22-03-2024, 10:13 PM
वो बोली- रात को तो बहुत खड़ा हो रहा था … अब क्यों नहीं हो रहा.
ये कह कर उसने हाथ में पकड़ी हुई तौलिया को बड़ी नजाकत से मेरे सामने अपने जिस्म पर लपेटी और गांड हिलाती हुई अपने रूम में चली गयी.
मैं अपनी सुधबुध खो चुका था और मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या करूं.
मैं सर झटकता हुआ उठा और नहाने के लिए बाथरूम में आ गया.
उधर मैंने दीपिका की नंगी जवानी को याद करके लंड हिलाया और फारिग होकर अपने कॉलेज चला गया.
उस रात को मैं थोड़ा लेट आया क्योंकि मैंने कॉलेज के बाद शाम को चार पैग व्हिस्की के लगा लिए थे.
दारू पीते समय मैं दीपिका के बारे में ही सोच रहा था.
मुझे समझ आ गया था कि आज दीपिका मेरे लंड से चुदने को रेडी है.
बस ये सोचा तो मैंने दो पैकेट कंडोम के खरीद लिए और घर आ गया.
मुझे मालूम हो गया था कि अब उस पर भी कंट्रोल नहीं हो रहा है.
रात में खाना खाकर हम दोनों टीवी देख रहे थे.
मैंने बात शुरू की- तुम सुबह क्या चाह रही थीं?
वो बोली- कुछ नहीं.
मैंने कहा- फिर किस क्यों किया था?
वो बोली- वो तो ऐसे ही, पर तुमको तो अच्छा ही लगा होगा न!
मैंने बोला- हां अच्छा तो लगा था मगर तुमको शर्म नहीं आई?
वो हंसी और बोली- शर्म कैसी, तुम भी तो छिप छिप कर मुझे नंगी देखते थे और कई बार मुझे वो सब करते हुए भी देख भी चुके हो.
मैंने कहा- ये तुमको कैसे मालूम है?
वो बोली- जब तुम मुझे देख कर मुठ मारते थे और मेरी पैंटी में पानी निकाल देते थे, तो क्या मैं इतनी नासमझ हूँ कि ये बात समझ ही न पाऊं … घर में तुम्हारे अलावा कोई और तो है नहीं, जो ये सब मेरी पैंटी के साथ करता हो. फिर कल रात में जब तुम मेरे बूब्स दबा रहे थे, तो क्या मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था?
मैंने तभी उसके हाथ को टच किया और उसे अपने पास खींच कर उसके गाल पर किस कर लिया.
वो बोली- ये क्या है?
मैंने बोला- किस.
वो बोली- तुमको किस करना नहीं आता है.
मैंने पूछा- तुमको तो आता है न!
वो बोली- मॉर्निग में किया तो था. अब तुम वैसे ही करके बताओ.
मैंने उसको होंठों पर होंठ रख दिए और उसे किस करने लगा.
करीब 15 -20 मिनट हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए और वासना के वशीभूत होकर चूमाचाटी करने लगे.
मैंने उसके कपड़े उतार दिए और उसने मेरे!
अब हम दोनों नंगे थे.
मैंने उसको बेड पर लिटाया और उसके मम्मों को दबाने लगा. साथ ही मैंने अपनी एक उंगली उसकी चुत में डाल दी.
वो गर्मा गई और सीत्कार करने लगी.
मैं नीचे को आया और उसकी चुत चाटने लगा.
वो कामुक सिसकारियां लेने लगी और मुँह से ‘आह भाई मर गई आह और चाटो आह मेरी चुत खा जाओ.’ की आवाज निकालने लगी.
मैंने एक उंगली उसकी चुत में अन्दर तक डाली तो वो थोड़ा चिल्लाने लगी.
कुछ देर बाद वो झड़ गई तो मैंने उसकी चुत को चाटकर साफ़ कर दिया.
मैंने कहा- अब तुम मेरा मुँह में लो.
वो बोली- नहीं.
मैंने कहा- क्यों … प्लीज़ ले लो, मुझे अच्छा लगेगा.
