08-04-2024, 08:52 AM
सलोनी सामने से पूरी नंगी दिखने लगी। उसकी सफ़ेद तनी हुई चूचियाँ और उन पर सफ़ेद धब्बे के निशान लाइट में चमक रहे थे जो शायद क्लब में किसी के वीर्य के थे। उधर हवलदार ने पीछे से शर्ट पकड़ पूरी निकाल वहीं डाल दी। सलोनी ने इसका पूरा विरोध किया मगर उनके सामने उसकी एक ना चली। अब उनके सामने खुली सड़क पर सलोनी पूरी नंगी खड़ी थी।
इंस्पैक्टर उसके चूची को हाथ में ले मसलते हुए बोला- “देख साले, बोल रहा है बीवी है, हर जगह से तो गंदे पानी से लितड़ी पड़ी है”
हवलदार- “हाँ साब, पीछे भी सब जगह लगा है। लगता है कईयों से चुदवा कर आ रही है”
मैं असहाय सा उनको यह सब करता देख रहा था।
तभी इंस्पेक्टर ने सलोनी को घुमाया- “दिखा तो साले, इसकी गांड कैसी है। चूत तो बिल्कुल मक्खन की टिक्की जैसी है”
अरे यह क्या???
हवलदार ने अपने नेकर की साइड से लण्ड बाहर निकाला हुआ था, उसके काले लण्ड का अगला भाग बाहर दिख रहा था, कमीना अपने नंगे लण्ड को सलोनी के चूतड़ों से चिपकाये था।
इंस्पेक्टर- “हा हा… तूने डंडा बाहर भी निकाल लिया?”
हवलदार- “हाँ साब पीछे चेक कर रहा था”
इंस्पेक्टर- “हा हा हा बाहर ही चेक किया या अंदर भी देख आया?”
हवलदार- “अरे साब अभी तो बाहर ही, अंदर चेक करने के लिए तो हैलमेट पहना पड़ेगा। हा हा हा… हो हो हो…”
दोनों पागलों की तरह हँसते हुए सलोनी को रगड़ रहे थे इंस्पेक्टर ने सलोनी की गर्दन पकड़ उसको झुका दिया और पीछे से उसके चूतड़ों पर चपत लगा लगा कर देखने लगा।
इंस्पेक्टर- “अरे हाँ यार! कितना यह तो लपलपा रही है। आज तो इसकी गांड मारने में मजा आ जाएगा”
अब मेरा सब्र की इंतेहा हो गई थी- “अगर आप लोगों ने इसको नहीं छोड़ा तो मैं अभी फोन करता हूँ”
इंस्पेक्टर ने हवलदार को बोला- “अबे तू देख इसको क्या बक रहा है यह, तब तक मैं इसके नट बोल्ट खोलता हूँ”
हवलदार- “अरे छोड़ो साब, इसको गाड़ी पर लेकर चलते हैं। मेरे से तो बिल्कुल नहीं रुका जा रहा, क्या मक्खन मलाई चूत है इसकी”
वो पीछे से ही सलोनी की चूत को उँगलियों से रगड़ रहा था। मुझमें ना जाने कहाँ से जोश आ गया, मैंने दोनों को एक साथ जोर से धक्का दिया, वो दोनों वहीं सड़क पर गिर पड़े। मैंने सलोनी को पकड़ा और वहाँ से भागने लगा मगर तभी हवलदार ने अपना डंडा मेरे पैरों में मार दिया, मैं वहीं गिर पड़ा।
इंस्पेक्टर- “साले तू तो अब गया, देखना कितना लम्बा तुझको अंदर करूँगा अब मैं”
मेरी हालत ख़राब थी।
सलोनी- “नहीं सर प्लीज इनको छोड़ दीजिये। आप चाहे कुछ भी कर लीजिये पर हमको छोड़ दीजिये”
मैं अवाक सा उसको देख रहा था। सलोनी रोये जा रही थी और मेरे से चिपकी थी वो मेरे लिए कुछ भी करने को तैयार थी।
