिगड़ जाए,
खूबसूरत यौवन से शर्म न बिगड़ जाए…
अदाओं पर ज़रा काबू रखिये हुजूर,
कहीं फिर से मेरा लण्ड न खड़ा हो जाए…

आज आपी को फरहान का लण्ड भी खाना था। आपी ने मुझे किस की और नीचे चली गईं।

TO BE CONTINUED .....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 05-02-2024, 06:40 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 11-02-2024, 08:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 03:03 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 10:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 17-02-2024, 07:45 PM
RE: जिस्म की भूख - by sananda - 17-02-2024, 09:34 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 09:16 AM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 04:29 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 25-02-2024, 05:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 27-02-2024, 10:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 02-03-2024, 11:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 05-03-2024, 12:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-03-2024, 02:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 07:43 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 05:30 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 14-03-2024, 02:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 18-03-2024, 09:07 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 19-03-2024, 06:24 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 28-03-2024, 02:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 28-03-2024, 10:16 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 30-03-2024, 02:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 02-04-2024, 10:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 10-04-2024, 02:47 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-04-2024, 05:17 PM
RE: जिस्म की भूख - by Chandan - 11-04-2024, 09:41 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 11:34 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 02:06 PM



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