फिर वो मान गयी और मेरा लंड चूसने लगी.
पांच मिनट तक लंड चूसने के बाद मैंने उसके मुँह से लंड निकाला और उसे चित लिटा दिया.
वो समझ गई कि अब चुत चुदने वाली है.
मैंने उसकी चुत पर तेल लगा दिया और कुछ अपने लंड पर भी.
क्योंकि ये उसका फर्स्ट टाइम था लेकिन जैसे वो लंड के लिए मचल रही थी, उससे लग नहीं रहा था कि इसकी सील साबुत बची होगी.
फिर मैंने उसकी दोनों टांगों को ऊपर लिया और उसकी चुत के मुँह पर अपना लंड सैट कर दिया.
वो गांड उठाने लगी तो मैंने एक जोर से धक्का लगा दिया.
मेरा आधा लंड चुत के अन्दर घुस गया.
वो उसी पल जोर से चिल्ला उठी.
मैंने उसका मुँह दबाया और बाजू में पड़ी उसकी ब्रा को उसके मुँह में घुसेड़ दी.
उसकी आवाज बंद हुई तो मैंने फिर से एक और जोर का धक्का दे दिया.
इस बार मैंने पूरे लंड को चुत की जड़ तक अन्दर घुसा दिया.
उसकी आंखों से पानी आने लगा. साथ ही उसकी चुत से खून की लकीर बिस्तर को रंगने लगी.
मैं रुक गया और उसे सहलाने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चुत से लंड निकाला और उसके ब्लड को साफ कर दिया.
वो बोली- अब नहीं करो.
मैंने बोला- तुम ही तो चाहती थी.
वो बोली- मुझे क्या पता था कि इतना दर्द होगा.
मैं बोला- जितना होना था वो हो चुका अब नहीं होगा.
वो कुछ नहीं बोली.
मैंने उसकी चुत में लंड घुसेड़ा और आराम आराम से अन्दर तक पेलता गया.
मेरा लंड पूरा अन्दर चला गया और वो कसमसाती रही लेकिन इस बार उसने आवाज नहीं निकाली.
मैं धीरे धीरे लंड चुत में आगे पीछे करने लगा.
थोड़ी देर तक बाद उसे भी मज़ा आने लगा.
अब मैं तेज तेज चुदाई करने लगा.
उसके मुँह से मस्ती भरी आवाजों ने निकलना शुरू कर दिया था- आह आह और तेज!
इससे मेरा जोश और बढ़ गया और मैं तेजी से लंड अन्दर बाहर करने लगा.
करीब 15 मिनट बाद मेरा पानी निकलने को हो गया. मैंने लंड चुत से निकाला और सारा पानी उसकी चुचियों पर निकाल दिया.
थोड़ी देर बाद उसने मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूस चूस कर फिर से खड़ा कर दिया.
इस बार मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी गांड पर थोड़ा सा तेल लगा दिया.
उसने कहा- ये किधर डाल रहे हो?
मैंने कहा- इधर तुमको पहले से भी ज्यादा मज़ा आएगा.
वो कुछ नहीं बोली.
मैंने उसकी गांड पर लंड रखा और एक जोर से धक्का मारते हुए पूरा लंड अन्दर कर दिया.
वो एकदम से छटपटा उठी और गाली देने लगी- उई मम्मी रे … मर गई निकाल ले मादरचोद … बहुत तेज दर्द हो रहा है … जल्दी निकाल माँ के लौड़े!
मैंने उसकी एक नहीं सुनी और गांड मारनी चालू कर दी.
कोई पांच मिनट गांड में लंड चला तो उसे भी मजा आने लगा.
वो मस्ती से गांड मरवाने लगी.
कुछ देर बाद मैंने उसकी गांड से लंड निकाला और चुत में पेल दिया.
वो खुश हो गई.
ऐसे ही मैंने उस रात में कई बार सिस्टर की चुदाई की और नंगे ही चिपक कर सो गए.
उसके बाद हम दोनों रोज चुदाई करने लगे.
