22-03-2024, 01:13 PM
अब मैं घबरा गया, मैंने वेटर को बुलाया।
उसने मुस्कुराकर कहा- “घबराओ मत साहब, मैं मेमसाब को वाशरूम तक ले जाता हूँ”
और वो सलोनी को पकड़कर बड़े अदब के साथ वाशरूम की ओर ले गया। मैं अपना बचा हुआ पेग ख़त्म करने लगा। करीब दस मिनट में भी जब सलोनी नहीं आई तो मैं उसको देखने के लिए चल पड़ा।
मुझे घबराहट होने लगी कि यार यह कहाँ गई। कभी-कभी शराब पीने का लालच भी कितना बुरा होता है केवल एक पेग पीने के लिए मैं कितना बावला सा हो गया था। मैंने अपनी स्वप्न सुंदरी, अति खूबसूरत कामुक बीवी को जो इस समय अर्धनग्न अवस्था और नशे में थी, उसको एक अजनबी के साथ भेज दिया था।
जरा सी असावधानी ही दूसरे को बता सकती थी कि उसकी चूत बिना किसी आवरण के है और इस नशे की हालत में तो उसको अपनी स्कर्ट क्या टॉप का भी ध्यान नहीं होगा। अगर उसको पकड़ने के लिए ही उस वेटर ने उसके चूतड़ों पर हाथ रखा होगा तो उसको सलोनी के नग्न चूतड़ों का आभास हो गया होगा।
और अगर उसने उसके चूतड़ों को जरा भी सहलाया तो मुझे तो सलोनी पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं था जो हर समय गरम और हर काम के लिए तैयार रहती हो। जिसे सेक्स में हर कार्य केवल आनन्द मात्र लगता हो, चाहे आदमी कोई हो। बस ज़िंदगी का मजा आना चाहिए, वो क्या वेटर को मना करेगी? हो सकता है खुद ही उसका लण्ड पकड़ कर अपनी चूत में ले ले।
और मैंने ऐसी हालत में अपनी पत्नी को उस हवशी वेटर के हवाले कर दिया था। ना जाने पिछले 10-15 मिनटों में उसने सलोनी के साथ क्या क्या किया होगा।
मैं साइड में बनी गैलरी में दोनों और देखता हुआ जा रहा था कि मुझे वहीं एक तरफ काफी गंदगी दिखी जो फैली हुई थी। वो जरूर किसी की वोमिट (उलटी) ही थी लगता था जैसे सलोनी ने वहीँ उलटी कर दी हो। तभी एक तरफ बने कमरे से कुछ आवाज सी सुनाई दी।
मैंने देखा कमरा जरा सा खुला था। डर तो बहुत लग रहा था मगर फिर भी मैं बिना नोक किये ही अंदर चला गया। अंदर कोई नहीं था हाँ उस कमरे के अंदर भी एक बाथरूम था। वहाँ से बड़ी भयानक आवाजें आ रही थी। मैंने थोड़ा निकट जाकर सुनने की कोशिश की।
लड़का- “साली फाड़ दूंगा, थोड़ा और झुक”
लड़की- “अह्ह्ह्ह्ह्हीई ईईईईईई… ईईई नहीईइइइइइ इइइइइ… निकाल लो मर जाऊँगी”
लड़का- “अह्हा हा हा हा ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बस चला गया पूरा अंदर… कोई नहीं मरता चुदाई से”
बस इतना सुनना था, मैं हड़बड़ा गया और मुझे सलोनी का ख्याल आ गया और मैंने फटाक से दरवाजा खोल दिया।
ओह थैंक्स गॉड! सामने एक लड़की जिसने बहुत ज्यादा मेकअप किया था, कोई बार डांसर जैसी ही लग रही थी। बिल्कुल नंगी, कपड़े की एक चिन्दी तक नहीं थी उसके बदन पर। कमोड पर झुकी थी और एक मोटा, काला सा आदमी नीचे से नंगा, पीछे उसकी कोमल सी गांड में अपना लण्ड घुसाये आगे पीछे हो रहा था।
बड़ा ही सेक्सी नज़ारा था मगर लड़की के चेहरे से दर्द महसूस हो रहा था। दोनों ने ही एक साथ मेरे को देखा।
लड़की- “ओहह्ह्ह्ह्ह… बचा लो साहब… बहुत दर्द हो रहा है”
आदमी- “कौन है बे तू?” और लड़की से- “चुप कर साली! हजार रुपये लेते हुए दर्द नहीं हो रहा था?”
