27-03-2024, 07:07 PM
अभी हम एक गैलरी की ओर गए ही थे कि मुझे श्याम दिख गया।
मैं जल्दी से उसकी ओर लपका- “अरे श्याम, तूने उसको देखा जो मेरे साथ थी?”
पर उसने पहले ऋज़ू को देखा और उसके चूतड़ों पर हाथ मारते हुए बोला- “और सुना छम्मकछल्लो, आज कितनों से चुदवा ली? चल मेरा मूत पियेगी क्या?”
मैं उसकी बात सुन आश्चर्यचकित था मगर मुझे सलोनी की चिंता हो रही थी, मैंने कसकर श्याम को झकझोर दिया- “अरे उसको छोड़, पहले यह बता कि तूने सलोनी को देखा कहीं?”
अब उसने मेरे को देखा- “अरे आप साहब? हाँ वो मेमसाहब, वो तो वहाँ उसको 2-3 जने मिलकर… हा… हो… हो… हो…”
और मुँह दबाकर हंसने लगा। मैं उसकी ओर ध्यान ना देकर सीधे उस ओर बढ़ गया जिधर उसने इशारा किया था। मुझे भागता देख ऋज़ू अपने नंगेपन की परवाह ना करते हुए मेरी ओर लपकी और मुझे पकड़ लिया।
ऋज़ू- “अरे छोड़ न उस छिनाल को, वो तो अब चुद ही रही होगी। तू तो मेरी इस चूत को शांत कर और मुझे अपना गर्म मूत पिला”
नशे में ना जने क्या-क्या बक रही थी। अगर मेरे दिमाग में कुछ और नहीं होता तो शायद उसकी इस तरह गन्दी बातों को सुन मैं बहुत मस्त होता मगर मैं सलोनी को इतना प्यार करता था कि मुझे उसकी बहुत चिंता हो रही थी। मैंने ऋज़ू को भी साथ ले लिया कि चलो आज इसको वहीँ सलोनी के सामने ही चोदूँगा। यह दिमाग में आते ही मेरे शरीर में एक झुरझुरी सी आ गई- “वाओ, कितना मजा आएगा?”
तभी मुझे एक ओर से बहुत तेज सिसकारियों की आवाज आई, मैं उस ओर बढ़ा और तभी ऋज़ू की आवाज आई- “अरे, कैसे जमकर चुदवा रही है यह तो!”
ओह!!! मैं सन्न रह गया…
मैंने सलोनी के साथ हर तरह की मस्ती करने की सोच तो लिया था पर इस मस्ती में अभी और क्या क्या देखना पड़ सकता था, यह अभी तक मैंने नहीं सोचा था और अब हर नई बात के लिए मुझे एक अजीब सी घबराहट हो रही थी। ऋज़ू जैसी बोल्ड लड़की मैं खुद चुदाई करने के लिए तो सोच सकता था क्योंकि वो किसी और की बीवी थी मगर इतना बोल्ड मैं सलोनी के लिए तो नहीं सोच सकता था।
मैं भी एक भारतीय पुरुष ही था, मैं बड़ी बैचेनी से सलोनी को ढूंढ रहा था।
जैसे ही ऋज़ू ने एक ओर देखते हुए कहा- “अरे, यह तो यहाँ चुद रही है मस्ती से”
मेरे दिल को एक हल्का सा धक्का ही लगा। मैंने उस ओर देखा, वहां एक कमरा था और तीन अजीब से आदमी आधे नंगे दिखे, उनके नीचे के शरीर पुरे नंगे थे। वहां केवल एक ही सिंगल बिस्तर था। मैंने देखा एक आदमी उस लड़की की दोनों टाँगे अपने हाथ में पकड़े था और उसको तेजी से चोद रहा था।
मुझे दरवाजे से वो लड़की बिल्कुल नहीं दिख रही थी क्योंकि उस आदमी के शरीर ने उसको लगभग पूरा ही ढक दिया था। मैंने चारों ओर नजर घुमाई ओर मुझे एक तरफ एक कपड़ा दिखा। मैंने ध्यान से देखा अरे, यह तो सलोनी की स्कर्ट है।
इसका मतलब सलोनी??????
दो आदमी आगे सलोनी के दोनों तरफ बैठे थे जो अपने हाथों से उसके बदन को मसल रहे थे, उसने दोनों के लण्ड अपने हाथ से पकड़ रखे थे और उनको एक एक करके चूस रही थी क्योंकि जब मैंने देखा तब वो बायीं ओर वाले का चूस रही थी फिर देखते ही देखते उसने अपना मुँह दायीं ओर कर लिया और उसका लण्ड चूसने लगी।
मेरा दिल बैठा जा रहा था क्योंकि मेरी सलोनी इतनी चुदक्कड़ हो गई थी किएक साथ तीन लण्डों से खेल रही थी। मेरे कदम जैसे दरवाजे पर ही जम गए थे। उन्होंने एक कदम भी आगे बढ़ने से मना कर दिया था। मेरी समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ???