अब वो मेरे साथ फुल न्यूड रहने लगी थी.
ये कह कर उसने हाथ में पकड़ी हुई तौलिया को बड़ी नजाकत से मेरे सामने अपने जिस्म पर लपेटी और गांड हिलाती हुई अपने रूम में चली गयी.
मैं अपनी सुधबुध खो चुका था और मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या करूं.
मैं सर झटकता हुआ उठा और नहाने के लिए बाथरूम में आ गया.
उधर मैंने दीपिका की नंगी जवानी को याद करके लंड हिलाया और फारिग होकर अपने कॉलेज चला गया.
उस रात को मैं थोड़ा लेट आया क्योंकि मैंने कॉलेज के बाद शाम को चार पैग व्हिस्की के लगा लिए थे.
दारू पीते समय मैं दीपिका के बारे में ही सोच रहा था.
मुझे समझ आ गया था कि आज दीपिका मेरे लंड से चुदने को रेडी है.
बस ये सोचा तो मैंने दो पैकेट कंडोम के खरीद लिए और घर आ गया.
मुझे मालूम हो गया था कि अब उस पर भी कंट्रोल नहीं हो रहा है.
रात में खाना खाकर हम दोनों टीवी देख रहे थे.
मैंने बात शुरू की- तुम सुबह क्या चाह रही थीं?
वो बोली- कुछ नहीं.
मैंने कहा- फिर किस क्यों किया था?
वो बोली- वो तो ऐसे ही, पर तुमको तो अच्छा ही लगा होगा न!
मैंने बोला- हां अच्छा तो लगा था मगर तुमको शर्म नहीं आई?
वो हंसी और बोली- शर्म कैसी, तुम भी तो छिप छिप कर मुझे नंगी देखते थे और कई बार मुझे वो सब करते हुए भी देख भी चुके हो.
मैंने कहा- ये तुमको कैसे मालूम है?
वो बोली- जब तुम मुझे देख कर मुठ मारते थे और मेरी पैंटी में पानी निकाल देते थे, तो क्या मैं इतनी नासमझ हूँ कि ये बात समझ ही न पाऊं … घर में तुम्हारे अलावा कोई और तो है नहीं, जो ये सब मेरी पैंटी के साथ करता हो. फिर कल रात में जब तुम मेरे बूब्स दबा रहे थे, तो क्या मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था?
मैंने तभी उसके हाथ को टच किया और उसे अपने पास खींच कर उसके गाल पर किस कर लिया.
वो बोली- ये क्या है?
मैंने बोला- किस.
वो बोली- तुमको किस करना नहीं आता है.
मैंने पूछा- तुमको तो आता है न!
वो बोली- मॉर्निग में किया तो था. अब तुम वैसे ही करके बताओ.
मैंने उसको होंठों पर होंठ रख दिए और उसे किस करने लगा.
करीब 15 -20 मिनट हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए और वासना के वशीभूत होकर चूमाचाटी करने लगे.
मैंने उसके कपड़े उतार दिए और उसने मेरे!
अब हम दोनों नंगे थे.
मैंने उसको बेड पर लिटाया और उसके मम्मों को दबाने लगा. साथ ही मैंने अपनी एक उंगली उसकी चुत में डाल दी.
वो गर्मा गई और सीत्कार करने लगी.
मैं नीचे को आया और उसकी चुत चाटने लगा.
वो कामुक सिसकारियां लेने लगी और मुँह से ‘आह भाई मर गई आह और चाटो आह मेरी चुत खा जाओ.’ की आवाज निकालने लगी.
मैंने एक उंगली उसकी चुत में अन्दर तक डाली तो वो थोड़ा चिल्लाने लगी.
कुछ देर बाद वो झड़ गई तो मैंने उसकी चुत को चाटकर साफ़ कर दिया.
मैंने कहा- अब तुम मेरा मुँह में लो.
वो बोली- नहीं.
मैंने कहा- क्यों … प्लीज़ ले लो, मुझे अच्छा लगेगा.
फिर वो मान गयी और मेरा लंड चूसने लगी.
