29-03-2024, 12:06 PM
एक तो बहुत मस्त रात थी और किस्मत भी इतनी शानदार थी कि रात ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी।
मेरे लण्ड ने तो आज पूरे मजे लेने थे, वो बड़े ही रिदम के साथ ऋज़ू की चूत में आ जा रहा था, उसके हर कोने में घूम रहा था। ऋज़ू भी किसी नृत्यांगना की तरह अपने चूतड़ों को घुमा घुमा कर चुदवा रही थी।
मेरा मजा तो कई गुना बढ़ गया था क्योंकि मेरे सामने मेरी जान सलोनी पूरी मस्त थी और पूरी नंगी होकर एक अजनबी से मजे कर रही थी। इस मजे के लिए तो मैं अपनी पूरी सम्पत्ति दांव पर लगा सकता था पर किस्मत से यह मजा मुझे आज मुफ़्त में ही बिना किसी मेहनत के ही मिल गया था।
मैं यह सोच सोच कर ऋज़ू की चूत में जोरदार धक्के मार रहा था कि आज के बाद तो हम दोनों और भी मजे करेंगे क्योंकि जिस बात के लिए मैं सारी योजना बना रहा था कि हम दोनों आपस में खुलकर अनजान लोगों से सेक्स करें। वो हम दोनों ही रोज कर तो रहे थे पर आपस में नहीं खुल पा रहे थे। वो सब आज अचानक ही हो गया था। अब देखते हैं यह रात हमारे जीवन में कैसा नया मोड़ लेकर आती है।
मैं लगातार देख केवल सलोनी को ही रहा था कि वो कैसे मजे ले रही है और मजे की बात यह थी कि वो भी मुझे ही देख रही थी। शायद उसके मन में भी वही सब था जो मेरे मन में था। उसको भी मेरी चुदाई देखने में मजा आ रहा था।
मैंने ऋज़ू के चूतड़ों को अपने दोनों हाथों से थाम रखा था और उसको चोदे जा रहा था। वो मोटा किसी धौकनी की तरह हाँफ़े जा रहा था, फिर वो सलोनी की ओर मुँह करके बैठ गया। मुझे उसकी पीठ ही नजर आ रही थी पर सलोनी जैसे सब समझ गई थी कि मैं अब सब कुछ देखना चाह रहा हूँ।
उसने कमोड से खड़ी होकर बहुत ही मुश्किल से उस मोटे को खड़ा किया। मैंने देखा उठते समय मोटे के हाथ सलोनी के चूतड़ों पर थे। सलोनी ने मोटे को कमोड पर बैठा दिया। मैंने मोटे के लण्ड को देखने की कोशिश की मगर मुझे कहीं दिखाई नहीं दिया। सलोनी भी उसके टांगों के बीच हाथ चला रही थी।
तभी वो मोटा खड़ा हो गया। अरे यह क्या है...???? बिल्कुल छोटा सा मुरझाया हुआ… बच्चों की नुन्नी भी उससे बड़ी होती है। इतने बड़े पेट और मोटी मोटी जाँघों के बीच उसका लण्ड तो नहीं हाँ लुल्ली दिख ही नहीं रही थी।
सलोनी उसको भी अपनी सेक्सी उँगलियों से हिला कर देख रही थी मगर उसमें बिल्कुल भी जान नहीं थी। कैसा मर्द था साला? इतनी सेक्सी लड़की उसके लण्ड को सहला रही है और वो मुदों की तरह बैठा है। तभी ऋज़ू ने भी उस ओर देखा और ‘हा हा हा हा हा हा हा’ जोर से हंसने लगी।
मैं- “क्या हुआ? क्यों हंस रही है?”
ऋज़ू- “अरे कहाँ राख में चिंगारी ढून्ढ रही है! यह तो ऐसा ही है साला, एक बार पानी निकलने के बाद अब कल ही जागेगा। वो तो मेरे पति का बॉस है, तभी झेल रही हूँ वरना…!!”
मोटा आदमी- “कमीनी चुपचाप क्यों नहीं चुदवा लेती, हर समय अपनी चूत घुसाती रहती है। इसी से चोदा है तुझे कितनी बार… फिर भी?”