अब रोकने से भी क्या फ़ायदा था? जो उसको चोद रहा था, वो काफी तगड़ा आदमी था, अगर मैंने उनको जरा भी रोकने की सोची तो पता नहीं साला मेरे साथ क्या करेगा।
तभी मैंने ध्यान दिया कि कोई मेरे लण्ड को भी चूस रही है, मैंने नीचे देखा तो वो ऋज़ू थी। ना जाने उसने अपनी कुर्ती कब उतार दी थी। वो पूरी नंगी नीचे बैठी बड़ी लगन से मेरे लण्ड को चूस रही थी जो इतने गर्म माहौल में भी, ऐसे घटनाक्रम की वजह से बैठ गया था। मैंने ध्यान किया कि सलोनी को ढूंढने में मैं इतना मशगूल था कि अपने लण्ड को भी अंदर नहीं किया था। मैं ऐसे ही सब जगह भाग दौड़ कर रहा था।
ऋज़ू के जरा से प्रयास से ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया। तभी मैंने सलोनी की ओर देखा, वो आदमी बहुत तेज धक्के लगाने लगा। इसका मतलब वो चरम पर था। कमरे में तेज आहें ओर धक्कों की आवाजें गूंजने लगीं। ज़िंदगी में पहली बार मैं किसी और का वीर्य अपनी जान के चूत में जाते देखने वाला था।
मगर थैंक गॉड! उसने आखरी समय में अपना लण्ड सलोनी की चूत से बाहर निकाल लिया। भक की तेज आवाज आई और उसने शायद हमको देख लिया था वो उठकर हमारी ओर को आया।
मैंने उसके लण्ड को देखा पूरा तना हुआ, काला ओर लण्ड का अगला भाग लाल सुर्ख हो रहा था। वो जल्दी से हमारे पास आया, और उसने ऋज़ू के चेहरे के पास अपना लण्ड कर दिया। ऋज़ू ने भी बिना सोचे उसके लण्ड को अपने मुख में भर लिया। अब मैंने हिम्मत करके सलोनी की ओर देखा। वो दोनों आदमी अभी भी सलोनी से मस्ती में लगे थे।
मैंने ऋज़ू के हाथ से अपना लण्ड छुड़वाया और सलोनी की ओर गया। वाओ! जैसे ही मैंने देखा, अरे यह तो कोई और है। वो कोई और ही लड़की थी। गोरी चिट्टी मगर उसकी चूत ओर चूची काफी मसली हुई लग रही थी। मैंने एक ठंडी सांस ली, जैसे किसी गुफा से बाहर आया हूँ और खुशी के मारे मैंने उस लड़की के पैरों को फैलाकर उसकी चूत को अपने हाथ से सहला दिया।
उसने मुस्कुराकर मुझे देखा जैसे उसको कोई ऐतराज नहीं हो और मेरे लण्ड को अपने हाथ में पकड़ लिया। मेरा दिल तो कर रहा था कि डाल दे इसकी चुदी हुई चूत में मगर मैंने फिर खुद को कंट्रोल किया और कुछ पीछे को हट गया क्योंकि आगे वाला एक आदमी अब उसकी चूत को चोदने के लिए मेरी ओर आ गया था।
मैंने भी उसको चोदने की या वहाँ कोई पंगा करने की कोई चेष्टा नहीं की। मुझे अब फिर सलोनी याद आ गई अगर वो यहाँ नहीं है तो फिर कहाँ है? मैंने सलोनी की स्कर्ट उठाकर देखी, अरे यह तो वाकयी उसी की स्कर्ट थी। अपनी स्कर्ट यहाँ उतार कहाँ चली गई वो नंगी और उसने तो कच्छी भी नहीं पहनी थी। मैंने देखा उस काले हब्शी ने अपना सारा वीर्य ऋज़ू के ऊपर गिरा दिया था और ऋज़ू अभी भी उसके लण्ड को पकड़े थी।
तभी कमरे के अंदर एक दरवाजा खुला जो शायद बाथरूम था, उसमें से एक लड़का पूरा नंगा बाहर निकला। अरे यह तो वही था जो सलोनी के साथ डांस कर रहा था। उसने मुझे देखा और बड़ी गन्दी हंसी हंसा। वो पूरा नंगा था मगर उसका लण्ड पूरा मुरझाया हुआ था। वो चारों ओर शायद अपने कपड़े देख रहा था क्योंकि उसने बिस्तर के कोने पर पड़ी एक जींस उठाकर पहन ली थी।
मैंने उससे सलोनी के बारे में पूछा उसने बिना कुछ कहे मुस्कुराते हुए बाथरूम की ओर इशारा कर दिया। मैं जल्दी से उधर लपका और बाथरूम का दरवाजा खोल दिया और मुझे सलोनी मिल गई वो सामने कमोड पर बैठी थी, पूरी नंगी...
उसने एकदम से मुझे देखा। हम दोनों की नजरें आपस में मिली। क्या बात थी! हर पल मस्ती भरा गुजर रहा था।
जिधर देखो मस्ती, चुदाई और आहें।
TO BE CONTINUED .....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
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