लड़की- “अरे तो चूत मारते ना, इतना मोटा खूटाँ गाण्ड में ठूंस दिया। आह्ह्ह्हाआआआ माआआआ मर गई, ओह्ह्ह्ह बहुत दर्द कर रहा है”
मैं- “अर्र्… ऐ ऐ ऐ ये आप लोग हो, व्ववओ एक लड़की कोई यहाँ, वो छोटी सी स्कर्ट और…”
आदमी बहुत बेशर्म था वो अब भी उस लड़की के चूतड़ों पर हाथ से मारते हुए लगातार उसको चोदने में लगा था, बोला- “अरे वो गोरी सी छमिया, जो स्कर्ट के नीचे नंगी थी। अरे बहुत कसा हुआ माल है यार, उसको तो वो साला श्याम बराबर वाले कमरे में ले गया है। चोद रहा होगा साला, क्या चिकनी और कसी हुई चूत थी उसकी यार। उंगली तक अंदर नहीं जा रही थी”
उसने अपनी पहली उंगली को ऐसे सूंघा जैसे उसने खुद अपनी उंगली अंदर डाली हो।
लड़की- “साहब बचा लो उसको, बिल्कुल नई ही लग रही थी। अह्हा हाँ आहा, ववो श्याम बहुत ही कमीना है। अह्हा अह्हा…”
लगता था अब उस लड़की को भी चुदाई में मजा आ रहा था पर मुझे उनकी चुदाई देखने का कोई शौक नहीं था। मुझे सलोनी की चिंता हो रही थी। मैं जल्दी से वहाँ से निकला और बराबर वाले कमरे में देखा।
ओह यह कमरा तो अंदर से बंद था। मैंने जल्दी से कमरे को ज़ोर ज़ोर से खटखटाया… खट… खट… खट… खट… खट… खट… खट…
कई बार जोर से थपथपाने के बाद आवाज आई- “कौन है????”
मैं- “अरे श्याम खोल जल्दी से”
मैंने जान बूझकर उसका नाम लिया और मेरी ट्रिक काम कर गई। तुरंत दरवाजा खुला, मैंने एक झटके में दरवाजा पूरा धकेला और अंदर घुस गया।
श्याम- “अर्रर रे रे रे क्या है????”
मैं- “साले कमीने, इसे यहाँ क्यों ले आया तू? तुझे क्या कहा था?”
अब उसने मुझे पहचान लिया…
श्याम- “वो साहब, मेमसाहब को बाहर ही उलटी हो गई थी। सब होटल गन्दा कर दिया फिर बेहोश हो गई तो मैंने यहीं लिटा दिया था”
मैंने बिस्तर पर देखा। सलोनी वहाँ बेसुध लेटी थी। उसकी दोनों टाँगें खुली थीं, स्कर्ट ऊपर थी, टॉप चूची से नीचे थी। उसकी चूत और चूची दोनों पूरी तरह नंगी सामने से दिख रही थी !
मैंने एक जोर का थप्पड़ श्याम के गाल पर लगाया- “साले दरवाजा बंद करके तू कर क्या रहा था यहाँ?”
श्याम- “अरे नहीं साहब, मैंने कुछ नहीं किया, बस इनका सीना मसलकर इनको होश में ला रहा था”
मैंने एक और थप्पड़ उसको जड़ दिया- “वो तो दिख रहा है, साले इसको नंगी करके तू यहाँ दरवाजा बंद करके क्या कर रहा था? रुक साले, अभी मैनेजर को बुलाता हूँ”
श्याम- “क्यों बात बढ़ाते हो साहब? आप भी तो इस माल को चोदने के लिए ही लाये हो। चलो आप चोद लो आराम से, मैं कमरे और आपका खर्च कोई नहीं लूँगा”
साला सच बहुत कमीना था। मैंने जानबूझकर ही उसको नहीं बताया था कि यह मेरी बीवी है।
मैं- “अच्छा तो तूने सब कर लिया?”
श्याम- “अरे नहीं साहब, मैंने कुछ नहीं किया, बस ऊपर ही ऊपर से मजे लिए हैं। मैं वैसे भी इन बाहर की लड़कियों के साथ कभी चुदाई नहीं करता। बीमारी का डर रहता है साहब, आप करो, मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगा”
वो जैसे मेरे ही मुँह पर वो बिना आवाज का झापड़ लगा गया था। मैं अपना सा मुँह लिए उसको जाता देखता रहा।
TO BE CONTINUED .....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!
Love You All
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