इंस्पेक्टर- “नहीं, इसको तो मैं आज यही ठीक करूँगा”
उसने हवलदार के हाथ से डंडा ले लिया। वो जैसे ही मुझे मारने को आया, सलोनी तुरंत खड़ी हो उसने इंस्पेक्टर के हाथ का डंडा पकड़ लिया।
सलोनी- “आपको तो विश्वास नहीं है ना पर ये मेरे पति ही हैं। मैं इनको हाथ भी नहीं लगाने दूंगी। चलो आओ, कर लो मेरे साथ अपने मन की”
इंस्पेक्टर मुँह खोले उसको देख रहा था।
हवलदार- “वाह साब, अब तो यह अपनी मर्जी से चुदवायेगी। चलो साब, गाड़ी के अंदर आज इसकी जमकर ठुकाई करते हैं, बहुत टाइट माल हाथ लगा है आज तो”
सलोनी बिना उनके कुछ कहे उनकी गाड़ी की ओर बढ़ गई। मैं पूरी नंगी सलोनी को जाता देख रह था। हवलदार भी उसकी ओर पीछे पीछे जाने लगा।
इंस्पेक्टर- “सुन साले, तेरा लौड़ा बहुत अकड़ रहा है? रोक इसको, तू इस पर नजर रख, मैं उसको देखता हूँ”
और हवलदार नाक मुँह सिकोड़ता हुआ इंस्पेक्टर के हाथ से डंडा ले मेरे पास आ गया और इन्स्पेटर गाड़ी की ओर चला गया। सलोनी पहले ही वहाँ पहुँच गई थी।
हाय… यह अब क्या होने जा रहा था…?????????
सोचा था पूरी रात खूब मस्ती करेंगे। आज वो सब कुछ करेंगे जो केवल कल्पना ही किया करते थे मगर अब मुझे अपने निर्णय पर बहुत ज्यादा पछतावा हो रहा था। मैं सपने में भी नहीं चाहता था कि सलोनी, मेरी प्यारी जान को जरा भी कष्ट हो, उसकी मर्जी के बिना कोई उसे छू भी सके। मगर इस समय वो मेरे लिए कुर्बानी देने को तैयार थी।
उसने अपना संगमरमरी बदन एक दुष्ट सिक्युरिटी वाले के हाथों से नुचवाने का सोच लिया। अगर वो अपनी मर्जी से कर रही होती तो मुझे कोई ऐतराज नहीं होता मगर यहाँ तो सब कुछ अलग था जिसे मैं कभी पसंद नहीं कर सकता था।
मेरी सलोनी बिना वस्त्रों के नंगी सिक्युरिटी वालों की जीप के अंदर थी और वो इंस्पेक्टर भी उसके साथ था, ना जाने कमीना कैसे कैसे उसको परेशान कर रहा होगा। मैंने हवलदार को देखा, उसका ध्यान मेरी ओर नहीं था, वो साला लगातार जीप की ओर ही देख रहा था जैसे उसको अपनी बारी का इन्तजार हो।
मैं चुपचाप पीछे से निकल अपनी कार तक आया और फ़ोन निकाल सोचने लगा किसको फ़ोन करूँ?
100 नंबर पर तो करना बेकार था, वो इसी को कॉल करते। तभी मुझे एक ओर से गाड़ी की लाइट नजर आई, जैसे ही गाड़ी निकट आई, मेरी तो ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।
यह अमित की गाड़ी थी…!
मुझे इसका ध्यान पहले क्यों नहीं आया। अमित के तो कई दोस्त सिक्युरिटी में उच्च पद पर हैं। मेरे रोकने से पहले ही उसने गाड़ी रोक दी, शायद उसने भी मुझे देख लिया था। मैं जल्दी से उसके पास गया।
अमित- “अरे तू, इस समय? यहाँ??”