पांच मिनट तक लंड चूसने के बाद मैंने उसके मुँह से लंड निकाला और उसे चित लिटा दिया.
वो समझ गई कि अब चुत चुदने वाली है.
मैंने उसकी चुत पर तेल लगा दिया और कुछ अपने लंड पर भी.
क्योंकि ये उसका फर्स्ट टाइम था लेकिन जैसे वो लंड के लिए मचल रही थी, उससे लग नहीं रहा था कि इसकी सील साबुत बची होगी.
फिर मैंने उसकी दोनों टांगों को ऊपर लिया और उसकी चुत के मुँह पर अपना लंड सैट कर दिया.
वो गांड उठाने लगी तो मैंने एक जोर से धक्का लगा दिया.
मेरा आधा लंड चुत के अन्दर घुस गया.
वो उसी पल जोर से चिल्ला उठी.
मैंने उसका मुँह दबाया और बाजू में पड़ी उसकी ब्रा को उसके मुँह में घुसेड़ दी.
उसकी आवाज बंद हुई तो मैंने फिर से एक और जोर का धक्का दे दिया.
इस बार मैंने पूरे लंड को चुत की जड़ तक अन्दर घुसा दिया.
उसकी आंखों से पानी आने लगा. साथ ही उसकी चुत से खून की लकीर बिस्तर को रंगने लगी.
मैं रुक गया और उसे सहलाने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चुत से लंड निकाला और उसके ब्लड को साफ कर दिया.
वो बोली- अब नहीं करो.
मैंने बोला- तुम ही तो चाहती थी.
वो बोली- मुझे क्या पता था कि इतना दर्द होगा.
मैं बोला- जितना होना था वो हो चुका अब नहीं होगा.
वो कुछ नहीं बोली.
मैंने उसकी चुत में लंड घुसेड़ा और आराम आराम से अन्दर तक पेलता गया.
मेरा लंड पूरा अन्दर चला गया और वो कसमसाती रही लेकिन इस बार उसने आवाज नहीं निकाली.
मैं धीरे धीरे लंड चुत में आगे पीछे करने लगा.
थोड़ी देर तक बाद उसे भी मज़ा आने लगा.
अब मैं तेज तेज चुदाई करने लगा.
उसके मुँह से मस्ती भरी आवाजों ने निकलना शुरू कर दिया था- आह आह और तेज!
इससे मेरा जोश और बढ़ गया और मैं तेजी से लंड अन्दर बाहर करने लगा.
करीब 15 मिनट बाद मेरा पानी निकलने को हो गया. मैंने लंड चुत से निकाला और सारा पानी उसकी चुचियों पर निकाल दिया.
थोड़ी देर बाद उसने मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूस चूस कर फिर से खड़ा कर दिया.
इस बार मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी गांड पर थोड़ा सा तेल लगा दिया.
उसने कहा- ये किधर डाल रहे हो?
मैंने कहा- इधर तुमको पहले से भी ज्यादा मज़ा आएगा.
वो कुछ नहीं बोली.
मैंने उसकी गांड पर लंड रखा और एक जोर से धक्का मारते हुए पूरा लंड अन्दर कर दिया.
वो एकदम से छटपटा उठी और गाली देने लगी- उई मम्मी रे … मर गई निकाल ले मादरचोद … बहुत तेज दर्द हो रहा है … जल्दी निकाल माँ के लौड़े!
मैंने उसकी एक नहीं सुनी और गांड मारनी चालू कर दी.
कोई पांच मिनट गांड में लंड चला तो उसे भी मजा आने लगा.
वो मस्ती से गांड मरवाने लगी.
कुछ देर बाद मैंने उसकी गांड से लंड निकाला और चुत में पेल दिया.
वो खुश हो गई.
ऐसे ही मैंने उस रात में कई बार सिस्टर की चुदाई की और नंगे ही चिपक कर सो गए.
उसके बाद हम दोनों रोज चुदाई करने लगे.
अब वो मेरे साथ फुल न्यूड रहने लगी थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.