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Adultery कैसे करें अपनी बीबी को तैयार. मैंमेरे मित्र अनिल ने मिल कर मेरी बीबी को उकसाया
#43
फिर एक कराह और एक आह्ह की सिसकारी छोड़ते हुए नीना एकदम शिथिल होकर बिस्तर पर ढेर हो गयी। अब उसकी साँसें भी धीमी हो गयी। करीब पांच मिनट तक अनिल की ऊँगली से चुदने पर कामान्धता की चरम पर पहुँच ने के बाद उन्माद भरे नशे का वह जैसे आस्वादन कर रही थी। कुछ क्षणों बाद उसने मेरे गले में अपनी बाहों के माला डाली और मरे होठों से होंठ मिलाकर बिना बोले उन्हें चूसने लगी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे इस नए अनुभव करवानेके लिए वह मेरे प्रति अपनी कृतज्ञता दर्शा रही थी।

थोड़ी देर बाद मेरी प्यारी पत्नी बैठी और मेरी और अनिल को और देख कर बोली, "राज और अनिल। अब तक तुम दोनों ने मुझे खुश किया, अब मेरी बारी है।"

नीना ने यह कह कर हम दोनों को फर्श पर खड़ा किया और खुद अपने घुटनों को मोड़ कर अपने कूल्हों पर बैठ गयी। इस पोज़ में वह एकदम सेक्स की देवी लग रही थी। उसके उन्मत्त उरोज उसकी छाती पर ऐसे फैले थे जैसे गुलाबी रंग के दो गुब्बारे उसकी छाती पर चिपका दिये हों। नीना के स्तन एकदम उन्मत्त और गुब्बारे की तरह फुले हुए थे। जाहिर है की मेरा और अनिल का लण्ड पुरे तनाव में था। नीना ने मेरी और देखा और हम दोनों का लण्ड अपने दोनों हाथों में लेकर धीरे धीरे सहलाने लगी। हालांकि हम दोनों का लण्ड उसके हाथोँ में था, मैं देख रहा था की उसका ध्यान अनिल के मोटे और लंबे लंड पर ज्यादा था। उसका इतना तना हुआ अकड़ा, मोटा और लंबा लंड को हाथ में पकड़ कर मुझसे नजरें बचा कर वह उसे घूर घूर कर देखती रहती थी।

थोड़ा सा सहलाने के बाद नीना ने मेरे लण्ड को अपने होठ से चूमा और अपनी जीभ से मेर लण्ड पर फैले हुए मेरे रास को चाटा और धीरे से उसके अग्र भाग को अपने होठों के बिच लिया। मेरे लण्ड के छोटे से हिस्से को मुंह में लेकर वह उसको ऊपर नीचे अपनी जीभ से रगड़ ने लगी। जब मेरी बीबी ज्यादा कामातुर हो जाती थी तो मुझे कभी कभी यह लाभ मिलता था। मेरी सात साल की शादी के जीवन में यह शायद तीसरा या चौथा मौका था जब मेरी बीबी ने मुझे यह सेवा दी। उधर वह दूसरे हाथ से अनिल के लण्ड को आराम से सहलाये जा रही थी।

थोड़ी देर मेरा लण्ड चूसने के बाद नीना ने अपना मुंह अनिल के लण्ड की और किया। धीरे से अनिल की और नजर उठाते हुए नीना ने अनिल के लण्ड को भी मेरी ही तरह चाटने लगी। अनिल स्तंभित होकर देखता ही रह गया। उसकी स्वप्न सुंदरी आज उसके लण्ड का चुम्बन कर रही थी और उसे चूस रही थी यह उसके लिए अकल्पनीय सा था। नीना ने धीरे धीरे अनिल को लण्ड को मुंह में डालने की कोशिश की। पर उसका मुंह इतना खुल नहीं पा रहा था। तब नीना ने अनिल के लण्ड के सिर्फ अग्र भाग को थोड़ा सा मुंह में डाला और उसे चूमने एवं चाटने लगी। धीरे धीरे वह उसमें इतनी मग्न हो गयी की अनिल के लण्ड को वह बार बार चूमने लगी और जैसे वह उसे छोड़ना ही नहीं चाह रही थी। अनिल के लिए यह बड़ी मुश्किल की घडी थी। वह उत्तेजना के शिखर और पहुँच रहा था। उसी उत्तेजना में उसने नीना का सर हाथ में लेकर अपना मोटा और लंबा लण्ड नीना के मुंह में घुसेड़ दिया।

नीना ने बरबस ही अपना मुंह और खोला और अनिल के लण्ड को अपने होठों से और अपनी जीभ से जैसे अपने मुंह में चुदवाने लगी। अनिल का बदन एकदम अकड़ गया था। इस हालत में वह अपने आप को रोक नहीं पाया और एक आह्हः... के साथ उसके लण्ड में से फव्वारा छूटा और उसका वीर्य निकल पड़ा और मेरी सुन्दर नग्न पत्नी के मुंह को पूरा भर कर उसके नंगे बदन पर गिरा और फ़ैल गया। तब मैं मेरी बीबी के स्तनों को मेरे दोनों हाथो से दबा रहा था। अनिल का गरमा गरम वीर्य मेरे हाथों को छुआ और मेरी बीबी के स्तनों पर जैसे कोई मलाई फैली हो ऐसे फ़ैल गया। वह मलाई धीरे धीरे और भी नीचे टपकने लगी। पता नहीं कितना माल अनिल ने मेरी बीबी के मुंह में भर डाला था।

अनिल के वीर्य स्खलन होने पर मैंने देखा तो नीना थोड़ी सी सकुचायी या निराश सी लग रही थी। उसने मेरी और देखा। मैं समझ गया की शायद उसे इसलिए निराशा हो रही होगी की अब अनिल तो झड़ गया। अब वह उसे चोद नहीं पायेगा। मैं धीरेसे नीना के कान के पास गया और उसके कान में बोला, "डार्लिंग, निराश न हो। वह थोड़े ही अपनी पत्नी को चोद रहा है, जो थक जाएगा या ऊब जाएगा? वह तो उसकी प्रेमिका को चोदने जा रहा है। यही तो अंतर है पत्नी और प्रेमिका में। प्रेमिका के लिए उसका लण्ड हमेशा खड़ा रहेगा। उलटा एक बार झड़ जानेसे उसका स्टैमिना अब बढ़ जायेगा। अनिल अब तुम्हें आसानी से नहीं छोड़ेगा। वह अब तुम्हे दोगुना जोर से चोदेगा।"

मेरी इतने खुले से ऐसा कहने पर मेरी शर्मीली बीबी शर्म से लाल हो गयी।

अनिल हमारी काना फूसि देखरहा था। वह धीरेसे बोला, "कहीं तुम मियां बीबी मुझे फंसाने को कोई प्रोग्राम तो नहीं बना रहे हो ना?"

तब नीना अनायास ही बोल पड़ी, "हम तुम्हे क्या फंसायेंगे? तुम दोनों ने मिलकर तो आज मुझे फंसा दिया। "
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: कैसे करें अपनी बीबी को तैयार. मैंमेरे मित्र अनिल ने मिल कर मेरी बीबी को उकसाया - by neerathemall - 21-03-2024, 04:08 PM



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