मैं- “यह सब छोड़, तू जल्दी नीचे आ, ये साले सिक्युरिटी वाले उस जीप में सलोनी को…”
मेरे इतना कहते ही अमित सब कुछ समझ गया, वो बड़ी फुर्ती से नीचे उतरा।
अमित- “कौन है साला कुत्ता?”
वो कुछ ज्यादा ही गुस्से में आ गया था। मैंने घड़ी देखी इस सबमें करीब 15 मिनट बीत चुके थे यानि सलोनी पिछले 15 मिनट से उस इंस्पेक्टर के साथ थी, ना जाने कमीने ने कितना परेशान किया होगा उसको।
हम दोनों तेजी से जीप की ओर बढ़े। हवलदार भी शायद मुझे ना पाकर जीप के पास चला गया था। उसको मेरे से ज्यादा दिलचस्पी सलोनी को देखने की थी। हम जैसे ही वहाँ पहुँचे, हवलदार ने हमको देख लिया।
हवलदार- “ऐ कहाँ जा रहे हो? रुको यहीं”
वो बहुत कड़क आवाज में चिल्लाया। मैं तो रुक गया पर अमित सीधे जीप तक पहुँच गया।
अमित- “कौन है बे? बाहर निकल”
तभी इंस्पेक्टर गुस्से से बाहर निकला। अरे बाप रे! उसके काले और मोटे से शरीर पर केवल एक बनियान था, आस्तीन वाले बनियान में उसका थुलथुला शरीर बहुत ही भद्दा लग रहा था। मैंने नीचे देखा उसका काला सा लण्ड दिखा जो ऊपर को खड़ा था।
पता नहीं साला क्या कर रहा था??
इंस्पेक्टर- “कौन हो वे तुम??? निकलो यहाँ से, नहीं तो यहीं एनकाउंटर कर दूंगा”
इंस्पेक्टर बहुत गुस्से में था। अमित बिना कुछ बोले किसी को फ़ोन कर रहा था।
अमित- “ले साले, अपने बाप से बात कर, तेरी तो मैं ऐसी-कम-तैसी करता हूँ”
इंस्पेक्टर- “कौन है फ़ोन पर??? मैं तो अपनी ड्यूटी कर रहा हूँ”
इंस्पेक्टर की आवाज एकदम से नरम हो गई थी, शायद उसको लग गया था कि जरूर किसी बड़े अफसर का फ़ोन होगा।
उसने फ़ोन लेकर बात करनी शुरू कर दी। मुझे नहीं पता कि क्या बात कर रहा था। मैं चुपचाप जीप की ओर चला गया। हवलदार भी अब शायद डर गया था, उसने मुझे नहीं रोका। मैंने जीप के अंदर झांक कर देखा, पिछली सीट पर सलोनी पूरी नंगी लेटी थी।
मैंने तुरंत उसको अपनी बाँहों में लिया। ओ माय गॉड! वो रो रही थी। मैंने किसी तरह उसको जीप से बाहर निकाला। मेरे बराबर में अमित भी था वो भी मेरे पीछे आ गया था।
अमित- “ओह! यह क्या किया इसने साले हरामी ने! अभी इसकी खबर लेता हूँ”
अमित ने अपना कोट निकाल कर सलोनी को दे दिया। सलोनी बहुत डर गई थी, लगता है उसने बहुत कुछ झेला है, जिसकी आदत शायद उसको बिल्कुल नहीं थी। उसने कोट लेकर पहन लिया और उसको कस कर आगे से पकड़ लिया। उधर इंस्पेक्टर ने भी अपनी पैंट पहन ली थी, दोनों बहुत डरे हुए थे। अमित ने बताया कि उसने एस पी से बात कराई थी इसीलिए दोनों बहुत डरे हुए थे।
TO BE CONTINUED .....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
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