ऋज़ू- “हाँ हाँ मुझे पता है, कैसे चोदा है...!! हा हा हा हा…”
मोटा आदमी- “चल साली, मुझे मूत आ रहा है… चल पी इसको... तुझे तो बहुत शौक है न मूत पीने का…”
उसकी बात सुनते ही सलोनी उसके लण्ड को छोड़ दूर हट गई। अभी तक हम दोनों ही सेक्स में इतने आगे नहीं बढ़े थे कि सब कुछ अच्छा लगे। शायद मूत जैसी बात सुनकर ही सलोनी को घिन्न आ गई होगी और सच बताऊँ तो मुझे भी अच्छा नहीं लगा।
वो मोटा किसी तरह चलकर हमारी ओर आ गया। मैंने ऋज़ू को उधर घुमाया और लण्ड की स्पीड बढ़ा दी और तभी ऋज़ू बहुत तेजी से चूतड़ हिलाने लगी।
फिर एकाएक उसने अपने चूतड़ कसकर जकड़ लिए और- “अह्ह्हाआआ अह्ह्हा… आआआ… ओह आऐइइइ… इइइइ… मैईईई… गईइइइइइइइ…”
लगता था वो पानी छोड़ रही थी। मेरे लण्ड ने उसके पानी को महसूस किया। उधर मोटे ने अपनी छोटी सी लुल्ली ऋज़ू के मुख में डाल दी।
मैं तेजी से उसको चोद रहा था पर न जाने यह कैसी मस्ती थी कि मेरा लण्ड पानी छोड़ने को तैयार ही नहीं था, वो पूरा तना हुआ तेजी से चूत के पानी के साथ अंदर बाहर हो रहा था। तभी उस मोटे ने ऋज़ू के चेहरे पर ही मूतना शुरू कर दिया और मैंने तेजी से लण्ड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया। मेरा काम होने ही वाला था मगर एकदम से मन खिन्न सा हो गया।
तभी एक और आदमी अंदर आया, वो जो बाहर उस लड़की को चोद रहा था, उसका लण्ड बता रहा था कि वो पूरा चोदने के बाद सीधा यहीं आ रहा था। उसका लण्ड अजीब सा पानी से सना हुआ और लिथड़ा हुआ सा दिख रहा था।
सलोनी वहीं दरवाजे पर अपने कपड़े हाथ में लिए खड़ी थी, उसने अभी कुछ पहना नहीं था। उसने अंदर आते ही सलोनी के नंगे चूतड़ों को सहलाया और बोला- “क्या बात है जानेमन चुदवा लिया क्या?? अभी कहाँ जा रही है?? रुक ना, अभी एक बार तुझको भी चोदूंगा”
उसने एक हाथ चूतड़ों पर रखे हुए ही सलोनी के होंठों को चूम लिया और दूसरे हाथ से उसकी चूत को मसलने लगा। मैंने देखा कि सलोनी ने भी उसके लण्ड को सहलाया और मुस्कुराकर बाहर चली गई। मैं भी सलोनी के पीछे अपनी पैंट को सही करते हुए बाहर आ गया।
बाहर दूसरा आदमी भी नंगा बैठा सिगरेट पी रहा था और वो लड़की पूरी टाँगें फैलाये अधलेटी अवस्था में थी। मेरा दिल किया कि इसी साली को चोदकर अपना लण्ड शांत कर लूँ। सलोनी एक ओर खड़ी होकर अपने कपड़े पहन रही थी और वो आदमी सिगरेट पीते हुए उसको घूर रहा था। वो सिगरेट पीते पीते उठकर सलोनी की ओर बढ़ा, मैं उसको देखते हुए ही उस लड़की की ओर गया।
जैसा कि हम दोनों यह सोच कर आज घर से निकले थे कि आज केवल होगी तो मस्ती- मस्ती और बस मस्ती तो आज की रात ऐसी ही गुजर रही थी। मस्ती भी ऐसी कि कोई सपने में भी नहीं सोच सकता। मगर मेरे लण्ड को भी ना जाने कैसी जवानी आ गई थी। ना तो एक पल को बैठ रहा था और न ही अभी तक उसने पानी ही निकाला था। मुझे याद नहीं पड़ता कि कभी इससे पहले यह कभी इतना रुका हो। कभी कभी तो केवल जरा सा देखकर ही कच्छा ख़राब कर देता था।
मगर आज इतना मस्त नजारा चारों ओर था, सब तरफ चुदाई चल रही थी, ऋज़ू की खूब चुदाई भी की थी। उस जैसी चुदक्कड़ रंडी को भी संतुष्ट कर दिया था। उसका तक पानी निकल गया था मगर खुद अभी भी तना खड़ा था। अब साला ना जाने किसको चोदने वाला था।
मैंने लण्ड को पैंट के अंदर डालने की कोशिश की मगर यह कहाँ अंदर जाने वाला था।
सलोनी जब बिस्तर पर उस लड़की के पास गई तो मैंने सोचा शायद वो अभी भी और मस्ती के मूड में है, उसने अभी भी अपना कोई कपड़ा नहीं पहना था, उसकी स्कर्ट और टॉप दोनों उसके हाथ में ही दिख रहे थे, मगर वो बिस्तर पर जाकर कुछ ढूंढने लगी। ढूंढते हुए ही जब वो उस आदमी के पास गई जो उस लड़की को चोदने के बाद बिस्तर पर एक ओर बैठा था तो उस आदमी ने भी सलोनी को छेड़ना शुरू कर दिया।
TO BE CONTINUED .....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
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